RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
निशु ने उसे कुछ देर तक चूमा और फिर धीरे-2 वो नीचे आने लगी...
और जल्द ही वो उसके कुतुब मीनार की सबसे उपरी मंज़िल को अपनी जीभ से कुरेद कर उसे सता भी रही थी...
हालाँकि निशु की चूत की सील उसने ही तोड़ी थी पर उसे लंड के साथ इस तरह की अठखेलियां करते देखकर उसे लग रहा था की उसने काफ़ी लंड अपने मुँह में लिए है...
पर इसका तो कोई तरीका नही था ना की ये बात साबित हो सके,
इसलिए वो उसकी लंड चुसाई का मज़ा इन बातो को दिमाग़ से निकाल कर लेने लगा..
बाहर की घनघोर बारिश की बूँदो के बीच इस तरह का खेल खेलने में जो मज़ा आता है ये उसे ही पता होता है जिसने ये मजा लिया हो...
निशु ने उसके लंड को धीरे-2 अपने मुँह में लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया...
आज उसका बदन जितना गर्म था उतना ही उसका मुँह भी था, जिसमे झुलसकर कुणाल का लंड जल सा रहा था..
कामिनी ने उसकी बॉल्स को भी अपने हाथ में लेकर उन्हे अपने मुँह में डालकर चूसा, कुणाल तो बस यही सोचकर खुश हो रहा था की ये स्पेशल सर्विस अब उसे पूरी लाइफ मिलने वाली है..
वो फिर से उपर आई और उसके होंठो को चूसने लगी...
कुणाल ने एक बार फिर से उसके बूब्स को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया..
कुणाल को रह रहकर अपनी कामिनी के मम्मे याद आ रहे थे जो इनसे काफ़ी बड़े थे...
और कुणाल को एक दूसरी ही दुनिया में खोया हुआ देखकर वो ताड़ गयी की उसके दिमाग़ में इस वक़्त क्या चल रहा है..
निशु ने अपना मुम्मा उसके मुँह में घुसाते हुए कहा : "मुझे पता है की इस वक़्त तुम अपनी कामिनी के बारे में सोच रहे हो...मेरे बारे में नही...''
उसके इतना कहने के साथ ही कुणाल जैसे आसमान से नीचे आ गिरा...
उसका कड़क लंड मुरझाए हुए फूल की तरह सिकुड कर बैठ गया..
सारी उत्तेजना एक ही झटके में उड़न छू हो गयी..
निशु ने उसकी आँखो मे देखते हुए कहा : "मैने तो पहले ही कहा था, अगर तुम चाहो तो मैं अभी भी बीच में से हट सकती हूँ ...तुम उसके साथ शादी कर लेना...''
कुणाल का दिमाग़ तो एकदम से चलना बंद हो चुका था..
पर उसका दिल जानता था की वो उसे इतना प्यार करती है इसलिए बार-2 ये बात बोल रही है,
और वो भी वो लड़की जिसने अपना सब कुछ उसे सौंप दिया है, जिसे उसके घर वालो ने भी पसंद कर लिया है...
उसके बावजूद वो उसकी लाइफ से पीछे हटना चाह रही है ताकि कुणाल को उसका पहला प्यार मिल जाए...
पर कुणाल जान चुका था की ऐसा करने से भले ही उसे उसका पहला प्यार मिल जाएगा पर ये सच्चा प्यार हमेशा के लिए वो खो देगा, जो वो अब हरगिज़ नही चाहता था.
इसलिए उसने उसकी आँखो में देखते हुए जवाब दिया : "हाँ ये सच है की मैं उसके बारे में ही सोच रहा था पर शायद मैं थोड़ी देर के लिए बहक गया था...मुझे तुमसे ज़्यादा और तुमसे सच्चा साथी कही और मिल ही नही सकता कामिनी...आई लव यू ...''
और इतना कहते हुए उसने उसके होंठो पर अपने होंठ लगा दिए और उन्हे ज़ोर-2 से चूसने लगा...
और इस वक़्त उसकी बाँहों में भी यही कामिनी थी और जहन में भी..
कुणाल के प्यार की गर्मी को और उसके दिल से निकली आवाज़ को महसूस करके कामिनी भी उससे लिपटती चली गयी...
अपने नंगे बदन को उसने मक्खन की तरह कुणाल के जिस्म पर मलना शुरू कर दिया..
और इस बार जब लंड खड़ा हुआ तो वो पहले से ज़्यादा कड़क और उत्तेजना से भरा हुआ था...
कुणाल उसे पीछे वाली सीट पर ले गया और कामिनी की जीन्स उतारकर उसे वहीं लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर टिका कर धीरे से धक्का दे दिया ...एक ही बार में उसकी गीली चूत के छेद में उसका लंड घुसता चला गया...
कुणाल ने उसकी कमर को पकड़ कर जोर-२ से धक्के लगाने शुरू कर दिए
उसकी छातियाँ हर धक्के से ऊपर नीचे हो रही थी, जिन्हे देखकर उसे चोदने का मज़ा दुगना हो रहा था
''आआआआआआआआआआहह कुणाल.........ओह....यससससससस ..................... ये....कहकर तुमने मुझे....पूरी लाइफ के लिए.....अपना गुलाम बना लिया है......अहह......आई लव यू कुणाल ......''
थोड़ी देर बाद कुणाल ने उसे अपने ऊपर बिठा लिया और खड़े लंड पर बैठकर कार की छत्त को पकड़कर कामिनी ने अपने पूरे शरीर को उसके लंड पर दबा सा दिया, आज एक नये आयाम तक जा पहुँचा था कुणाल का लंड उसकी चूत में ...जिसे महसूस करके वो किल्किलाती हुई सी उसके लंड पर उछल कूद मचाने लगी..
और उसके लंड पर उछलते-2 वो कब झड़ गयी ये उसे भी पता नही चला और अपनी गर्म साँसे छोड़ती हुई वो उसके कंधे पर ही लूड़क गयी
पर खेल अभी ख़त्म नही हुआ था, कुणाल ने उसकी गांड के नीचे हाथ रखा और उसके शरीर को उपर नीचे करके उसकी चूत मारने लगा...
नीचे से मिल रहे झटको ने उसे फिर से होश में ला दिया और जब तक कुणाल अपने मुकाम पर पहुँचा, कामिनी भी एक बार फिर से झड़ गयी....
आज की ये बारिश में हुई चुदाई ने कुणाल को वो बचपन वाली किस्स को पीछे पछाड़ कर उसकी लाइफ का एक यादगार लम्हा बना दिया था.
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