RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
अब मनोहर ने उसकी पैंटी को भी नीचे सरका दिया और जब उसने सुधा की फूली फांको वाली चिकनी चूत देखी तो वह पागल हो गया और दोनो हाथों से सुधा की चूत की फांको को फैला कर अपनी लंबी जीभ निकाल कर सुधा की चूत की गहराई से लेकर गान्ड के भूरे छेद कर कस कस कर चाटने लगा और सुधा किसी जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी, मनोहर उसकी गान्ड को दोनो हाथो से मसल मसल कर अपनी लंबी जीभ से अपनी बेटी की गुदाज गान्ड और फूली चिकनी चूत को खूब कस कस कर दबा दबा कर चाट रहा था, और सुधा खूब सिसीकिया ले रही थी, दोनो यह नही जानते थे कि घर की खिड़की के पर्दे की साइड से सोनू उन दोनो बाप बेटी की रस लीला देख रही थी और अपनी बुर को अपने हाथों से खूब दबा रही थी,
सुधा की चूत से रस बह रहा था और मनोहर अपनी प्यारी जवान बेटी की फूली चिकनी चूत की फांको को खूब खोल खोल कर पी रहा था, सुधा कहने लगी आह सीयी ओह पापा कितना अच्छा चाटते हो आप में पागल हो जाउन्गी, आह आह आह्ह्ह सीयी ओ माँ मर गई, अब मनोहर ने अपनी एक उंगली को थूक में भिगो कर सुधा की मस्त गुदा में पेल दिया और उसकी गुदा में उंगली दबाते हुए वह उसकी बुर चाट रहा था, अब मनोहर ने सुधा की जीन्स को पूरा उतार दिया और उसकी मोटी गान्ड को पकड़ कर बेड पर सीधा लेट गया और सुधा को कहा बेटी अपने पापा के मुँह में बैठ जाओ सुधा की मोटी मोटी जांघे मनोहर के दोनो तरफ थी और उसने अपनी मोटी गान्ड को उठा कर मनोहर के मुँह में रख दिया मनोहर किसी पागल कुत्ते की तरह सुधा की गान्ड और चूत को चाटने लगा सुधा की चूत से अब पानी ज़्यादा निकल रहा था और वह सीधे मनोहर के मुँह में जा रहा था और मनोहर खूब कस कस कर अपनी बेटी की चूत पी रहा था,
सुधा की मोटी गान्ड के नीचे मनोहर का मुँह दबा हुआ था सुधा उसके मुँह में गान्ड फैलाए बैठी थी तभी सुधा की नज़र उसके पापा के लूँगी में खड़े मोटे तगड़े लंड पर पड़ी वह थोड़ा आगे झुक गई जिससे उसकी फूली चूत खुल कर मनोहर की आँखो के सामने आ गई और मनोहर ने लंबी जीभ निकाल कर जब सुधा की चूत को गान्ड के छेद से लेकर नीचे तक चाटा तो सुधा से रहा नही गया और उसने झुक कर मनोहर के लंड से लूँगी हटा दी और जब उसकी नज़र अपने पापा के मस्त काले लंड पर पड़ी तो उसकी आँखे चकरा गई अपने पापा के लंड के फूले हुए सुपाडे को देख कर सुधा मस्त हो गई और उसने अपने पापा के केले को पकड़ लिया और जब उसने उसको दबा दबा कर देखा तो उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वह हाँफने लगी लेकिन मनोहर ने उसकी चूत को और ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया, सुधा से रहा नही गया और उसने पापा के लंड को पकड़ कर सीधे अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी, यह सीन देख कर सोनू के मुँह में पानी आ गया और उसने अपनी बुर में एक उंगली डाल ली,
मनोहर तो जैसे सातवे आसमान पर उड़ने लगा और जब सुधा ने पापा के बड़े बड़े अंडकोषो को अपने हाथों में भर कर सहलाते हुए उनके लंड के टोपे को चूसा तो मनोहर पागलो की तरह अपनी बेटी की गोरी गदराई गान्ड को दबोच दबोच कर उसकी बुर पीने लगा, दोनो ने चूस चूस कर एक दूसरे के लंड और चूत को लाल कर दिया, अब दोनो का रस निकलने की कगार पर पहुच गया इसलिए सुधा अपनी मोटी गान्ड हिला हिला कर अपनी चूत को मनोहर के मुँह में रगड़ने लगी और मनोहर ने अपनी जीभ बाहर निकाले हुए उसकी चूत की रगड़ को महसूस करने लगा, सुधा खूब तेज तेज अपनी चूत अपने पापा की जीभ पर रगड़ रही थी और खूब कस कस कर पापा के आंडो को दबा दबा कर उनके लंड को चूस रही थी तभी सुधा की बुर ने एक फव्वारे के साथ पापा के मुँह में मूत दिया और उधर मनोहर के लंड को अपने मुँह में जैसे ही कसा मनोहर ने भी एक तेज पिचकारी सुधा के मुँह में छोड़ी और सुधा उसके रस को चूस चूस कर पागलो की तरह चाटने लगी और दोनो तब तक एक दूसरे का रस पीते रहे जब तक की एक एक बूँद बाकी ना रह गई हो,
सुधा अभी भी पेट के बल मनोहर के उपर उल्टी लेटी थी उसने सिर्फ़ टीशर्ट पहने हुए थी और नीचे पूरी नंगी थी उसकी साँसे तेज चल रही थी और उसके हाथ में मनोहर का लंड अभी भी था लेकिन उसकी आँखे बंद थी मनोहर सुधा की गान्ड को अभी भी हल्के हल्के सहला रहा था, उधर सोनू का मुँह खुला का खुला ही रह गया था जब उसने देखा कि सुधा ने कैसे अपने पापा का सारा रस निचोड़ निचोड़ कर चाट लिया था, तभी मनोहर ने सुधा को आवाज़ दी और सुधा एक दम से मनोहर के उपर से उतर कर बेड पर बैठ गई और उसकी नज़रे नीचे थी,
मनोहर : बेटी इधर आओ और मनोहर ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया,
मनोहर : तुम्हे मज़ा आया कि नही
सुधा : मनोहर को हल्के से धकेलते हुए मुस्कुरा कर कहने लगी पापा आप बहुत खराब है
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