RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
वो धीरे धीरे कदमो से अपने रूम से बाहर आती है. वो ऐसे चल रही थी जैसे कोई बीमार लड़की चल रही हो.
" अयाया..... मोम...... ओह..... यू सक वेरी वेल....... प्लीज़ सक मी मोर........". स्मृति अपने एक्सपीरियेन्स का पूरा फ़ायदा उठा रही थी. उसको पता था कि मर्द के लंड को कैसे चूसा जाना है. स्मृति का टारगेट था ही यही कि वो कैसे भी कुशल का वीर्यपात करा कर अपने रूम मे भेजे. कुशल के विशाल लंड को अपने मूँह मे लिए पूरी जान से आगे पीछे हो रही थी.
अब आराधना सीढ़ियो तक पहुँच चुकी थी. धीरे धीरे वो नीचे आना शुरू करती है.
" मेरी किस्मत ने ये क्या खेल खेला. क्या उपरवाले से मेरी ख़ुसीया नही देखी गयी?" वो अपने आप मे ही बड़बड़ा रही थी. अब वो सीढ़ियो से नीचे हॉल मे आ चुकी थी.
" वाउ..... ग्रेट..... आहह......... व्हाट आ नाइट....... लव....... आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......... प्लीज़ अपनी....... ये नाइटी उतार दो ना........ " कुशल अपनी मोम से रिक्वेस्ट करता है.
स्मृति भी जानती थी कि जितना ये एग्ज़ाइटेड होगा उतना ही जल्दी इसका वीर्य बाहर आएगा. वो एक झटके मे अपनी नाइटी उतार देती है और नाइटी के नीचे उसने कुच्छ नही पहना था. अब वो एक दम नंगी थी, नाइटी उतरते ही बिना टाइम वेस्ट किए स्मृति फिर से उसका लंड चूसने मे लग जाती है. स्मृति अपना जितना मूँह खोल सकती थी उतना उसने खोला हुआ था. कुशल के लंड का साइज़ भी काफ़ी बड़ा था जिस वजह से स्मृति को अपना पूरा मूँह खोलना पड़ रहा था.
आराधना हॉल मे सोफे के पास पहुँच चुकी थी. लेकिन आज वहाँ डॅडी नही थे, उसके दिल पे जैसे अटॅक हो रहे थे. वो अपने डॅडी को मिस कर रही थी. उसने उस एरिया से जल्दी आगे बढ़ने की सोची और वो किचन मे पहुँच गयी. उसने किचन मे देखा लेकिन कुच्छ नही मिला.
" मोम से पूछती हू कि अगर कुच्छ बनाया है तो..." वो अपने आप मे बोलते हुए मोम के बेडरूम की तरफ बढ़ती है.
ऑम्ग......... वो कैसे ही अपने आपने को चीखने से रोकती है. वो देखती है कि उसकी मा किसी के विशाल लंड को चूस रही है. आराधना को तो जैसे चक्कर आ गये हो, वो तुरंत एक साइड मे आ जाती है. उसकी साँसे उपर नीचे हो रही थी. उसको वो सब ड्रीम के जैसा लगा. वो कुशल को सामने से नही देख पाई क्यूंकी उसकी पीठ थी बाहर की तरफ. आराधना फिर से एक बार झुक कर देखती है " हे भगवान........ " वो अपने मूँह पर हाथ रखती है और उपर की तरफ भाग जाती है.
उससे वो सीन नही देखा गया. एक तरफ वो लंड के लिए तरस रही थी और दूसरी तरफ उसने अपनी मोम को किसी पराए मर्द के विशाल लंड को चुसते हुए देखा. वो भाग कर अपने रूम मे पहुँच गयी और बेड पर लेट कर बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है.
नीचे स्मृति अभी भी उसके लंड को चूसने मे लगी हुई थी. लेकिन उसका वीर्य बाहर निकलने का नाम ही नही ले रहा था.
" मोम..... क्या मैं भी आपकी चूत को चाटु? आअहह......." कुशल पुछ्ता है
स्मृति अपना मूँह हटाती है और बोलती है. " बेटा..... वो... वो आज सही नही है. आज दिन मे ही तुम्हारे डॅडी ने मेरी दो बार ली है. अगर तुम मुझे वहाँ किस करोगे तो ये हाइगियेनिक नही है...."
स्मृति फिर से उसके लंड को चूसने मे बिज़ी हो जाती है. स्मृति का माइंड पूरा काम कर रहा था, वो जानती थी कि अगर थोड़ी देर उसका वीर्य नही निकला तो वो उसे चोदे बगैर नही मानेगा...
आराधना अपने आँसुओ को पोंछती है और अपना फोन उठाती है. वो सिमरन को फोन कर रही थी. सिमरन फोन उठाती है-
" हेलो"
आराधना - सिमरन कहाँ पर है?
सिमरन - मैं तो घर पर हू, क्यू क्या हुआ?
आराधना - अबे साली तेरे प्लान से कुच्छ भी नही हुआ. आज मॉर्निंग ही मैने ड्रेस पहनी और ईव्निंग मे डॅड देल्ही चले गये 15 डेज़ के लिए. मैं बहुत अपसेट हू. एक बात और है जो तुझे बता नही सकती.
सिमरन - बता ना मेरी जान. फिर तेरी प्राब्लम का सल्यूशन भी मैं बता दूँगी.
आराधना - सच बता. क्या अभी भी तू मेरी कुच्छ हेल्प कर सकती है.
सिमरन - मेरा नाम सिमरन है और अपनी आराधना के लिए मैं कुच्छ भी कर सकती हू. तू बात बता कि क्या हुआ.
आराधना - यार किसी से कुच्छ कहना मत. लेकिन मेरी मा एक मर्द के साथ है वो भी नंगी. डॅड आज ही गये है क्या वो एक दिन भी नही रुक पाई.
सिमरन - मेरी जान शरीर की भूख ऐसी ही चीज़ है. वैसे देख आज के टाइम मे अगर तेरी मोम का बॉय फ्रेंड है तो तुझे उन्हे परेशान नही करना चाहिए. आज तो तेरी मा को मस्त कर देगा वो. कैसा लंड है उसका.
आराधना - तू फालतू की बात मत कर और प्लीज़ मुझे कोई सल्यूशन बता.
सिमरन - बहुत सिंपल है यार. बता बोलू?
आराधना- यार कुच्छ भी कर लेकिन मेरी हेल्प कर.
सिमरन - देख उपर वाला जो भी करता है अच्छे के लिए करता है. तेरी मा भी तड़प रही होगी अपने बॉय फ्रेंड के लिए तो उपर वाले ने उसे मौका दिया. और तेरे लिए बेस्ट मौका है अब तू देल्ही जा और
15 दिन वहीं रह अपने डॅड के साथ. दिखा अपने लड़की होने का सबूत उन्हे और सच बता रही हू कि ये हनीमून तू लाइफ भर नही भूलेगी.
आराधना ( एग्ज़ाइटेड होते हुए)- ओह क्या ये पासिबल है. बता ना कैसे? क्या बोलू मैं घर पे? किसी को शक तो नही होगा.
सिमरन - शक तो आज कल कोई बॉय फ्रेंड गर्ल फ्रेंड पर नही करता. तुझ पर कोई क्या करेगा. और वैसे भी तेरी मा को तो खाली घर चाहिए जहाँ वो अपने बॉय फ्रेंड से रेग्युलर मिल सके, वो तुझे भेज देगी. तुझे बस इतना बोलना है कि कॉलेज की तरफ से जाना है. तेरी हाँ मे हाँ मैं मिला दूँगी.
आराधना - सिमरन यू आर ग्रेट. यार मुझे कल ही जाना है.
सिमरन - मेरी डार्लिंग. सब्र रख और तरीके से चल. कल कॉलेज मे से ही भूमिका बना लेते है. लेकिन अगर चाहती है कि तू देल्ही जाए तो अपने मा के बॉय फ्रेंड को डिस्टर्ब मत कर.
आराधना - लेकिन कितनी ग़लत बात है ना. वो मेरे डॅड से सॅटिस्फाइ नही है क्या?
सिमरन - चूत ऐसी ही चीज़ है जिसकी आग कभी नही बुझती. अब टेन्षन ना ले और मस्त सो जा. कल ईव्निंग तू देल्ही मे और सेम होटेल मे होगी.
आराधना - सिमरन आइ लव यू. मुआअहह. बाइ
सिमरन - बाइ.....
और कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है.
स्मृति इधर अपना मूँह आगे पीछे करके थक गयी तो. कुशल सूपर एग्ज़ाइटेड हो चुका था लेकिन वीर्य नही निकला था.
" मोम...... आआआअहह. प्लीज़ अपनी चूत दिखा दो. आआअहह मुझे चोदना है पूरी रात. आआहह यू आर सो ग्रेट......"
स्मृति अपना मूँह उसके लंड से हटाती है और उसकी तरफ बहुत गौर से देखती है. पता नही स्मृति के माइंड मे क्या चल रहा था.
वो बेड की तरफ बढ़ती है. पंकज की निगाहे उसकी गान्ड की तरफ जाती है, उसकी मस्त गान्ड पे निगाह पड़ते ही जैसे कुशल को अपना टारगेट मिल जाता है.
वो भाग कर जाता है और अपनी मा को कस कर पकड़ लेता है.
दोस्तो यहाँ तो मामला बिगड़ता ही जा रहा है.....................................................
कुशल का लंड अपने एग्ज़ाइट्मेंट के सातवे आसमान पे था. कितना मोटा हो चुका था वो उसे देख कर खुद स्मृति भी हैरान थी.
कुशल का ध्यान बस स्मृति की गान्ड पर था. वो अपनी मा की कमर को कस कर पकड़ लेता है.
" ओह्ह्ह कुशल क्या कर रहा है बेटा. थोड़ा तो रहम कर........." स्मृति उससे रिक्वेस्ट करती है.
" जब रेगिस्तान मे पानी दिखाई देता है ना मोम, तो हर इंसान वैसे ही पेश आता है जैसी कि मैं आ रहा हू. आआअहह....... यू आर वेरी सॉफ्ट मोम". कुशल ये बोलते हुए अपना हाथ स्मृति की मखमली गान्ड पे रख देता है.
" यू नॉटी बेबी...... ये सही जगह नही है......" स्मृति घूमने की कोशिश करती है लेकिन कुशल ने उसे बहुत जोरो से जकड़ा हुआ था.
" कुशल बेटा प्लीज़...... ऐसा वैसे कुच्छ मत सोच........" स्मृति का इशारा था कि बेटा गान्ड के बारे मे तो सोच भी मत.
लेकिन कुशल अब तक स्मृति को आगे की तरफ झुका चुका था. स्मृति अब डॉगी स्टाइल मे आगे की तरफ झुकी हुई थी और कुशल उसकी गान्ड के बहुत करीब था. कुशल देर ना करते हुए थोड़ा सा थूक स्मृति की गान्ड पे गिरा देता है और तुरंत अपनी एक उंगली उसकी गान्ड मे घुसा देता है.
" आआहह..... दर्द हो रहा है कुशल. प्लीज़ रुक जा........ कुच्छ करना है तो आगे से कर बेटा........... ये सही नही है. प्लीज़ रुक जा आआआअहह......." स्मृति रिक्वेस्ट करती है.
लेकिन अब तक तो कुशल ने उस छेद को और फेला दिया था और अपनी एक उंगली को अंदर बाहर किए जा रहा था. कुशल को ये सीन सूपर एग्ज़ाइटेड कर रहा था.
" मोम...... डॅड को लाख बार थॅंक यू बोलूँगा........ कि उन्होने इस कीमती चीज़ को मेरे लिए छोड़ दिया......." कुशल एग्ज़ाइटेड होते हुए स्मृति की गान्ड की तारीफ करता है.
" कुशल....... आआहहह.... प्लीज़ ये ग़लत है. ये...... नॅचुरल नही है जो तू कर रहा है..........."
" मोम....... आप जैसी सेक्सी लेडी के शरीर मे तो जितने भी छेद है मैं सबको चोद दू......... और ये तो वैसे भी इतना खूबसूरत है......" कुशल रूकने का नाम नही ले रहा था.
स्मृति अपने मन ही मन थोड़ी अपसेट थी. धीरे धीरे उसे अहसास हो गया था कि वो आज रात नही बच पाएगी. लेकिन वो क्या करे..... क्या 15 दिन वो ऐसे ही परेशान करेगा.... स्मृति के दिल मे हज़ारो सवाल चल रहे थे.
इधर कुशल अपने हाथ को स्मृति की गान्ड से हटाता है और अपने मूँह के पास ले जाकर ढेर सारा थूक भर लेता है. स्मृति झुकी होने के कारण ते अब देख तो नही सकती थी लेकिन उसे अहसास हो रहा था कि वो क्या कर रहा है.
कुशल उस ढेर सारे थूक से भरे हुए हाथ को अपने लंड के पास लेकर आता है और सारा थूक उस लंड पर मसल देता है. थूक से उसका लंड भीग चुका था.
" कुशल मेरी बात मान....... मैं तुझसे कभी बात नही करूँगी अगर तूने मेरे साथ कुच्छ ग़लत किया. बेटा लुक अट माइ पुसी, सारा पानी तेरी याद से ही टपक रहा है. पीछे कुच्छ मत कर, और देख अपने टूल को, ये पीछे नही फिट होगा." स्मृति झुके झुके फिर से रिक्वेस्ट करती है.
" मोम...... वो लंड ही क्या जो जगह ना बना पाए. आपके इस छेद को इतना खोल दूँगा कि फ्यूचर मे कोई प्राब्लम ही नही होगी......." कुशल अपना मूसल जैसे लंड स्मृति की गान्ड पर रखता हुआ बोलता है.
स्मृति की कमर को कस कर कुशल ने पकड़ा हुआ था. कुशल का लंड थूक से भीगा हुआ कुशल अपने आप को झुकाता है और ढेर सारा थूक स्मृति की गान्ड पे भी गिरा देता है. थोड़ा सा थूक उस च्ष्ड के अंदर भी जाने लगता है क्यूंकी वो झुकी हुई थी. कुशल अपने मोटे लंड को फिर से स्मृति की गान्ड पे टिकाता है............ कमर को कस कर पकड़ता है और.............: ढ़चह........." एक साउंड के साथ लंड का अगला हिस्सा सीधा गान्ड के छेद को फाड़ता हुआ अंदर.
आआआआआआआआआआऐययईईईईईू....................." स्मृति की चीख घर मे गूँज जाती है जिसे ऑफ कोर्स आराधना भी सुनती है. लेकिन एक चीख के बाद जैसे स्मृति की तो जान निकल जाती है. उसका शरीर अकड़ सा जाता है. खुद स्मृति को भी आइडिया नही था कुशल का लंड अभी कितना मोटा होकर उसकी गान्ड मे जा रहा है. एक पल के लिए तो जैसे स्मृति के माइंड ने काम करना बंद कर दिया था.
इससे पहले कि स्मृति को कुच्छ राहत मिलती, कुशल अपना लोहे जैसा लंड फिर से बाहर निकालता है और पूरी ताक़त के साथ फिर से एक धक्का- खचह......
पूरा घर स्मृति की चीख से फिर भर जाता है. स्मृति की आँखे दर्द से बंद हो चुकी थी, अभी आधा लंड भी अंदर नही गया था. कुशल के लंड मे तो जैसे सारी ताक़त आ गयी थी.
स्मृति समझ चुकी थी कि अब तो काम हो चुका है तो समझदारी इसी मे है कि जल्द से जल्द कुशल का वीर्य बाहर निकलवाए और फिर सोचे की आगे क्या करना है.
स्मृति टाइम ने लगाते हुए और अपने दिमाग़ पे ज़ोर डालते हुए अपने दोनो हाथ पीछे ले जाती है और अपनी गान्ड को अपने दोनो हाथो स
स्मृति अब पूरा कॉपरेट करने लगी थी. वो अपनी गान्ड को हिला भी रही थी कि जिससे कुशल अच्छे से स्ट्रोक्स लगा सके.
" आआहह...... इतना मजबूत मर्द कैसे बन गया तू............. यू आर आ हॉट गाइ.......... आआअहह......... एस्स........... फक माइ आस्स्स्स्सस्स....... " स्मृति ने अपनी ज़ुबान का यूज़ करना शुरू कर दिया था.
आराधना नीचे आ चुकी थी और चुपके चुपके से उसी जगह फिर से पहुँच जाती है जहाँ वो पहले थी. सीन देख कर उसकी तो जैसे ...... हाई फट ही गयी.
आश्चर्य के मारे उसका हाथ फिर से एक बार अपने मूँह पर चला जाता है. " ओह....... " कुशल की पीठ थी उसकी तरफ तो अभी भी वो नही देख पाई उसे लेकिन अपनी मा को अपने हाथो से गान्ड फेलाते हुए और गंदी गंदी आवाज़े निकालते हुए देख लिया था.
" ओह माइ गॉड......... मोम ऐसा कैसे कर सकती है. शी ईज़ वेरी हॉर्नी........" आराधना खुद शॉक्ड थी.
कुशल ने अपने स्ट्रोक्स की स्पीड बढ़ा दी थी. उसके हिलते हिप्स से ही आराधना को आइडिया हो रहा था क़ी किस स्पीड से आज उसकी मा की गान्ड मारी जा रही है.
" फक मी...... तू गजब है......... ऐसा लंड कभी नही देखा............ प्लीज़ और तेज...... और तेज........ आअहह......आआऊऊ......" स्मृति भी अपने शब्दो के पूरे फ़ायदे उठा रही थी.
ये सीन आराधना के रोम रोम को भड़का रहा था. वो खुद गरम होती जा रही थी..... उसके गाल लाल हो चुके थे. बूब्स आंड टिट्स भी टाइट हो चुके थे. चूत से पानी आना शुरू हो गया था. ऐसे सीन की तो उसने कभी आशा भी नही करी थी.
उसकी मा ऐसे घोड़ी बन कर अपनी गान्ड मरा रही थी कि बस पुछो मत. स्मृति की अलग ही इमेज पेश हो रही थी आज. आराधना का ना चाहते हुए भी हाथ अपनी सलवार के उपर पहुँच गया था. उसे डर भी लग रहा था लेकिन अपने कदम नही हिला पा रही थी वो.
कुशल अपनी एग्ज़ाइट्मेंट की चरम सीमा पर था. स्मृति ने अपनी गान्ड हिला हिला कर उसे मस्त कर दिया था.
आराधना को ये डर था कि उसे कोई भी देख सकता है. ना चाहते हुए भी उसने फिर से वापिस अपने रूम मे जाने का फ़ैसला किया. और धीरे धीर वो उपर आ जाती है. उसके बूब्स ऐसे उपर नीचे हो रहे थे जैसे कोई ट्रॅन्स्परेंट पॉवर ये सब कर रही हो. वो अपने खुद के घर मे, खुद अपनी मा को ऐसे खुले आम एंजाय करते हुए देख कर मस्त हो चुकी थी. उसे लग रहा था जैसे वर्ल्ड बस सेक्स के लिए ही बना है और चुदना सबसे बड़ी अचीव्मेंट है. वो अपने रूम मे पहुँची और परेशान हो गयी कि आख़िर क्या करे. बिना कुच्छ सोचे समझे एक बार फिर वो सिमरन को फोन मिला देती है. काफ़ी देर की रिंग के बाद सिमरन फोन उठाती है
सिमरन -" अरे अब क्या हुआ, क्यूँ इतनी रात को परेशान कर रही है?" आक्च्युयली सिमरन सोने की तैयारी कर चुकी थी.
आराधना -" अबे सिमरन यार नीचे का सीन तो बहुत वाइल्ड हो चुका है...."
सिमरन -" क्यूँ ऐसा क्या तूफान आ गया...."
आराधना-" यार वो इंसान मोम को.... मोम को ... मोम को....."
सिमरन -" बोलना है या कल बोलेगी.... अगर कल बोलेगी तो मैं फोन काट देती हू कल मिल कर बता दिओ कि क्या तो तेरी मोम को......"
आराधना -" यार सुन तो सही.... वो मेरी मोम को बॅक साइड से फक कर रहा है. और उसका वो बहुत ही मोटा है".
सिमरन -" वो क्या???? लंड?"
आराधना -" हाँ यार. लेकिन वो ऐसा क्यू कर रही है. और मेरी मा बहुत गंदी लॅंग्वेज यूज़ कर रही है सेक्स के दौरान. यार शी ईज़ आ बिच रियली...."
सिमरन -" एक कड़वा सच मेरी जान. मर्दो को ये बिचस ही पसंद आती है तो जो खुल कर एंजाय करे. गंदी लॅंग्वेज नॅचुरल है जो हर लेडी यूज़ करती है मर्द की मर्दानगी जगाने को. अगर नही यूज़ करेगी तो मर्द लोग उसे ठंडी लुगाई बुलाते है."
आराधना -" यार कमाल है दुनिया भी लेकिन मेरी मोम बॅक साइड से क्यू करा रही है."
सिमरन -" मेरी जान ये गिव आंड टेक रिलेशन्षिप है. मर्द लोग चूत से जल्दी बोर हो जाते है, और वैसे भी वो तेरे डॅड की वाइफ है- चूत का तो भोसड़ा बना पड़ा होगा. तो एक बार अगर तेरी मा चूत मराएगी तो एक बार गान्ड भी मरानी ही पड़ेगी. मर्दो को औरत की गान्ड ज़्यादा पसंद होती है. और सुन अगर लाइफ मे जीतना है तो गान्ड को मजबूत करके चल.
आराधना -" चल तू भी कैसी बाते कर रही है...."
सिमरन -" डार्लिंग मेरे जैसा कोच तुझे कभी ढूँढने से भी मिलेगा. सच बोल रही हू तुझे. देल्ही जा रही है तो मेंटली प्रिपेर होकर जा."
आराधना -" यार लेकिन वाकई मे बड़ा पेन होता होगा..."
सिमरन -" कुच्छ पाने के लिए कुच्छ खोना तो पड़ता ही है स्वीटी. लेकिन मेरी जान आज कल गोल्ड मिल जाता है लेकिन सही लंड नही मिलता. तो तू मस्त रह और सो जा, तेरी लाइफ मस्त करवा दूँगी तू भरोसा रख मेरे उपर...."
आराधना -" मुझे तुझ पे भरोसा है लेकिन प्लीज़ मुझे कल ही देल्ही जाना है. प्लीज़ कुच्छ कर.
सिमरन -" कल ईव्निंग तू देल्ह
देल्ही मे होगी. ये मेरा प्रॉमिस है. बाकी ये तेरे गट्स है कि तू कितनी जल्दी उन्हे अपनी जवानी से इंप्रेस कर पाए. बस एक बात का ख्याल रख पहल तुझे नही करनी क्यूंकी तेरे वो डॅड है."
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