Mastram Kahani प्रीत का रंग गुलाबी
11-17-2018, 12:42 AM,
#31
RE: Mastram Kahani प्रीत का रंग गुलाबी
जिस महल को वो हमेशा से बस एक जर्जर ईमारत के रूप में देखता आ रहा था आज वो महल किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह सजा संवरा खड़ा था रामू के पैर अपने आप रुक गए सुध बुध जैसे खो सी गयी,

अब उसे कहा इस बात का ख्याल था की थोड़ी देर पहले जहा तेज बरसात हो रही थी अब चारो तरफ धुप खिली हुई थी ढलती सांझ वापिस कडक दोपहर में बदल गयी थी पर जैसे रामू को किसी चीज़ से कोई लेना देना नहीं था 

ऐसी सुन्दरता, ऐसी भव्यता उसने तो क्या उसके बाप दादा ने भी नहीं देखि होगी, रामू पर जैसे महल का सम्मोहन सा हो गया था और तभी महल का वो बड़ा सा दरवाजा खुल गया रामू ने अन्दर की तरफ देखा दरवाजे के पीछे का शानदार नजारा 

एक तरफ ढेर सारे पेड़ लगे थे एक तरफ कोई सरोवर सा था , वोही सरोवर जिसमे रनिया नहाया करती थी अठखेलिया करती थी और तभी एक बकरी अन्दर को घुस गयी अब रामू का ध्यान टूटा ये क्या हुआ बकरी तो अन्दर चली गयी 

उसके मन के द्वन्द चल रहा था उस पल क्या करे महल के बारे में जो सुनता आया था की इसमें भूत प्रेत है पर दूसरी तरफ महल जैसे बाहे फैला कर उसे अपनी और बुला रहा था और फिर बकरी को भी वापिस लाना था 

रामू ने अपना दिल कडा किया और रख दिए कदम अन्दर की और जैसे ही वो चारदीवारी के अन्दर पंहुचा उसे अचानक से ठण्ड सी लगने लगी जैसे की कोई बर्फ छू गयी हो उसको उसने बकरी को आवाज दी पर वो उसे कही दिखाई ना दी तो वो सरोवर की तरफ चला 

और फिर उसने जो देखा उसे तो यकीन ही नहीं हुआ उसकी पीठ रामू की तरफ थी पर रामू का लंड खड़ा हो गया था उस हाहाकारी नज़ारे को देख कर कमर तक पानी में डूबी वो हसीना रामू को अब कुछ होश नही रहा बस उसका हाथ अपने लंड पर चला गया और वो उसे सहलाने लगा 

और तभी वो हसीना पलटी और उसकी नजर रामू पर पड़ी, दोनों की नजरे मिली और फिर वो बाहर निकली सरोवर से बिलकुल नग्न बढ़ने लगी रामू की तरफ उसकी विशाल चुचिया हिल रही थी पतली कमर और उन्नत नितम्ब रामू ने आज से पहले किसी को भी ऐसे नहीं देखा था 

एक तो रामू की उत्तेजना के कारण धड़कने बढ़ी हुई थी ऊपर से अब पसीने से नाहा चूका था वो संयुक्ता उसके पास आई 

रामू- कौन हो तुम 

वो- एक बंजारन हु, प्यास लगी थी तो यहाँ आ गयी उसने अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए कहा 

रामू तो जैसे दिल हार बैठा उसकी इस अदा पर उत्तेजना के मारे अब उसे किसी और चीज़ का कहा ख्याल था और वैसे भी जब संयुक्ता जैसा माल वो भी नंगी उसकी आँखों के सामने खड़ी थी 

रामू- तो बुझ गयी प्यास 

वो- तुम आ गए हो बुझ ही जाएगी 

दोनों मुस्कुराये संयुक्ता ने रामू के हाथ अपनी छातियो पर रख दिए रामू ने अपने कांपते हाथो से उन मदमस्त उभारो को छुआ तो उसे ऐसे लगा की जैसे रुई के ढेर पर हाथ रख दिए हो पर जब उत्तेजना सर पर चढ़ी हो तो बताने की जरुरत नहीं होती 

रामू संयुक्ता के उभारो से खेल रहा था और उसके हाथ में रामू का लंड था जिसे वो बड़े प्यार से सहला रही थी रामू तो मस्त हो गया था उअर भूल गया था की शायद इस समय उसे इस जगह पर नहीं होना चाहिए था 

पर शायद यही उसकी नियति थी यही उसकी तक़दीर थी जो उसी मौत के मुह में ले आई थी संयुक्ता उसके लंड से खेलते हुए उसके होंठो को चूस रही थी आज एक बार फिर से वो अपनी इस आग में जलने वाली थी आज एक बार फिर से वो अपनी चूत की गर्मी को ठंडा करने वाली थी 

कुछ चूमा चाटी के बाद संयुक्ता वही घास पर लेट गयी और अपनी टांगो को फैला लिया उसकी बिना बालो की गुलाबी चूत रामू की आँखों के सामने थी इशारे से संयुक्ता ने उसे चाटने को कहा और मंत्र्मुघ्ध सा रामू झुक गया उसकी जांघो के बीच 

संयुक्ता की चूत से आती भीनी भीनी सी खुशबु उसे जैसे पागल करने लगी थी उसकी जीभ अपने आप उस गुलाबी पंखुडियो को छू लेना चाह रही थी और जैसे ही रामू की जीभ ने संयुक्ता की चूत तो टच किया संयुक्ता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी 

उसके होंठो से आहे फूट पड़ी उसके कुल्हे ऊपर को उठने लगे और रामू की जीभ चूत के अंदरूनी हिस्से में रेंगने लगी जैसे जैसे रामू की जीभ अपना कमाल दिखा रही थी संयुक्ता का बदन जलने लगा अब उसे बस एक लंड चाहिए था जो उसकी प्यास को बुझा सके 

उसने रामू को अपने ऊपर से हटाया और फिर रामू को लिटा दिया और चढ़ गयी उस पर रामू जो मन ही मन सोच रहा था की उसकी तो किस्मत ही खुल गयी जो इतनी खुबसूरत औरत उस से चुदवा रही है पर उसे क्या पता था की वो किस जाल में फास गया था 

अपनी चूत में लंड को पाकर संयुक्ता को करार सा आ गया था वो पुरे जोश से रामू के लंड पर कूदने लगी और रामू भी मस्ती में चूर हो चूका था चुदाई पूरी मस्ती से चल रही थी ऊपर से संयुक्ता के सम्मोहन में जकड़ा हुआ रामू 

उसे तो पता भी नहीं चल रहा था की कैसे उसके खून की एक एक बूँद वो निचोड़ रही है किसी खिलोने की तरह वो रामू के जिस्म से खेल रही थी अपनी प्यास बुझा रही थी पर उसकी प्यास अनंत थी और रामू की कुछ हदे थी 

वो बस उसे इस्तेमाल करती रही जब तक की रामू के प्राण पखेरू न उड़ गए तब कही जाकर उसकी चूत की आग को चैन मिला
Reply


Messages In This Thread
RE: Mastram Kahani प्रीत का रंग गुलाबी - by sexstories - 11-17-2018, 12:42 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,493,003 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,534 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,228,442 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 929,175 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,649,098 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,076,555 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,944,229 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,033,990 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,023,360 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,113 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)