11-17-2018, 12:26 AM,
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RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
घर पहुचते ही सोनू ने सुधा से कहा जैसा मैने कहा है जाकर पैंटी निकाल कर सिर्फ़ लेग्गी पहन कर तू जा बीच में मैं चाय देने आउन्गि, सोनू की बात सुन कर सुधा अपने रूम में चली गई और सोनू किचन में जाकर चाइ बनाने लगी तभी नीलम नाइट गाउन पहने किचन में आ गई और सोनू को चूमते हुए कहने लगी, बहू कल तूने जो मज़े मार्केट में करवाए थे उसकी चुभन अभी भी मेरे दिल में है रात भर मुझे वही वही दिखाई दे रहा था, सच कल जैसा मज़ा लाइफ में कभी नही आया, जब तेरे पापा मेरे पीछे उंगली कर रहे थे तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे में बस में खड़ी हूँ और कोई मेरी गान्ड में पीछे से उंगलिया पेल रहा है,
सोनू ने कहा मम्मी आप भी ना ज़रा से मज़े में पागल हो रही है, में तो आपको इससे भी ज़्यादा मज़े करवाने के बारे में सोच रही हूँ, पर एक बात है मम्मी आपका बेटा भी पूरी तरह आप पर ही गया है उन्हे भी हमेशा मज़े करने का ही मन होता है,
नीलम : मुस्कुराते हुए आख़िर बेटा किसका है, लगता है तुझे रात में खूब परेशान किया है रोहित ने,
सोनू : हाँ मम्मी लेकिन कल आपका ड्रेसिंग सेन्स देख कर रात को बस आपकी ही बात कर रहे थे,
नीलम : क्या कह रहा था
सोनू ; मुस्कुराते हुए कहने लगी रहने दीजिए मम्मी आप पता नही क्या सोचेंगी
नीलम : उत्सुकता से अरे बता ना पहेलिया क्यो बुझा रही है
सोनू : अब मम्मी आपको कैसे बताऊ पता नही आपको अच्छा लगेगा या नही
नीलम : सोनू मैं एक चपत लगा दूँगी तुझे अब जल्दी से बता क्या कह रहा था रोहित मेरे बारे में
सोनू : उन्होने जब से आपको कल शॉर्ट टीशर्ट और स्किन टच लेग्गी में देखा है तब से पूरी रात मेरे चुतड़ों को खूब दबा दबा कर सहलाते हुए बस यही कह रहे थे कि मम्मी के चूतड़ कितने प्यारे लगते है मम्मी लेग्गी में कितनी सेक्सी लग रही थी, वह आपके मोटे मोटे चुतड़ों की थिरकन देख देख कर पागल हुए जा रहे थे, और तो और मुझसे कहने लगे.............इतना कह कर सोनू ठहाका लगा कर हँसने लगी
नीलम : मुस्कुराते हुए कहने लगी कुतिया हंस क्यो रही है आगे बोल क्या कहा उसने
सोनू : मुस्कुराते हुए, मम्मी मुझे शरम आती है में कैसे कहूँ
नीलम : बता दे बेशरम तुझे कब से शरम आने लगी
सोनू : कहने लगे मम्मी की इतनी गुदाज और मोटी गान्ड जब लेग्गी से देखने पर इतनी मस्त लगती है तो मम्मी की नंगी गान्ड कितनी मस्त लगती होगी
नीलम : स्माइल देते हुए कहने लगी और क्या कहा उसने
सोनू : बस फिर रात भर आपकी मोटी गान्ड की बाते कर कर के मेरी गान्ड नोचते रहे और क्या
नीलम : अरे इसमे कौन सी बड़ी बात है, तेरे पापा तो तेरे और सुधा के चुतड़ों के बारे में इससे भी बड़े बड़े कॉमेंट्स करते है
सोनू : क्या कह रही हो मम्मी मेरे और सुधा के बारे में क्या कहते है पापा
नीलम : अरे इन मर्दो की जात ही ऐसी है मोटी औट गुदाज गान्ड जब देख लेते है तो वह फिर चाहे अपनी बेटी की हो या बहू की इनके मुँह में पानी आ ही जाता है
सोनू : बताओ ना मम्मी क्या कह रहे थे पापा
नीलम : अरे क्या कहेगे वही सब, कहते है उन्हे बहू और सुधा की मोटी मोटी उभरी हुई गान्ड बहुत अच्छी लगती है, नीलम ने अपनी बात पूरी की ही थी कि अचानक रोहित किचन में आ गया और कहने लगा सोनू अभी तक चाइ नही बनी तुम्हारी, तब नीलम ने कहा बेटे तू सोफे पर बैठ बस चाइ बन गई है और फिर सोनू चाइ छानने लगी और रोहित सोफे पर जाकर बैठ गया तब नीलम ने कहा सोनू वो सब छोड़ अब आगे कुछ बता तू कह रही थी ना कि और भी मज़े करवाएगी
सोनू : मम्मी कल से शहर के उस ओर एक बड़ा सा मेला लगने वाला है, मेरी इच्छा है कि हम सब परिवार के लोग पापा में आप रोहित और सुधा सभी मेले में चलते है, मेले की भीड़ में हम ऐसे मज़े लेंगे कि आप भी कहेगी वाह बहू मज़ा आ गया,
नीलम: मुस्कुराते हुए तेरा आइडिया तो मस्त है पर सुधा , रोहित और तेरे पापा को ले जाने की क्या ज़रूरत है
सोनू: अरे मम्मी मेला बहुत बड़ा लगता है और हम लोग शाम को जाएगे और लोटने में काफ़ी रात हो जाएगी इसलिए रोहित और पापा का होना ज़रूरी है
नीलम :हाँ ये बात तो तू ठीक कह रही है फिर ठीक है में तेरे पापा को भी कल के बारे में बता देती हूँ ताकि वह भी तैयार रहे और तू रोहित को बोल देना
उधर सुधा ने बिना पैंटी के लेग्गी पहन ली और उसकी चूत इतनी चुदासी हो रही थी अपने पापा के मोटे लंड को सोच सोच के कि उसने उसी जोश में लेग्गी को गान्ड के छेद से लेकर चूत के दाने के उपर तक फाड़ ली और फिर अपने भारी चुतड़ों को मटकाती हुए बुक्स उठा कर मनोहर के रूम की ओर चल पड़ी
सुधा : पापा गूडमॉर्निंग आज जल्दी उठ गये क्या आप
मनोहर : बस बेटी अभी 10 मिनिट हुए है पर तुझे देख कर लगता है कि तू काफ़ी देर की उठी हुई है
सुधा : हाँ पापा में तो आज 6 बजे ही उठ गई थी और फिर में और भाभी गार्डेन में थोड़ा एक्सरसाइज़ करने चले गये थे
मनोहर : आ बैठ बेड पर अपने सामने हाथ से बिठाते हुए, बेटी कल से मुझे भी सुबह जगा दिया करो में भी तुम लोगो के साथ थोड़ी वर्जिस कर लिया करूँगा
सुधा : क्यो नही पापा कल से आप भी हमारे साथ चलना और फिर सुधा पालती मार कर पापा के सामने बुक खोल कर बैठ गई और मनोहर ने उसके परो के साइड से अपने पेर लंबे कर लिए, मनोहर लूँगी और बनियान पहन कर सुधा के सामने बैठा था और उसकी नज़रे सुधा के ठोस भरे हुए कसीले दूध पर थी, सुधा की टीशर्ट काफ़ी पतली सी थी और अंदर ब्रा के ना होने के कारण सुधा के निप्पल साफ नज़र आ रहे थे, मनोहर ने जब सुधा की मोटी चुचियो और निप्पल को देखा तो लूँगी के उपर से उसने अपने लंड को एक बार सहलाया शायद लंड कड़क हो रहा था और उसने अपने टोपे को बाहर निकालने के लिए लंड को सहलाया होगा, सुधा की गर्दन बुक पर थी लेकिन उसकी नज़रो ने पापा के मोटे लंड के उभार को लूँगी के उपर से महसूस कर लिया था, सुधा की चूत में भी मस्ती भरने लगी थी
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