RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
प्राची जब कपड़े पहनकर वॉशरूम से बाहर निकली तो रीत, करुणा और नीतू अपने अपने बेड पे आराम से बैठी थी. प्राची ने किसी की तरफ नही देखा और जाकर धडाम से अपने बेड पे गिर गई और उल्टी लेट गई. रीत जान चुकी थी कि कूटी अब उनसे नाराज़ हो चुकी है. उसने प्राची को आवाज़ दी.
रीत-मेरी प्यारी कूटी उठो ना.
प्राची ने कोई जवाब नही दिया.
करुणा-अरे कूटी उठ ना बाहर घूम कर आते हैं.
पराची फिर से गुम सूम पड़ी रही.
नीतू-हमारी प्यारी कूटी बोलो ना प्लीज़.
प्राची की तरफ से कोई हरकत ना होती देख रीत उठी और प्राची के साथ उसके बेड पे लेट गई. प्राची की पीठ उसकी तरफ थी रीत ने अपनी एक बाह उठाई और प्राची के चेहरे के उपर टिकाई और उसे अपनी तरफ घुमाने लगी.
रीत-देख कूटी अगर तू अब नही बोले गी तो मैं भी तुमसे बात नही करूँगी.
अब प्राची पीठ के बल हो गई और अपना चेहरा छत की तरफ कर दिया. रीत ने देखा कि उसकी आँखों में आँसू थे.
रीत-अरे मेरी कूटी की आँख में आँसू.
करुणा और नीतू भी उसके पास आ गई और उसे छेड़ने लगी.
रीत ने उसकी गाल पे किस की मगर प्राची के फेस पे कोई चेंज नही आई फिर रीत कुछ सोच कर बोली.
रीत-ओके तो हम ऐसा करते है एक एक करके अपनी कूटी के सामने अपने कपड़े उतारते है तभी ये बोलेगी चल नीतू अपनी लोवर निकाल सामने जाकर.
नीतू उठी और जिस बेड पे प्राची लेटी हुई थी उसके सामने जाकर उनकी तरफ पीठ कर के खड़ी हो गई और अपने दोनो हाथ अपनी लोवर की एलास्टिक में डाल दिए. जैसे ही प्राची ने देखा कि नीतू आगे देख रही है वो एकदम उठी और जाकर नीतू की लोवर पकड़ कर पैंटी समेत नीचे कर दी. नीतू की लोवर और पैंटी उसके पैरों में पहुच गई. प्राची ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. नीतू ने अपनी लोवर और पैंटी फिर से उपर की और उसके चेहरे पे भी गुस्से की जगह मुस्कुराहट थी.
रीत और करुणा भी प्राची की हरकत देखकर मुस्कुराने लगी.
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अब रात हो चुकी थी और वो 4रो खाना खा कर अपने रूम में आ चुकी थी और आपस में बातें कर रही थी.
प्राची-वैसे रीत दीदी रेहान है तो हॅंडसम.
करुणा-सही कहा प्राची. रीत बता ना कैसा लगा तुम्हे वो.
रीत-ह्म्म्म अच्छा है.
नीतू-अच्छा या बहुत अच्छा.
रीत-बहुत अच्छा है यार लेकिन नीतू करन भी कम नही है.
नीतू-वो तो आज मुझे ही घूरता रहा.
प्राची-तुझे घूरता रहा या तेरे इन पहाड़ों को.
प्राची ने नीतू के मम्मों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
नीतू-देखो रीत दीदी अब कैसे जीभ चल रही है इसकी अगर हम इसे कुछ कहेंगे फिर ये नाराज़ हो जाती है.
रीत-यार नीतू इसकी बात का गुस्सा मत किया कर तू जानती तो है ये बस ऐसी ही है.
नीतू-ओके दीदी वैसे भी मैं इसकी बातों का गुस्सा नही करती.
वो प्राची के पीछे आकर बैठ गई और उसके गले में बाहें डालते हुए कहा.
नीतू-कूटी तुम्हे पता है वो हॅरी करुणा दीदी के साथ चिपक कर बैठा था.
करुणा-अच्छा नीतू की बच्ची झूठ मत बोल.
नीतू-अरे दीदी मेरा मतलब है आपके साथ बैठा था और मैने कई दफ़ा देखा आप तिरछी नज़र से उसे देख रही थी.
रीत-अरे वाह ऐसा क्या.
प्राची-बिल्कुल रीत दीदी अब तो आप तीनो के उपर नज़र रखनी पड़ेगी मुझे.
करुणा-तू अपने आप को बचा के रखना उस मोटू से.
प्राची-उसकी फिकर मत करो आप उस मोटू को तो मैं जान से मार दूँगी.
नीतू-कही जान से मारती मारती उस से कुछ मरवा ही मत लेना.
प्राची-मरवाएँगी तो अब आप तीनो.
रीत-कूटी तू कुछ ज़्यादा ही बदमाश हो गई है. स्कूल में तो तू ये सब बातें जानती नही थी. किसने सिखाया तुझे ये सब.
प्राची-अरे दीदी अब जैसी संगत वैसी रंगत आपके साथ रहूंगी तो कोई ग्यान की बात थोड़े ना सीखूँगी यही सब सीखूँगी.
रीत-अच्छा तो मुझसे सीखती है तू ये सब. करुणा और नीतू तुम बताओ मैने अब तक इतने दिनो में कोई ऐसी गंदी बात कि जैसी बातें ये कर रही है.
करुणा-बिल्कुल भी नही रीत.
रीत-अब बता.
प्राची-अब दीदी कुछ आपकी मेहरबानी है और कुछ टीवी की जिसमे सारा दिन यही सब तो चलता है.
रीत-आज से तेरा टीवी देखना बंद. टीवी पे मूवीस देख कर ही तू इतनी बदमाश हुई है.
प्राची-ओके दीदी अब तो मैं आपकी और रेहान जीजू की लाइव मूवी ही देखूँगी.
रीत-हाए राम कहाँ से कहाँ तक पहुचती है ये लड़की.
नीतू-रीत दीदी जिस दिन किसी ने इसकी लाइव मूवी बना डाली ना ये तब सुधरेगी.
प्राची-वो दिन मेरी शादी से पहले कभी नही आएगा.
करुणा-तू देखती जा कूटी तूने खुद ही कहा है कि जैसी संगत वैसी रंगत. अब हमारे साथ रहेगी तो हमारा रंग तो तुझ पे चढ़ेगा ही.
प्राची-देखेंगे करुणा दीदी वो दिन कब आएगा.
रीत-बस बस अब ज़्यादा भाव मत खा अब सो जा चुप कर के फिर सुबह उठने में नाटक करती है.
प्राची-आप देखना दीदी सुबह सबसे पहले उठूँगी मैं.
नीतू-सूरज दूसरी तरफ से उगेगा अगर तू सबसे पहले उठ गई.
प्राची-देखना नीतू की बच्ची तुमसे तो पहले ही उठूँगी.
रीत-ओके अब लाइट ऑफ करने जा रही हूँ चुप चाप सो जाओ तुम दोनो.
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