RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
अगले दिन रोज की दिनचर्या के हिसाब से वो लोग पार्क में एक्सर्साइज़ करने गये वहाँ सोनू और सुधा ने मनोहर को अपनी मोटी मोटी गान्ड दिखा दिखा कर खूब एक्सर्साइज़ की और मनोहर उनकी भरी हुई मोटी जांघे और भारी गदराए चुतड़ों को देख देख कर खूब गरम हुआ उसके बाद सुधा मनोहर के पास पढ़ने चली गई,
रोहित सुबह अपने ऑफीस की ओर निकल गया और नीलम अपनी किसी सहेली के साथ मार्केट चली गई उधर सुधा आज जीन्स और टीशर्ट पहन कर पापा के पास पढ़ रही थी मनोहर को आज कुछ देखने को मिल नही रहा था और वह सुधा से सीधे मुँह कह भी नही सकता था कि तू वही फटी लेग्गी पहनकर मुझे अपनी चूत दिखा, वह सुधा को कोई सवाल समझा रहा था जिसे सुधा ने दो बार ग़लत कर दिया तो मनोहर ने गुस्से में उसके गाल पर एक चपत लगा दी जिससे सुधा का गोरा गाल लाल पड़ गया और वह मुँह फूला कर सवाल करने बैठी थी तभी सोनू चाइ लेकर आई और मनोहर को चाइ दी और सुधा से कहा ले सुधा चाइ पी ले तब सुधा ने कहा मुझे नही पीना चाइ वाई,
सोनू : पापा इसे क्या हुआ
मनोहर : अरे बेटी एक ही सवाल को दो तीन बार समझा चुका हूँ पर इसके दिमाग़ में भूसा भरा है इसे समझ ही नही आ रहा इसलिए मैने एक थप्पड़ दे दिया गाल पर, सोनू सुधा के पास बैठ कर उसके लाल गालो को हाथों से सहलाती हुई कहने लगी पापा आप भी ना कोई जवान बेटी को मारता है क्या और फिर आपका चाँटा मारना ही था तो गाल पर क्यो मारा उसके गाल पर निशान बन गया है आगे से आप गाल की बजाय ऐसी जगह थप्पड़ मारिए जहाँ किसी को दिखाई ना दे यह बात सोनू ने मुस्कुराते हुए की, सोनू का इशारा मनोहर को समझ आ गया और सुधा भी सोनू की बातों को समझ गई जिससे उसका लाल गाल और भी लाल हो गया और सोनू अपने भारी चुतड़ों को मटकाती हुई बाहर जाते जाते यह कह गई कि आज घर में कोई नही है पापा में बाहर अकेली हूँ कुछ काम हो तो आवाज़ दे देना तब मनोहर ने सुधा को मुस्कुरा कर देखा और सुधा का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खिचते हुए उसके लाल गालोको चूमते हुए कहा ओके बाबा सॉरी माइ डार्लिंग अपने पापा को माफ़ कर दो, तब सुधा ने कहा मैने तो आपको पहले ही माफ़ कर दिया है पर अब आप मुझे गाल पर थप्पड़ नही मारेंगे,
मनोहर : मुस्कुराते हुए तो फिर कहाँ मारेंगे
सुधा ; नखरा छोड़ते हुए कहने लगी गाल को छोड़ कर जहाँ आपका मन करे मार लेना, तब मनोहर ने सुधा के मोटे मोटे चुतड़ों को दबोचते हुए कहा अबकी बार अगर तुमने सवाल ग़लत किया यो में तुम्हे यहाँ मारूँगा तब सुधा का चेहरा लाल पड़ गया और उसने कहा ठीक है मार लेना और मनोहर ने उसे सवाल दे दिया, सुधा सवाल तो समझ गई थी लेकिन इस बार उसने मुस्कुराते हुए जान बुझ कर सवाल ग़लत कर दिया तब मनोहर ने जब सवाल चेक किया तो सुधा मंद मंद मुस्कुराने लगी तब मनोहर ने कहा चलो अब थप्पड़ खाने के लिए तैयार हो जाओ तब सुधा किसी कुतिया की तरह अपनी मोटी गान्ड उठा कर बैठ पर घूम कर अपने भारी चौड़े चुतड़ों को पापा के मुँह की ओर कर दिया, मनोहर का लंड लूँगी के अंदर सुधा की गान्ड की चौड़ाई देख कर तन गया
और उसने सुधा की मोटी गान्ड को बड़े प्यार से सहलाया और गान्ड की गहराई से उस स्थान तक हाथ फेरा जहाँ सुधा की गुदाज फूली चूत का उभार भी नज़र आ रहा था, मनोहर सहला रहा था और सुधा आँखे बंद किए हुए झुकी थी,
सुधा : अब हाथ क्या फिरा रहे है मारिए ना
मनोहर : ये तो चीटिंग है इस जीन्स के उपर से मारने पर तुम्हे तो लगेगा ही नही, पहले अपनी जीन्स को अपने चुतड़ों से नीचे सरकाओ तब तो सज़ा में पड़ने वाले थप्पड़ो का असर होगा,
सुधा : पापा भाभी आ जाएगी
मनोहर : तो जाओ पहले गेट बंद करके आओ, मनोहर की बात सुना कर सुधा उठी उसका चेहरा पूरा लाल हो रहा था और जब वह अपनी गुदाज मोटी गान्ड मटकाते हुए दरवाजे की तरफ गई तो मनोहर उसकी मोटी गान्ड को देखते हुए लूँगी के उपर से अपने लंड को मसल्ने लगा और मन में सोचने लगा कि उसकी बेटी के चूतड़ और बदन तो पूरा फिल्म आक्ट्रेस आएशा टाकिया की तरह लग रहा है हाई क्या गुदाज गान्ड है आज तो पूरी नंगी करके मारूँगा इसके भारी चुतड़ों पर,
उसके बाद शुदा जब पलट कर आने लगी तो उसने देखा उसके पापा उसके टीशर्ट में खरबूजो की तरह तने दूध और पाव रोटी की तरह फूली उभरी हुई चूत को देख देख कर अपने लंड को लूँगी के उपर से मसल रहे है, उसका चेहरा लाल हो गया और वह मुस्कुराते हुए बेड पर चढ़ कर वापस कुतिया की तरह अपनी गान्ड उभार कर झुक गई, फिर जैसे उसे कुछ याद आया और वह एक पल के लिए घुटनो के बल सीधी हुई और उसने अपनी जीन्स के बटन को खोल कर अपनी ज़िप खोल ली, और फिर से झुक गई,
मनोहर उसके चुतड़ों के करीब आ गया और धीरे से सुधा की जीन्स को उसकी गदराई मोटी गान्ड से नीचे उतारने लगा जैसे ही उसने जीन्स को थोड़ा सा सरकाया उसे सुधा की गोरी गदराई गान्ड पर लाल कलर की पैंटी नज़र आई उसने जीन्स को सुधा के मुड़े हुए घुटनो तक उतार कर छोड़ दिया मनोहर की आँखो में सुधा की गदराई गान्ड और उस पर लाल कलर की पैंटी देख कर खून उतर आया,
सुधा की गोरी मसल गदराई गान्ड पर लाल पैंटी की लेस उसकी गान्ड के छेद से लेकर फूली चूत की फांको में फसि हुई थी, उसकी चूत की उभरी हुई फांके बिना बालो के काफ़ी चिकनी दिखाई दे रही थी, मनोहर ने एक बार सुधा के पूरे चुतड़ों पर हाथ फेरा फिर कस कर एक थप्पड़ सुधा के एक पाट पर जड़ दिया और सुधा आह की आवाज़ निकाल बैठी तभी मनोहर ने दूसरे पाट पर भी एक थप्पड़ मारा और सुधा आह पापा कहने लगी,
उसके दूध से सफेद चुतड़ों का रंग दो थप्पड़ो में ही सिंदूरी हो गया और मनोहर ने अब उसकी मोटी गान्ड पर थप्पड़ रुक रुक कर मारने लगा वह कभी सुधा के चुतड़ों को पूरा अपने पंजो में भर कर मसल देता और कभी उसकी गान्ड के पाटो को दोनो हाथों से फैला कर छोड़ देता, अब मनोहर ने सुधा की फूली हुई चूत के नीचे हाथ डाल कर उसे अपनो हाथों में भर कर दबोचा तो सुधा आह ससिईइ पापा कहने लगी, मनोहर ने सुधा के चुतड़ों को बड़े प्यार से चूमा और फिर उसकी गान्ड में फसि लेस को साइड में करके जब सुधा की कोरी गान्ड कभुरा छेद देखा तो वह अपने आप को रोक नही पाया और अपनी नाक को उसकी गुदा में लगा कर सुघने लगा हाई उसकी गान्ड की मादक गंध ने उसे पागल कर दिया था और उसने अपनी जीभ को जैसे ही सुधा की गान्ड के छेद से लगा कर चाटा सुधा आह पापा कह कर कराहने लगी उसकी बुर पूरी गीली हो चुकी थी और उसे पापा की खुदरी जीभ का एहसास अपनी गान्ड के छेद में पागल किए जा रहा था मनोहर ने दोनो हाथों से सुधा की गान्ड को फैलाया और लंबी जीभ निकाल कर उसकी गान्ड को चाटने लगा और सुधा आह सीयी पापा ओह पापा जैसे शब्द निकाल कर सीसीयाने लगी,
|