RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
उधर नीलम ने एकदम टाइट लेग्गी और उपर कुरती डाल ली थी कुरती और लेग्गी के अंदर उसने भी ब्रा पैंटी नही पहनी और फिर ड्रेसिंग टेबल के सामने अपने बाल बनाने लगी,फिर जब उसकी नज़रे अपनी मोटी मोटी गदराई जाँघो पर गई तो उसका मूड चुदास से भरने लगा और उसने अपनी कुरती उठा कर अपनी मोटी गान्ड को जैसे ही मिरर में देखा अपने चुतड़ों की चौड़ाई और भारी गदराए हुए उठाव को देख कर उसे ख्याल आया कि लेग्गी में उस जगह क्यो ना एक छेद कर लूँ जहाँ सीधे गान्ड का होल होता है इससे किसी का मन मेरी गान्ड में उंगली करने का हुआ तो उसे लेग्गी फाड़ने में दिक्कत नही होगी और उसकी उंगली सीधे मेरी गान्ड में चली जाएगी और उसने एक छेद बना लिया और फिर अपनी उंगली डाल कर चेक किया तो उसकी उंगली सीधे उसकी गुदा में जा लगी और नीलम सनसना उठी,
दूसरी तरफ रोहित बाबू बाथरूम में घुसे हुए थे और व्हाट्सएप पर भेजी गई संगीता भाभी की गदराई जवानी को देख देख कर लंड सहला रहे थे तभी सोनू ने आवाज़ दी तब कुछ देर बाद रोहित बाहर आया और फिर तैयार होने लगा उधर मनोहर भी आ चुका था और नीलम ने उसे भी रेडी होने कोकहा, कुछ देर बाद सभी रेडी हो गये और स्कॉर्पियो में बैठ गये, मनोहर ड्राइव कर रहा था और रोहित उसके पास में बैठा था और तीनो लॅडीस पीछे की सीट पर बैठी हुई थी शाम के 6 बजे यह लोग चले और ट्रफ़िक को चीरते हुए 7:30 तक शहर के बाहर लगे हुए मेले में पहुच गये, मेले में पहुचते ही सुधा ने कहा वाउ मम्मी क्या मस्त झूला आया है मुझे तो इसमे झूलना है,
मनोहर : क्यो नही बेटे में तुझे झुलवाउँगा तू चिंता क्यो करती है
तभी सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा पापा आप सुधा को अकेले ही झूलाएगे, मैं भी तो लाइन में हूँ
तब मनोहर ने बात की गहराई को समझते हुए कहा नही बेटे में तुम दोनो को साथ साथ झुलवाउन्गा तब रोहित ने कहा मम्मी आप भी झुलोगि तब नीलम ने कहा नही बेटे मुझे नही झूलना मुझे तो डर लगता है, तब सुधा खिल्कहिलेट हुए हँसने लगी तो नीलम ने उसको घूर कर देखा और कहा तू क्यो हँस रही है तब मनोहर ने चुटकी लेते हुए कहा वह इसलिए हंस रही है कि झूले वाला तुम्हारा साइज़ देख कर झूले पर चढ़ने ही नही देगा वरना उसका झूला ना टूट जाएगा, तब नीलम ने मुँह बनाते हुए कहा रहने दो जी में इतनी भी मोटी नही हूँ क्यो रोहित, तब रोहित ने कहा मम्मी पापा तो मज़ाक कर रहे है.
मनोहर : अच्छा ठीक है भाई चलो पहले इन लोगो को झूला ही झुलवा देते है तब नीलम ने कहा आप लोग जाओ मुझे नही झूलना तू चल रोहित हम कुछ शॉपिंग करते है तुम लोग झूल कर उधर वाले मार्केट की तरफ आ जाना और पूरा खेमा दो हिस्सो में बँट गया
मनोहर सुधा और सोनू को लेकर झूले की ओर चल पड़ा और रोहित अपनी मम्मी के साथ दुकानो की ओर चल पड़ा,
मनोहर सुधा और सोनू की गदराई गान्ड को हल्के से सहलाते हुए कहने लगा बेटे आराम से चलो बहुत भीड़ है, सुधा और सोनू आगे आयेज भीड़ को चीरती हुई चलने लगी और मनोहर दोनो के बीच चलने लगा, आस पास कुछ मनचले लोंडे भी चल रहे थे अब मज़ा शुरू हो गया था कोई लौन्डा सुधा की गान्ड को सहलाता हुआ निकल रहा था और कोई सोनू के मोटे चुतड़ों पर हाथ फेरता हुआ जा रहा था मनोहर ने जब देखा कि उसकी खूबसूरत बेटी और मस्तानी बहू की गान्ड में लोग हाथ फेरते हुए निकल रहे है तो वह भी चलती भीड़ में सुधा की मोटी गान्ड को हल्के से दबा कर देखने लगा जब उसने सुधा की मोटी गान्ड को स्कर्ट के उपर से सहलाया तो उसके लंड की नसों में खून का बहाव तेज हो गया क्योकि मनोहर को एहसास हुआ कि उसकी बेटी तो स्कर्ट के अंदर पूरी नंगी है, सुधा की मोटी गोरी गोरी जांघे भी दूधिया रोशनी में कहर ढा रही थी, तभी किसी ने सुधा की चूत पर हाथ मारते हुए साइड से निकल गया और सुधा गन्गना उठी हाथ मारने वाले के हाथ को सुधा की चूत पर पड़ते हुए सोनू ने देख लिया और वह सुधा की ओर देख कर मुस्कुरा दी सुधा का चेहरा लाल पड़ गया था तभी उसकी मोटी गान्ड की गहराई में एक पल के लिए एक मोटी उंगली घुस कर निकल गई और वह और भी रोमांचित हो गई इस बार यह मोटी उंगली मनोहर की थी, फिर मनोहर ने सोनू की गान्ड को अपने हाथो से हल्के से दबाया तो मनोहर को एहसास हुआ कि उसकी बहू ने भी पतली सी सलवार के नीचे कुछ नही पहना है मनोहर का लोड्ा टाइट हो चुका था और वह चलते हुए कभी सुधा के चुतड़ों के गॅप में हाथ भर रहा था और कभी सोनू के चुतड़ों को सहला रहा था,
तभी सोनू के मोटे मोटे चुचो पर किसी की कोहनी लगी और उसके मुँह से आह जैसी कराह निकल गई जो कि बहुत तेज थी तब सुधा ने पूछा क्या हुआ भाभी तब सोनू ने कहा कुछ नही फिर मनोहर ने कहा बेटे सम्भल कर चलना भीड़ ज़्यादा है कहीं चोट ना लग जाए यह बात मनोहर नेसोनू की गुदाज मोटी गान्ड को हल्के से दबाते हुए कहा, और सोनू ने पलट कर पापा को देखा जिनकी आँखो में खून उतर आया था, सोनू ने कहा पापा आप साथ है तो काहे का डर
कुछ देर में तीनो झूले के पास पहुच गये और झूले में तीन लोगो के बैठने वाली सीट थी तब मनोहर ने सुधा को और सोनू को बैठा दिया तब सोनू ने कहा पापा आप भी आइए ना तब मनोहर ने कहा बेटे में क्या करूँगा तुम दोनो झूल लो तब सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा पापा हम दोनो को तो आप के साथ ही झूलना है, क्यो सुधा में ठीक कह रही हूँ ना, तब सुधा ने कहा पापा भाभी और में तो कब से आपके साथ झूलने की प्लॅनिंग कर चुके थे आइए ना और सुधा और सोनू ने बीच में जगह बना दी और मनोहर मुस्कुराता हुआ दोनो के बीच में फस गया और झूला चलने लगा, मनोहर ने दोनो की गदराई जाँघो को अपने हाथ के नीचे दबा लिया और उन दोनो की मोटी जाँघो के गुदाज माँस को दबा दबा कर मज़ा लेने लगा, जब झूले की रफ़्तार कुछ ज़्यादा हुई तो सोनू ने एक हाथ पापा के खड़े लंड पर रखते हुए खिलखिला कर हँसते हुए पापा ओह पापा कितना डर लग रहा है, जब सुधा ने देखा कि भाभी पापा के लोड्े को दबा रही है तो सुधा ने पापा के हाथ को पकड़ कर अपनी जाँघो पर कस कर दबाते हुए कहा पापा मुझे भी पकड़ लीजिए बड़ा डर लग रहा है, और हँसने लगी, झूले की रफ़्तार से सुधा की स्कर्ट हवा के कारण उपर उठ गई थी और मनोहर ने जब अपनी बेटी की मोटी जाँघो को दबोचा तो उसका लंड और भी टाइट हो गया जिसे सोनू ने कस कर पकड़ लिया,
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