RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सुधा : भाभी प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे कुछ होता है
सोनू : मेरी बाते सुन कर या हाथ लगाने पर
सुधा : दोनो से
सोनू : तो तुझे जो होता है वह अच्छा नही लगता क्या
सुधा : अच्छा लगता है पर
सोनू : पर क्या, जब किसी मर्द से इन मोटे मोटे आमों को दबवायेगी और चुस्वाएगी तब देखना कितना मज़ा आएगा तुझे
सुधा : क्यो मर्द के दबाने से ज़्यादा मज़ा आता है क्या
सोनू : क्या तूने सचमुच आज तक किसी से नही दबवाये
सुधा : अब भाभी आप से झूठ बोल कर कहाँ जाउन्गी
सोनू : दबवायेगी
सुधा : चौंकते हुए, किससे
सोनू : पहले तू बता तो, केवल दूध भर दबवाना है या फुल मज़ा लेना है
सुधा : नही भाभी यह सब ग़लत बात है मुझे डर लगता है
सोनू : तुझे अपनी भाभी पर भरोसा नही है, फिर सोनू ने सुधा की फूली हुई चूत को मुट्ठी में भर कर दबोचते हुए कहा
सच कह रही हूँ सुधा एक दम मस्त हो जाएगी, सच बात तो यही है कि अब तुझे किसी अच्छे ख़ासे तगड़े और मोटे लंड की ज़रूरत है
तू हाँ कहे तो में तुझे मस्त लंड दिलवा सकती हूँ,
सुधा : मुस्कुराते हुए, तुम भी ना भाभी, यह सब बाते बंद करो में जा रही हूँ
सोनू : अच्छा एक बार बस बता दे करवाएगी क्या
सुधा : अच्छा बाबा सोच कर बताउन्गी
सोनू : चल ठीक है
सुधा : अब मुझे बताओ आप क्या बता रही थी अपनी सहेली सपना के बारे में
सोनू : अरे तू नही जानती मेरी सहेली सपना खूब मज़े कर रही है वह भी अपने ही घर में, ना किसी का टेन्षन ना कोई और प्राब्लम बस जब
उसका मन करता है मस्त मोटे लंड से खूब कस कस कर चुदती है
सुधा : पर उसे चोदता कौन है, सुधा भी अब धीरे धीरे चुदाई की बाते करने लगी थी
सोनू : अरे पागल उसका खुद का बड़ा भाई छोड़ता है और कौन
सुधा : क्या बात कर रही हो भाभी
सोनू : सच कह रही हूँ, उसने मुझे खुद बताया है, बोलती है मुझे मेरे भैया का लंड सबसे ज़्यादा मज़ा देता है
सुधा : कैसे चुदवा लेती है ना ये सब अपने भाइयो से
सोनू : उसमे क्या बड़ी बात है, आज कल के भाई भी तो अपनी ही माँ बहनो के बदन को नंगा करके देखने के लिए और कई तो चोदने के लिए मरे जा रहे है
सुधा : यह बात तो आप सही कह रही है भाभी, मैने भी एक दिन अपनी एक सहेली के भाई को देखा था जब वह अपनी बहन को बाइक से ड्रॉप करने आया था
जब उसकी बहन जाने लगी
तब उसने अपनी नज़रे अपनी बहन के चुतड़ों पर टिका दी और बिल्कुल खा जाने वाली नज़रो से अपनी बहन के चुतड़ों को घूर रहा था,
उसके बाद थोड़ी देर तक खामोशी रही शायद मोम आ गई थी फिर ऑडियो ख़त्म हुआ और मेरा लंड झटके पर झटके मार रहा था, में बैठे बैठे लंड को
सहलाने लगा और जब वह दोनो राउंड मार कर मेरे सामने आती तब में चुपचाप बैठ जाता
करीब 10 मिनिट के बाद सुधा अकेली हो गई और सोनू मेरे पास आकर बैठ गई वह बड़ी बदमाश थी उसने आते ही मेरे लंड को पकड़ कर देखा और मुस्कुराते
हुए कहने लगी,
सोनू : आज तो अपनी रंडी बहन के चुतड़ों को अपनी नज़रो से ही ना फाड़ देना कितना बड़ा हो रहा है आपका मूसल, मुझे तो लगता है आपका मन अपनी बहन
सुधा को खूब हुमच हुमच कर चोदने का हो रहा है, सच सच बताओ चोदोगे सुधा को
रोहित : मुस्कुराते हुए कैसी बात कर रही हो सोनू वह आख़िर मेरी बहन है उसे में कैसे चोद सकता हूँ
सोनू : लेकिन अगर वह तुम्हे चोदने को मिल जाए तो, अभी तुमने उसे पूरी नंगी नही देखा है, तो तुम्हारे लंड के यह हाल है अगर उसे नंगी देख लोगे तो
अपनी बीबी को भी भूल जाओगे, अब चोदना हो तो बोलो नखरे ना दिखाओ
रोहित : अब में तो कुछ नही कर सकता हाँ अगर तुम साथ दो तो में सुधा को ...........
सोनू : लंड दबाते हुए, आगे भी तो बोलो
रोहित : यही कि में सुधा को तभी चोद सकता हू जब तुम मेरा साथ दो
सोनू : तो ठीक है में तुम्हारा साथ देती हूँ अब तुम्हे तुम्हारी बहन की चूत दिलवा कर ही रहूंगी
नीलम-ने रोहित से कहा चल बेटे थोड़ा छत पर टहल लेते है तब तक सोनू तू ज़रा चाइ तो बना ले आज खाने के बाद चाइ पीने का बड़ा मन
कर रहा है, सोनू ने कहा जी मम्मी अभी बना कर लाती हूँ और वह बाहर चली गई, रोहित झट से खड़ा हो गया और फिर नीलम उसके आगे आगे चलने लगी
और रोहित अपनी मम्मी के पीछे पीछे चलने लगा, रोहित की नज़र जब नीलम के 42 साइज़ के मोटे मोटे चुतड़ों पर पड़ी तो उसका हाथ अपने आप पाजामे में लंड
के उपर चला गया और जब नीलम सीढ़िया चढ़ने लगी तो रोहित बस अपनी मम्मी के मोटे मोटे चौड़े चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ पीछे
पीछे सीढ़िया चढ़ने लगा लेकिन उसने यह नही देखा कि नीलम ने अपने बेटे को धीरे से पलट कर अपने भारी भरकम चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से
घूरते हुए देख लिया था, और ना जाने क्यो नीलम के चेहरे पर एक स्माइल आ गई और वह दोनो छत पर पहुच गये थे,
उधर किचन में सोनू मन ही मन
बड़बड़ा रही थी अपनी सास के उपर और कह रही थी रंडी को जब देखो चाइ की तलब लगी रहती है इसकी तो मोटी गान्ड में में ऐसा खुन्टा डलवाउंगी कि इसकी
सारी अकड़ ठिकाने आ जाएगी बस मुझे कोई मोका तो हाथ लगे यह सोचती सोचती वह चाइ बना कर उपर लेकर जाती है और नीलम और रोहित को चाइ दे देती
है, तब नीलम कहती है बहू अपने पापा से भी पूछ लेना शायद उनको भी पीना हो और सोनू जी माँ जी कह कर नीचे उतर आती है और फिर चाइ लेकर
मनोहर के रूम में जाती है, मनोहर के रूम में जाकर वह कहती है पापा चाइ लेंगे, मनोहर कहता है पिला दो बेटी और उसकी बात सुन कर सोनू स्माइल
करती हुई जैसे ही चाइ टेबल पर रखने के लिए झुकती है उसकी नज़रे पापा जी को देखती है और वही होता है मनोहर सोनू के ब्लाउज से आधे से ज़यादा
बाहर आ रहे पके आमो को खा जाने वाली नज़रो से घूर रहा था, सोनू की नज़र जब मनोहर की लूँगी पर पड़ती है तो उसकी स्माइल गायब हो जाती है क्योकि
लूँगी में मनोहर का लंड उसे खड़ा नज़र आ रहा था, सोनू जब मनोहर के सामने बैठी सुधा को देखती है तो सुधा कॉपी में मेद्स का कोई सवाल हाल करने
में बिज़ी थी और उसने वाइट कलर की टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमे उसके मोटे मोटे बड़े बड़े कसे हुए दूध बहुत कातिलाना दिख रहे थे शायद सुधा ने ब्रा
नही पहनी हुई थी इसलिए उसके दूध और भी मोटे नज़र आ रहे थे,
सोनू : मुस्कुराते हुए सुधा पहले चाइ पी लो ठंडी हो जाएगी इतना कह कर वह बाहर आ जाती है और फिर किचन में जाकर खुद के लिए चाइ लेकर हाल में
आकर सोचने लगती है पापा का लंड तो बहुत तगड़े तरीके से खड़ा था कहीं सुधा के मोटे मोटे उरोजो को देख कर तो नही तना हुआ था, कुछ तो बात है
पापा तो बड़े रंगीन नज़र आ रहे है, अगर में पापा को फसा लूँ तो मुझे भी एक और लंड से चुदने का आनंद मिलने लगेगा, है यह क्या हो रहा है सोनू
ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा, पापा की गोद में बैठने का सोचने भर से मेरी रसीली चूत पानी पानी हो गई, कैसे लूँगी में पापा का लंड टॅंट बनाए
खड़ा था, अब लगता है मुझे पापा को अपनी जवानी का असली जलवा दिखना ही पड़ेगा, पापा को में इतना पागल कर दूँगी कि वह मेरी गान्ड के पीछे पीछे ही
घूमेंगे,
उधर सुधा मेद्स के सवाल करने में बिज़ी थी और मनोहर अपने खड़े लंड को लूँगी के उपर से सहलाता हुआ कभी सुधा के मोटे मोटे कसे हुए दूध को
देख रहा था और कभी उसकी लेग्गी में कसी हुई गुदाज मोटी मखमली जाँघो को देख रहा था और सोच रहा था, बहू और सुधा दोनो के दूध कितने मस्त
लगते है कस मुझे इन्हे कस कस कर मसल्ने और पीने का मज़ा मिल पाता तो मज़ा आ जाता, पर समझ नही आता में कैसे इनकी मदहोश कर देने वाली जवानी
को मसलू और इनका रस पी जाउ, नीलम को चोद चोद कर में अब बोर हो गया हूँ अब तू मुझे सोनू या सुधा जैसा कसा हुआ गदराया माल चोदने को मिले तब ही
असली मज़ा आएगा,
सुधा और सोनू को अपने लंड पर बैठने का सोच कर ही मनोहर का लंड पूरे औकात में आ गया और उसने सुधा की गदराई जाँघो और मोटे मोटे पतली सी
टीशर्ट में कसे रस से भरे दूधो को देखा और फिर उसने सुधा से कहा बेटा ज़रा सामने की आल्मिरा से मेरी सबसे उपर वाली बुक निकाल कर ले आओ, मनोहर
का मन सुधा की लेग्गी में कसे हुए गुदाज भारी चुतड़ों की मतवाली थिरकन देखने का हो रहा था, उसकी बात सुनते ही सुधा जो बेड पर बैठी थी उठी और
अपनी भारी 40 की मोटी गान्ड को मटकाते हुए सामने की आल्मिरा की ओर जाने लगती है और मनोहर अपने लंड को मसलता हुआ सुधा के मोटे मोटे चुतड़ों को देखने
लगता है, सुधा की मोटी गान्ड में उसकी लेग्गी फसि हुई थी और उसकी मोटी मतवाली गान्ड खूब कस कर चोदने लायक लग रही थी,
उसने जैसे ही उपर हाथ
बढ़ा कर अपने पैरो के पंजो पर खड़ी हुई और बुक निकाल कर जैसे ही सीधी हुई उस दरमियाँ सुधा के गदराए चुतड़ों के उतार चढ़ाव को देख कर मनोहर
का लंड झटके देने लगा था, फिर जब सुधा वापस पलट कर आने लगी तो मनोहर ने सुधा की चूत वाले हिस्से को देखा वहाँ लेग्गी के उपर सुधा की चूत
का मस्त फूला हुआ उभार देख कर मनोहर गदगद हो गया और फिर अपनी बेटी की मदमस्त जवानी को उपर से नीचे तक देख कर सुधा के अपने पास आने से पहले
ही मनोहर ने अपना लंड मसलना छोड़ दिया, सुधा ने वह किताब दी और बैठते हुए कहने लगी पापा यह सवाल नही आ रहा है ज़रा देखिए ना, मनोहर ने
सुधा की मोटी जाँघ पर हाथ रखते हुए कहा अरे बेटी फ़ॉर्मूला तो तुमने सही लगाया नही है और यह कहते हुए मनोहर ने सुधा की मोटी जाँघो के गुदाज
माँस को दबा कर देख लिया और उसकी जाँघो को छुने भर से मनोहर को ऐसा लगा उसका लंड फट जाएगा,
मनोहर सोचने लगा सुधा पूरी नंगी क्या कयामत लगती होगी, अगर सुधा को पूरी नंगी करके चोदना है तो मुझे कुछ ना कुछ जुगाड़ करना ही पड़ेगा,
उधर सोनू वापस छत पर चली जाती है और कुछ देर रोहित और नीलम से बाते करती है फिर रोहित कहता है मम्मी मुझे नींद आ रही है में जाता हूँ
और वह सोनू को स्माइल देकर नीचे आ जाता है,
नीलम : सोनू से पूछती है अभी सुधा पढ़ रही है
सोनू : हाँ मम्मी में दोनो को चाइ अलग पिला आई हूँ अब तो वह और देर तक पढ़ेगी उसकी नींद मेरी चाइ से उड़ गई होगी, आप कहे तो में सुधा को बुला लूँ
आपको पापा के पास जाना होगा,
नीलम : मुस्कुरा कर नही रे अब तेरे पापा मेरी और ज़्यादा ध्यान ही कहाँ देते है लगता है में बूढ़ी हो चली हू
सोनू : क्या मम्मी आप भी ना अभी तो असली जवानी आप पर चढ़ि नज़र आती है आपका बदन इतना सुडोल और भरा हुआ है की अच्छे अच्छे आपको देख कर
पागल हो जाए,
नीलम : अपनी तारीफ सुन कर खुश होती हुई, हाँ रे तू कहती तो सही है पर जब अपना पति ही अपने से बोर हो जाए तो यह भरा बदन भी किस कम का
सोनू : मम्मी एक बात कहूँ आप भी ना पागल है मेरी एक आंटी है वह आपकी उमर की होगी अंकल आंटी पर ज़्यादा ध्यान नही देते थे बस अपने बिज़्नेस में
बिज़ी रहते थे तब आंटी ने अपनी फंतासी को अलग तरह से एंजाय करना शुरू कर दिया था
नीलम |: उत्सुकता से पूछने लगी वह भला कैसे
सोनू : मुस्कुराते हुए, अब मम्मी में आपसे कैसे कहूँ मुझे शरम आती है
नीलम : चल बड़ी आई शरमाने वाली मुझसे क्या शर्मा रही है बहुए तो अपनी सास से अपनी और अपने बेटे की चुदाई की बाते तक कर लेती है और तू शरमा रही
है जैसे कि में तुझे जानती नही,
सोनू : हँसते हुए मम्मी आप सोचेंगी कि सोनू कैसी बाते कर रही है
नीलम : अब शरमा मत और जल्दी से बता दे क्या करती थी तेरी आंटी
सोनू : अरे मम्मी जब आंटी को मज़ा लेना होता था तब वह कहीं भी मार्केट में निकल जाती थी और बहुत सेक्सी ड्रेस पहन कर लोगो को अपनी जवानी दिखाती थी,
जिससे भीड़ वाले इलाक़े में लोग आंटी के दूध दबाते और कई लोग उनकी मोटी गान्ड को भी अपने हाथो से दबोच लेते थे, कभी कभी आंटी बस में भीड़
में खड़ी होती तब कई लोग उसकी गान्ड के पीछे खड़े हो जाते और अपने खड़े हथियार को आंटी की गान्ड में रगड़ते थे जिससे आंटी की चूत पानी पानी हो
जाती थी, आंटी इसी तरह से अपनी जवानी का खूब लुफ्त उठाती है और मज़े करती है
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