RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
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मंडे को रीत न्ड प्राची को वापिस हॉस्टिल जाना था और वो हॉस्टिल जाने के लिए रेडी थी. रीत अपने घर बैठी प्राची का वेट कर रही थी. तभी एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से प्राची और सन्नी बाहर निकले. सन्नी गाड़ी के पास ही रुक गया और प्राची अंदर आ गई. सन्नी ने गाड़ी में कल जो उस से ग़लती हुई थी उसके बारे में प्राची को बता दिया था. प्राची भी अपने भैया पे बहुत गुस्सा हुई इस बात को लेकर. सन्नी अब बहुत परेशान था वो अब रीत से एक दफ़ा माफी माँगना चाहता था मगर उसे समझ नही आ रहा था कि किस मूह से माफी माँगे.
प्राची रीत के पास पहुच चुकी थी. रीत ने अपना बॅग लिया और अपने एक नौकर को उसे गाड़ी में रखने को बोल दिया और खुद अपने मम्मी पापा के पास जाकर उनसे मिलने लगी.
रीत अपनी मम्मी से गले मिलते हुए.
रीत-ओके मम्मी बाइ.
मम्मी उसका माथा चूमते हुए.
मोम-ओके बेटा अपना ध्यान रखना और जल्दी मिलने आना.
रीत-ओके मोम मैं जल्दी ही मिलने आउन्गि.
मम्मी को मिलने के बाद रीत पापा से भी गले मिली और कहा.
रीत-ओके पापा बाइ.
पापा-बाइ बेटा और ये पकड़ तुम्हारे नये फ्लॅट की चाबी.
रीत खुशी से उछलती हुई.
रीत-पापा अपने इतनी जल्दी फ्लॅट भी ढूंड लिया हमारे लिए.
पापा-बिल्कुल बेटा तुम्हारे लिए तो अपनी जान भी हाज़िर कर देंगे हम दोनो. वैसे भी ये सब कुछ तुम्हारा ही तो है. मैने सन्नी का सब समझा दिया है वो तुम दोनो को वहाँ छोड़ आएगा और तुम्हारा समान भी हॉस्टिल में से फ्लॅट में शिफ्ट करवा देगा. ओके.
रीत-ओके. थॅंक यू सो मच पापा.
पापा-अरे थॅंक यू की क्या बात है. तुम हमारी बेटी हो यार.
रीत-ओके पापा अब हम चलते हैं.
पापा-ओके. अपना ख्याल रखना. कूटी तू ख़याल रखा कर इसका.
रीत हँसते हुए बोली.
रीत-पापा आप किसे मेरा ख्याल रखने को बोल रहे हो उल्टा इसका ख्याल मुझे रखना पड़ता है.
वो सब रीत की बात सुनकर हंस पड़े.
रीत न्ड प्राची आकर गाड़ी में बैठ गये पहले की तरह ही प्राची आगे बैठी थी और रीत पीछे. पूरे रास्ते सन्नी और रीत आपस कुछ नही बोले. प्राची सारे रास्ते बक बक करती रही और रीत न्ड सन्नी उसकी बात का हुंगरा भरते रहे. हॉस्टिल पहुच कर रीत न्ड प्राची गाड़ी से बाहर निकली और सन्नी को रुकने को बोल कर अपने रूम में पहुच गई. अंदर करुणा न्ड नीतू एअर फोन्स लगाकर म्यूज़िक सुन रही थी. रीत न्ड प्राची को देखकर वो उठ कर उनके गले मिली और करुणा ने कहा.
करुणा-आ गई आप दोनो.
रीत-येस करू अब जल्दी करो अपना समान पॅक करो.
करू-क्यू क्या हुआ.
प्राची-अरे दीदी हम फ्लॅट में शिफ्ट हो रहे हैं रीत दीदी के पापा ने हमारे लिए एक फ्लॅट खरीद कर दे दिया है.
करुणा न्ड नीतू को ये बात सुनकर खुशी तो हुई मगर थोड़ी परेशान होकर बोली.
करुणा-मगर रीत क्या हम तुम्हारे साथ वहाँ पे ऐसे ही फ्री में रहेंगी. यार ये ठीक नही है.
रीत अपनी कमर पे हाथ टीकाकार गुस्सा होते हुए बोली.
रीत-करू आज तुमने ये बात बोल दी मगर आगे से कभी कहा तो मुझसे बुरा कोई नही होगा. चुप चाप समान पॅक करो और कूटी मेरा बॅग भी तू पॅक कर दे मैं वॉर्डन सर को हॉस्टिल छोड़ने के बारे में बता कर आती हूँ. कुछ फॉरमॅलिटीस होगी जो पूरी करनी पड़ेगी. आप समान पॅक करो मैं आती हूँ.
प्राची बुदबुदाती हुई बोली.
प्राची-मुझे ज़्यादा काम करना पड़ेगा.
मगर रीत वहाँ से जा चुकी थी.
उन्होने अपना अपना समान गाड़ी में रखा और प्राची ने नीतू और करू को सन्नी से मिलवाया. इतने में रीत भी आ गई और वो निकल पड़े फ्लॅट की ओर दिल में एक रोमांच लिए.
फ्लॅट पहुच कर वो गाड़ी से बाहर आई अंदर चली गई. अंदर जाकर उन्होने देखा कि फ्लॅट बहुत ही सुंदर था. फ्लॅट में एंटर होते ही लॉबी थी जहाँ पे सोफा और मेज़ रखा हुया था और एक तरफ डाइनिंग टेबल पड़ा था. एंटर होने के बाद लेफ्ट में किचन था उसके साथ छोटा सा स्टडी रूम था न्ड सामने की ओर एक बड़ा कमरा था जहाँ पे 4 सिंगेल बेड पड़े थे जो की रीत न पार्टी के सोने के लिए थे. राइट साइड की और एक और कमरा था जिसमे एक डबल बेड पड़ा हुया था और उसके साथ अटॅच्ड वॉशरूम था. फ्लॅट के बाहर थोड़ी जगह थी जिसमे घास लगाई हुई थी सर्दी में बाहर निकलकर वहाँ पे बैठ कर धूप सेकि जा सकती थी. वहीं से एक सीढ़ी छत की और चढ़ती थी और उपर छत पे भी बैठा जा सकता था. कुल मिलाकर पूरा फ्लॅट बहुत अच्छा था. उन्होने अपना समान अंदर रख दिया और घूम कर सारा फ्लॅट देखने लगी. तभी सन्नी ने प्राची से कहा.
सन्नी-ओके गुड़िया मैं चलता हूँ. बाइ.
प्राची-ओके भैया बाइ.
सन्नी-बाइ करुणा न्ड बाइ नीतू.
करुणा न्ड नीतू ने भी उसे बाइ किया.
सन्नी ने एक बार रीत की ओर देखा जो कि उदास नज़रो से नीचे देख रही थी. वो हिम्मत जुटा कर बोला.
सन्नी-रीत क्या आप 1 मिनिट के लिए बाहर आएँगी.
रीत ने थोड़ा सोचा और बाहर की ओर चल पड़ी.
सन्नी और रीत गाड़ी के पास खड़े थे. सन्नी ने बात शुरू की.
सन्नी-रीत मैने जो कुछ तुम्हारे साथ किया उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा हूँ मैं तो माफी का हक़दार भी नही रीत. मैं जोश में होश खो बैठा रीत मुझे ऐसा लगा कि मैं तुम्हे खो रहा हूँ. प्लीज़ अगर हो सके तो मुझे माफ़ कर देना. तुम मुझे चाहो या ना चाहो मगर मैं हमेशा तुम्हे चाहता रहूँगा.
कहते हुए सन्नी का गला भर गया.
रीत काफ़ी देर कुछ नही बोली. उसकी आँखें भी भर आई थी. वो थोड़ा संभाल कर बोली.
रीत-सन्नी तुमने जो ग़लती की है वो माफी के लायक नही है.
और रीत अंदर चली गई.
सन्नी भी भरे मन से वापिस गाओं चल पड़ा.
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