Kamukta Kahani दामिनी
11-17-2018, 12:50 AM,
#33
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--22

गतान्क से आगे…………………..

पापा के साथ जाने का भी मुझे एक अलग ही एग्ज़ाइट्मेंट था ..... मैं उनके साथ रहने की कल्पना मात्र से सिहर उठ ती .....हमारे बीच कोई नहीं होगा ..बस मैं और पापा और हमारा एक दूसरे के लिए असीम प्यार ..उफफफफफफफफ्फ़ ..कितनी मस्ती रहेगी ...मैं सोच सोच कर झूम उठ ती ..

उस रात काफ़ी देर तक पॅकिंग वग़ैरह में बिज़ी रही और सुबह की फ्लाइट से हम दोनों चल पड़े एक मस्ती भरे सफ़र की ओर ...

भैया और मम्मी दोनों एरपोर्ट तक आए थे साथ , हमें सी ऑफ करने .भैया कुछ उदास थे..

" अरे यार अभी.." पापा ने बड़ी बेतकलुफ्फि से कहा ..." कम ऑन चियर अप... ऐसे उदास रहोगे तो मेरी बीबी का ख़याल कैसे रखोगे बर्खुरदार ..? " उन्होने भैया को आँख मारते हुए कहा ..

" हाँ भैया ..पापा बिल्कुल ठीक कह रहे हैं ....और मैं कौन सा हमेशा के लिए जा रही हूँ..बस कुछ दिनों की ही तो बात है..और हम तो रोज याहू पर चॅट तो करेंगे ही ना.....और हाँ यहाँ की सारी रिपोर्ट हमें ई-मैल से रोज मिलनी चाहिए ....ही ही ही ही .."

मेरे और पापा की बातों से भैया के चेहरे पे मुस्कुराहट आई उन्होने मम्मी को उनके कमर से जकड़ते हुए अपनी ओर हल्के से खींचते हुए कहा "

"हा हा हा...पापा डॉन'ट वरी , आप की बीबी का ख़याल मैं अगर अपनी बीबी होती भी ना ..उस से ज़्यादा ही रखूँगा ....और दामिनी मेरी फिकर मत करना ...जस्ट एंजाय युवर ट्रिप ...तुम भी डेली रिपोर्ट भेजना .....ओके..?? "

" हाँ ये हुई ना मर्दों वाली बात ...." पापा ने भैया की पीठ थपथपाते हुए कहा ..और फिर हम दोनों एर पोर्ट के चेक इन काउंटर की ओर बढ़ने लगे...

इस सफ़र में मैने पापा का एक अलग ही रूप देखा ..एक दम खुशनूमा , चहकता और जवान ..शायद मुझ में उन्हें मम्मी की जवानी दीख रही थी , ..उन्हें अपने जवानी के दिन याद आ रहे थे और उन्होने अपने आप को भी उसी रूप में ढाल दिया ..पूरे सफ़र के दौरान वूह मुझ से ऐसा बिहेव कर रहे थे जैसे कोई अपनी नयी नवेली दुल्हन से करता हो ..मेरी छोटी से छोटी ज़रूरतों का ख़याल रखते , कभी कोल्ड ड्रिंक्स तो कभी स्नॅक्स ..हर मिनिट कुछ ना कुछ प्लेन के काउंटर से ले आते , मैं भी पापा के इस बदले रूप का मज़ा ले रही थी ..हम दोनों को देख कोई नहीं कह सकता था हम दोनों बाप -बेटी हैं ..और पापा की सेहत और फिगर अच्छी होने के मारे वो लगते भी बिल्कुल कॉलेज गोयिंग की तरह ...मैं भी पापा के इस रूप का पूरी तरह साथ दे रही थी ..कॅबिन क्र्यू बड़े हैरान थे हमें देख ..हम ने अपने रिश्ते के बारे किसी से कुछ नहीं कहा था ..बस एक सस्पेंस बनाए रखा ....और उनकी हैरानी का मज़ा लेते रहे हम दोनों ...

पापा मुझ से बातें करने के बहाने अपना मुँह मेरे कान से सटा ते ..पर कुछ बोलने की बजाय मेरे कान अपनी जीभ से चाट जाते ...हल्के हल्के जीभ फिराते ..और मैं उन्हें नयी नवेली दुल्हन की तरह प्यार से धकेल देती ....कभी वो मेरी जंघें सहलाते ..कभी सब से नज़रें बचाते मेरी चूत मेरी जीन्स के उपर से ही सहला देते .पूरे सफ़र उन्होने मुझे बिज़ी रखा ..मैं भी उनके इस छेड़खानी का भरपूर मज़ा ले रही थी ..

और इस छेड़खानी का नतीज़ा था ..हम दोनों बिल्कुल गरम थे ... उनका लौडा फंफना रहा था और मेरी चूत गीली थी .उनका लौडा मेरी चूत ढूँढ रहा था और मेरी चूत उनका लंड ..दोनों बेताब थे ..

तभी प्लेन के लॅंडिंग होने की अनाउन्स्मेंट हुई ..हम दोनों अलग हुए और सेफ्टी बेल्ट बाँध ली ..प्लेन बड़े स्मूद्ली बिना किसी झट्के के लॅंड कर चूकि थी ..

बाहर होटेल की कार खड़ी थी हमें लेने को .. बाप - बेटी के हनी मून ट्रिप की धमाकेदार शुरुआत हो चूकि थी ..

जिस होटेल में हम जा रहे थे वो शहर का एक नामी 5 स्टार होटेल था और पापा हमेशा यें आया करते थे जब भी उनका यहाँ टूर होता ..इसलिए वहाँ उन्हें VईP ट्रीटमेंट मिलता ...और उनकी बेटी होने के कारण मुझे तो और भी ज़्यादा भाव वहाँ मिल रहा था ..

रूम में पहुँचते ही फूलों की बुके से हमारा स्वागत हुआ , कोल्ड ड्रिंक्स ऑफर हुआ .. एक अटेंडेंट हमारा समान वग़ैरह ले आया और तरीके से लगा चला गया ...कहने की ज़रूरत नहीं रूम सर्विस काफ़ी एफीशियेंट थी ..पर हम तो जल्दी से अकेले होने का इंतेज़ार कर रहे थे ...

प्लेन में पापा की हरकतों की गर्मी अभी भी मेरे तन बदन में आग लगा रही थी ..

जैसे ही अटेंडेंट बाहर गया ..मैने दरवाज़ा अंदर से बोल्ट कर दिया ...

पापा बीस्तर पर लेटे थे सिर्फ़ शॉर्ट्स में ...मैने अपने दोनों पैर उनके दोनों ओर रखते हुए उनके लौडे के उपर बैठ गयी और अपनी चूतड़ घिसने लगी ....

" कम ऑन पापा ....मेरे दूल्हे राजा ... अपनी नयी नवेली दुल्हन को छोड़ आप लेटे हो..? दिस ईज़ नोट फेर .."

पापा मुझे बस देखते रहे ...मैने अपनी चूतदों का घिसना जारी रखा........थोड़ी देर तक मुझे बड़े प्यार से निहारते रहे और फिर कहा

" दामिनी ..मैने पीछले जन्म में ज़रूर कुछ अच्छा काम किया होगा .."

मैं हंस पड़ी और कहा " अरे पापा आप पीछले जन्म को भूलो और इस जन्म का मज़ा तो लो ना ...कम ऑन पापा ....मैं कितनी गर्म हो रही हूँ..और देखिए ना मेरी होल में भी कुछ कड़ी सी चीज़ महसूस हो रही है..हिहीही .."

" हाँ येई तो है ना दामिनी ....मुझे इतनी समझदार और प्यारी सी बेटी मिली... तुम इतनी जल्दी सब कुछ समझ जाती हो ....तुम्हें मेरे दिल की बात समझ आ गयी ....हाँ दामिनी ...तुम्हें देखता हूँ ना , मुझे तुम्हारी मम्मी की जवानी याद आ जाती है ..और मैं भी अपने को फिर से जवान महसूस करने लगता हूँ.....

तुम्हें तो मालूम ही होगा हमारी शादी ऐसे ढंग से हुई के हम लोग एक ट्रडीशनल शादी का पूरा मज़ा नहीं ले पाए ..हम ने तो सुहागरात भी ठीक से नहीं मनाई ..तेरी मम्मी को घर छोड़ कर आना पड था ना..

इसलिए मैं तुम्हें अपने साथ अकेले लाया के जो मज़ा मैं उस समय नहीं ले पाया ..कम से कम तुम्हारे साथ अब तो ले सकूँ ..."

"हाँ पापा मुझे सब मालूम है आप दोनो के बारे ..आप ने भी कितनी हिम्मत दिखाई थी , मम्मी का आप ने हमेशा साथ दिया .... ऊवू पापा मैं भी तो अपने आप को लकी समझती हूँ , आप जैसा ख़ूले और आज़ाद ख़यालों वाला बाप हमें मिला ... "

" और हाँ कुछ येई हाल तेरी मम्मी का भी है दामिनी..इसलिए अभी और कम्मो को मैने वहाँ अकेले छोड़ा ..के तेरी मम्मी भी अभी के साथ अपनी जवानी के दिन फिर से जी ले..."

पापा के इस बात से मैं भौंचक्की हो गयी..यानी पापा को मालूम था भैया और मम्मी के बारे ..

मैने आँखें फाड़ते हुए उनकी तरफ देखा और कहा " मतलब आप को भैया और मम्मी के बारे....?"

" हाँ दामिनी मुझे सब मालूम है तेरे और अभी के बारे भी ....इस रिश्ते में कोई बुराई नहीं बेटी ..आख़िर हम सब अपने ही तो हैं ना .? बिल्कुल अपने , बिल्कुल नज़दीकी ...और इस रिश्ते को और नदज़िक और मधुर बनाने का इस से अच्छा और क्या तरीका हो सकता है ..??"..मैं बस हैरान सी सुनती जा रही थी और पापा बोले जा रहे थे ..उनकी बातों में काफ़ी वज़न था ..." तेरी मम्मी हमेशा मुझे बताती रहती हैं ....और बेटी एक बात का ध्यान रखना हम इस रिश्ते को बिल्कुल वैसे ही चलने देंगे जैसा अभी चल रहा है ...मतलब लेट अस कीप इट लाइक आन ओपन सीक्रेट...जैसा कम्मो ने कहा है ना के मैं तुम तीनों के बीच नहीं आउन्गा ....बस ये हमेशा ऐसे ही रहेगा ..."

" पर क्यूँ पापा ..?? आप भी रहेंगे तो कितना अच्छा रहेगा ..?? "

" देख बेटा मैं समझता हूँ ... पर तू नहीं जानती मेरे रहने से अभी उतना खुला खुला नहीं महसूस करेगा ..वो ज़रा शाइ नेचर वाला है ना ..इसलिए अभी फिलहाल ऐसे ही चलने दो ..समय आने पर देखा जाएगा ...ओके ?? "

पापा शायद ठीक थे भैया थोड़े शाइ और ज़रा सीरीयस टाइप के थे ..और पापा के साथ रहने से उनमें फिर वो बात नही आ पाती .....

मैं पापा से लिपट गयी और उन्हें चूम लिया ... " पापा यू आर दा बेस्ट पापा ..यू आर दा बेस्ट ..ऊऊऊओ आइ लव यौउउउउउउ ..लव यू सो मच....."

" और तू भी तो मेरी कितनी प्यारी प्यारी रानी बिटिया है ...." और उन्होने मुझे अपने सीने की तरफ खींचते हुए अपने चौड़े सीने पर बिठा लिया ....मेरे जीन्स को मेरे चूतडो से नीचे कर दिया..मेरी पैंटी भी जीन्स के साथ उतर गयी ..मेरी चूत पापा के मुँह के सामने थी ....

पापा ने अपने सर के नीचे एक और तकिया लगा लिया , उनका मुँह मेरी चूत से बिल्कुल लगा था..उनकी गर्म गर्म साँसों का गर्म गर्म झोंका मेरी चूत की फकॉं में महसूस हो रहा था ....उन्होने अपनी नाक मेरी चूत में लगाई और सूंघने लगे और एक लंबी सांस अंदर ली

" उफफफफफफ्फ़ ....दामिनी ..तेरी जवान चूत की महेक अलग ही है ..मन करता है इस महेक को अपने अंदर हमेशा के लिए समा लूँ ..." कितना रोमॅंटिक मूड था ...उन्होने तीन चार बार लंबी लंबी साँसें लेते हुए मेरी चूत की महक अपने जेहन में समाते रहे ..मैं आँखें बंद किए उनके रोमॅंटिक मूड का मज़ा ले रही थी ..

फिर उन्होने अपनी जीभ निकाली और हाथों से चूत फैलाते हुए जीभ अंदर डाल दी और चाटने लगे मेरी गीली चूत .. उपर नीचे ..उपर नीचे ...मैं सिहर उठी ..उनके सीने में मेरे चूतड़ अक्षेल रही थे और चूत का पानी जीभ से चाट चाट पापा पूरे का पूरा मुँह में ले लेते ..फिर कभी अपने होंठों से फांकों को जाकड़ जोरों से चूस डालते ..मुझे ऐसा लगता जैसे मेरे अंदर से कुछ बह रहा है ...मैं कांप रही थी ..तभी मैने भी अपने हाथ पीछे करते हुए उनकी ज़िप खोल उनका तननाया लौडा अपने हथेली से जाकड़ लिया और सहलाने लगी ..पापा इस हमले से और भी जोश में आ गये और उनकी मेरी चूत चाटने की स्पीड ज़ोर पकड़ती गयी ....मैं कांप रही थी और उनके लौडे को और जोरों से जाकड़ लेती और उसकी चॅम्डी उपर नीचे करती जाती ...उफफफफफ्फ़ दोनों मस्ती में सब कुछ भूल चूके थे ...

और फिर हम ने अपने हथेली में पापा के लंड से गर्म गर्म लावा की फुहार महसूस की ....मैने पूरा अपने हाथों में लिया ..फिर भी इतना तेज़ फवररा था ..बीस्तर पर भी गिरा और उसके साथ ही मैने भी चूतड़ उछलते हुए पापा के चेहरे पर पानी का फावाररा छोड़ना शुरू कर दिया .....".पपाााआआअ .....उईईईई ....." पापा ने मेरी कमर जकड़ते हुए अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और पूरे का पूरा पानी अंदर ले रहे थे ...

हम दोनों शांत हो गये .... सफ़र की गर्मी और थकान भी शांत हो गयी थी .

क्रमशः……………………..
Reply


Messages In This Thread
Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:43 AM
RE: Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:50 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,511,882 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,594 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,236,364 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 934,795 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,660,107 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,086,401 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,960,222 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,085,978 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,043,936 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,929 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)