RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सुधा : भाभी पापा कुछ दिनो से मेरे दूध को बहुत देखते है
सोनू : मैं जानती हूँ उनका मन तेरे मोटे मोटे दूध दबाने का बहुत करता होगा, तू नही जानती जब वह तेरे दूध को देखते होंगे तब लूँगी के अंदर उनका लंड ज़रूर खड़ा रहता होगा
सुधा : हँसते हुए मुझे क्या पता
सोनू : तू देखने की कोशिश किया कर अगर तूने लूँगी में उनका खड़ा लंड देख लिया तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा
सुधा : नही भाभी मैं भला कैसे देख सकती हूँ वह मेरे पापा है
सोनू : अरे पगली देखने में क्या जाता है आज कल तो सब एक दूसरे के अंगो को देख देख कर मज़ा लेते है तूने देखा ना पापा कैसे मेरी गान्ड और तेरे मोटे दूध को देख कर कैसे मज़ा लेते है, तू मोका देगी तो तेरे दूध दबा भी देंगे
सुधा : हँसते हुए तुम भी ना भाभी बड़ी चालू हो
सोनू : तेरे पापा से तो कम ही चालू हूँ, तभी वहाँ नीलम आ जाती है जिसके हाथ मे छत मे सुखाए हुए कपड़े थे और वह सोनू से कहती है आज तो हमे मार्केट चलना था ना तब सोनू कहती है जी मम्मी मैं तैयार हो जाती हूँ आप भी हो जाओ,
नीलम मुस्कुराते हुए कपड़े लेकर अपने रूम की ओर जाने लगती है तब सुधा और सोनू दोनो नीलम की जीन्स में उठी हुई मोटी गुदाज गान्ड की ओर देखने लगती है और सोनू कहती है देख सुधा तेरे पापा ने मम्मी जी की गान्ड मार मार कर कितनी चौड़ी कर दी है मम्मी जी की गान्ड देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पापा जी का लंड कितना मोटा और बड़ा होगा,
सुधा : हँसते हुए चुप करो भाभी
सोनू : मुस्कुराते हुए, सच सुधा जब तू गान्ड मरवा लेगी ना तो तेरे भी चूतड़ मम्मी जी की ही तरह मोटे मोटे हो जाएगे,
दोनो की बाते जारी रहती है और उधर नीलम धुले हुए कपड़े लेकर अपने रूम मे जाकर उन्हे घड़ी कर कर के आल्मिरा मे रखने लगती है, तभी मनोहर नीलम के पीछे जाकर अपने खड़े लंड को नीलम की मोटी गान्ड से घिसने लगता है और हाथ आगे लेजा कर नीलम के मोटे मोटे दूध को दबोचने लगता है
नीलम : क्या बात है जी सुबह से ही मस्ती चढ़ि हुई है
मनोहर : क्या करूँ रानी मोटी मोटी गान्ड और बड़े बड़े दूध मेरी कमज़ोरी है इन्हे देखते ही मेरा लंड अपनी औकात मे आ जाता है, तभी मनोहर की नज़र एक गुलाभी कलर की छीनी सी पैंटी पर पड़ती है जिसमे सिर्फ़ चूत की जगह पर कपड़ा होता है बाकी सभी जगह लेस लगी होती है, फिर नीलम एक वाइट कलर की पैंटी रखने लगती है वह भी लेस वाली झीनी सी पैंटी होती है,
मनोहर : अरे वाह नीलम यह लेस वाली सेक्सी सी पैंटी किसकी है
नीलम : मुस्कुराते हुए कहती है यह पिंक वाली सुधा की है और यह वाइट वाली बहू की
यह सुनते ही मनोहर का लंड और भी हार्ड हो जाता है और वह पूछता है कि सुधा और बहू इतनी सेक्सी और लेस वाली पैंटी पहनती है
नीलम : तो क्या मैं अपनी प्यारी बेटी और बहू को हल्के कपड़े पहनाउन्गी, आख़िर तुम कमाते किसके लिए हो
मनोहर : मैं कहाँ मना कर रहा हू डार्लिंग तुम कहो तो मैं अपनी बेटी और बहू के लिए एक से एक इंपॉर्टेंट ब्रा और पैंटी ला कर दे दूं
नीलम : ब्रा की तो ज़रूरत ही नही है सुधा और सोनू ना जाने क्यो ब्रा पहनने मे अनकंफर्ट फील करती है,
मनोहर : अपने लंड को नीलम की गान्ड मे दबाते हुए, कहने लगा उन दोनो के दूध कुछ ज़्यादा ही बड़े बड़े और मोटे है इसलिए उनके दूध आज कल की ब्रा में समाते ही नही होंगे
नीलम : चलो जी तुम्हारी तो आज कल अपनी बेटी और बहू के गदराए बदन पर ही निगाहे लगी रहती है, अब हटो भी मैं और सोनू ज़रा मार्केट हो कर आते है और फिर नीलम ने अपनी जीन्स उतार दी और उसकी मोटी गोरी गान्ड और सुडोल मोटी मोटी जांघे पूरी नंगी हो गई और मनोहर जाँघो को चूमते हुए नीलम के भारी चुतड़ों को दबोचने लगा
नीलम हटिए ना दरवाजा खुला है कोई आ ना जाए मुझे कपड़े पहनने दीजिए, उसका इतना कहना था कि रोहित अंदर आ गया और जैसे ही उसकी नज़र सामने पड़ी उसके तो होश उड़ गये उसके पापा उसकी माँ की चूत में मूह लगाए दोनो हाथों से उसकी मम्मी की मोटी गान्ड को फैला रहे थे और दबोच रहे थे और नीलम अपने हाथ मे लेग्गी लिए खड़ी थी, यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मनोहर का ध्यान तो रोहित पर नही गया पर रोहित और नीलम की नज़रे 5 से 10 सेकेंड के लिए एक दूसरे से मिल गई और रोहित ने कुछ देर तक खड़े खड़े अपनी मम्मी की भारी भरकम नंगी जवानी को अपनी आँखो से देखा और फिर बिना कुछ कहे चुपचाप वापस बाहर निकल गया और मनोहर को एहसास भी नही हुआ कि उसका बेटा अंदर आ कर अपनी माँ को पूरी नंगी देख कर जा चुका है, नीलम को कुछ देर तक तो कुछ भी नही सूझा लेकिन फिर ना जाने क्यो उसे बड़ा अच्छा फील हुआ और उसने मनोहर के सर को पकड़ कर अपनी चूत मे कस कर दबा दिया
मनोहर : क्या हुआ अभी तो मना कर रही थी अब मस्ती कैसे चढ़ने लगी,
नीलम : अरे मैं तो इसलिए मना कर रही थी कि दरवाजा खुला है कहीं रोहित अंदर आ गया और उसने अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लिया तो
मनोहर : नीलम की चिकनी चूत को चूमते हुए कहने लगा तो क्या हुआ अगर उसने अपनी मम्मी को नंगी देख लिया तो वह भी आकर अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रस पी लेगा और क्या
नीलम : मनोहर की बातों से मस्ती से भर चुकी थी उसकी चूत को मनोहर चूम रहा था लेकिन मनोहर की बाते सुनते हुए उसे ऐसा लगने लगा जैसे उसका बेटा रोहित उसकी मोटी गान्ड को मसल्ते हुए उसकी चिकनी और नंगी चूत को अपने मूह से चूम रहा हो
नीलम : मनोहर की बात को सुन कर, अच्छा जी अपने पापा के सामने आपका बेटा अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी का रस पिएगा तो आपको बुरा नही लगेगा
मनोहर : अरे तो क्या हुआ उसको भी पता चल जाएगा कि उसकी माँ कितनी गदराया हुआ मस्त चोदने लायक माल है,
नीलम : रहने दो जी मेरा बेटा ऐसा नही है कि अपनी मम्मी पर ही नज़र रखे
मनोहर : अरे तुम नही जानती आज कल के लोंडो को आज कल के लड़के सबसे पहले अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देख देख कर मूठ मारना शुरू करते है, और फिर तेरी गान्ड तो इतनी गदराई है कि रोहित भी
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