RE: Nangi Sex Kahani जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली – 9
गतान्क से आगे…………………….
मैं अपनी जिंदगी मे चुदाई के मज़े मे पूरा विश्वास रखती हूँ और एक अच्छी चुदाई के लिए तय्यार रहती हूँ. बहुत से पढ़ने वाले सोचते है कि मैं बहुत चुड़क्कड़ हूँ और कोई भी मुझे चोद सकता है. मोस्ट्ली रीडर्स मुझको चोद्ना चाहते है, ये उनकी मैनल से पता चलता है.
हां.......... मैं बहुत सेक्सी हूँ, पर सब को पता होना चाहिए कि मैं अपने चाचा और अपने प्रेमी से चुद्वा कर पूरी तरह सन्तुस्त हूँ. जब भी मेरा चुदाई का मन होता है, चाचा और प्रेमी तय्यार है, और जब उनके लंड को चूत चाहिए, मेरी चूत तय्यार है. कभी कभी ऐसा मौका भी आता है जब दोनो मे से कोई भी अवेलबल ना हो तो मैं अपनी उंगलियों का या मेरे वाइब्रटर का इस्तेमाल करती हूँ.
एक बार ऐसा मौका आया जब मेरे चाचा और मेरा प्रेमी दोनो ही कुछ समय के लिए बाहर गये थे, तब मैने थोड़े समय के लिए एक कमसिन लड़के से चुद्वाया था. उस लड़के के साथ ये कुछ दिनो का ही चुदाई का रिश्ता था, इसलिए मैने इस के बारे मे दोनो को ही, मेरे चाचा को और मेरे प्रेमी को नही बताया. ये राज़ सिर्फ़ मेरे तक है.
कभी कभी मुझे बहुत बुरा महसूस होता है कि मैने सच्चाई च्छुपाई है पर मैं ये सोच कर चुप हो जाती हूँ कि मेरी किस्मत मे ये ही था क्यों कि उस समय मैं चुदाई के लिए मजबूर हो गयी थी.
मैं ये लिख कर ये साबित नही करना चाहती की मैने जो किया सही किया, पर मेरे मे सच को कबूल करने की ताक़त है, भले ही वो सही हो या ग़लत, पर मैने जो किया, वो कबूल किया. मेरा ये मान ना है कि जो एक बार हो गया, उसको फिर "बिना किया" नही किया जा सकता और हम को सच को स्वीकार करना ही पड़ेगा. मुझे पता है कि बहुत से लोग है, लड़का/लड़की तथा आदमी/औरत, जिन्होने अपने परिवार मे चुदाई की है या चुदाई करवाई है, पर वो सब इस को सीक्रेट रखते है. मैने भी अपने चाचा से चुद्वाया और इस को अपने पेरेंट्स से सीक्रेट रखा. पर, मुझे गर्व है अपने आप पर की मैने अपने चाचा से चुद्वाने की बात अपने प्रेमी से सीक्रेट नही रखी. उस को सब कुछ सच सच बता दिया, और आप सब रीडर्स को भी तो बताया है.
खैर................ अब असली कहानी पर आती हूँ.......
उस समय मैं करीब 24 साल की थी और किसी भी लड़की से बेहतर अपनी चुदाई की जिंदगी के मज़े ले रही थी. मैने अपनी ग्रॅजुयेशन पूरी करली थी और मैं अब पूरी तरह अपने परिवारिक बिज़्नेस को देख रही थी. जैसा कि मैने पहले बताया है, हमारा फार्म प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट्स का बिज़्नेस है और मैं अपने चाचा के साथ एक्सपोर्ट मार्केटिंग की ज़िम्मेदारी उठा रही थी. मेरे पापा खेती और प्रोडक्षन का काम देखते है. हमारा बहुत बड़ा फार्म है जहाँ हम काजू और आम की खेती करतें है. हमारे फार्म का एक बड़ा हिस्सा अभी भी एक घना जंगल है जिसको हम ने अभी भी अपने नेचर लव की वजह से डेवेलप नही किया. या यौं कहिए कि अभी तक इस की ज़रूरत ही नही पड़ी थी हमारे प्रॉडक्ट के लिए.
हमारे फार्म मे काम करने वालों के लिए हम ने इसी जंगल मे जाने वाले रास्ते पर उनको घर बना कर दिए है उनके रहने के लिए. इसी तरह फार्म के एक किनारे हमारा कॉटेज भी है. जब भी मैं वहाँ जाती थी, अपने फार्म का पूरा चक्कर लगाती थी और प्रोग्रेस देखती थी खेती की. मैं जंगल मे भी जाती थी घूमने के लिए और किसी पेड़ के नीचे बैठ कर कभी कभी आराम भी कर लेती थी क्यों कि मुझे जंगल मे घूमना, नेचर को देखना अच्छा लगता था. इस जंगल मे कोई भी जंगली जानवर नही था.
मेरा प्रेमी देल्ही मे सर्विस करता था और उस समय देल्ही मे ही था. जब भी लीव मिलती, वो गोआ आ जाता था. मेरे चाचा काम से गोआ के बाहर गये हुए थे.
एक दिन, मैं अपने फार्म पहुँची. उस समय दोपहर के 3.00 बजे थे. मैने अपनी कार कॉटेज मे पार्क की और फार्म का एक राउंड लिया. वो गर्मी का समय था. जब मैं जंगल के पास थी तो मैने थोड़ी थकान महसोस की. मैं जंगल के अंदर गयी तो घने पेड़ों के बीच बहुत ही अच्छा फील हुआ. वहाँ ठंडी हवा चल रही थी. मैने अपनी पानी की बॉटल निकाली और एक बड़े पेड़ के नीचे बैठ कर पानी पिया. मुझे वहाँ बहुत अच्छा लग रहा था और मैने कुछ देर पेड़ के नीचे आराम करने की सोची. पता नही, बैठे बैठे कब मेरी आँख लग गई. मैं करीब आधे घंटे के बाद उठी.
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