RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
स्मृति भी कुशल के इरादे समझ जाती है कि वो कैसे मक्खन लगा रहा है.
" हाँ मैं फिट तो हू लेकिन अब मुझे लगने लगा है कि बॉडी मे वो बात नही है जो पहले थी. अब फिटनेस क्लब मे थोड़ी एक्सर्साइज़ और स्विम्मिंग करूँगी तो मुझे लगता है कि और फिट हो पाउन्गि..." स्मृति बोलती है
कुशल -" मोम आप जैसी फिगर तो बॉलीवुड आक्ट्रेस की भी नही है. लेकिन फिर भी आप जाय्न करना चाहती है तो कर सकती है....."
स्मृति -" अच्छा इतनी अच्छी दिखती हू मैं तुझे....?" स्मृति कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है
कुशल -" मोम सच बोल रहा हू कि मैं तो आपकी बॉडी का फन हू. मुझसे कोई ग़लती ना हो अगर टाइम टू टाइम आप मुझे अपनी बॉडी दिखाती रहे......."
स्मृति उसकी ये बात सुनकर शर्मा जाती है -" चुप कर बदमाश......."
" नही मोम सच मे..... आपके सेक्सी बदन को देखने के लिए पता नही क्या क्या पापड बेले है मैने. आप मेरी ये हेल्प करेंगी ना, रेग्युलर अपना बॉडी शो कराएँगी ना मुझे... कसम से परेशान नही करूँगा फिर...." कुशल सारी बात बोल देता है
" चुप हो जा बदमाश....." स्मृति हंस कर बोलती है
" मोम वैसे कल रात के लिए मैं सॉरी बोलना चाहता हू. मुझे ऐसे ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए थी...." और ड्रामा मेकर कुशल अपनी नज़रे झुका लेता है.
" चल जब तू अपनी ग़लती मान ही रहा है तो मैं इतनी पत्थर दिल नही हू. लेकिन हाँ कभी भी किसी औरत को बिना उसकी मर्ज़ी से कुच्छ नही करना चाहिए. मैं तेरी मा हू लेकिन एक अडल्ट भी तो मेरा फ़र्ज़ है कि मैं तुझे अच्छी बाते सिखाऊ. लॅडीस की नज़रो मे हमेशा उस आदमी की इमेज कम हो जाती है जो ज़बरदस्ती करता है या बिना मर्ज़ी के कुच्छ करता है...." स्मृति कुशल को समझाती है
कुशल -" मोम, यू आर ग्रेट. थॅंक यू. आपने मुझे अच्छी बात सिखाई है लेकिन पता नही वो... वो.... दर असल...... आपकी बॅक साइड का मैं फन रहा हू पिच्छले कई सालो से... कल रात डॅड नही थे तो मैं बहक गया. मुझे लगा कि आप अग्री नही होंगी तो ही ग़लती हो गयी....."
स्मृति -" मैं तेरी जवानी का जोश समझ सकती हू. और वैसे भी तेरे हथियार को देख कर ही पता चल जाता है कि कितनी गर्मी है तुझमे. लेकिन बेटा असली मर्द वो है जो लड़की को उसकी मर्ज़ी से तैयार करे.... नाकी ज़बरदस्ती से." कुशल की गैर मोजूदगी मे स्मृति भी खुल कर पेश आ रही थी.
कुशल -" क्यू मोम, मेरा लंड सही नही है....?"
स्मृति -" फिर से बदतमीज़ी और फिर से वो कर रहा है जो मुझे पसंद नही...."
कुशल -" सॉरी मोम... मैं जान ना चाहता था कि .. वो मेरा... मेरा हथियार कैसा है.... क्या वो सही है या कुच्छ कमी है. आपको तो एक्सपीरियेन्स है तो ऐसे ही जान ना चाहता था... प्लीज़ गुस्सा मत होना...."
स्मृति मुस्कुराती है और कहती है - " मस्त है एकदम. लेकिन अगर ज़बरदस्ती ना करे तो..... जो लड़की एक बार तेरे पास आएगी वो दोबारा भी ज़रूर आएगी...." स्मृति कुशल की आँखो मे आँखे डालती हुई कहती है
कुशल -" अगर ना आए तो.....?"
स्मृति -" बेटा भरोसा रखो और मेहनत करते रहो. फल ज़रूर मिलता है. अब चल मुझे काम करने दे क्यूंकी आफ्टरनून मे मुझे फिटनेस क्लब जाना है..." और ये कह कर स्मृति किचन मे घुस जाती है
कुशल -" मोम क्या मैं लेकर चलु आपको वहाँ.....?"
स्मृति( गॅस को ऑन करते हुए)- " बेटा वहाँ लॅडीस स्विम्मिंग करेंगी और एक्सर्साइज़ करेंगी. पता नही कैसा माहौल हो वहाँ पे..."
कुशल -" मोम मैं तो आपका बच्चा हू, तो बाकी सबका भी हुआ ना. तो मुझसे क्या परेशानी. प्लीज़ मुझे भी ले चलो...." और ये बोलते हुए वो मोम को रिक्वेस्ट करने लगता है.
" ओके....ओके, अब बाहर जा मैं चाइ ला रही हू. आफ्टरनून मे चलेंगे वहाँ पर....". और कुशल हॅपी होकर बाहर बैठ जाता है.
दूसरी तरफ
आराधना और सिमरन कॉलेज पहुँच चुकी थी. जाते ही दोनो कॅंटीन पहुँचती है और एक कॉर्नर मे जाकर बैठ जाती है.
" अब बता ना कि क्या प्लान है. प्लीज़ मुझे जल्दी से दिल्ली भिजवा दे...." आराधना बातो की शुरुआत करती है
सिमरन -" तो सुन प्लान ये है कि तू आज आफ्टरनून घर जाएगी और कहेगी कि एक प्रॅक्टिकल सेशन के लिए कॉलेज के कुच्छ बच्चे दिल्ली जा रहे है और उनमे तेरा भी नाम है ..."
आराधना -" अगर मोम ने मना कर दिया तो....?"
सिमरन -" मेरी जान पेरेंट्स की मेनटॅलिटी को पढ़ना सीख. तुझे ऐसे पेश आना है जैसे तुझमे कोई एग्ज़ाइट्मेंट नही है और तू खुद भी नही जाना चाहती. लेकिन तुझे ऐसे दिखाना है जैसे कि ये इस कोर्स के लिए बहुत ज़रूरी है. "
आराधना-" लेकिन अगर उन्हे कॉलेज से पता चल गया तो....?"
सिमरन -" मेरी जान तू वो मुझपे छोड़ दे. वो मैं सब संभाल लूँगी..."
आराधना- " अच्छा देल्ही पहुँचने के बाद क्या प्लान है?"
सिमरन-" फिर से तुझे थोड़ा आक्टेर बन ना पड़ेगा. देल्ही पहुँचने के बाद तुझे अपनी मोम को बोलना है कि कॉलेज वाले जहाँ रहने के लिए बोल रहे है वो जगह अच्छी नही तो तू वापिस आना चाहती है..."
आराधना -" ओह्ह्ह्ह.... लेकिन अगर उन्होने कह दिया कि बेटे आजा वापिस फिर क्या होगा..." आराधना शॉक्ड होते हुए बोलती है.
सिमरन -" मेरी जान तेरे डॅड ऐसा नही होने देंगे. वो तुझे अपने होटेल मे ही कहीं रूम दिला देंगे, और यही सजेशन तेरी मोम देगी तुझे...."
आराधना-" यार माइंड कमाल का है तेरा..... लड़की गजब है तू. आज लग रहा है कि तुझे फ्रेंड बनाना सही डिसीजन था." आराधना सिमरन के गले मे हाथ डालते हुए बोलती है
सिमरन -" अरे मेरी जान अब जब तक तुझे चुदवा ना दू तो तब तक मैं शांत नही रहूंगी.... " सिमरन आँख मारते हुए बोलती है.
आराधना -" चल तू भी बड़ी बदमाश है......"
सिमरन -" बदमाश तो लड़के होते है... अगर मैं होती तो मैं ही चोद देती तुझे... बता मुझसे चुदवा लेती या नही?"
आराधना उसकी ये बात सुन कर शरमा जाती है. उसके गाल लाल हो जाते है.
" तू भी कितनी गंदी बाते करती है... " आराधना शरमाते हुए बोलती है
सिमरन -" ओये होये..... मैं गंदी बाते करती हू और जब तेरे डॅड तुझे घोड़ी बना कर चोदेन्गे तो वो अच्छी बाते..... लेकिन तुझ जैसे मस्त माल को पाकर तेरे डॅड की तो लॉटरी लग जाएगी. अच्छा बता क्या पहन कर जा रही है तू देल्ही?"
आराधना -" एक शॉर्ट ड्रेस है... उसको. वो मेरे घुटनो तक है. "
सिमरन -" मेरी जान धीरे धीरे बिजलिया गिरा नही तो बिजली फैल हो जाएगी. मेरी बात मान और पूरे कपड़े पहन कर जा. टाइम बाइ टाइम अपने डॅड को अपनी बॉडी का दीदार करती रहियो...... जिससे वो एरॉटिक सेडक्षन फील करे..."
आराधना -" तो क्या पहन कर जाउ...?"
सिमरन -" मेरा मान ना है कि कोई सूट सलवार पहन कर चली जा. जिससे तेरे घर मे भी कोई शक ना करे. और देल्ही पहुँचते ही आइटम नंबर बन जा बस..."
आराधना -" चल कह तो सही रही है. तो अब बता क्या करना है. "
सिमरन -" फोन मिला अपनी मोम को और उन्हे बता कि कॉलेज की तरफ से देल्ही जाना है..."
आराधना -" ओके..."
आराधना अपने पर्स से फोन निकालती है और अपनी मोम को फोन मिलाती है.
" ट्रिंग ट्रिंग.... ट्रिंग ट्रिंग......"
" हेलो आरू........" स्मृति फोन उठाती है
आराधना -" हेलो मोम.... कैसी हो?"
स्मृति -" सही हू बेटा... बता कैसे फोन किया.."
आराधना-" मा वो मूड ऑफ है. कॉलेज वाले देल्ही भेजने की बात कर रहे है 10 दिन के लिए. लेकिन मेरा मूड नही है. "
स्मृति -" बेटे जब कॉलेज मे अड्मिशन लिया है तो कोर्स तो पूरा करना ही पड़ेगा. वैसे भी तेरे कोर्स मे देल्ही काफ़ी हेल्पफुल रहेगा.... तुझे ज़रूर जाना चाहिए..." सिमरन भी फोन पे बात सुन रही थी तो वो थंब अप करके आराधना को इशारा करती है
आराधना-" लेकिन मोम आपको तो पता है कि आज तक मैं घर से कहीं दूर नही गयी हू. पता नही अगर मैं वहाँ गयी तो वहाँ रह भी पाउन्गि या नही...." आराधना और सिमरन एक दूसरे की तरफ इशारो मे हंस रहे थे.
स्मृति -" लड़की की लाइफ मे तो एक ना एक दिन तो घर से जाना ही लिखा है. और वैसे भी देल्ही जाना तो हर किसी का सपना है. अभी तो तेरे डॅड भी वहीं है तो टेन्षन ना ले और जाने की तैयारी कर... वैसे जाना कब है...?"
आराधना -" आज ईव्निंग ही मोम..."
स्मृति -" तो लेट मत कर और जल्दी घर आजा. जिससे कि तू ईज़िली पॅकिंग कर सके. मैं अभी तेरे डॅड से भी बात कर लेती हू ताकि वो तेरी हेल्प कर दे...."
आराधना -" ठीक है मोम आप कहती है तो मैं चली जाती हू नही तो मूड तो नही है......."
स्मृति -" चल टेन्षन ना ले और जल्दी घर आजा... बाइ..."
आराधना -" बाइ मोम." आराधना ऐसे बोल रही थी जैसे वो बहुत अपसेट है.
फोन डिसकनेक्ट होते ही आराधना और सिमरन गले मिलती है.
" साली तुझे तो आक्टिंग का अवॉर्ड मिलना चाहिए... क्या मस्त ड्रामा किया है. अब मुझे यकीन हो गया है कि तू अपने इरादे मे पक्की है...." सिमरन गले मिलते हुए बोलती है.
आराधना -" थॅंक यू यार. चल अब एक क्लास अटेंड कर ले नही तो अगले 10 दिन कोई क्लास नही होगी...." दोनो हंसते हंसते क्लास रूम की तरफ चल देते है.
दूसरी तरफ घर पर सारा काम हो चुका था. कुशल नहा कर रेडी था और स्मृति अपने फिटनेस क्लब जाने के लिए तैयार हो रही थी. उसने एक स्पोर्ट ट्राउज़र और एक टीशर्ट पहनी हुई थी. उसकी ड्रेसिंग की वजह से वो काफ़ी यंग लग रही थी आज.
कुशल अपनी जीन्स टीशर्ट पहन कर नीचे आने के लिए अपने रूम से निकलता है. और फिर से वही सेम स्टोरी क्यूंकी प्रीति उसे अपने गेट पर खड़ी हुई मिल जाती है.
" कहाँ जा रहा है आज बन ठन कर...." प्रीति कुशल की तरफ आँखे मटकाते हुए कहती है.
" चुदाई करने जा रहा हू.... तू भी आजा......" कुशल चलते चलते फिर से बेशर्मो की तरह पेश आता है.
लेकिन इस बार प्रीति ने भी जवाब दिया -" तो तैयार हो जाउ....."
कुशल -" कहाँ के लिए....?"
प्रीति -" वहीं जहाँ तू अभी जाने के लिए कह रहा था...." प्रीति अपने नज़रे दूसरी तरफ करते हुए बोलती है.
कुशल ( एक जगह रुक कर)-" कहाँ कहा मैने जाने के लिए... बता तो सही......."
प्रीति -" चल जा भी मुझे नही जाना.... गंदी बाते करवाते रहो..... मुझे तेरे साथ जाने का शोक नही है..." प्रीति भी आटिट्यूड दिखाती है.
कुशल -" जैसी तेरी मर्ज़ी...." और ये बोल कर वो नीचे की तरफ जाने लगता है. प्रीति अब फर्स्ट फ्लोर की रेलिंग पर आकर खड़ी हो जाती है जहाँ से उसे ग्राउंड फ्लोर क्लियर दिख रहा था. वो देखती है कि स्मृति भी कहीं के लिए तैयार है.
कुशल नीचे पहुँचता है और अपनी मोम को उस स्पोर्ट बॅग मे बिकिनी रखते हुए देखता है.
" मोम इसका क्या करोगी...." कुशल का इशारा बिकिनी की तरफ था
स्मृति हंसते हुए बोलती है -" सर पर टोपी बाँधूंगी. अबे पागल बिकिनी स्विम्मिंग के लिए ही पहनते है ना...."
कुशल -" ओह्ह्ह समझ आया...." प्रीति उपर से ये सब देख रही थी.
" तो मोम के साथ जा रहा है वहीं....." प्रीति उपर से चिल्ला कर बोलती है. कुशल उसकी ये बात सुन कर घबरा सा जाता है.
" चल भाग अपने रूम मे, मैं तो मोम को फिटनेस क्लब छोड़ने जा रहा हू." कुशल प्रीति को इशारा करते हुए बोलता है.
" अच्छा अबसे थोड़ी देर पहले तो कहीं और जा रहा था तू और अब फिटनेस क्लब... बड़ा झूठा है तू......" प्रीति फिर से सिचुयेशन का फ़ायदा उठती है
स्मृति बीच मे बोलती है -" क्यूँ कहाँ जाने के लिए कह रहा था ये..." स्मृति प्रीति से पूछती है.
इससे पहले कि प्रीति कुच्छ बोले, कुशल अपनी मोम का हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगता है -" मोम ये तो पागल है आप इसकी बात पर ध्यान ना दो....."
" बता दू कुशल...." और प्रीति ज़ोर से हँसने लगती है
स्मृति -" अच्छा प्रीति अब अपने भाई से लड़ना बंद कर. मैं फिटनेस क्लब जा रही हू और जल्दी आ जाउन्गि. आराधना दीदी कॉलेज से आती ही होंगी तो घर का ख्याल रखियो..
ये बात बोलकर स्मृति घर से बाहर चली जाती है.
" क्या बोल रहा था तू प्रीति को...." स्मृति अपने बॅग को कार मे रखते हुए बोलती है
कुशल -" मोम.... उसकी तो आदत है मज़ाक करने की..... आप उसकी बात पर ध्यान ना दो और कार मे बैठो...."
दोनो अब कार मे बैठ चुके थे. आज ड्राइविंग कुशल ने करनी थी, सो ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार को घर के बाहर निकालता है.
थोड़ी दूर चलने के बाद वो फिर से बात स्टार्ट करता है -" मोम आज तो फिटनेस क्लब मे बिजलिया गिरेगी... इतनी सेक्सी मोम बिकिनी पहन कर स्विम्मिंग करेंगी...."
स्मृति -" बेवकूफ़ वो एक लॅडीस फिटनेस क्लब है. वहाँ बिकिनी तो क्या बिना बिकिनी के भी स्विम्मिंग हो रही होगी....."
कुशल -" वाउ मोम.... प्लीज़ मुझे भी अंदर ले जाना.. " कुशल एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलता है
स्मृति -" कोशिश करूँगी बट नो शरारत. नही तो सेक्यूरिटी से बोल कर बाहर करा दूँगी. "
और दोनो मे एक हेल्ती चॅट होती रहती है.
आराधना अपनी क्लास ख़तम करके घर पहुँच जाती है. सिमरन उसे ड्रॉप करती है और कहती है -" चल जल्दी से बॅग तैयार कर और मैं ईव्निंग मे तुझे पिक करके बस स्टॉप पर ड्रॉप कर दूँगी....."
आराधना " थॅंक यू सिम... तू ना होती तो पता नही क्या होता." आराधना कार से उतरते हुए बोलती है
सिमरन -" चल एमोशनल मत हो. ख्याल कर सेक्सी लिंगेरिएस, नाइट ड्रेस आंड लॉट ऑफ मेक अप आइटम्स भी पॅक करियो. वहाँ तुझे बहुत मेहनत करनी है अपना टारगेट पाने ले लिए..."
आराधना -" चल ठीक है.. " और ये बोलकर आराधना अपने घर के अंदर आ जाती है
वो ग्राउंड फ्लोर पर चेक करती है लेकिन उसे कोई दिखाई नही देता. " मोम..... मोम....." आराधना आवाज़ लगा कर देखती है
" वो यहाँ नही है क्यूंकी जिम गयी है कुशल के साथ...." प्रीति उपर रेलिंग से आवाज़ लगाते हुए बोलती है
" तो अब नौबत यहाँ तक आ गयी है कि बॉडी को और सेक्सी करने के लिए जिम भी जाय्न कर लिया है..." आराधना अपने मन मे सोचती है.
और धीरे धीरे उपर जाने लगती है. उसे उपर प्रीति दिखाई देती है. प्रीति ने आज ब्लॅक टॉप आंड शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी.
" वाउ.. क्या बात है. आज तो बड़ी स्टाइलिश लग रही है." आराधना उसे कॉंप्लिमेंट देती है
" कहाँ स्टाइलिश दीदी... मुझे तो लगता है कि कहीं मेरा ढाँचा बिगड़ता जा रहा है. क्या आपको लगता है कि मैं सेक्सी हू?" प्रीति भी सवालिया निगाहो से आराधना से पूछती है
आराधना -" इतना सीरीयस क्यू हो रही है. सेक्सी क्या सूपर सेक्सी है तू....."
प्रीति -" ओये होये मेरी प्यारी दीदी तो आज बड़ी मेहरबान है. क्या बात है..." प्रीति भी खुश होते बोलती है
आराधना -" मैने तो तुझे तेरी बात का जवाब दिया बस...."
प्रीति -" नही दीदी... मुझे नही लगता कि मैं सेक्सी हू..... आप प्लीज़ मेरी हेल्प करिए और मुझे बताइए कि क्या वाकई मे मैं सेक्सी हू...?"
आराधना -" यार अभी परेशन मत कर. मुझे देल्ही जाना है...."
प्रीति ( आराधना के करीब आते हुए)- " ओये दीदी आप देल्ही जा रही हो.... ग्रेट. क्या करने जा रही हो देल्ही मे..."
आराधना -" कुच्छ नही कॉलेज की तरफ से जा रही हू 10 दिनो के लिए....."
प्रीति -" क्या कोई फॅशन शो है वहाँ पर...." प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
आराधना -" हाँ है. लाइनाये फॅशन शो है. तू भाग लेगी उसमे....?" आराधना मज़ाक मे कहती है
प्रीति -" क्या दीदी... फर्स्ट प्राइज़ जीत कर लाउन्गि...."
आराधना -" अच्छा ऐसा तो लगता नही तुझे देख कर..." आराधना प्रीति को उपर से नीचे तक देखती है और उसे टीज़ करते हुए बोलती है.
______________________________
प्रीति को इसी मौके की तलाश थी क्यूंकी वो अपने उपर हुए डाउट्स को मिटाना चाहती थी. और वैसे भी वो एक ओपन माइंडेड लड़की थी.
" आप कहो तो दिखाऊ कि मैं कैसे दिखा सकती हू..... " प्रीति आराधना की तरफ देखते हुए बोलती है.
आराधना एक जगह रुक जाती है और अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोलती है -" दिखा कि ऐसा क्या है तुझमे." आराधना भी ऐसे पेश आ रही थी जैसे वो बोर हो रही है.
प्रीति एक कॉर्नर मे जाकर खड़ी हो जाती है.
तभी वो आराधना की तरफ देखते हुए अपने टॉप का एक साइड अपने शोल्डर से हटाती है.
वो आराधना को हैरान कर देती है जब वो अपना टॉप उतार देती है. वो सिर्फ़ अब एल ब्लॅक लेस वाली ब्रा मे थी. उसके बूब्स कितने मस्त थे वो बस आराधना ही जानती थी. उसकी आइज़ भी बहुत सेक्सी थी और उसकी स्माइल उसे और क्यूट बना रही थी.
ठीक उसके बाद प्रीति अपने दोनो हाथ अपनी स्कर्ट पे ले जाती है. और सबसे पहले अपनी स्कर्ट का बटन खोलती है और फिर ज़िप. किसी सेक्सी हेरोयिन की तरह वो अपनी स्कर्ट उतारती है.
और फाइनेली वो अपनी स्कर्ट भी उतार देती है. आराधना उसकी बॉडी को देख कर हैरान हो जाती है. उसको आशा नही थी कि प्रीति इतना डेवेलप हो चुकी है. उसका मूँह खुला का खुला रह जाता है.
" क्यूँ दीदी, क्या लगता है कि मैं जीत सकती हू या नही...." प्रीति ब्रा और पैंटी मे खड़े खड़े ही पूछती है.
" प्रीति अब तो मुझे और भी यकीन हो गया कि तू सूपर सेक्सी है. तेरा हज़्बेंड बहुत लकी होगा..." चल अब मेरी पॅकिंग मे हेल्प करा दे. आराधना के माइंड मे तो जैसे बस देल्ही जाना ही बसा हुआ था
" दीदी सच मे आपको अच्छी लगी मैं....." प्रीति हॅपी होते हुए बोलती है
" अबे सच बोल रही हू. अगर लड़का होती तो आज तो तू गयी थी काम से......" आराधना ऐसी बाते करती नही थी लेकिन आज अच्छे मूड मे थी.
प्रीति अपने मन मे सोचती है कि एक लड़का ऐसा भी है जिसे वो पिघला नही पा रही है. खैर वो दोबारा कपड़े पहन कर आराधना की पॅकिंग मे हेल्प करने चली जाती है.
दूसरी तरफ... स्मृति फिटनेस क्लब पहुँच चुकी थी. कुशल कार को पार्किंग मे लगाने जाता है और स्मृति फिटनेस क्लब मे एंट्री ले लेती है. क्यूंकी पार्किंग बॅक साइड मे थी तो कुशल को थोड़ा टाइम लग गया. कार को खड़ी करके कुशल अंदर जाता है, जब तक वो अंदर पहुँचा स्मृति चेंजिंग रूम मे अपने कपड़े चेंज कर के बिकिनी मे आ चुकी थी. ओह माइ गॉड क्या मस्त लग रही थी वो...... वो कुशल की तरफ देखते हुए स्टाइल मे आगे बढ़ती है. उसकी आइज़ बता रही थी कि वो एक सेक्सी लेडी है. उसकी चाल मे एक अलग ही बात थी, कुशल को फील हो रहा था कि स्मृति की बिकिनी ब्रा ज़्यादा टाइट है तभी तो उसके बूब्स जैसे उसे फाड़ कर आ जाने को तैयार थे.
स्मृति जैसे जैसे स्विम्मिंग पूल की तरफ बढ़ती जा रही थी, वैसे वैसे उसकी चाल और भी मस्तानी होती जा रही थी. कुशल अब उसे इशारा करता है कि उसकी बिकिनी ब्रा बहुत टाइट है. और उसे मज़ाक मे इशारा भी करता है कि उसे उतार दे. कुशल तो ये मज़ाक कर रहा था लेकिन स्मृति ने वो किया जिसकी आशा भी नही थी कुशल को. वो अपनी बिकिनी ब्रा की बॅक स्ट्रीप को खोल देती है. ओह माइ गॉड क्या सीन था. अब उसने ब्रा पहनी तो हुई थी लेकिन बूब्स आज़ाद थे,
कुशल एक बार फिर से एग्ज़ाइट्मेंट के सातवे आसमान पर था.
कुशल फिर से के बार कन्फ्यूज़ था कि कभी स्मृति उसे घास नही डालती जब वो उसे चोदता है और कभी उसके एक इशारे पर अपनी ब्रा की स्ट्रिपेस खोल कर अपने हेवी बूब्स के दर्शन के करा देती है. कुशल वाकई मे नही समझ पा रहा था कि स्मृति के माइंड मे चल क्या रहा था.
एक्स सेक्सी कॅट वॉक स्टाइल मे स्मृति स्विम्मिंग पूल की तरफ बढ़ती है लेकिन उसकी नज़रे बस कुशल पर ही थी. कुशल स्विम्मिंग पूल से थोड़ी दूरी पर एक चेर लेकर बैठ जाता है. स्मृति का गथीला बदन उसकी नज़रो के सामने ही था. स्मृति धीरे धीरे पूल मे उतरने लगती है, उस स्विम्मिंग पूल मे और भी लॅडीस थी लेकिन शायद कोई स्मृति के आस पास भी नही थी बॉडी की तुलना मे. स्मृति का आधा बदन पानी मे जा चुका था लेकिन अभी भी उसकी नज़रे कुशल पे ही थी. कुशल अभी नया नया जवान हुआ था, ऐसी मादकता वो हॅंडल नही कर पा रहा था, उसे खुद भी समझ नही आ रहा था कि आख़िर उसकी बॉडी मे ये क्या उथल पुथल हो रही है. स्मृति की शार्प आइज़ जैसे X रे कर रही थी कुशल का, दोनो की निगाहे बस एक दूसरे पर ही थी.
कुशल का टेंट तन चुका था. उसकी जीन्स मे कोई भी देख कर अंदाज़ा लगा सकता था कि अंदर कुच्छ मचल रहा है. स्मृति ये देख कर एक स्माइल देती है और अपने आप को स्विम्मिंग पूल की गहराइयो मे ले जाकर स्विम्मिंग करने लगती है.
कुशल को समझ नही आ रहा था कि कैसे वो अपने जवान लंड को शांत करे. उसने इधर उधर देखा तो काफ़ी लॅडीस थी. वो समझ गया कि यहाँ माहौल सही नही है तो वो बाहर जाने लगता है. उठ कर जब वो चलता है तो स्मृति की आवाज़ उसे चौंका देती है.
" कुशल.... कुशल...... कहाँ जा रहा है......."
कुशल पीछे मूड कर देखता है तो स्मृति स्विम्मिंग पूल की बाउंड्रीस पर अपने बूब्स टिका कर उससे पुछ रही थी. ऊफ्फ उसके बूब्स तो जैसे पागल ही कर देते है कुशल को....
कुशल अपनी एक फिंगर का इशारा करता है जिसमे वो ये कहना चाह रहा था कि वो पेशाब करने जा रहा है. स्मृति ये देख कर हँसने लगती है और फिर से स्विम्मिंग करने लगती है.
कुशल बाहर आकर पार्किंग मे जाता है और अपनी कार के करीब आ जाता है. वो इधर उधर देखता है और अपनी कार के गेट को खोल कर अंदर चला जाता है. वो अपनी जीन्स के बटन को ऐसे खोलता है जैसे पता नही कितना उतावला हो रहा हो. जीन्स का बटन खोला, ज़िप ओपन करी, फ्रेंची मे हाथ डाला और लंड बाहर. ओह..... उसने राहत की साँस ली, उसका लंड ऐसे हो रहा था जैसे कोई हाइ केपॅसिटी इंजेक्षन.
वो अपने लंड पर हाथ फिराता है और ख्यालो मे खो जाता है कि क्या ये इतना लकी है कि स्मृति जैसी सेक्सी लेडी को वो फक कर चुका है. उसके एग्ज़ाइट्मेंट की अब कोई सीमा नही थी, लंड सेकेंड बाइ सेकेंड फूलता जा रहा था. कुशल की आँखे बंद हो चुकी थी.
वो अपने लंड की उपरी खाल को उपर नीचे करके मास्टरबेट करने लगता है. वो अपने हाथ को इतनी पवर से आगे पीछे कर रहा था कि कार भी हिल रही थी. स्मृति की सेक्सी आइज़, जुवैसी लिप्स, क्रीमी चीक्स, मोटे मोटे बूब्स, चिकनी कमर, पतला पेट, फूली हुई पुसी और मस्त गान्ड उसे पागल कर रही थी.
" आअहह...... ओह..... आइ...... लव...... यू...... मोम......." वो अपने आप से ही बाते करके एग्ज़ाइटेड होता जा रहा था. लंड ऐसा रूप ले चुका था जैसे कोई मिज़ाइल हो और कुशल उसके मंथन मे पूरे दिलो जान से लगा हुआ था.
स्मृति भी स्विम्मिंग मे लगी हुई थी. उसकी स्विम्मिंग स्टाइल से तो यही लग रहा था कि वो एक अच्छी स्विम्मर है. ईवन बाकी लॅडीस भी स्मृति को देख रही थी, यंग गर्ल्स भी. इस फिटनेस क्लब मे स्मृति का फिरट इंप्रेशन काफ़ी पॉज़िटिव रहा था अभी तक तो. थोड़ी देर के बाद वो स्विम्मिंग पूल से बाहर आती है और अपने बिकिनी टॉप को पीछे से टाइ करती है. वो और भी वॉर्म अप एक्सर्साइज़ कंटिन्यू करना चाहती थी लेकिन उससे पहले उसने कुशल को फोन करने का प्लान बनाया क्यूंकी वो पेशाब करने की बोल कर गया और काफ़ी देर होने के बाद भी वो लौट कर नही आया.
स्मृति फिर अपने पर्स से मोबाइल निकाल कर कुशल को फोन मिलाती है. लेकिन कुशल को इधर कहाँ सुनाई दे रही थी मोबाइल की बेल, वो तो अपने लंड को पकड़ कर अपने ख्यालो की दुनिया मे खोया हुआ था.
स्मृति उसे दो बार फोन मिलाती है लेकिन वो पिक नही करता. आख़िर स्मृति एक मा थी तो उसके अंदर चिंता जाग जाती है. वो तुरंत कपड़े पहनती है और बाहर जाने का प्लान बनाती है. लकिन वो भीगे हुए कपड़ो पे ही टॉप पहन लेती है मीन भीगे हुए बिकिनी टॉप और पैंटी को चेंज नही करती है. क्यूंकी उसमे टाइम ही वेस्ट ही होना था.
चेक आउट रिजिस्टर पे साइन करके वो फिटनेस क्लब से बाहर आती है. और पार्किंग की तरफ चल देती है, जैसे उसके अंदर के कपड़े गीले थे तो वो भी थोड़ा तेज स्पीड मे चल रही थी क्यूंकी उसके अंदर के कपड़ो की शेप उसके उपरी कपड़ो पे आ रही थी.
थोड़ी ही दूरी पे उसे अपनी कार दिख जाती है. पार्किंग एरिया काफ़ी बड़ा था तो आस पास और कोई कार थी भी नही थी.
" आज समझाती हू इसे....." स्मृति भी गुस्से मे कार की तरफ बढ़ती है.
तेज स्पीड से स्मृति आगे बढ़ती है और कार का गेट खोलती है.....
" ओह्ह्ह्ह.....नो......नो........मोम.....आप इतनी........." कुशल के तो पाँव तले से जैसे ज़मीन खिसक जाती है. वो अपने मास्टरबेशन की फाइनल स्टेज पे था लेकिन स्मृति उससे पहले ही आ गयी थी. वो अपने लंड को फिर अपनी जीन्स मे छुपाने की कोशिश करता है लेकिन सेम इश्यू कि उस लंड को प्यार से तो जीन्स मे छुपाया जा सकता था लेकिन खड़े हुए हालत मे नही.
" ओह नो!!! अगेन......" और ये बोलकर वो अपने मूँह को दूसरी तरफ फिरा लेती है.
थोड़ी देर के लिए बिल्कुल साइलेन्स था. कुशल अपने लंड को जीन्स मे अंदर करने मे लगा हुआ था.
" क्या कर रहा है अभी तक.... " स्मृति दूसरी तरफ रहते हुए ही चिल्ला कर पूछती है.
" मोम... एक मिनिट...... हाँ अब आप आ सकती हो...." कुशल अपने लंड को अंदर कर चुका था और जीन्स की ज़िप बंद कर रहा था.
स्मृति अपने आप को फिर से कार की तरफ घुमाती है और कार का गेट खोल कर अपना बॅग कार की बॅक सीट पर फेंकते हुए कार मे बैठ जाती है. इतनी देर मे कुशल अपनी ज़िप भी बंद कर लेता है.
अब दोनो कार मे ही है. लेकिन दोनो के बीच साइलेन्स है. कुशल स्मृति की तरफ और स्मृति कार से बाहर की तरफ देख रही थी. कुच्छ सेकेंड जब कोई रेस्पॉन्स नही आता तो कुशल स्मृति से पुछ्ता है.
" मोम..... कहाँ घर चले.......?".
स्मृति -" नही तो क्या मुझे होटेल लेकर जाएगा.....". स्मृति अपने सनग्लास को लगाते हुए फिर से चिल्ला कर बोलती है
कुशल कार मे गियर डालता है और धीरे धीरे आगे बढ़ जाता है.
" मोम... काफ़ी जल्दी आपने स्विम्मिंग ख़तम करदी.... मुझे लगा कि आपको टाइम लगेगा...." कुशल बड़े प्यार से अपनी मोम से पुछ्ता है
स्मृति -" इसीलिए तू यहाँ आकर इसे हिलाने मे लगा हुआ था......." स्मृति उसकी आँखो मे आँखे डालकर पूछती है
कुशल -" मोम वो.... मुझे लगा कि आपको टाइम......"
इससे पहले कि कुशल की बात ख़तम होती कि स्मृति बीच मे ही बोल पड़ती है-
" तू मुझे एक बात बता. तेरी अंदर इतनी आग क्यूँ लगी हुई है. रात को ही तूने किया था और अब फिर से इसे हिलाने लगा.... ऐसी क्या मजबूरी आ गयी थी..."
कुशल -" मोम... वो.... वो.... आपके बूब्स की झलक से मैं पागल सा हो गया और रहा नही गया......"
स्मृति को उसकी ये बात सुनकर थोड़ी सी हँसी आ जाती है लेकिन अपने आप पर कंट्रोल करती है.
" देख कुशल... तेरे लिए अब मैं बुर्क़ा पहन कर तो रख नही सकती. कभी ना कभी तो नज़र पड़ ही जाती है लेकिन इसका क्या मतलब कि तू हमेशा ऐसे ही...." स्मृति का इशारा मास्टरबेशन की तरफ था.
" मोम.... सॉरी...... पता नही ऐसे क्यूँ होता है. अरे मोम आपके तो कपड़ो से पानी टपक रहा है..." कुशल का ध्यान फिर से स्मृति के टॉप पर जाता है.
स्मृति -" जब तूने फोन नही उठाया तो मुझे टेन्षन हो गयी और मैने गीली बिकिनी के उपर ही कपड़े पहन लिए..."
कुशल -" क्या आप मुझे इतना प्यार करती है....."
स्मृति -" गाड़ी चलाने पर ध्यान दे....." स्मृति मुस्कुराते हुए कहती है.
कुशल -" लेकिन मोम गीले कपड़े से तो आपको स्किन मे आलर्जी हो सकती है." कुशल थोड़ा सीरीयस होते हुए बोलता है.
स्मृति -" यही मैं सोच रही हू कि और वैसे भी अब थोड़ा अनकंफर्टबल लग रहा है...."
कुशल -" मोम..... अगर आप चाहे तो बॅक सीट पे जाकर अपने कपड़े चेंज कर सकती है. रोड पे ट्रॅफिक भी कम है."
स्मृति -" रोड के ट्रॅफिक से नही मुझे परेशानी इस कार के ट्रॅफिक से है...."
कुशल -" मोम, आप टेन्षन ना ले. मैं परेशान नही करूँगा... मैं नही चाहता कि मेरी मोम को कोई परेशानी हो...." कुशल फिर से सीरीयस होते हुए बोलता है
स्मृति को उसकी ये बात सुनकर कुशल पर बड़ा प्यार आता है और वो उसके गालो को किस करने के लिए थोड़ा सा आगे बढ़ती है कि तभी इतिफाक से कुशल अपना मूँह स्मृति की तरफ घुमा देता है और ----- पुचह......
दोनो के बीच लिप किस हो जाती है...... स्मृति के गीले होठ फिर से कुशल के मूँह मे आ जाते है और कुशल भी सेकेंड्स मे उनका रस चूस लेता है. स्मृति उसको एक धक्का दे कर अलग हो जाती है....
" आहह... ईडियट ड्राइविंग पर ध्यान दे......" स्मृति अपने होंठो को सॉफ करते हुए कहती है
कुशल -" मोम आप ही तो मुझे किस करने के लिए आगे बढ़ी..."
स्मृति -" बेवकूफ़ मैं तो गाल पे किस करना चाहती थी. लेकिन बाते ना बना अब...."
कुशल -" लेकिन मोम सच मे... आप कपड़े चेंज कर लीजिए नही तो मेरा ध्यान भंग हो रहा है. कुशल अपनी मा के बूब्स को घूरते हुए बोलता है. जो कि बिकिनी गीली होने की वजह से सॉफ दिखाई देने लगे थे
|