RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे अभी के आगे बेबस हो चुकी थी. लंड की चाहत मे मेने अपने हाथों को पीछे लेजा कर अपने चुतड़ों को पकड़ कर दोनो तरफ फैला दिया. अभी ने तेल की बॉटल से मेरी गांद के छेद पर तेल की धार डालनी शुरू कर दी. जब मेरे चूतड़ और गांद का छेद तेल से सन गया. तो अभी ने बॉटल को बेड की रेस्ट सीट पर रख दिया. और मेरे चुतड़ों पर लगे हुए तेल को मेरी गांद के छेद के पास मलने लगा. और फिर अपने हाथ की एक उंगली को मेरी गांद के छेद मे धीरे-2 अंदर बाहर करके तेल को मेरी गांद के छेद के अंदर तक लगाने लगा. मेरी गुदा की दीवारों पर सरसारहात सी होने लगी.
मे बस अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए अपने चुतड़ों को फैला कर रखने की कोशिश कर रही थी. और अभी बार -2 मेरे चुतड़ों पर फेले हुए तेल से अपनी उंगली को भीगो कर मेरी गांद के छेद मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मुझे अभी की उंगली से कोई दर्द नही हो रहा था.
जब अभी ने ढेर सारा तेल मेरी गांद के छेद के अंदर तक लगा दिया. तब वो अपने लंड को मेरे चुतड़ों पर रगड़ने लगा. चुतड़ों पर बचा हुआ तेल अभी के लंड पर लगने लगा.
अभी: चल अब तैयार हो जा. ज़्यादा नखरे करने के ज़रूरत नही है समझी.
मे: ठीक है बाबू जी पर धीरे-2 करना. मे पहली बार अपनी गांद मे लंड ले रही हूँ. कहीं मेरी गांद फॅट ना जाए.
अभी: ठीक है ठीक है. मे ध्यान से करूँगा.
और फिर अभी ने मेरे ऊपेर हुए चुतड़ों के बीच मेरी गांद के छेद पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया. जैसे ही मेरी गांद के छेद पर अभी के लंड का सुपाड़ा लगा. मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और दिमाग़ मे ये ख्याल आने लगा. जब अभी का मुन्सल सा लंड मेरी गांद के टाइट छेद मे जाएगा. तो कितना दर्द हो गा.
अभी: तैयार है ना.
मे: जी बाबू जी पर्र. अहह मररर गइई मआराअ डाला रीई जालिम. ऑश बाहर निकल लो बाबू जीई बहुत दर्द हूओ रहा है. मेरे गान्ड अह्ह्ह्ह फॅट गाईए ओह्ह्ह बाबू जी.
अभी: चुप साली चिल्ला क्यों रही है. सारा मुहल्ला इकट्ठा करेगी क्या.
मे: क्या करूँ बाबू जीईए ओह बहुत दर्द हो रहा है.
अभी: साली अभी आधा लंड भी नही घुस्सा है.
मे अभी की बात को सुन कर एक दम से चोंक गयी. अगर अभी का आधा लंड नही घुस्सा था. फिर पूरा लंड मेरे गांद मे जाने से तो पक्का मेरी गांद फॅट जाएगी. मे अभी ये सोच ही रही थी. कि अभी ने एक और जबरदस्त धक्का मारा . अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी गांद के छेद को और फेलाता हुआ अंदर घुस्स गया. मे दर्द से तिलमिला उठी. पर मैने इस बार अपनी आवाज़ को दबा लिया. और मेरे मुँह से सिर्फ़ सीईईईईई अहह ही निकल पाया.
दर्द के मारे मेरी पीठ पर पसीना आने लगा था. जब अभी ने मुझे दर्द मे देखा तो वो मेरे ऊपेर लेट गया. और मेरे माथे पर लटक रही बालों के लातों को ठीक करते हुए. मुझे प्यार से सहलाने लगा.
अभी: बस मेरे जान हो गया. बस थोड़ा सा और बाकी है. अहह सच मे आज तूने मुझे खुस कर दिया है.
मे: (दर्द को सहते हुए) बाबू जी आप अब तो खुस हो ना.
अभी: हां मेरी जान. बस देखना अब जब भी मे तुम्हारी गांद मारूँगा. तुम्हें दर्द नही होगा.
और अभी मेरे कानो को अपने दाँतों और होंटो से दबाते हुए धीरे-2 अपनी कमर हिला कर अपने लंड को मेरी गांद के अंदर बाहर करने लगा. धीरे-2 मेरा दर्द कम हो रहा था, और अभी के धक्को की स्पीड मेरी गांद के छेद मे बढ़ रही थी.
मे: आहह बाबू जी कुच्छ तो रहम करो. मेरीई तो फॅट गयी है.
अभी: बस मेरी रानी थोड़ा सा और से लो.
और अभी मेरी गांद के छेद मे लगतार अपने लंड को अंदर बाहर किए जा रहा था.
अभी: अह्ह्ह्ह मेरी रांद्ड़ मेरा पानी निकलने वाला है.
मे: बाबू जीए प्लस्स मेरी चूत मे निकालना.
अभी: अच्छा चल जल्दी सीधे हो.
और अभी ने अपना लंड मेरी गांद के छेद से बाहर निकाल लिया. मेरी गांद के छेद मे फिर हल्का सा दर्द हुआ. पर लंड को फिर से चूत मे लेने के लिए मे मचल रही थी. मे जल्दी से सीधी पीठ के बल लेट गयी. और अपनी टाँगों को ऊपेर की ओर उठा लिया. अभी ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रखा और अंदर पेल कर तेज़ी से धक्के लगाने लगा. कुछ ही पलों मे अभी झाड़ कर हाफने लगा. और मेरे ऊपेर निढाल हो कर गिर गया.
जैसे अभी थोड़ा नॉर्मल हुआ. अभी मेरे ऊपेर से उठ कर अपने कपड़े पहन कर बाहर चला गया. मे कुछ देर बाद बेड से उठी और अपनी नाइटी पहन कर बाहर आने लगी. जैसे ही मे चलने को हुई. तो दर्द से मेरा बुरा हाल हो गया. मे लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे पहुच कर हाथ पैर धोने लगी. गांद मे टीस सी उठ रही थी. चलने मे भी दिक्कत हो रही थी.
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