RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b]लाइयन - तो मुझे ही बताना पड़ेगा कि क्या मटक रहे थे क्यूंकी मेरी खूबसूरत दोस्त को नही समझ आया.
स्मृति - चलते हुए उसके हिप्स मटक रहे थे. अब खुश!! वैसे तुम्हारी जान कारी के लिए बता दू कि ये नॅचुरल है, कोई लेडी आप जान के ऐसा नही करती.
लाइयन - क्या आपके साथ कभी किसी पार्टी मे ऐसा हुआ है क्या?
स्मृति - जान ना ले लू उसकी जो ऐसा कर दे. तुम आगे बताओ
लाइयन - वो धीरे धीरे चल कर वहाँ पहुँच गयी जहाँ डीजे स्टेज था. दूसरी तरफ मे भी धीरे धीरे चला और डीजे स्टेज की दूसरी साइड खड़ा हो गया. अब वो और मे आमने सामने था और बीच मे डीजे स्टेज था.
स्मृति - ओके..
लाइयन - जैसे जैसे मौका मिलता मे उसे कोई ना कोई इशारा कर देता. फोन नंबर दोबारा माँगा तो उसने मना कर दिया, फ्लाइयिंग किस दी तो हंस के टाल दिया. इशारे मे उसे ये बताया कि तेरी बॉडी नही आग की भट्टी है जिसमे कोई भी जल जाए और वो धीमे धीमे स्माइल करती रही. फिर एक बार मेने उसे अपने थंब और फिंगर को गोल करके, उसके बीच मे उंगली डाल कर इशारा किया.
स्मृति - ओह माइ गॉड. क्या अब भी वो हँसती रही, उसने दो थप्पड़ नही जड़े तुम्हारे.
लाइयन - तो यानी आपको पता है कि वो इशारा किस चीज़ का होता है?
स्मृति - ज़्यादा स्मार्ट मत बनो. आगे बताओ.
स्मृति समझ गयी थी कि लाइयन ने उसकी बात पकड़ ली है.
लाइयन - थप्पड़ तो नही लेकिन धीरे धीरे वो मेरी तरफ चल कर आने लगी. सच कह रहा हू स्मृति जी मेरी तो फट गयी कि बेटा आज तो गया.
स्मृति - हा हा हा हा हा हा. गुड
लाइयन - वो धीरे धीरे चल कर मेरे तरफ आने लगी. मेरी तो साँसे ही अटक गयी थी, समझ आ गया था कि खूबसूरती बस धोका देती है.
स्मृति - गुड, ऐसा काम करोगे तो धोका ही मिलेगा.
लाइयन - वो आकर मेरे सामने खड़े हुए आदमी के पास आकर रुक गयी. उस आदमी की पीठ मेरी तरफ थी, और बोली के मे टाय्लेट जा रही हू. ये बात दर असल अपने हज़्बेंड को बोल रही थी जो मेरे सामने ही खड़ा था. मेरी जान मे जान आई और मेने एक बार और हिम्मत करके इशारे मे पुछ लिया कि इस पार्टी हॉल मे टाय्लेट कहाँ है. इस इशारे के टाइम उसका हज़्बेंड मुझे नही देख सकता था क्यूंकी उसकी पीठ मेरी तरफ थी.
स्मृति - फिर??
लाइयन - फिर क्या था, वो स्टाइल मे आगे बढ़ी और अपने हज़्बेंड को हग किया. अब उसका फेस मेरी साइड था और अपने हज़्बेंड के शोल्डर पे रखा हुआ था. और धीरे से अपने हज़्बेंड के कानो मे बोला कि हनी टाय्लेट सेकेंड फ्लोर पर है. ये बोलते हुए उसकी सेक्सी आइज़ मेरी साइड थी. मे समझ गया कि ये हिंट मुझे ही दिया गया है. मे ये भी समझ गया कि इस पार्टी हॉल से वो अच्छी तरह से वाकिफ़ है.
स्मृति - ओह्ह नो. शी वाज़ आ बिच.
लाइयन - वो जो भी थी लेकिन कसम से थी जबरदस्त. सच बता रहा हू कि अभी भी सोच रहा हू तो मेरा बाबू आसमान छुने की कोशिश कर रहा है.
स्मृति को भी काफ़ी टाइम हो गया था हज़्बेंड के साथ सेक्स किए हुए. ये एरॉटिक सिचुयेशन उसके चेहरे को और लाल कर रही थी.
स्मृति - बाबू?? ये क्या है?
लाइयन - समझिए ना स्मृति जी. बाबू यानी मेरा लंड.
लाइयन ने भी तुरंत मौके को देख कर टाइप कर दिया. स्मृति को पता था क़ी वो बिना कुच्छ पहने चॅट कर रहा है. इसीलिए उसकी एक फुल पिक्चर स्मृति के माइंड मे घूम गयी.
स्मृति - रहोगे जाहिल ही. अगर चॅट करनी है तो अंडरवेर पहनो और उसके बाद ऐसी बात ना करना.
लाइयन- लेकिन स्मृति जी...
स्मृति - लेकिन क्या?
लाइयन- आप तो मॅरीड है. डेली लंड को देखती ही होंगी, जब ये खड़ा होता है तो अंडरवेर मे कैसे समाएगा. वैसे भी मे फ्रेंची पहनता हू.
स्मृति ये ऐसी बाते सुन कर पता नही क्यू परेशान हुए जा रही थी. लाइयन की इस बात से उसे ये भी याद आ गया था कि वाकई मे उसे अपने हज़्बेंड से मिले हुए कुच्छ दिन ही गये थे. लाइयन की ये गंदी लॅंग्वेज उसके माइंड पे हावी हुए जा रही थी लेकिन वो शो नही कर रही थी.
स्मृति - बेशर्मी की भी हद होती है. अभी ट्राउज़र पहनो या कुच्छ भी पहनो और तभी चॅट करना. क्या तुम्हारे घर मे कोई मा या बहन नही है अगर कोई तुम्हे बिना कपड़ो के देख ले तो.
लाइयन - जी मेडम लो पहन लेता हू. लेकिन आपकी जान कारी के लिए बता दू कि मेरे घर मे मा बहन सब है लेकिन सब अपनी अपनी लाइफ मे मस्त है और सब अपने अपने रूम मे है. रही बात देखने की तो मे खुद जाकर तो दिखा नही रहा हू, अगर वो खुद ही देख ले तो उनकी अच्छी किस्मत से मे क्यू जलु.
स्मृति मन मे सोच रही थी कि ये कोई बेहद नालयक लड़का है. लेकिन दूसरी तरफ उससे चाटिंग करने की स्मृति को आदत भी पड़ गयी थी. वो रिलॅक्स थी क्यूंकी उसे ऐसा लगता था कि चाटिंग ही तो है. कुच्छ देर तक लाइयन का कोई रिप्लाइ नही था क्यूंकी शायद वो ट्राउज़र पहन रहा था या पहन ने का बहाना कर रहा था.
लाइयन - आइ आम बॅक...
स्मृति - ओके. अब बताओ अपनी उस बिच भाभी के बारे मे.
लाइयन - अगर कुच्छ नही सुन ना तो मत सुनो लेकिन मेरी उस भाभी के बारे मे कुच्छ मत कहो स्मृति जी.
स्मृति - ओह्ह हो. तो इतना लव हो गया है उस भाभी से.
लाइयन - लव की बात नही है. दर असल उसमे मुझे आपकी छवि दिखाई देती है और कोई आपके बारे मे कुच्छ बोले तो उसकी मा....
स्मृति को ये बात सुनकर अच्छा भी लगा और गुस्सा भी आया क्यूंकी उसने फिर से गंदी लॅंग्वेज यूज़ करने की कोशिश की. लेकिन स्मृति ने अब उसकी इन हर्कतो को इग्नोर करना शुरू कर दिया था ये स्पच कर कि है ही गँवार.
स्मृति - ओके ओके. सॉरी, चलो आगे बताओ.
लाइयन - सभी लोग पार्टी के लिए ग्राउंड मे थे. वो भाभी धीरे धीरे बिल्डिंग के लिए अंदर जाने लगी. लोंग ड्रेस को उसने अपने हाथो से पकड़ा हुआ था और थोड़ा सा ज़मीन से बचाती हुई चल रही थी, धीरे धीरे सबकी नज़रो से बचते हुए मे भी पीछे चल दिया.
स्मृति - ह्म्*म्म्ममम.......
लाइयन - वो मेरे आगे थी और उसकी नंगी पीठ ठीक मेरी आँखो के सामने थी. उसने पीछे मूड कर मुझे देखा और एक स्माइल दी. कसम से मुझे ऐसा लग रहा था जैसे स्मृति जी मेरे सामने हो. मे भी पागलो की तरह पीछे चला जा रहा था.
स्मृति भी ना चाहते हुए ऐसे मुकाम पर आ गयी थी जहाँ लाइयन मे उसको ऐसा फील करना शुरू कर दिया था कि वहाँ कोई भाभी नही बल्कि स्मृति खुद ही थी. स्मृति के कान गरम हो चुके थे, आँखे मॉर्निंग टाइम मे ही लाल हो रही थी. बड़ी मुश्किल से वो अपने को संभाले हुए थी.
स्मृति - ह्म्*म्म्मम.....
लाइयन - वो धीरे धीरे बिल्डिंग की तरफ बढ़ती जा रही थी. मुझे लगता है कि उसकी गान्ड आप के जितनी ही सेक्सी होगी जिसपे मेरी निगाह पूरी लगी हुई थी. सच बोल रहा हू मे उसे ऐसे देख रहा था जैसे स्मृति को देख रहा हू. मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
वो गंदी पे गंदी लॅंग्वेज यूज़ किए जा रहा था लेकिन आज स्मृति उसे नही रोक पा रही थी बल्कि चाटिंग मे पूरा सपोर्ट कर रही थी.
स्मृति - फिर???
लाइयन - उसने बिल्डिंग मे एंट्री ली और स्टेर्स लेकर उपर चली गयी. धीरे धीरे मे बिल्डिंग मे पहुँचा और मुझे सीढ़ियाँ दिखाई दी लेकिन स्मृति दिखाई नही दी. ओह्ह सॉरी भाभी दिखाई नही दी.
स्मृति की साँसे तेज होती जा रही थी. उसे ऐसा लग रहा था जैसे लाइयन उसी की तरफ बढ़ रहा हो.
स्मृति - फिर??
लाइयन - मे फर्स्ट फ्लोर पे पहुँचा और उसके बाद सेकेंड फ्लोर पे. लेकिन वो मुझे दिखाई नही दे रही थी. मे उसे पागलो की तरह ढूंड रहा था जैसे कोई पागल प्रेमी अपनी लैला को ढूंड रहा हो.
स्मृति - ओके... मिली या नही?
लाइयन - टाय्लेट मे ढूँढा, ईवन लॅडीस टाय्लेट मे भी ढूँढा लेकिन नही मिली. बिल्डिंग मे कोई नही था, चारो तरफ भाग भाग कर पागल हो रहा था. तभी मुझे उस बिल्डिंग की किचन मे से आवाज़ कुच्छ आवाज़ आई.
स्मृति -फिर??
लाइयन - किचन मे जैसे ही मे पहुँचा. मे रिलेक्स हो गया, वो वोही थी. बड्रे रेफ्रिजरेटर से पानी की बॉटल निकाल कर पी रही थी. वो अपने बाल खोल चुकी थी. स्मृति जी ऐसे लग रही थी जैसे सेक्स की देवी हो.
स्मृति की हालत और खराब हुए जा रही थी.
स्मृति - फिर क्या हुआ???
लाइयन - उसकी और मेरी आँखे मिली, पता नही क्यू मुझे फिर से ऐसा लगा जैसे मेरे सामने स्मृति खड़ी हो. मेने उससे पुछा पानी मिलेगा? वो घूम गयी और फिर से पीठ मेरे सामने थी. मे धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ा. उसकी मस्त मोटी मोटी गान्ड मुझे इन्वाइट कर रही थी. मे उसके बहुत करीब पहुँच गया.
स्मृति - यार बहुत स्लो टाइप करते हो. जल्दी जल्दी लिखो ना.
स्मृति भी आज उतावली हो रही थी ये जान ने के लिए कि आख़िर क्या हुआ.
लाइयन - अब मे कोई रोमॅंटिक हीरो तो था नही जो टाइम लगाता. जाकर उसकी पीठ पे दोनो हाथ रख दिए, उसकी दोनो आँखे बंद हो गयी. मे समझ गया कि लोहा गरम है. मेने अपने दोनो होठ उसकी गर्दन पे टिका दिए. क्या खुसबु आ रही थी उसके बदन से. उसको गर्दन पे किस करते करते मेने अपने दोनो हाथ उसकी ड्रेस मे घुसा दिए और उसकी चुचियों को पकड़ लिया. क्या चुचियाँ थी उसकी शायद बिल्कुल आपके जैसी साइज़ 38 डी से कम नही होगा.
स्मृति तो खो चुकी थी. उसने आज तक ऐसी चाटिंग नही करी थी.
स्मृति - जी नही, मेरा साइज़ 38 डी नही है.
लाइयन - जो भी आपका साइज़ है लेकिन उसकी चुचियो को मे यही सोच कर दबा रहा था कि वो आपकी ही है.
स्मृति - लेकिन क्यू सोच रहे थे कि वो मे हू?
लाइयन - इससे मेरे लंड मे और ताक़त आ जाती है जैसे कि अभी भी ट्राउज़र से भी बाहर निकलने को तैयार हो रहा है.
स्मृति - हा हा हा हा. तो कोई ले आओ ना जो इसे शांत कर दे.
लाइयन - कभी ना कभी आएगी ही वो. मुझे अपने प्यार पे पूरा भरोसा है.
धीरे धीरे मे भी उसके पीछे पीछे चल दिया. वो सेकेंड फ्लोर के एक कॉर्नर मे मूड गयी और थोड़ा दूर चलते ही एक रूम के अंदर चली गयी. मेरी फट तो रही थी लेकिन हिम्मत करके मे भी अंदर चला गया. वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी. मेरे अंदर घुसते ही वो अपने दोनो हाथ पीछे ले गयी और अपने ड्रेस की नाट खोली और ड्रेस एक दम नीचे. अब वो बस अपनी पैंटी मे थी. क्या नज़ारा था स्मृति जी, इतनी सुंदर लेडी आज बस मेरे सामने पैंटी मे थी. लड़को के लिए तो किसी लड़की की पैंटी ही देखना काफ़ी होता है यहाँ तो पैंटी मे एक खूबसूरत बदन भी था.
स्मृति - ज़्यादा पैंटी देखने का शोक है तो घर मे देख लिया करो. किसी ना किसी की दिख ही जाएगी.
स्मृति ने उसका मज़ाक उड़ते हुए कहा.
लाइयन - हर किसी की पैंटी का कलर, साइज़ , ब्रांड सब पता है मुझे.
लाइयन ने भी बेशर्मी से जवाब दिया.
स्मृति - तुम तो हो ही निकम्मे. आगे बताओ.
लाइयन - मेने आगे एक कदम ही बढ़ाया था कि वो उसी पोज़िशन मे धीमे से बोली कि क्लोज़ दा डोर. उसके ये बोलते ही मुझे समझ आ गया कि मुझे थप्पड़ क्यू पड़ा था. मेने गेट बंद करा और आगे बढ़ा, ऐसे लग रहा था जैसे आग की तरफ बढ़ रहा हू. आगे बढ़कर मेने उसे जैसे ही बाँहो मे लिया उसके मूँह से आअहह निकल गयी. मे समझ गया कि वो प्यासी है. और मुझसे बेहतर उसकी प्यास भुजाने वाला भला कौन होता.
स्मृति को पढ़ते हुए भी डर लग रहा था कि पता नही अब क्या होगा. इमॅजिनेशन इस उस दुनिया मे ट्रिपल ऐक्स_लाइयन उसे डाल चुका था जिसमे उसे यही लग रहा था कि सब कुच्छ उसी के साथ हो रहा है.
स्मृति - फिर क्या हुआ?
लाइयन - क्या मुझे तुम्हारी, सॉरी उस भाभी की प्याअ बुझा देनी चाहिए?
स्मृति - शायद वो प्यासी है ही नही.
स्मृति का इशारा अपनी तरफ था.
लाइयन - क्या अपने हुश्न की वो दो बूँद अपने आशिक के उपर नही गिरा सकती. क्या वो यही चाहेगी कि उसका आशिक पैदा हो और मर जाए बिना उसे पाए ही.
स्मृति - देखो मेरी मजबूरी समझो.
स्मृति ने जैसे ही टाइप करके भेजा उसे अपनी ग़लती का अहसास हो गया कि उसने क्या टाइप कर दिया.
स्मृति - मेरा मतलब है कि अपनी उस भाभी की मजबूरी समझो.
स्मृति ने जैसे ही टाइप करके भेजा उसे अपनी ग़लती का अहसास हो गया कि उसने क्या टाइप कर दिया.
स्मृति - मेरा मतलब है कि अपनी उस भाभी की मजबूरी समझो.
जैसे जैसे स्मृति कन्फ्यूज़ हो रही थी, वैसे वैसे लाइयन को अहसास हो रहा था कि उसका जादू चल रहा है.
लाइयन - खैर छोड़ो, आगे बताऊ?
स्मृति - हाँ बताओ
लाइयन - उसके नंगे बदन को पकड़े हुए मेने उसके कानो मे किस करते हुए पुछा की आए हुष्ण की ज्वालामुखी तेरा नाम क्या है. पता है उसने क्या जवाब दिया?
स्मृति - क्या?
लाइयन - उसने बोला कि मेरा नाम स्मृति है.
स्मृति - तुम झूठ बोल रहे हो. ये नाम तुम जान बुझ कर बता रहे हो.
लाइयन - उसने मुझे यही नाम बताया अब अगर आप कहो तो मे अपनी तरफ से बदल देता हू.
स्मृति - ये अहसान करना ज़रूरी नही है. आगे बको
लाइयन - स्मृति के कंधो को पकड़ मेने अपनी तरफ घुमाया, उसका गुलाब जैसा चेहरा मेरे सामने था और गुलाबी होठ भी. मेने अपने दोनो होंठ उसके गुलाबी होंठो पे रख दिए. उसकी दोनो चुचियाँ मेरे सीने मे गढ़ रही थी. स्मृति ने मेरे शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए थे. स्मृति मेरे साथ ऐसे पेश आ रही थी जैसे मुझे खा जाएगी. मेरी शर्ट उतार दी उसने.
लाइयन का इशारा स्मृति की तरफ था.
स्मृति - उसे क्या वो भाभी समझा है. वो कभी नही आएगी. लेकिन तुम आगे बताओ.
स्मृति को अपनी चूत की मूव्मेंट पता चल रही थी. सच तो ये है कि उसकी चूत सुबह सुबह ही गीली हो गयी थी.
लाइयन - फिर उसके लेफ्ट बूब्स पर से मेने हाथ हटाया और उसकी ड्रेस की नेक पर बनी नाट को खोलने लगा मे. स्मृति जी उसने वो ज़रा जिससे मुझे और लगने लगा कि वाकई मे वो आपके जैसी है. वो घूमी और कस के एक थप्पड़ दिया मेरे गाल पे.[/b][/b][/b][/b]
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