RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
नीलम की पैंटी भीग गई थी और उसे साफ पता चल रहा था कि रोहित उसके हेवी चुतड़ों को बड़े प्यार से मसल रहा है उसकी चूत यह सोच सोच कर फुदक रही थी कि उसका बेटा कैसे उसके मोटे मोटे चुतड़ों को मसल मसल कर अपनी मम्मी के उभरे पेट को चूस चाट रहा है, वह सोच रही थी कि रोहित कितनी अच्छी जीभ चला रहा है उसकी नाभि में अगर इससे अपनी चूत चटवाऊ तो कितना दबोच दबोच कर अपनी मम्मी की चूत चाट चाट कर रस निकालेगा,
उधर रोहित सोच रहा था कि मम्मी की मोटी गान्ड का एहसास तो आज मुझे दबोचने पर पता चला है मम्मी की इस मोटी गान्ड में लंड पेल पेल कर चोदने में कितना मज़ा मिलेगा, तभी बाहर से हँसने की आवाज़ आई और दोनो समझ गये कि सुधा और सोनू आ चुकी है और नीलम ने रोहित के सर को हटाते हुए कहा बेटे अब बाद में चूसना लगता है तेरी भाभी और दीदी आ गये है यह सुनते ही रोहित ने अपने आप को मम्मी से दूर किया और सोफे पर बैठते हुए टीवी ऑन कर दिया और नीलम अपनी साड़ी ठीक करते हुए रोहित के बगल में बैठ गई और बाहर का गेट खुला और सुधा और सोनू अपनी मोटी मोटी गान्ड मटकाते हुए घर में एंटर हो गई और पीछे पीछे मनोहर भी आ गया,
सोनू : क्या बात है मम्मी आज आप साड़ी में सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा
नीलम : बस बेटे मन हुआ तो पहन ली
मनोहर : अरे नीलम तुम साड़ी में अच्छी नही लग रही हो
सुधा : नही पापा अच्छी तो लग रही है मम्मी
मनोहर : हँसते हुए बेटे में तो मज़ाक कर रहा हूँ
नीलम : गुस्सा दिखाते हुए कहने लगी मज़ाक छोड़िए और शाम को जल्दी घर आ जाना हम सब आज मेले में चलने वाले है
मनोहर : भाई वह तो ठीक है पर मेला तो शहर से बाहर लगा है 20-25 किमी होगा हमे स्कॉर्पियो से चलना पड़ेगा
नीलम : तो तुम्हारा क्या मन है हम पैदल चले
मनोहर : अरे भाई मेरा मतलब है कि कितने बजे चलना है और फिर लोटना कब है उस हिसाब से प्लानिंग करके चलेंगे ना
नीलम : बहू से पुछिये इसी ने तो प्लान किया है
सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी मम्मी शाम को 6 बजे चलते है और रात को लोटने में तो 1 या 2 बज जाएगे सो हम डिनर भी वही कर लेंगे वहाँ बड़ा अच्छा होटल भी रहेगा मज़ा आ जाएगा
नीलम : ठीक है फिर सब टाइम पर रेडी हो जाना, इतना कह कर नीलम अपने रूम की ओर चल दी और मनोहर भी उसके पीछे पीछे चल दिया, रोहित का लंड अब तक थम गया था और पानी की बूंदे उसकी अंडरवेर को गीला कर चुकी थी सो उसने सोचा अगर अभी मैं रूम में गया तो सोनू का कोई भरोशा नही जाते ही लंड पकड़ लेगी और फिर वही सवाल कि लंड से पानी क्यो आ रहा है इसलिए थोड़ा बाहर ही घूम आता हूँ और वह यह कह कर निकल गया कि मैं अभी आता हूँ, उधर सुधा और सोनू किचन में जाकर काम में लग गई.....
उधर किचन में हहहहः...हहाः चुप करो भाभी मेरा पेट दुखने लगा है हँसते हँसते
सोनू : अरे में ना थी कि पापा बिल्कुल पगला जाएगे एक साथ तुझे और मुझे घोड़ियो की तरह झुकी हुई देख कर
सुधा : हहा हाँ घोड़ियो की तरह या कुतियो की तरह
सोनू : सोच ले अगर हम कुतियो की तरह थे तो तेरे पापा कुत्ते की तरह हमारी मोटी गान्ड को देख रहे थे, उनका बस नही चलता नही तो पार्क में ही कुत्ते की तरह हमारी गान्ड से अपने मुँह को लगा देते,
सुधा : चुप करो भाभी कोई सुन लेगा
सोनू : अरे कैसे चुप रहूं उनके लंड की मोटाई देख देख कर मेरा तो मन कर रहा है कि उनके मुँह में बैठ कर मूत दूं और वह सारा रस पी ले अपनी बहू का
सुधा : अच्छा तुम अकेली ही मुतोगी पापा के मुँह में
सोनू : अच्छा ठीक है पहले में मूत लूँगी फिर तू भी अपनी चूत खोल कर मूत लेना अपने पापा के मुँह में
सुधा : भाभी मुझे तो सच में पेशाब लगी है
सोनू : हँसते हुए कहने लगी तो फिर बुलाऊ पापा जी को और बोलू उनसे कि आपकी जवान घोड़ी आपके मुँह में मुतना चाहती है
सुधा : हँसते हुए कहने लगी भाभी एक बात कहूँ आप सच में बड़ी वो हो
सोनू : क्या
सुधा : चुदासी
सोनू : जब पापा का लंड तेरी चूत और गान्ड में घुसेगा तो तू भी एक नंबर की चुदासी हो जाएगी
सुधा : भाभी एक बात कहूँ
सोनू : क्या
सुधा : भाभी मैं पापा को मूठ मारते हुए देखना चाहती हूँ
सोनू : तू फिकर ना कर मोका लगेगा तो हमे वह भी देखने को मिल जाएगा, इधर यह दोनो आपस में मस्ती भरी बाते कर रही थी और उधर रोहित के पास उसकी भाभी संगीता का फोन आता है रोहित अपने दोस्त शेखर के पास बैठा हुआ था,
शेखर ने पूछा किसका फोन है तब रोहित ने फोन के स्पीकर पर हाथ रखते हुए कहा मेरी भाभी का,
रोहित : हेलो भाभी कैसी है
संगीता : क्यो भैया जब से हम लोग देल्ही आए है तुम तो हमे भूल ही गये कभी कभार हमे भी फोन कर लिया करो, ना तो पापा फोन करते है ना मम्मी करती है, सोनू को तो जैसे मुझसे कोई मतलब ही ना हो और सुधा की तो नाक मेरे नाम से चढ़ि ही रहती है, वह तो मुझसे बात करने से रही अब बचे तुम जो एक समय बड़ा दम भरा करते थे कि मेरी भाभी सबसे प्यारी है उन्ही देवर जी को आज देख लो हमारी याद तक नही आती है
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