RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
अम्मी ने कहा ठीक है बेटा कल उन्हें उसी समय बुला लेती हूँ। अम्मी की आवाज में बहुत खुशी थी और मैं भी थोड़ा-थोड़ा खुश हो रहा था, लड़की तो मैं नहीं देखी थी कि कौन कैसी है, लेकिन मन ही मन में एक खुशी थी कि अब मेरी भी जीवन साथी होगी, रात को घर जाऊंगा तो एक प्यारी सी मुस्कान मे वह मेरा स्वागत करेगी और रात को मेरी रात रंगीन करेगी, इसके अलावा अम्मी के साथ भी काम में हाथ बँटाया करेगी। अगले दिन दुकान पर आया तो मुझे अजीब चिंता थी कि 2 बजे घर जाना है, न जाने क्या होगा, मुझे देखकर लड़की वाले क्या प्रतिक्रिया देंगे। कहीं वह इनकार ही न कर दें, और वे मुझे काम के बारे में पूछेंगे तो मैं क्या जवाब दूँगा कि मैं लड़कियों को ब्रा और पैंटी बेचता हूँ ??? बहरहाल 2 बजने में अभी आधा घंटा बाकी था कि अम्मी का फोन आ गया कि बेटा लड़की वाले आ गए हैं तुम भी घर आ जाओ मैंने शीशे में अपने आपको देख कर अपने बाल आदि सेट किए और कुछ ही देर में घर पहुंच गया। घर पहुँच कर मैंने डरते डरते घर का दरवाजा खोला तो अंदर आंगन में 2,3 बच्चे खेल रहे थे जिन्हे में नहीं जानता था यह निश्चित रूप से मेरे होने वाले ससुरालियों के बच्चे होंगे। मुझे देखकर उन्होंने मुझे सलाम किया और अपने खेल में व्यस्त हो गए। सामने कमरे में मेरी बहन ने मुझे देखा और कमरे में पहुंच कर जोर से बोली भैया आ गए हैं। यह सुनकर अम्मी उठकर बाहर आ गई और मुझे अपनी ओर बुलाया आ जाओ बेटा इधर है। में डरते डरते अम्मी की तरफ बढ़ने लगा। न जाने क्यों मुझे अजीब सा डर लग रहा था, शायद हर लड़के को उसी तरह महसूस होता होगा मगर मुझे अपना पता है कि मुझे डर लग रहा था मेहमानों का सामना करते हुए। बहरहाल कमरे में प्रवेश किया तो मेरी नजरें सामने बैठी अपनी होने वाली सास पर पड़ी, वह मुझे देख कर अपनी जगह से खड़ी हुई तो मैंने आगे बढ़कर उन्हें सलाम किया और उनके आगे सिर झुकाया तो उन्होंने मेरे सलाम का जवाब दिया और मेरे सिर पर प्यार किया। साथ बैठे ससुर जी के सामने भी थोड़ा झुका तो उन्होंने जीते रहो बेटा कह कर मेरे कंधे पर थपकी दी और मुझसे हाथ मिलाया। उनके साथ बैठी उनकी छोटी बेटी पर मेरी नज़र पड़ी तो मुझे एकदम शॉक लगा।
यह लड़की मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी जब मेरी नज़र उस पर पड़ी तो उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और कहा कैसे हैं जीजा जी आप .... मैंने सदमे से सभल कर मुस्कराते हुए उससे हाथ मिलाया और कहा आप यहाँ कैसे ??? मेरी बात पर उसने जवाब दिया मेरी बड़ी आपी से ही आपकी बात पक्की हुई है। अम्मी ने कहा बेटा तुम एक दूसरे जानते ??? इस पर मेरी सास ने कहा जी बहन जी, जब आप ने सलमान की तस्वीर हमें दी तो राफिया ने हमें बताया था सलमान के बारे में कि उसकी शरीफ प्लाजा मे आरटीनिशल गहने और सौंदर्य प्रसाधन की दुकान है। राफिया अपनी दोस्तों के साथ सलमान बेटे की दुकान पर जा चुकी है 2, 3 बार, तो उसी की सिफारिश पर हमने आपके बेटे को पसंद किया है। राफिया को देखने के बाद में थोड़ा रिलैक्स हो गया था। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मुझे कोई अपना अपना मिल गया हो मेहमानो में
क्योंकि एक राफिया ही थी जिसे मैं पहले से जानता था। राफिया भी थोड़ी देर के बाद उठ कर मेरे साथ वाली कुर्सी पर बैठ गई और उसने मुझे बोर होने नहीं दिया। आज उसने चादर भी नहीं ली थी लेकिन सिर पर एक मामूली दुपट्टा मौजूद था। मगर ये राफिया और दुकान वाली राफिया से काफी अलग थी। दुकान पर तो यह राफिया बिल्कुल शांत और चुपचाप खड़ी रहती थी मगर आज उसकी ज़ुबान रुकने का नाम नहीं ले रही थी। उसने मेरा दिल लगाए रखा और बातों बातों में अपनी बड़ी आपी का खूब परिचय भी करवाया और उसके बारे में बातें करती रही। मेरी सास साहिबा ने मुझे अंगूठी पहनाई तो राफिया ने अपने मोबाइल से तस्वीरें बनाई और बोली आपी को दिखाउन्गी यह तस्वीरें। मेरे ससुराल वाले कोई 3 घंटे मौजूद रहे और इधर उधर की बातें करते रहे। ससुर ने मेरी दुकान के बारे में जानकारी ली कि क्या दुकान मेरी अपनी है या किराए पर है और कितना कमा लेता हूँ मैं आदि आदि। जबकि सास साहिबा और अम्मी आपस में बातें करती रहीं, अम्मी मेरी और मेरी सास अपनी बेटी मलीहह की बढ़ाई करती रहीं। हाँ मेरी मंगेतर का नाम मलीहह था और वह राफिया की बड़ी बहन थी। 5 बजे के करीब मेरे ससुराल वाले जाने लगे तो फिर मेरी सास ने प्यार दिया और ससुर ने दिल लगाकर काम करने की हिदायत की। राफिया ने भी बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया और मेरे करीब होकर मेरे कान में बोली जीजाजी मलीहह बाजी के साथ आएगी दुकान पर अब मैं .... यह कह कर उसने मुझे आँख मारी और मैं उसकी इस बात पर खुश होते हुए दुकान पर चला गया।
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