RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
इस टाइम दोनो के सीने आपस मे मिले हुए थे और कुशल ने प्रीति को कमर पर से कर पकड़ रखा था. सीना दबने से प्रीति के बूब्स और उपर की तरफ आ गये थे. वैसे भी प्रीति भाग कर आई थी जिस वजह से उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी प्रीति अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी.
प्रीति - "छोड़ मुझे, मेरा खून पिएगा". प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई और उसकी चेस्ट मे आराम से मुक्का मारते हुए बोलती है
कुशल -" पिला दे, कम नही होगा कसम से". प्रीति उसकी बात सुनकर शरम से लाल हो जाती है और अपना विरोध कम करते हुए साइड मे देखती है. अब भी वो दोनो उसी पोज़िशन मे है
प्रीति -" क्या पीने की बात कर रहा है". प्रीति लो वाय्स मे साइड मे देखे हुए बोलती है
कुशल -" खून के सिवाय ऐसा तो कुच्छ दिखाई नही देता जो पीने के लायक है". कुशल ये बात उसके बूब्स की तरफ देखता हुआ बोलता है
प्रीति ( शरमाते हुए)-" क्यू क्या कमी है बाकी चीज़ो मे". प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है. तभी प्रीति उससे एक झटके के साथ अलग हो जाती है. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी, वो थोड़ी घबराई हुई भी थी. उसके बूब्स उसकी सांसो के साथ उपर नीचे हो रहे थे.
प्रीति ( दूसरी तरफ मूँह फिराते हुए) - " ये क्या कर रहा है". उसके चेहरे पे एक मुस्कान थी. दर असल प्रीति के इतने करीब आ जाने से कुशल का लंड विकराल रूप मे आने लगा था और फाइनली उसके बूब्स को देख कर उसका लंड प्रीति के पेट पर वाइब्रेशन करने लगा था.
कुशल -" क्या हुआ प्रीति?" कुशल ने भोला बनते हुए कहा
प्रीति -"तो तू मुझे इस नज़र से देखता है". प्रीति ने दूसरी तरफ मूँह रखते हुए ही कहा.
कुशल -" क्या बात कर रही है, किस नज़र से देखता हू मे तुझे".
प्रीति -" ज़्यादा बन मत, ये मेरे पेट पे क्या चुभ रहा था? पता नही है तुझे?".
कुशल -" चुभ तो कुच्छ मेरे सीने भी रहा था. लेकिन क्या मेने कहा कि तू मुझे किस नज़र से देखती है. लेकिन वैसे क्या चुभ गया तेरे पेट मे."
प्रीति घूमती है ये देखने के लिए की आख़िर उसके पेट मे क्या चुभ रहा था. जैसे ही वो घूमती है, एक और झटका. कुशल का लंड उसके शॉर्ट मे टेंट की तरह तना हुआ था, ऐसा लग रहा था जैसे कि उसने कोई नकली रोड लगा ली हो शॉर्ट मे. " ओह माइ गॉड". प्रीति के मूँह से खुद ब खुद निकल जाता है.
प्रीति की तो जैसे साँसे ही रुक जाती है. वो दूसरी तरफ मूँह करके तेज तेज साँसे लेने लगती है. कुशल दूर खड़ा हुआ ही उससे पूछता है.
कुशल -" क्या हुआ प्रीति, क्यूँ इतना डर रही है".
प्रीति ( निगाहे नीचे किए हुए) - " तुझे क्या हुआ है, नॉर्मल तो है तू".
कुशल -" ये कैसी बहकी बहकी बाते कर रही है. ऐसा क्या देख लिया तूने".
प्रीति -" इसे क्या हुआ है?". वो दूसरी तरफ देखते हुए उसके लंड की ओर इशारा करती है.
कुशल -" ओह ये, ये तो शायद मुझे पेशाब आ रहा है". कुशल ने हंसते हुए कहा.
प्रीति -" तो जा कर के आना, खड़ा क्यो है". प्रीति का चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था, थोड़ा थोड़ा पसीना भी आ रहा था.
कुशल -" ओह मेरी प्यारी बहना, इससे डर गयी. ऐसे डरेगी तो हम तेरी शादी कैसे करेंगे". ये कहते हुए कुशल उसके ठीक पीछे आकर खड़ा हो जाता है और पीछे से प्रीति को हग कर लेता है. प्रीति एक दम सकपका जाती है लेकिन ऐसे शो करती है जैसे वो नॉर्मल है. कुशल का लंड अब ठीक उसकी गान्ड के उपर था.
प्रीति -" मुझे नही करनी शादी वादी. ये को बेकार के काम है". उसकी गान्ड पर धीरे धीरे कुशल के लंड का दवाब बढ़ता जा रहा था.
कुशल -" तो ज़िंदगी भर कली ही बनी रहेगी, फूल नही बन ना है तुझे?". कुशल अपने फेस को प्रीति के कान के पास ले जाकर ये बात बोलता है. प्रीति की आँखे बंद हो चुकी थी और दिल की धड़कने बढ़ चुकी थी.
प्रीति -" वो... वो भाई.... मुझे कुच्छ चुभ रहा है".
कुशल -" तुझे कुच्छ ग़लतफहमी है, कुच्छ नही ऐसा चुभने वाला". ये बात सुनकर प्रीति धीरे धीरे हाथ पीछे ले जाती है. और उसके होश उड़ जाते है जैसे ही उसका हाथ कुशल के लंड पर पहुँचता है. आगे से टच करने से उसे पूरा अहसास नही होता तो वो अपने हाथ को पीछे तक ले जाती है.
कुशल -" कैसा लगा?". कुशल का ये क्वेस्चन प्रीति को अंदर तक झकझोड़ देता है.
प्रीति -" क्या?"
कुशल -" वही, जहाँ तेरा हाथ है". और प्रीति उसकी ये बात सुनकर अपना हाथ हटा लेती है.
प्रीति -" मेरा हाथ... मेरा हाथ तो कहीं भी नही है". प्रीति ने बनते हुए कहा. लंड के टच से वो अंदर तक पिघलती जा रही थी. एक कुँवारी और जवान लड़की के लिए इतना काफ़ी होता है. वो पूरी कोशिश कर रही थी कि कुशल को ये दिखाए कि वो नॉर्मल है लेकिन उसकी हालत खराब होती जा रही थी. कुशल अपने एक हाथ से प्रीति को हग करके रखता है और दूसरे हाथ से अपने शॉर्ट और अंडरवेर को नीचे कर देता है. अब उसका लंड एक दम नंगा था लेकिन प्रीति उसे नही देख सकती थी. वो अब नंगा ही प्रीति की गान्ड पर चुभ रहा था. कुशल अब अपने एक हाथ से प्रीति का एक हाथ पकड़ता है और फिर उसे ले जाकर अपने लंड पर रख देता है. प्रीति का हाथ जैसे ही नंगे लंड को टच करता है, वो पागल जैसी हो जाती है और एक झटके से कुशल से अलग हो जाती है.
प्रीति की हालत शब्दो मे बयान नही की जा सकती. एक जवान लड़की ने आज उसे टच कर ही लिया जिसकी उसे सबसे ज़्यादा ख्वाहिश होती है. उसका सीना उपर नीचे हो रहा है, उसकी पीठ अभी भी कुशल की तरफ है लेकिन उन दोनो के बीच मे कुच्छ डिस्टेन्स है. उसके दिल मे लखो सवाल थे कि मेरा सगा भाई ऐसा क्यू पेश आ रहा है और दूसरी तरफ उसके दिल मे एग्ज़ाइट्मेंट था.
दोनो आपस मे कुच्छ बाते नही कर रहे है और दोनो की ही हालत बेहद खराब है. प्रीति को भी अहसास होने लगा है कि उसकी पैंटी मे कुच्छ लिक्विड आ रहा है. कुशल की निगाहे अब भी प्रीति की मोटी मोटी गान्ड पर है जिसे देख कर उसका लंड और भी हार्ड होता जा रहा है. प्रीति वहीं खड़े खड़े उसे तीर्छि निगाहो से देखती है, कुशल उसकी तरफ एक कदम बढ़ाता. प्रीति ये देख कर आँखे बंद कर लेती है, उसका दिल धड़क रहा है कि अब क्या होने जा रहा है. कुशल ठीक उसके पीछे आकर खड़ा हो जाता है, प्रीति अपने शोल्डर्स के करीब उसकी सांसो को फील कर रही है. कुशल अपने हाथ को बढ़ा कर प्रीति की टी-शर्ट मे डाल देता है और उसके नंगे पेट को टच करता है. धीरे धीरे उसका हाथ उसकी नाभि पेर पहुँच जाता है.
" आआआहह............. प्रीति के मूँह से एक जबरदस्त सिसरी निकल जाती है.
|