RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
दूसरी तरफ रोहित और सोनू के रूम में कुछ और ही चल रहा था, सोनू और रोहित पूरे नंगे थे
रोहित पलंग पर लेटा हुआ था और सोनू को कह रहा था कि वह अपनी गान्ड मटका मटका कर उसे चल कर दिखाए और चलते हुए अपने दोनो हाथो से अपने चुतड़ों को फैला कर दिखाए और सोनू उसके कहे अनुसार केट्वॅक कर रही थी, जब रोहित कहता तब सोनू थोड़ा झुक कर अपनी गान्ड को फैला कर दिखाती और रोहित को उसकी गान्ड का छेद और उसकी चूत की मस्त फूली फांके साफ नज़र आने लगती थी, अब रोहित ने सोनू से कहा ऐसे ही गान्ड फैलाए झुके झुके रिवर्स उसके मूह की तरफ आओ और सोनू रिवर्स होती हुई रोहित के मूह के पास आती है और रोहित सोनू के चुतड़ों को थामते हुए मसल्ते हुए उसकी गान्ड के छेद से अपना मूह लगा देता है, और सोनू की चूत और गान्ड के छेद को पीछे से फैला फैला कर चाटने और चूसने लगता है
सोनू : आह उन्न्नह क्या बात है रोहित आज तो बहुत जोश में मेरी गान्ड और चूत चूस रहे हो
रोहित : अरे रानी जब मैं मोटी मोटी गान्ड और चूत की कल्पना करता हूँ तब ऐसे ही मेरी इच्छा बहुत ज़्यादा गान्ड चाटने की होने लगती है
सोनू : अब समझी तुम अपनी बहन सुधा की मोटी गान्ड सोच सोच कर मेरी गान्ड के पीछे पड़े हो
रोहित : तू सच कहती है सोनू सुधा की गान्ड वाकई बहुत मोटी और गद्देदार हो गई है
सोनू : तो फिर बताओ मारोगे सुधा की गान्ड
रोहित : क्यो सपने दिखाती है सोनू वह मेरी बहन है वह भला मुझसे अपनी गान्ड क्यो मरवाएगी
सोनू : तुम अपनी बीबी को जानते नही हो मैं चाहूं तो तुम्हे मम्मी जी की गदराई और मोटी गान्ड भी दिलवा सकती हूँ
रोहित : सोनू की चूत में जीभ अंदर तक पेलने लगता है और
सोनू सीसीया जाती है आह आह सीईइ सीईइ कितना बढ़िया चाट रहे हो जी यह मम्मी जी की गान्ड नही है ज़रा आराम से चाटो,
रोहित ने फिर बेड से नीचे उतर के सोनू को कुतिया बना दिया और उसकी चूत में लंड पेल कर सटा सट धक्के मारने
लगा और सोनू उहह उहह अया स सीयी जैसी आवाज़े निकालने लगी, एक मस्त चुदाई के बाद दोनो नींद की गहराई में पहुच गये
सुबह के 6 बज रहे थे और सुधा की नींद किसी मीठे सपने की वजह से जल्दी खुल गई और उसने देखा उसकी पैंटी पूरी गीली हो रही थी जब उसने अपनी चूत को सहलाया तो उसको एक असीम आनंद की अनुभूति हुई और वह पड़े पड़े अपनी चूत सहलाने लगी, यह पहली दफ़ा था जब उसने अपनी कुँवारी चूत को इतने प्यार से कुरेदा था, उसे बार बार अपनी भाभी की रंगीन बाते याद आ रही थी, ना जाने क्यो उसे भाभी की बाते मन में सोचने पर बहुत मज़ा दे रही थी
वह कुछ देर तक ऐसे ही लेटी रही फिर सीधे फ्रेश होकर किचन की ओर बढ़ गई वह जानती थी कि भाभी किचन में काम में लगी होगी
सुधा : गुड मॉर्निंग भाभी
सोनू : मुस्कुरा कर अरे ननद रानी आज तो बहुत जल्दी उठ गई क्या बात है रात को नींद नही आई क्या, सोनू ने बर्तन धोते हुए कहा वह गॅस स्टॅंड के पास के नल में बर्तन धो रही थी और गॅस पर चाइ बन रही थी
सुधा : मुस्कुरा कर नही भाभी ऐसी कोई बात नही है मुझे तो बड़ी अच्छी नींद आई थी, सुधा ने नाइट गाउन उतार कर आदत के अनुसार जीन्स और टीशर्ट पहन लिया था, और सोनू के सामने उसकी टीशर्ट के अंदर बिना ब्रा के दूध किसी बड़े से पपीते के समान दिखाई दे रहे थे,
कुछ देर सुधा खड़ी रही और सोनू बर्तन धोती रही, सुधा की बैचैनि बढ़ रही थी और उसने कहा और भाभी कुछ सुनाए चुप क्यो है सुधा के चेहरे पर हल्की स्माइल थी
सोनू : मुस्कुरकर सुधा को देखती हुई कहने लगी क्या सुनना चाहती हो सुबह सुबह
सुधा : कुछ बताइए आपको तो रात को अच्छी नींद आई होगी
सोनू : बिल्कुल जिसकी रात को तबीयत से ठुकाई होगी उसे नींद तो अच्छी ही आएगी ना
सुधा : हँसते हुए क्या भाभी अब से कहने की देर रहती है और आप शुरू हो जाती है
सोनू : अरे रानी ऐसी ठुकाई तेरी होती तो तू अभी तक बिस्तर से उठ भी नही पाती पर तेरे नसीब में ऐसा मज़ा कहाँ तुझे तो मज़ा लेना भी नही आता मैं तो जब कुँवारी थी तब मेरा तो अपने पपितो को मसलवाने का बड़ा मन करता था और एक तू है जो इतने बड़े बड़े कसे हुए आम लटकाए फिरती है पर किस काम के
सुधा : हँसते हुए तो क्या करूँ भाभी किससे दबवाऊ
सोनू : मुस्कुराते हुए अच्छा जी मतलब अब आपका भी मन दबबाने का होने लगा है
सुधा : आपकी बाते सुन कर तो किसी का भी मन होने लगेगा
सोनू : सुधा को गौर से देखती हुई कहने लगी, सच सच बता क्या सचमुच तेरा मन दबबाने का होता है
सुधा : शरमाते हुए थोड़ा थोड़ा
सोनू : खुस होकर शाबाश अब धीरे धीरे तू लाइन पर आराही है, मेरे साथ रहेगी तो पूरी मस्ती में आ जाएगी और खूब मज़ा करेगी
सुधा : लेकिन भाभी मुझे इन सब कामो से बड़ा डर लगता है
सोनू : पगली इसमे डरना कैसा अगर तू सचमुच मज़ा लेना चाहती है तो जैसा मैं कहूँ वैसा करना होगा
सुधा : मूह उठा कर सोनू को देखती हुई क्या करना होगा भाभी
सोनू : पहले तो तू अंदर पैंटी पहनना बंद कर दे और ब्रा तो तू वैसे भी नही पहनती है सोनू ने सुधा के मोटे दूध को दबोचते हुए कहा और सुधा की कराह निकल गई
सुधा : हँसते हुए कहने लगी भाभी बिना छुए बताओ ना
सोनू : क्यो अभी मैने छुआ तो अच्छा नही लगा क्या
सुधा ; अच्छा लगा लेकिन
सोनू : लेकिन क्या बस ऐसे ही तो मज़ा आता है और जीन्स की बजाय चुस्त लेग्गी और शॉर्ट स्कर्ट पहनना शुरू कर दे फिर देखना तेरी कसी हुई मोटी जांघे जब लेग्गी मे से नज़र आएगी तो पापा जी का भी लंड खड़ा हो जाएगा
सुधा : आप भी ना भाभी पापा जी को तो कम से कम छोड़ दो
सोनू : क्यो पापा जी का खड़ा नही होता है क्या, आज कल तो बुढ्ढो को तेरे जैसी जवान लोंड़िया ही ज़्यादा पागल करती है
सुधा : अचानक कुछ सोचते हुए, अरे भाभी अच्छा याद दिलाया मुझे पापा जी से कुछ सवाल पूछने है फिर वह दुकान पर चले जाएगे मैं एक घंटा उनसे पढ़ लेती हूँ
सोनू : मुस्कुराते हुए ठीक है जा मैं तेरी चाइ वही लेकर आती हूँ
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