RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सुधा अपने रूम में जाती है और जाते ही सबसे पहले अपनी जीन्स उतार देती है और अपनी फूली चूत को खूब अच्छे से सहलाती है वह तो पहले ही मूड में थी और सोनू ने उसकी चूत को और भी पानी पानी कर दिया था, तभी उसके मन में आया कि वह लेग्गी पहन कर पढ़ने जाएगी और वह लेग्गी पहन कर पापा के पास पहुच जाती है
मनोहर एक चादर ओढ़े बेड पर तकिया लगा कर लेटा था और नीलम बाहर जा चुकी थी,
सुधा : गुड मॉर्निंग डॅड, सुधा ने अपने डॅड के अग्लो को चूमते हुए कहा,
सुधा के गदराए बदन की मादक महक जैसे ही मनोहर के नथुनो मे भरी उसका लंड अंगड़ाई लेने लगा मनोहर की नज़र सुधा के मोटे मोटे रसीले दूध पर गई जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आने जैसे लग रहे थे उसके बाद मनोहर की नज़रे लेग्गी के उपर से फूली हुई चूत के उभार पर गई तो उसने चादर के अंदर ही अंदर अपने लंड की खाल को नीचे करते हुए अपने टोपे को बाहर की तरफ निकाल लिया और सुधा की मस्त मोटी मोटी जाँघो का साइज़ देख कर मनोहर का लंड विदिन आ सेकेंड फनफना गया
सुधा अपनी मोटी गान्ड को बेड पर रखती हुई मनोहर की कमर के पास बैठ गई और मनोहर ने उसकी मोटी गान्ड का साइज़ देखते हुए अपने लंड को मुट्ठी में दबोच लिया
सुधा : डॅड यह सवाल कल अधूरा रह गया था बता दीजिए ना,
उसका इतना कहना था कि इतने में सोनू अंदर आ गई और चाइ रखते हुए कहने लगी गुडमॉर्निंग पापा और जानबूझ कर सोनू ने साड़ी का पल्लू पापा जी के सामने गिरा दिया और उसके ब्लाउज मे कसे हुए गोरे गोरे दूध मनोहर की आँखो के सामने आ गये
उसका ब्लाउज वैसे भे डीप था और उस पर सोनू के ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे मनोहर का लंड अपनी बहू के मोटे मोटे रसीले दूध को देख कर झटके खाने लगा,
मनोहर : गुडमॉर्निंग बेटा
सोनू : पापा सुधा को आप बस पढ़ाते ही है या ग़लत सवाल करने पर पिटाई भी करते है, मेरे पापा जब पढ़ाते थे तो मुझे बहुत पीटते थे
सुधा : सोनू को घूर कर देखते हुए, भाभी मुझसे तो सब आता है फिर पापा मुझे क्यो मारेंगे
सोनू : पापा पिटाई लगाने पर बच्चो को जल्दी याद हो जाता है यह कहते हुए सोनू हँसने लगी
मनोहर : वैसे सोनू ठीक कह रही है, थोड़ी बहुत पिटाई मुझे भी सुधा की करनी ही पड़ेगी और मनोहर ने सुधा की पीठ पर हल्के से हाथ मार दिया और सोनू और सुधा मुस्कुराने लगी और मनोहर भी हँसने लगा, जब सोनू अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए जाने लगी तो मनोहर उसकी मस्त मादक मस्तानी गान्ड के उपर नीचे होते चुतड़ों को देखने लगा और सुधा ने अपने पापा की नज़रो को देख लिया और उसकी धड़कने इस नज़ारे को देख कर बढ़ सी गई थी, अभी मनोहर की नज़रे सोनू की गान्ड पर ही थी कि सोनू ने दरवाजे तक पहुचते हुए पलट कर देखा और मनोहर को अपनी गान्ड को घूरते हुए पकड़ लिया लेकिन मनोहर भी बड़ा कमीना था उसने ज़रा भी नज़रे नही हटाई और सोनू एक कातिल मुस्कान देते हुए बाहर चली गई,
उसकी मुस्कान देख कर मनोहर बहुत खुश हो गया और बैठते हुए सुधा की लेग्गी के उपर से उसकी मखमली मोटी जाँघो को दबाते हुए कहने लगा हाँ बेटा अब बताओ कौन सा सवाल नही आ रहा है तुम्हे, मनोहर की नीयत को समझते हुए सुधा को बड़ा अजीब फील हो रहा था लेकिन ना जाने क्यो उसे मज़ा भी आ रहा था और उसकी चूत फूलने लगी थी, वह पैंटी पहले ही उतार कर आई थी इसलिए उसे और भी मज़ा आ रहा था, मनोहर का हाथ उसकी जाँघो पर रखा हुआ था और उसका चेहरा लाल हो रहा था, मनोहर उसकी बुक में देखते हुए उसे समझने लगा लेकिन सुधा का मन नही लग रहा था,
मनोहर ने पूछा आया समझ मे तब सुधा ने कहा हाँ पापा, तब मनोहर ने टेस्ट लेते हुए पूछा अच्छा तो बताओ यह संख्या कैसे आई, सुधा एक दम से चुप रह गई
मनोहर : सुधा की कमर में हाथ से हल्के से मारते हुए कहने लगा सोनू ठीक कह रही थी लगता है सच मुच तुम्हारी पिटाई करनी पड़ेगी इतना अच्छे से बताने पर भी तुम्हे समझ नही आया
सुधा : हँसते हुए पापा आपकी चाइ ठंडी हो रही है
मनोहर : हँसते हुए एक चुस्की लेता है और कहता है अभी तो काफ़ी गरम है और उसकी नज़र सुधा के मोटे मोटे दूध को देखने लगती है सुधा का मूह बुक की ओर था लेकिन उसे अपने पापा की नज़रे अपने मोटे मोटे दूध पर चुभती हुई साफ महसूस हो रही थी, कुछ देर बाद सुधा सवाल समझ कर बाहर चली जाती है और सामने उसे किचन में सोनू दिखाई देती है और वह सीधे मुस्कुराती हुई सोनू के पास पहुच जाती है,
सुधा: हँसते हुए, भाभी आप बड़ी खराब है पापा से मेरी पिटाई करवाना चाहती है
सोनू : हँसते हुए, अरे मैं तेरी पिटाई नही मैं तो तेरी ठुकाई करवाना चाहती हूँ, और मैं क्या चाहूँगी, मुझे तो लगता है पापा खुद तेरी ठुकाई करना चाहते है,
सुधा : धीमी आवाज़ में चुप करो भाभी कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा
सोनू : क्यो तुझे नही लगता कि पापा तुझे ठोकना चाहते है, इस बार सोनू ने दबी आवाज़ मे कहा
सुधा : मुस्कराते हुए, रहने दो भाभी मुझे तो लगता है पापा आपको ठोकना चाहते है तभी तो..........सुधा यह कहते कहते रुक गई
सोनू : बोल बोल आगे बोल तभी तो क्या
सुधा : तभी तो पापा आपके पीछे देख रहे थे,
सोनू : साफ साफ बोल आगे पीछे क्या लगा रखा है, साफ क्यो नही कहती कि पापा मेरी तंदुरुस्त मटकती गान्ड को घूर रहे थे
सुधा : हाँ वही
सोनू : अच्छा भली तो इतनी बनती है जैसे पापा तेरी गान्ड को ना देखते हो
सुधा : मूह बनाते हुए मेरी क्यो देखेंगे
सोनू : क्यो तेरी गान्ड मोटी नही है क्या, मेरी तो मरा मरा कर मोटी हो गई है पर तेरी तो बिना मराए ही इतनी मोटी हो रही है जब तेरी इस गान्ड की तबीयत से ठुकाई होगी तब ना जाने यह कितनी मोटी हो जाएगी, सोनू ने सुधा के मोटे चुतड़ों को दबोचते हुए कहा,
सुधा : आह भाभी क्या कर रही हो
सोनू : अपनी ननद के चुतड़ों का साइज़ देख रही हूँ और क्या
सुधा : भाभी एक बात कहूँ
सोनू : क्या
भाभी मैं नही जानती थी कि पापा की इतनी गंदी नज़रे है
सोनू : अरे मैने तो तुझे पहले ही कहा था कि बुढ्ढो को जवान लोंड़िया ही चोदने को चाहिए होती है इसी लिए तो तेरी और मेरी गान्ड के पीछे पड़े है, देखा नही तूने कैसे मेरी गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे,
सुधा : हाँ भाभी और मेरे भी ..................
सोनू : क्या तेरे भी..
सुधा : कुछ नही हँसते हुए
सोनू : अरे बता ना ऐसी बातों मे ही तो मज़ा मिलता है मुझसे क्या शरमाती है हम दोनो तो बहन जैसी है मैं जब तुझसे सब बाते बता देती हूँ तो फिर तू मुझसे परदा ना किया कर
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