RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
नीलम को जाते हुए रोहित बड़े गौर से देख रहा था और मन में सोच रहा था कि क्या गजब की गुदाज गान्ड है मम्मी की उधर पापा की निगाहे अपने रूम में जाती हुई सोनू के चुतड़ों पर थी और फिर पापा भी उठ कर नीलम के पीछे पीछे अंदर चले गये, रोहित वही बैठा रहा और सुधा किचन में जाकर चाइ बनाने लगी
मनोहर : क्या बात है क्या खरीद लाई हो
नीलम : अरे कुछ नही बस बहू और सुधा के लिए पैंटी खरीद कर लाई हूँ, ये देखिए कैसी है
मनोहर : अपने लंड को मसल्ते हुए, इनमे से बहू की कौन सी है और सुधा की कौन सी है
नीलम : अभी किसी ने सेलेक्ट नही किया है वैसे यह पैंटी देखिए जिसमे चूत की जगह पर कट लगा है इस पैंटी को अगर पहना जाय तो इसे बिना उतारे चूत में बीच से लंड घुस जाएगा, कैसी लगी आपको
मनोहर : यह तो बहुत अच्छी है लेकिन इसे पहनेगा कौन
नीलम : में तो बहू को दे रही हूँ पर बहू कहने लगी इसे मम्मी आप ले लो पापा खुश हो जाएगे
मनोहर : फिर तूने क्या कहा,
नीलम : मैने कहा नही बहू यह तू ही रख ले लेकिन वह नही मानी तब मैने उससे कहा अच्छा तेरे पापा को दिखाउन्गी फिर वह जिसके लिए कहेंगे वह इसे ले लेगी
मनोहर : अरे वाह लेकिन क्या बहू को यह पैंटी पसंद नही आई है
नीलम : नही उसे तो बहुत पसंद आई है लेकिन जब मैने कहा मुझे भी बहुत पसंद है तो वह मुझे देने लगी अब आप ही बताओ कौन पहने इसे
मनोहर : मेरे ख्याल से तो इसे बहू को ही पहनने दो बड़ी प्यारी लगेगी यह बहू पर
नीलम : तो ठीक है में बहू से कह देती हू कि तेरे पापा ने इसे तेरे लिए पसंद किया है
मनोहर : क्या तुम इतनी बाते बहू से कर लेती हो
नीलम : हाँ हम दोनो के बीच यह सब चलता है
मनोहर : तो फिर कुछ बात आगे बढ़ाओ ना
नीलम : पैंटी लेकर बाहर जाते हुए हाँ हाँ बढ़ाती हूँ सब्र तो करो और फिर नीलम रूम के बाहर चली जाती है और फिर वह पैंटी सुधा और सोनू में बाँट देती है फिर सभी अपने अपने कामो में बिज़ी हो जाते है....
रात को 11 बजे बेड पर मनोहर और नीलम पूरे नंगे एक दूसरे की चूत और लंड को सहला रहे थे
मनोहर : क्या हुआ नीलम कुछ बात आगे बढ़ी कि नही मनोहर ने नीलम के चुतड़ों को दबोचते हुए कहा
नीलम : कौन सी बात
मनोहर : अरे वही बहू को पटाने की बात
नीलम : मुस्कुराते हुए तुम क्या वाकई इस बात के लिए सीरीयस हो
मनोहर : और नही तो क्या जब से बहू की गुदाज जवानी और भारी चुतड़ों की मतवाली थिरकन देखी है तब से मेरा लंड पागल हुआ जा रहा है
नीलम : में तो समझी तुम ऐसे ही कह रहे हो
मनोहर : अरे यार अब मज़ाक छोड़ो और सच सच बताओ कुछ बात हुई कि नही
नीलम : तुम मर्द लोग बिल्कुल भी सब्र नही करते ऐसे कामो के लिए थोड़ा मोका देख कर बात आगे बढ़ाई जाती है
मनोहर : कुछ करो यार मुझे बस एक बार बहू की मोटी गान्ड में अपना मुँह डालने का मोका मिल जाए बस फिर तो मज़े ही मज़े हो जाएगे
नीलम : वैसे बहू को भी तुम्हारी उमर के आदमी के मस्त लंड की चाहत है
मनोहर : अच्छा उसने तुझसे कहा है क्या
नीलम : हाँ बस में हम दोनो जब जा रहे थे तो एक बूढ़े ने उसकी मोटी गान्ड से अपने लंड को भीड़ के बहाने से खूब रगड़ा था बाद में सोनू ने मुझे यह सब बताया
मनोहर : नीलम की मोटी गान्ड को दबोचते हुए कहने लगा एक बार सोनू की मोटी गान्ड मेरे लोड्े से भी रगडवा दे रानी फिर तू कहेगी तो में तुझे और अपनी प्यारी बहू को एक साथ चोदुन्गा
नीलम : सुधा को देख देख कर भी तो तुम्हारा लंड खूब खड़ा होने लगा है, कहीं हाथ तो नही फेर दिया तुमने अपनी बेटी पर
मनोहर : अभी तक तो नही फेरा पर तूने जल्दी से सोनू की गान्ड नही दिलवाई तो में कहीं सुधा को ही ना चोद दूं
नीलम : लगता है तुम्हारे लिए मुझे सोनू से बात करनी ही पड़ेगी नही तो तुम बेटीचोद ना बन जाओ, चलो अब उपर आओ और मुझे भी थोड़ा अपने लंड से मज़ा दे दो उसके बाद फिर एक चुदाई का दौर शुरू होता है और फिर सुबह सुबह सबकी मुलाकात होती है
सुबह के 6 बजे थे और सुधा आज फिर जल्दी उठ कर सोनू को ढूँढते हुए किचन में पहुच गई थी और सोनू उसे देख कर मुस्कुराते हुए कहने लगी में जानती हूँ आजकल ननद रानी को अपनी भाभी की बातों में खूब मज़ा आ रहा है इसीलिए सुबह से ही मेरे पास आ जाती है लेकिन बिल्लो रानी अगर असली मज़ा लेना है तो थोड़ी हिम्मत दिखानी पड़ेगी तुझे ऐसे बच्पने से अब काम नही चलने वाला है
सुधा : मुस्कुराते हुए, भाभी में तो हिम्मत दिखाने को तैयार हूँ पर आप ही कोई मज़े वाली चीज़े बता ही नही रही है
सोनू : बर्तन धोने के बाद हाथ धोती हुई सुधा की और कामुक निगाहो से देखती हुई कहती है चल हम लोग पार्क में बैठ कर बात करेगे यहाँ कोई सुन लेगा और फिर सोनू सुधा को लेकर पार्क में चली जाती है और एक बेंच में बैठ कर सुधा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए सुधा की मोटी जाँघो पर हाथ फेरते हुए कहती है, देख सुधा तुझे मज़ा लेना है तो मेरे सवालो का सच सच जवाब दे फिर देख में तेरे लिए मस्त इंतज़ाम कर देती हूँ
सुधा : कैसे सवाल
सोनू : अच्छा यह बता तेरा चुदवाने का मन करता है कि नही
सुधा : मुस्कुराते हुए, भाभी आप भी कैसे सवाल पुंछ रही है
सोनू : देख पहली बार मज़ा मारना है तो मुझसे तुझे सब कुछ खुल कर कहना होगा अब नखरे मत कर और जो में पूछ रही हूँ बता
सुधा : नीचे गर्दन करके अपना सर हाँ में हिला देती है
उसका जवाब सुन कर सोनू की आँखो में चमक आ जाती है और वह कहती है अच्छा एक बात बता तूने कभी किसी का लंड देखा है, सोनू के इस सवाल के सुनते ही सुधा को पापा को मोटा तगड़ा लंड याद आ जाता हैलेकिन वह झूठ बोल देती है कि नही देखा है
सोनू : उसके चेहरे को ध्यान से देखती हुई उसका हाथ अपने सर पर रखते हुए कहती है तुझे मेरे सर की कसम सच सच बता तूने किसी का लंड देखा है कि नही
सुधा : हाथ खिचते हुए शरमा कर भाभी कसम क्यो दे रही हो
सोनू : तो फिर बता ना
सुधा : हाँ देखा है
सोनू : किसका
सुधा : पापा का
सोनू : मुस्कुरा कर बाप रे तूने कब पापा जी का लंड देख लिया, तब सुधा अपनी और भाभी दोनो की पैंटी को सूंघते हुए अपने लंड को पैंटी से रगड़ने वाली बात सोनू को बता देती है
सोनू : देख सुधा यह तो हम दोनो ही जानते है कि पापा तुझे और मुझे दोनो को नंगी करके खूब चोदना चाहते है लेकिन तुझे में एक बात और बता देती हूँ
सुधा : वह क्या
सोनू : यही कि तेरे भैया भी तेरी इस मोटी गान्ड के लिए पागल है और तुझे खूब रगड़ रगड़ कर चोदना चाहते है
सुधा : आश्चर्य से सोनू की ओर देखती हुई, यह क्या कह रही हो भाभी
सोनू : में सच कह रही हूँ कुछ दिनो से तेरे भैया तेरे इन मोटे मोटे खरबूजो जैसे दूध और इस मोटी गान्ड के लिए पागल हुए जा रहे है और जब भी रात को मुझे चोदते है तो वह तेरी कल्पना करके ही चोदते है
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