Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
12-07-2018, 01:26 PM,
#21
RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
मेरे हाथों ने अपने आप बढ़ कर उनके हिलते हुए स्तनों को जकड़ लिया। बड़े मोटे चुचे थे चाची जान के… उनके निप्पल के चारों तरफ लम्बे लम्बे बाल थे। मैं जब उनके दानों को चूस कर छोड़ता तो उनके लम्बे बाल में रह जाते जिनको मैं दांतों से दबा कर काफी देर तक खींचता।
चाची जान मेरे इस खेल से सिहर उठी, उन्हें काफी दर्द हो रहा था पर मजा भी आ रहा था इसलिए वो बार बार अपने निप्पल फिर से मेरे मुंह में भर देती।
उधर, शबाना के मुंह को काफी देर तक चोदने के बाद चाचू ने उसे घुमाया जिससे मेरी बहन की गांड हवा में उठ गयी। उन्होंने अपना मोटा लंड शबाना की योनि पर टिकाया और एक तेज झटका मारा, चाचू का लंड अपनी भतीजी की कसी योनि में उतरता चला गया।
शबाना चीखी- आआ अयीईईई ईईईईइ… आआह्ह्ह… चाचू धीरे… आआआह…
शबाना अपनी कोहनियों के बल बैठी थी, उसका चेहरा मेरे चेहरे के बिल्कुल ऊपर था। चाचू के लंड डालते ही उसकी आँखें फ़ैल गयी और फिर थोड़ी ही देर में उत्तेजना के मारे बंद होती चली गयी। वो थोड़ा झुकी और मेरे होंठ चूसने लगी। उसकी योनि में उसके चाचू का लंड था और मेरे लंड के चारों तरफ चाची जान की योनि लिपटी हुई थी। पूरे कमरे में गर्म सांसों की आवाज आ रही थी।
मेरे लंड पर चाची जान बुरी तरह से उछल रही थी जैसे किसी घोड़े की सवारी कर रही हो। उनकी योनि बड़ी मजेदार थी, वो ऊपर नीचे भी हो रही थी और बीच बीच में अपनी गांड घुमा घुमा कर घिसाई भी कर रही थी।
जल्दी ही मेरे लंड की सवारी करते हुए चाची जान झड़ने लगी- आआअह्ह्ह… मैं…आयीईईई ईईइ…
और उनके रस ने मेरे लंड को नहला दिया।
मेरा लंड भी आखिरी पड़ाव पर था, उसने भी बारिश होते देखी तो अपना मुंह खोल दिया और चाची जान की योनि में पिचकारियाँ मारने लगा।
शबाना से भी चाचू के झटके ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुए, वो तो अपने चाचू का लंड अपनी योनि में लेकर फूली नहीं समा रही थी, उसने भी जल्दी ही झड़ना शुरू कर दिया। चाचू ने भी दो चार जोर से झटके दिए और अपना रस अपनी भतीजी की कमसिन योनि में छोड़ दिया।
चाचू ने अपना लंड बाहर निकला और शबाना के चेहरे के सामने कर दिया। शबाना ने बिना कुछ सोचे उन का रस से भीगा लंड मुंह में लिया और चूस चूस कर साफ़ करने लगी।
चाची जान भी मेरे लंड से उठी और खड़ी हो गयी, चाची जान की योनि में से हम दोनों का मिला जुला रस टपक रहा था। वो थोड़ा आगे हुई और मेरे पेट पर पूरा रस टपका दिया। फिर नीचे उतर कर मेरे लंड को मुंह में भरा और साफ़ कर दिया। फिर अपनी जीभ निकाल कर ऊपर आती चली गयी और मेरे पेट पर गिरा सारा रस समेट कर चाट गयी।
शबाना ने भी अपनी योनि में उंगलियाँ डाली और चाचू का रस इकट्ठा कर के चाट गयी।
तभी दरवाजे की तरफ से आवाज आई- ये क्या हो रहा है?
हमने देखा तो रुखसाना वहां खड़ी थी अपने चेहरे पर आश्चर्य के भाव लिए…
हम सभी की नजर दरवाजे पर खड़ी रुखसाना पर चिपक सी गयी। मैं, शबाना, निदा चाची जान और फारुख चाचू सब नंगे हुए एक दूसरे को चाट और चूस रहे थे और थोड़ी ही देर पहले हम सबने चुदाई भी की थी.. ना जाने कब से रुखसाना ये सब देख रही थी।
मेरी और शबाना की तो कोई बात नहीं… पर चाचू और चाची जान की शक्ल देखने वाली थी, उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी उन्हें ‘नंगे’ हाथों पकड़ लेगी।
मैंने गौर से देखा तो रुखसाना का ध्यान चाचू के लंड पर ही था और उस के चेहरे पर अजीब तरह के भाव थे।
मैं समझ गया और उठ खड़ा हुआ- देखो रुखसाना, तुमने तो वैसे भी अपने अम्मी अब्बू को हमारे अम्मी अब्बू के साथ नंगा देख ही लिया है उस आयने वाली जगह से और आज हालात कुछ ऐसे हुए कि हमें चाचू चाची जान को अपने राज में शामिल करना पड़ा!
और फिर मैंने सारी बात विस्तार से बता दी रुखसाना को।
चाचू और चाची जान ने जब ये सुना कि रुखसाना ने भी उन्हें दूसरे कमरे में रंगरेलियां मनाते हुए देखा है तो वो थोड़ा शर्मिंदा हो गए। पर फिर उन्होंने सोचा की जब उसे पता चल ही गया है तो क्यों न उसे भी इसमें शामिल कर लिया जाए।
निदा चाची जान जानती थी कि रुखसाना अपने स्कूल में लड़कों को काफी लिफ्ट देती है और उसने कई बार रुखसाना को उस के रूम में एक साथ पढ़ाई कर रहे लड़कों के साथ चूमते चाटते भी देखा था। उन्होंने फारुख चचा जान की तरफ देखा और आँखों आँखों में कुछ इशारे करे।
फिर वो आगे आई और रुखसाना का हाथ पकड़ कर वही बेड पर बिठा लिया।
रुखसाना आँखें फाड़े हम सभी नंगे लोगों को देख रही थी। दरअसल उस का भी प्रोग्राम में दिल नहीं लग रहा था और जब वो वापिस आई तो उसने अपने अम्मी अब्बू को हमारे रूम में घुसते हुए देखा, वो भी पूरे नंगे… वो समझ गयी कि अन्दर क्या होने वाला है पर अपने अम्मी अब्बू के सामने वो एकदम से ये नहीं दर्शाना चाहती थी कि वो भी मेरे और शबाना के साथ चुदाई के खेल में शामिल है, इसलिए उसने खिड़की से अन्दर का सारा प्रोग्राम देखा।
अपने अब्बू के द्वारा शबाना की चुदाई करते देख कर उस की छोटी सी योनि में आग लग गयी थी और जब मैंने उस की अम्मी की चुदाई की तो उस के बर्दाश्त से बाहर हो गया और उसने वही खिड़की पर खड़े खड़े अपनी योनि में उंगलियाँ डाल कर उस की अग्नि को शांत किया… पर अन्दर के खेल को देख कर उस की योनि अभी भी खुजला रही थी। इसलिए उसने तय किया कि वो भी अन्दर जायेगी और इसमें शामिल हो जाएगी।
निदा चाची जान ने रुखसाना की टी शर्ट उतार दी। रुखसाना किसी बुत की तरह बैठी थी।
फिर शबाना आगे आई और उसने उस की जींस के बटन खोल कर उसे भी नीचे कर दिया। अब रुखसाना सिर्फ पर्पल कलर की पेंटी और ब्रा में बैठी थी। उस का बाप यानी फारुख चाचू तो उस के ब्रा में कैद मोटे मोटे और गोल चुचे देख कर अपनी पलकें झपकाना ही भूल गया… वो मुंह फाड़े अपनी कमसिन सी बेटी के अर्धनग्न जिस्म को निहार रहा था और अपनी जीभ अपने सूखे होंठों पर फिरा रहा था।
मैं एक कोने मैं बैठा सबकी हरकतें नोट कर रहा था।
चाची जान उठी और अपने चुचे को रुखसाना के होंठों से चिपका दिए, रुखसाना ने कुछ नहीं किया। शायद वो अभी भी दर्शाना चाह रही थी कि वो ये सब नहीं करना चाहती पर अन्दर ही अन्दर उस की योनि में ऐसी खुजली हो रही थी कि अपनी अम्मी को वही पटके और उस के मुंह में अपनी योनि से ऐसी रगड़ाई करे कि उस की सारी खुजली मिट जाए।
थोड़ी देर बाद उसने अपने होंठ खोले और अपनी आँखें बंद करके अपनी अम्मी का दूध पीने लगी। शबाना ने उस की ब्रा खोल दी और नीचे से हाथ डाल कर उस की पेंटी भी उतार दी।
ब्रा के खुलते ही रुखसाना के दोनों पंछी आजाद हो गए। मैंने देखा उस के निप्प्ल्स एक दम खड़े हो चुके हैं और योनि से भी रस टपक कर चादर को गीला कर रहा है यानि वो काफी उत्तेजित हो चुकी थी। फारुख चाचू ने अपनी बेटी को नंगी देखा तो उनकी साँसें रुक सी गयी।
चाची जान ने इशारे से चाचू को आगे बुलाया, वो तो जैसे इसी इन्तजार में बैठे थे, वो लपक कर आगे आये और अपनी बेटी के दायें चुचे को अपने मुंह में भर कर लगे चूसने किसी बच्चे की तरह। उन्होंने उत्तेजना के मारे उस के दाने पर जोर से काट मारा।
रुखसाना चिल्लाई- आआआ आआह्ह्ह…. पाआआ… पाआआआ… स्स्सस्स सस्स्स… अयीईईई ईईईई…
रुखसाना ने अपने अब्बू के सर को किसी जंगली की तरह पकड़ा और उनकी आँखों में देख कर अपने थूक से गीले हुए होंठ उनसे भिड़ा दिए, रुखसाना के अब्बू के तो मजे आ गए। अपनी बेटी के इस जंगलीपन को देखकर चाचू का लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया।
खड़ा तो मेरा भी हो गया था पर लगातार 3-4 बार झड़ने के बाद मैं अपने लंड को थोड़ा आराम देना चाहता था।
बाप बेटी एक दूसरे को ऐसे चूस रहे थे जैसे कोई गेम चल रही हो और दोनों एक दूसरे से ज्यादा पॉइंट्स लेने के लिए ज्यादा चूसने वाली गेम खेल रहे हैं।
चाचू ने अपने हाथ रुखसाना की गोलाइयों पर टिका दिए और उन्हें मसलने लगे.
रुखसाना की सिसकारी निकलने लगी- आआह आआअह्ह दबाओ ऊऊऊ इन्हीईए.. पाआआ… पाआआ…
निदा चाची जान ने अपनी बेटी रुखसाना को बेड पर लिटा दिया और उस की रस टपकती योनि पर हमला बोल दिया। शबाना ने भी अपनी चाची जान का साथ दिया और वो दोनों रुखसाना की योनि के दोनों तरफ आधे लेट गई और बारी बारी से रुखसाना की योनि चाटने लगी।
ऊपर चाचू अपनी जवान सेक्सी बेटी के मुंह के अन्दर घुसे हुए उस का रसपान कर रहे थे। उन्होंने किस तोड़ी और थोड़ा नीचे खिसक कर अपने होंठ से रुखसाना के चुचे चूसने लगे। रुखसाना बेटी ने हाथ बड़ा कर अपने अब्बू का लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे आगे पीछे करने लगी, फिर उसने लंड को थोड़ा और खींच कर अपने मुंह के पास खींच लिया।
चाचू समझ गए और अपना चेहरा उस की योनि की तरफ घुमा कर उस के मुंह पर बैठ गए और रुखसाना ने अपने अब्बू का लंड अपने कोमल मुंह में ले लिया और चूसने लगी।
चाचू का चेहरा देखने लायक था, उनके आनंद की कोई सीमा नहीं थी। आज अपनी भाभी से और फिर अपनी भतीजी से चुसवाने के बाद अब वो अपना लंड अपनी ही बेटी के मुंह में डाले मजे ले रहे थे।
चाचू थोड़ा झुके और शबाना और निदा को हटा कर अपना मुंह अपनी बेटी की योनि पर रख कर चाटने लगे उस की रसीली योनि को। बीच बीच में वो सांस लेने के लिए ऊपर आते और ये मौका शबाना और निदा ले लेती और उस की योनि चाटने लगती।
कुल मिला कर रुखसाना की योनि तीन लोग चाट रहे थे और वो अपने अब्बू का लंड चूस रही थी।
चाचू जब झड़ने वाले थे तो उन्होंने एकदम से अपना लंड रुखसाना के मुख से निकाल लिया और वापिस ऊपर आ कर उस को चूमने लगे। रुखसाना से भी अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था, उसने अपने अब्बू को धक्का दिया और उछल कर उन के ऊपर बैठ गयी।
फारुख चाचू का फड़कता हुआ लंड रुखसाना की योनि के नीचे था। रुखसाना ने अपने अब्बू के दोनों हाथों में अपनी उंगलियाँ फंसाई और अपनी गांड और अपना सर नीचे झुका दिया। उस के होंठ अपने अब्बू के होंठों से जुड़े थे और योनि उनके लंड से।
पीछे से निदा चाची जान ने अपने पति का लंड पकड़ा और अपनी बेटी की योनि में फंसा दिया और उसे नीचे की तरफ दबा दिया। रुखसाना की कसी योनि में उस के अब्बू का लंड उतरता चला गया।
“आआ आआअ आआआह्ह…. आआस्स… आआअह्ह्ह… पाआआ… पाआआ… म्म्म्म म्म्म्म म्म…” रुखसाना ने थोड़ा ऊपर होकर लम्बी सिसकारी निकाली… और अपने चुचे को फारुख चाचू के मुंह में ठूँस दिया।
अब चाचू का पूरा लंड उनकी बेटी की योनि के अन्दर था।
रुखसाना ने उछलना शुरू किया और चाचू का लंड अपनी योनि में अन्दर बाहर करने लगी। चाची जान और शबाना नीचे बैठी बड़े गौर से इस चुदाई को देख रही थी। चाची जान ने हाथ आगे करके अपनी उंगलियाँ शबाना की योनि में डाल दी और शबाना ने निदा चाची जान की योनि में। फिर उन्होंने अपनी टाँगें एक दूसरे में ऐसी फंसाई कि दोनों की योनि आपस में रगड़ खाने लगी और उन्होंने बैठे बैठे ही एक दूसरी की योनि को अपनी योनि से रगड़ना शुरू कर दिया।
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