RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
तभी शबाना ने मुझे धक्का देकर नीचे गिराया और मेरे लंड को अपनी गीली योनि पर टिका कर उसके ऊपर बैठ गयी और धक्के मारने लगी। मैंने अपने हाथ अपने सर के नीचे रख लिए और लंड को अपनी बहन की योनि में डाले मजे लेने लगा।
अम्मी भी आगे आई और गहरी सांस लेती अपनी भतीजी रुखसाना की योनि को किसी पालतू कुतिया की तरह चाटने लगी। रुखसाना ने भी सर घुमा कर अम्मी की योनि पर अपने होंठ टिका दिए और दोनों 69 की अवस्था में एक दूसरी को चूसने लगी।
मैंने अपनी बहन की योनि को ऐसे चोदा कि उसकी चीखें निकल गयी और वो भी झड़ने लगी- आआआ आअह्ह्ह्ह… रोहाआआन्न.. मैं तो गयीईई…
और वो भी गहरी साँसें लेने लगी।
मैंने भी चारों तरफ देखा, चाची जान को अब्बू और चाचू एक साथ योनि और गांड में चोद रहे थे। अम्मी और रुखसाना भी एक दूसरे की योनि चाट रही थी।
मैंने भी शबाना को पीछे घुमाया और अपना लंड शबाना की गांड के छेद में फंसा दिया। शबाना को जैसे ही मेरे मोटे लंड का अहसास अपनी गांड के छेद में हुआ, वो सिहर उठी, उसने भी अपनी गांड के छेद को फैलाया और मैंने भी एक तेज शोट मारकर अपना लंड उसकी गांड में धकेल दिया।
वो चिल्ला उठी- आआ आआ आआ आआह्ह्ह…
मैं शबाना की गांड मैं अपना लण्ड पेल रहा था और अम्मी और रुखसाना एक दूसरी की योनि को चाटकर झड़ने लगी औऱ फिर उन दोनों ने एक दूसरी के रस को चाट कर साफ कर दिया। रुखसाना अब अम्मी के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ी।
तभी अब्बू ने अपना लण्ड चाची जान की गांड से बाहर निकाल दिया। चाची जान ने हैरानी से पीछे मुड़ कर देखा और फिर अब्बू ने अपना लंड उनकी योनि पर टिका दिया। चाचू का लंड पहले से ही वहां पर था।
अब्बू के मोटे लंड का अहसास पाकर चाचू ने अपना लंड बाहर निकलना चाहा पर अब्बू ने दबाव डाल कर चाचू के लंड को बाहर नहीं आने दिया और अपना लंड चाची जान की योनि में फंसा कर एक तेज झटका मारा।
चाची जान की योनि के धागे खुल गए, उनका मुंह खुला का खुला रह गया- अयीईईई ईईईईईई… मर… गयीईई…साले कुत्ते… भेन के लंड… निकाल अपना लौड़ा मेरी योनि से… फट गयी… आआआ आआआह्ह्ह्ह!
चाची जान की आँखों से आंसू आने लगे, उनकी योनि में दो वसीमकाय लंड जा चुके थे। चाची जान की योनि में तेज दर्द हो रहा था। शायद वो थोड़ी फट भी गयी थी और खून आ रहा था। पर अब्बू नहीं रुके और उन्होंने एक और शोट मार कर अपना लंड पूरा उनकी योनि में डाल दिया।
चाचू के लंड के साथ अब उनका लंड भी चाची जान की योनि में था। उन दोनों का लंड एक दूसरे की घिसाई कर रहा था और दोनों की गोलियां एक दूसरे के गले मिल रही थी। चाची जान के लिए ये एक नया अहसास था, उनकी योनि की खुजली अब शायद मिट जाए, ये सोच कर अब्बू ने फिर से नीचे से धक्के देने शुरू कर दिए। चाचू ने भी अब्बू के साथ ताल मिलायी और वो दोनों चाची जान की योनि में अपने अपने लंड पेल रहे थे।
दो लंड जल्दी ही अपना रंग दिखाने लगे और चाची जान की दर्द भरी चीखें मीठी सिसकारियों में बदल गयी- आआआ आआह आआह्ह्ह्ह… म्मम्मम्म… साले कुत्तो… तुमने तो मेरी योनि ही फाड़ डाली… आआआ आअह्ह्ह पर जो भी है… म्मम्मम्म… मजा आ रहा है… मारो अब दोनों… मेरी योनि को… आआआआह्ह्ह्ह…
और फिर तो अब्बू और चाचू ने चाची जान जो रेल बनायी… जो रेल बनायी… वो देखते ही बनती थी।
निदा चाची जान की हिम्मत भी अब जवाब दे रही थी।
सबसे पहले अब्बू ने अपना वीर्य छोड़ा, वो चिल्लाए- आआआ आअह्ह्ह्ह… वाह… मजा आ… गयाआआ!
चाची जान भी अपनी योनि में गर्म लावा पाकर पिघलने लगी और चाचू के लंड को और अन्दर तक घुसा कर कूदने लगी। जल्दी ही चाचू और चाची जान भी एक साथ झड़ने लगे. आआआ आअयीईई ईईई… म्मम्मम्म… मैं तो गयी…आआह आआअह्ह्ह्ह… ऊऊओफ़ गॉड!
मैं भी अपनी मंजिल के काफी करीब था, शबाना तो ना जाने कितनी बार झड़ चुकी थी, वो फिर से झड़ने लगी तो मैंने भी उसी पानी में अपना पानी मिला कर उसकी योनि को भिगोना शुरू कर दिया। हम दोनों का पानी उसकी नन्ही सी योनि में नहीं आ पा रहा था और वो नीचे की तरफ रिसता हुआ मेरे ही पेट पर गिरने लगा।
शबाना उठी और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और फिर उसने पेट पर गिरे वीर्य को भी साफ़ किया। सारा रस पीने के बाद उसने जोर से डकार मारा और हम सभी की हंसी निकल गयी।
अगले तीन दिनों तक हम सभी ने हर तरीके से एक दूसरे को कितनी बार चोदा, बता नहीं सकता और अंत में वो दिन भी आ गया जब हमें वापिस जाना था।
मुझे इतना मजा आज तक नहीं आया था। मैंने इस टूर पर ना जाने कितनी चूतें चोदी थी और कितनी बार चोदी, मैं गिनती भी नहीं कर पा रहा था।
चचा जान चाची जान, रुखसाना के साथ अपनी कार में सवार हो कर घर के लिए निकल गए और हम लोग भी अपने घर चल दिये थे।
वापिस जाते हुए मैं कार में बैठा सोच रहा था कि कैसे जुबैर और रियाज को शबाना की योनि दिलाई जाए और इसके लिए कितना चार्ज किया जाए। मैं तो ये भी सोच रहा था कि अम्मी को भी इसमें शामिल कर लेना चाहिए.
देखते हैं।
तभी अम्मी के फोन की घंटी बज उठी और उन्होंने कहा- अरे… हिना का फोन है.
और ये कहते हुए उन्होंने फोन उठा लिया और बातें करने लगी।
हिना अम्मी की छोटी बहन है यानी हमारी मौसी! वो अम्मी की तरह ही गोरी चिट्टी हैं, बाल कटे हुए, दुबली पतली। पर उनके चुचे देख कर मेरे मुंह में हमेशा से पानी आ जाता था। वो गुजरात में रहती हैं और उनके पति सरकारी जॉब करते हैं। उनके दो बच्चे हैं अयान और सुरभि, दोनों लगभग हमारी ही उम्र के हैं।
मैं गोर से उनकी बातें सुनने लगा। बात ख़त्म होने के बाद अम्मी ने खुश होते हुए कहा- अरे सुनो… हिना आ रही है अपने परिवार के साथ। वो लोग भी छुट्टियों में घुमने के लिए शिमला गए थे और वापसी में वो लोग कुछ दिन हमारे पास रुकना चाहते हैं।
अम्मी की बात सुनकर अब्बू बड़े खुश हुए, उनकी नजर हमेशा अपनी साली पर रहती थी, ये मैंने कई बार नोट किया था पर हिना मौसी बड़े नकचढ़े स्वभाव की थी। वो अब्बू की हरकतों पर उन्हें डांट भी देती थी इसलिए अब्बू की ज्यादा हिम्मत नहीं होती थी पर अब बात कुछ और थी। अम्मी अब्बू हमारे साथ खुल चुके थे इसलिए वो खुल कर बात कर रहे थे हमारे सामने।
अब्बू बोले- इस बार तो मैं इस हिना की बच्ची की योनि मार कर रहूँगा। बड़े सालों से ट्राई कर रहा हूँ, भाव ही नहीं देती साली।
अम्मी ने कहा- अजी सुनो… तुम ऐसा कुछ मत करना। वो पहले भी कई बार मुझसे तुम्हारे बारे में बोल चुकी है और इस बार तो उसके साथ सभी होंगे। उसके बच्चे और उसका पति सलमान भी। तुम ऐसी कोई हरकत मत करना जिससे उसे कोई परेशानी हो… समझे?
“देखेंगे…” अब्बू ने कहा और ड्राइव करने लगे।
जल्दी ही हम सभी घर पहुँच गए और सीधे अपने कमरे में जाकर बेसुध होकर सो गए। शबाना मेरे साथ मेरे कमरे में ही सो रही थी वो भी नंगी पर हमारे में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि चुदाई कर सकें, सफ़र में काफी थक चुके थे।
समाप्त
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