RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
कॉलेज आने के बाद वह मुझे बाइ करके जाने लगी और में बाइक पर खड़ा उसे जाते हुए देखने लगा उसकी गोरी गोरी टाँगे और गुदाज
भरी हुई जांघे और उस पर भारी मोटे मोटे मटकते चुतड़ों को देखते हुए में अपने लंड को धीरे धीरे मसल रहा था तभी
सुधा ने पीछे मूड कर मुझे अपनी गुदाज मोटी गान्ड को घूरते हुए पाया और एक कातिल सी स्माइल दे कर अंदर चली गई,
जब घर पहुचा तो सोनू अंदर आई और आते ही मेरी पॅंट खोलने लगी
रोहित : क्या हुआ रानी पॅंट क्यो उतार रही हो अभी लंड लेने का इरादा है
सोनू : मुस्कुराते हुए, अरे रूको तो चलो चड्डी नीचे करके अपने लंड को बाहर निकालो, इतना कह कर सोनू ने खुद ही लंड चड्डी
से बाहर निकल लिया जिसमे अभी भी अकड़न बाकी थी, सोनू ने टोपे को खोल कर लंड को दबाया और उसमे से पानी की दो तीन बूंदे
निकल आई
सोनू ने मेरी और मुस्कुरा कर देखा और पानी की बूँदो को अपनी उंगलिओ में लेकर मसल्ते हुए कहने लगी
सोनू : रास्ते भर खड़ा था क्या तुम्हारा लंड
रोहित : मतलब
सोनू : ज़्यादा बनो मत सुधा की गर्मी पाकर ही पिघला है ना यह
रोहित : अरे तुम भी ना बस एक ही चीज़ तुम्हारे दिमाग़ में चलती रहती है
सोनू : मेरे लंड को सहलाते हुए, कहने लगी खूब मोटी और गदराई हुई जांघे है ना तुम्हारी बहन की
रोहित : मंद मंद मुस्कुराते हुए हुउँ,
सोनू : लंड को कस कर दबाते हुए, अरे जब अपनी बहन की मोटी गुदाज जांघे देख कर तुम्हारे इन महराज के यह हाल है तो जब
अपनी बहन की मस्त फूली हुई मोटी मोटी फांको वाली चिकनी चूत देखोगे तो फिर क्या हाल होगा
रोहित : तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे वह आकर मुझे अपनी चूत दिखाने वाली है
सोनू : मुस्कुराते हुए बड़ा मन कर रहा है अपनी बहन की मस्त फूली चूत देखने का, कहो तो दिखवा दूं
सोनू की बात सुन कर मैने उसकी गान्ड को साड़ी के उपर से सहलाते हुए मुस्कुरा कर कहा , केवल चूत देखने भर से क्या होगा
सोनू : मुस्कुरा कर अच्छा जी बात यहा तक आ पहुचि है कि अब आप अपनी बहन को चोदना भी चाहते हो, तभी तो कहूँ कि आजकल
उसका नाम लेते ही ये लंड महराज ऐसे झटके क्यो मारने लगते है, हम बात ही कर रहे थे कि बाहर से मम्मी की आवाज़ आई जो कि
सोनू को बुला रही थी,
सोनू : झल्लाते हुए, ये तुम्हारी माँ की चूत में भी बड़ी खुजली मची रहती है ज़रा भी दम नही लेती है, और फिर सोनू वही
बैठी बैठी चिल्लाई......आई...... माँ जी....
नीलम हेवी डील डोल, बड़ा सा पेट काफ़ी उभरा हुआ बीच में साल और फिर गहरी नाभि साड़ी दो इंच नीचे मोटे मोटे खरबूजो से
दूध स्लीवलेस चोली में और मोटी मोटी केले के खंबो जैसी तनो जाँघो के उपर बहुत भारी और सुडोल चूतड़ मटकाते हुए,
नीलम : अरे बहू ज़रा देख आज कितने दिनो बाद मैने साड़ी पहनी है कैसी लग रही हूँ,
सोनू: मम्मी अच्छी तो लग रही हैं लेकिन आपके बदन पर तो टाइट चिपकी हुई लेग्गी या फिर कसा हुआ जीन्स ही ज़यादा अच्छा लगता है
पर वैसे साड़ी जब आप पहनती है तो इसे नाभि से थोड़ा और नीचे रखा कीजिए तब यह आप पर और भी अच्छी लगती है, और फिर नीलम
ने अपनी साड़ी को नाभि के और भी नीचे सरकते
हुए अपने गदराए पेट को मसल्ते हुए कहा, आज तो पेट भी खराब लग रहा है ज़रा चाइ पिला दे तो शायद कुछ आराम मिले,
सोनू : माजी गॅस बन रही होगी और चाइ से तो और भी गॅस बनेगी
नीलम अरे नही रे, चाइ पीकर ज़रा फ्रेश हो आती हूँ शायद राहत मिले, सोनू का खुराफाती दिमाग़ तो था ही वह अपने मन में
मुस्कुराती हुई सोचने लगी, माजी कहीं पापा जी से गान्ड तो नही मरवाती हो, तभी तुम्हारी गान्ड में खुजली मची रहती है, पर
पापा जी अब इस उमर में तुम्हारी गान्ड क्या मारते होंगे, तुम्हारी इस मोटी घोड़ी जैसी गान्ड में तो कोई बड़ा सा लंड चाहिए जो तुम्हे
कस कस कर चोदे,
नीलम : अरे घोड़ी अब खड़ी खड़ी क्या सोचने लगी
सोनू : मुस्कुरा कर कुछ नही माजी आपका इलाज कैसे करूँ यही सोच रही थी, में अभी चाइ लेकर आती हूँ, और फिर सोनू भागते
हुए मेरे पास आई और पूछने लगी क्योजी आप चाइ पियोगे क्या, मैने कहा पिला दो,
सोनू: अच्छा एक बात पुंच्छू
रोहित : क्या
सोनू : अगर तुम्हे कोई अच्छी मोटी तगड़ी गान्ड मारने को मिले तो मारोगे कि नही
में सोनू की बात सुन कर मुस्कुराते हुए, कहने लगा डार्लिंग तुम्हारी गान्ड मारता तो हूँ और कौन सी गान्ड का जुगाड़ है
सोनू : अगर तुम्हे खूब मोटे मोटे चुतड़ों में अपना मूसल डाल कर कूटना हो तो बोलो
रोहित : बताओ तो सही किसके चुतड़ों की बात कर रही हो
सोनू : अभी नही बताउन्गी, अगर बता दिया तो पानी छोड़ दोगे
रोहित : ऐसे किसके चूतड़ है जिनका नाम सुनते ही में पानी छोड़ दूँगा
सोनू: में चाइ बना कर लाती हूँ फिर बाद में बताउन्गी तुम्हे
सोनू इतना कह कर चली गई और मेरा लंड उसकी बातों से ही खड़ा हो गया था, में तो उसकी बाते सुन कर यही समझ रहा था कि
वह ज़रूर सुधा की मोटी गान्ड की बात कर रही होगी, इसीलिए मेरे लंड में अपनी बहन की गान्ड को सोच कर ताव आ गया था,
शाम को माँ पार्क में घूमने गई हुई थी और सुधा सोनू के साथ रूम में बैठी थी दोनो कुछ बाते कर रही थी, मैने अपने मोबाइल
को साइलेंट मोड पर करके और ऑडियो रेकॉर्डिंग ऑन कर दी और मोबाइल को वही रूम पर रख कर बाहर आ गया, करीब 1 घंटे बाद
सोनू बालकनी में आई और कहने लगी चलो पार्क में बैठेंगे, मैने कहा, ठीक है तो वह कहने लगी फिकर मत करो आज तो माजी
भी पार्क में घूमने गई है और सुधा भी चल रही है,
मैने कहा ठीक है चलो और में रूम में जाकर अपना मोबाइल लेकर आ गया और फिर सुधा और सोनू घूमने लगी और मैं मोबाइल
कान से लगा कर वह ऑडियो रेकॉर्डिंग सुनने लगा, सोनू काली साड़ी में अपने गुदाज चुतड़ों को मटका मटका कर मेरे सामने से निकलती
और जानबूझ कर जब मेरे सामने से जाती तो अपनी गान्ड को खुजलाने लगती और मुझे देख देख कर मुस्कुराने लगती, में उसके चुतड़ों
को घूरते हुए फिर अपनी बहन सुधा की भारी गान्ड देखने लगता, सुधा जीन्स फसा कर घूम रही थी और उसमे उसकी जांघे खूब
दबोचने लायक लग रही थी और गान्ड का भारी उठाव और चौड़ाई देख कर तो मेरा लंड फटा जा रहा था,
अभी दो ही राउंड उन्होने लगाए होंगे कि सोनू सुधा को छोड़ कर मेरे पास आई और मेरे कान में धीरे से कहने लगी, आज तो जीन्स में तुम्हारी बहन की गान्ड खूब मोटी नज़र आ रही है, आज में उसको खूब चक्कर लगवाउंगी तुम आराम से जी भर कर अपनी प्यारी बहन की गुदाज जवानी
और मोटी गान्ड का आनंद लो, में मुस्कुराते हुए कहा ठीक है,
तो सोनू ने मेरे गालो को खींचते हुए कहा, में जानती हूँ आज रात को तुम मुझे खूब कस कस कर चोदने वाले हो और मेरी गान्ड और चूत लाल कर दोगे, उसके बाद सोनू फिर से सुधा के साथ घूमने लगी,
सोनू जानती थी कि में अपनी बहन सुधा के भारी चुतड़ों को जब भी जीभर कर देखता हूँ तो रात को सोनू को चोदते हुए यही सोच
सोच कर सोनू की गान्ड और चूत मारता हूँ जैसे कि में अपनी जवान रसीली बहन सुधा को चोद रहा हूँ, मैने इधर उधर देखा तो माँ
थोड़ी दूर किसी आंटी के साथ पार्क में बैठ कर बाते कर रही थी, मैने ऑडियो सुनना शुरू किया, ऑडियो में सोनू कह रही थी .
सोनू : क्यो ननद रानी आज कल रात को देर तक तुम्हारे कमरे की बत्ती जलती रहती है, कही कोई लंडा तो नही फसा लिया जिससे फोन
पर बतियाती रहती हो
सुधा : मुस्कुराते हुए क्या भाभी आप भी ना बस ले देकर एक ही बात पर आडी रहती हो अरे बाबा मेरा किसी लड़के से कोई अफेर नही है
सोनू : अच्छा जी पर तुम्हारी जवानी, ये भारी भारी जांघे चौड़े और उठे हुए चुतड़ों और फिर सुधा के बोबे को मसल्ते हुए, इन मोटे मोटे गुदाज दूध को देख कर तो बच्चो और बुढ्ढो के मन में भी तुंझे नंगी करके देखने और सहलाने का ख्याल आ जाता होगा, फिर जवान लोंडो की तो बात ही अलग है
सुधा : मुस्कुराते हुए, क्यो जवान लोंडो में ऐसा क्या है
सोनू : हे सुधा तुझे क्या पता जवान और मोटा तगड़ा लंड कितना मज़ा देता है
सुधा : चुप करो भाभी कितनी साफ भाषा में बात करती हो कोई सुन लेगा तो
सोनू : अरे नंद रानी तू नही जानती जब मोटा मोटा काला डंडा यहाँ घुसता है तो कितना मज़ा देता है और उपर से तेरे भैया का लंड तो पूरा मूसल है वो जब मुझे नंगी करके चोदते है
सुधा : हूँ
सोनू : क्या बात है कहाँ खो गई
सुधा : आह भाभी अपनी कोहनी हटाओ ना मेरी जाँघो से
सोनू : अहह हहा ननद रानी ऐसे क्यो सीसीया रही हो कही किसी ने सुन लिया तो सोच में पड़ जाएगा कि ननद भाभी में इतनी सीसीयाहट कैसे आ रही है
सुधा : भाभी आप कभी खुराफाती बातों के अलावा भी कुछ सोचती है,
सोनू : हँसते हुए, में तो जब से जानने समझने लायक हुई हूँ तब से सिवाय चूत लंड के मुझे कोई बात अच्छी ही नही लगती है
सुधा : अच्छा तो जब आपकी शादी नही हुई थी तब यह सब बाते किससे करती थी
सोनू : अपनी सहेली सपना से मेरी सबसे खास दोस्त है वो, तू नही जानती उसने तो शादी के पहले भी कई बार मेरा पानी निकाला है
सुधा : अश्चर्य से देखती हुई, क्या बात कर रही हो भाभी
सोनू : सच्ची, आज भी मिलती है तो, बिना मेरी चूत सहलाए मानती ही नही है
सुधा : में तो समझती थी कि यह सब नेट पर और मूवी पर ही ऐसा होता है पर क्या सचमुच दो औरते भी ऐसा करती है
सोनू : अब ज़्यादा बन मत इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है कि आज छोड़ो तो कल माँ बन जाए, और नखरा देखो कि इन्हे पता नही है कि आजकल
लोग गाय ढोर की भी गान्ड मार लेते है तो फिर क्या लेसबो और क्या होमो
सुधा : भाभी अभी में इतनी बड़ी भी कहाँ हुई हूँ
सोनू : अच्छा जा एक बार अपना मस्त भोसड़ा फैला कर अपने भैया को दिखा दे, अब वह ही तुझे बताएगे कि तू छोटी बच्ची है या माँ बनने लायक है
सुधा : शर्म करो भाभी, भला कोई भाई बहन के बीच ऐसी बात लाता है क्या
सोनू : और अगर में कहूँ कि तेरे भैया को तेरी यह मोटी मस्त गान्ड बहुत पसंद आती है तब
सुधा : गुस्सा होते हुए, भाभी मज़ाक की भी हद होती है,
सोनू : अरे जाती कहाँ है, तेरे और मेरे रिश्ते में मज़ाक की कोई हद नही होती है, तुझे पता है हमारे गाँव में तो नंद भाभी आपस में चुदाई भी
कर लेती है
सुधा : क्या बात कर रही हो भाभी
सोनू : अरे यह तो कुछ भी नही मेरी सहेली सपना के बारे में सुनेगी तो दंग रह जाएगी, पर रहने दे तुझे ऐसे बाते पसंद नही आती है ना
सुधा : सोनू के गाल खिचते हुए, ओ मेरी प्यारी भाभी, तुम्हारी यही कमिनि हरकत तो मुझे बहुत अच्छी लगती है, में जानती हूँ तुम मुझे पूरी बात बताओगी पर नखरा तुमसे बेहतर कोई नही कर सकता मुझे तो समझ में नही आता कि तुम इतनी बड़ी छिनाल टाइप बाते कैसे कर लेती हो
सोनू : मुस्कुराते हुए, अच्छा सच सच बता तुझे मेरी बाते अच्छी लगती है ना
सुधा : मुस्कुराते हुए, हुउऊँ
सोनू :अगर तू इंटरेस्ट ले तो में तो तुझसे ऐसी बाते भी कर सकती हूँ कि तू बैठे बैठे अपनी चूत से पानी छोड़ दे
सुधा : अब रहने दो भाभी इतनी भी मत हाँको
सोनू : अच्छा तू इंटरेस्ट लेगी, तो में बताऊ
सुधा : अच्छा ठीक है बताओ, लेकिन बिना मेरे यहाँ वहाँ हाथ लगाए
सोनू ; अच्छा नही लगाती पर थोड़ा मेरे करीब तो बैठ बस धीरे धीरे तेरे इन कसे हुए उभारों को सहला तो लेने दे
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