RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
पर सेक्स का कीड़ा तो हर इंसान के अंदर होता है…रात के करीब 11 बज रहे थे…मे सोया नही था…दूसरी तरफ ठिंकू बहुत ही गहरी नींद मे था…मेने आँख खोल कर देखा…नीता मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी…मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…लंड मे तनाव आने लगा…क्योंकि वो मेरे से अब सिर्फ़ 1-2 इंच के फंसले पर लेटी हुई थी..मे उसके बदन से उठी रही गरमी को सॉफ-2 महसूस कर रहा था…उसने टीशर्ट और सलवार पहनी हुई थी…और टीशर्ट उसकी पीठ पर थोड़ा ऊपेर चढ़ि हुई थी…जिसके कारण उसकी ब्लॅक पॅंटी की एलास्टिक सलवार से बाहर दिख रही थी…मे अपने आप पर से कंट्रोल खोने लगा…मेरा लंड एक दम तन चुका था…मे हिम्मत करके नीता के और करीब खिसक गया..जिसके कारण मेरा लंड उसकी गांद के दरार मे उसकी सलवार के ऊपेर से धँस गया…नीता थोड़ा सा कसमासाई…और फिर शांत पड़ गयी…
मेरी हिम्मत अब और बढ़ने लगी थी…मेने दिल मे सोच लिया था…अब चाहे जो भी हो जाए…मे पीछे नही हटूँगा…मेने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया…और थोड़ी देर इंतजार करने के बाद जब नीता उसी तराहा पड़ी रही…तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी…मेरा हाथ सरकता हुआ उसकी कमर से पेट पर आ गया…जैसे ही मेरा हाथ उसके पेट पर आया…मेरा दिल और जोरों से धड़कने लगा…उसकी टी शर्ट उसके पेट से ऊपेर उठी हुई थी…मेरा हाथ उसकी नाभि पर था…जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि पर लगा…नीता फिर से कसमासाई…और इस बार उसने अपनी गांद को मेरे लंड पर दबा दिया…मेरे होश उड़ गये..कहीं वो जाग तो नही रही है….कोई बात नही जो होगा देखा जाएगा….मे धीरे-2 उसके पेट को सहलाने लगा…कई बार मेरी उंगलिया उसकी सलवार के जबरन को छू जाती….और उसका पेट मे थरथराने के कारण कंपन पैदा हो जाता…
अचानक वो मेरी तरफ घूम गयी…और उसने मेरे ऊपेर हाथ रख लिया…अब हम दोनो एक दूसरे की तरफ करवट ले लेटे हुए थे….उसकी तेज़ी से चल रही साँसों को मे अपने फेस पर महसूस कर रहा था…हम दोनो एक दूसरे से सॅट गये थी…उसकी चुचिया मेरे चेस्ट मे धँस गयी थी…उस नरम अहसास को मे आज भी नही भूल पाता हूँ.
उसके साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी…जो इस बात का सबूत थी..कि वो सो नही रही है…
मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी…और मेने अपना हाथ उसकी कमर मे डाल दिया…वो मुझसे और चिपक गयी…और उसने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया…मेरे होंठ उसकी टीशर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियो को टच हो रहे थे…मेने अपने हाथ को धीरे-2 उसके चुतड़ों के तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…जैसे ही मेरा हाथ उसके चुतड़ों पर आया…वो एक दम से कसमसा गयी…और अपनी जाँघ को उठा कर मेरी जाँघ पर रख दिया…मे नीता के फेस की तरफ देखने लगा…उसकी आँखें बंद थी…पर थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखा…उसकी आँखों मे वासना की लहरे उमड़ रही थी…
उसने मेरे आँखों मे देखा…और एक कामुक सी मुस्कान उसके होंठो पर आ गयी…उसके होन्ट काँप रहे थे…उसने अपने सर को हिलाया…जैसे वो मुझसे अपनी सहमति जता रही हो…और फिर से अपनी आँखें बंद कर ली…और अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ाने लगी…मेरा लंड नीचे से एक दम तन गया…जैसे ही मे अपने होंटो को नीता के होंटो की तरफ बढ़ाने लगा…मेरे हिलने से मेरा लंड उसकी सलवार और पॅंटी के ऊपेर से उसकी चूत की फांकों से जा टकराया…उसके मुँह से सीईइ के आवाज़ निकल गयी…और उसने अपने होंटो को मेरे होंटो पर रख दिया…और मेरे होंटो को चूसने लगी…ये पहली बार था…जब मे किसी को किस कर रहा था…मुझे पहले थोड़ा सा अजीब लगा..पर फिर मज़ा आने लगा…और मे नीता के होंटो को चूसने लगा…वो मेरे पूरा साथ दे रही थी…जैसे ही मेने नीता के होंटो को चूसना शुरू किया…नीता ने अपने होटो को ढीला छोड़ दिया…और अपने होंटो को थोड़ा सा खोल लिया..ताकि मे नीता के होंटो अच्छी तरह से चूस सकूँ….
नीता बिकुल भी अपने होंटो को हिला नही रही थी…मे अपनी मर्ज़ी के मुताबिक उसके दोनो होंटो को बारी-2 चूस रहा था…नीता पूरी तराहा गरम हो चुकी थी…और वो नीचे से धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर अपनी चूत को सलवार के ऊपेर से मेरे लंड के ऊपेर रगड़ने लगी…
मेरा डर अब बिकुल ख़तम हो चुका था…और मे नीता के होंटो को चूस रहा था…5 मिनट लगातार नीता के होटो को चूसने के बाद…मेने अपने को आगे करके नीता की टीशर्ट के नीचे से उसकी चुचियो की तरफ बढ़ने लगा…पर नीता ने मेरा हाथ पकड़ लिया…और अपने होंटो को अलग करती हुई धीरे से फुसफ्साई….नही यहाँ नही…ठिंकू जाग जाएगा…
मे नीता की तरफ हैरानी भरी नज़रों से देखने लगा…नीता मुझ से अलग हुई..और उठ कर रूम की लाइट ऑन कर दी…मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था…लाइट ऑन करने के बाद उसने ठिंकू को हिला कर जगा दिया….
ठिंकू: (अपनी आँखों को मलते हुए) क्या है दीदी…सोने क्यों नही दे रही….
नीता: (जान बुझ कर खीजते हुए) तुम तो घोड़े बेच कर सो रहे हो…और अपने ख़र्राटों से मेरी और अभी के नींद खराब कर रखी है…मे और अभी दूसरे रूम मे जा रहे हैं….
ठिंकू जो उसे समय नादान था….उसकी समझ मे ऐसी कोई बात नही आई…
ठिंकू: (गुस्से से) तो जाओ ना…मुझे क्यों उठा दिया
और ठिंकू बुडबाता हुआ फिर से लेट गया…नीता ने बड़ी ही कामुक मुस्कान से मेरी तरफ देखा…और मुझे इशारे से बाहर आने को कहा…मे भी मुस्कराते हुए उठ कर बाहर आ गया,और नीते के पीछे -2 दूसरे रूम मे आ गया…
नीता जब अपनी गांद मटका कर मेरे आगे चल रही थी…तो मेरा लंड झटके खा कर उसकी गांद को सलमी दे रहा था..नीता और मे दूसरे रूम मे पहुच गये…नीता ने डोर लॉक किया…और मूड कर मेरी तरफ देखा…मेरी साँसे भी बहुत ही तेज़ी से चल रही थी…नीता मेरी तरफ आइ…और मेरे पास खड़ी हो गयी…और मेरी तरफ देखते हुए बोली….
नीता: (अपनी चुचियो को अपने हाथों से टीशर्ट के ऊपेर से पकड़ते हुए) तुम्हे ये अच्छी लगती है ना…मेरे हाथ पैर रोमांच के मारे कांम्प रहे थे…मेने अपने गले के थूक को गटकते हुए…हां मे सर हिला दिया….नीता की हाइट उस टाइम मुझसे 3 इंच ज़्यादा थी..वो करीब 5 फुट 5 इंच की थी…और मे 5,2 का था…नीता ने मेरी ओर वासना भरी नज़रों से देखते हुए…अपनी टीशर्ट को दोनो हाथों से पकड़ कर उतारना चालू कर दिया…जैसे ही उसने अपनी टीशर्ट निकाली…और 36 साइज़ का तनी हुई चुचिया छोटी सी ब्लॅक कलर की ब्रा मे कसी हुई मेरी आँखों के सामने आ गयी….
मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था…कि अब आगे क्या करूँ…नीता ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे हाथ को पकड़ लिया…मेरी तो हालत खराब हो चुकी थी…और नीता ने मेरी तरफ देखते हुए…मेरे हाथ को अपनी राइट चुचि पर रख दिया…मेरे हाथ कांम्प रहे थे…नीता ने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबाया…और बड़ी ही अदा के साथ अपने होंटो को,अपने दाँतों मे भीचते हुए उंह के आवाज़ निकाली…नीता ने अपनी वासना से भरी आँखों को एक बार बंद कर लिया….और गहरी साँस लेते हुए…फिर से अपनी आँखों खोल लिया…..
नीता: (मदहोशी से भरी हुई आवाज़ मे) अभी मेरे मम्मो को दबाओ….कस कस के दबा आह अभिइ मेरी जानं….
और नीता ने मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर, अपनी दूसरी चुचि पर रख दिया….और मेरे गले मे अपनी बाहों को डाल दिया….और मेरे साथ सॅट कर धीरे से मेरे कान मे मदहोशी से भरी हुई कांपति आवाज़ मे बोली….
नीता: आह अभी जल्दी कर….कहीं वो ठिंकू का बच्चा उठ कर यहा ना आ जाय…
मेने अपने दोनो हाथों से नीता के चुचियो को धीरे-2 मसलना चालू कर दिया…नीता छटपटाती हुई…मुझसे और चिपक गयी…
नीता: ओह्ह्ह अभी मेरे बुल्लं नू (होंटो को ) चूस….मे उस दिन से तरस रही हूँ…
और नीता ने अपने होंटो को मेरे होंटो की तरफ बढ़ा दिया….मेने अपने होंटो को नीता के होंटो पर रख दिया…हम दोनो पागलों के तराहा एक दूसरे के होंटो को चूसने लगे…नीता ने अपनी जीभ को मेरे मुँह मे थेल दिया…उसकी जीभ मेरी जीभ से टकराने लगी..मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था…और सारा डर भूल कर नीता की जीभ को चूस रहा था..
थोड़ी देर बाद मेने अपने हाथों को उसकी चुचियो से हटा लिया…क्योंकि नीता मुझे सटी हुई थी…मेरे हाथ नीता की पीठ पर आ चुके थे…और नीता की नंगी पीठ को सहलाने लगा था...नीता अब पूरी तराहा मदहोश हो चुकी थी…और जैसे-2 मेरे हाथ उसके नंगी पीठ पर टहल रहे थे…उसका बदन उतेजना के मारे काँप रहा था…नीता अब पूरी तरहा से गरम हो चुकी थी…और अब मे उस पर हावी होने लगा था…उसने अपने होंटो को ढीला छोड़ दिया था…और उसके होंटो को मनचाहे ढंग से चूस रहा था…और बीच-2 मे उसके होंटो को हल्के दाँतों से काट रहा था…
मेरे हाथ नीता के पीठ से होते हुए…उसके चुतड़ों पर आ गये…मेने नीता के चुतड़ों को दोनो हाथों से सलवार के ऊपेर से थाम लिया…और धीरे-2 मसलने लगा…नीता मेरी बाहों मे कसमसाने लगी…वो अपने हाथों से मेरी पीठ को मेरी टीशर्ट के अंदर से सहलाने लगी…मेने भी मस्ती मे आकर उसकी गांद की दर्रार मे अपनी उंगली डाल कर ऊपेर नीचे करके रगड़ने लगा…नीता एक दम से सिहर उठी….
नीता: हाए ओह्ह राबाआ की कर्दाआ हाईन्न्णणन् ओह मेरे जान कढ़ह लाई (ओह क्या रहे हो मेरी जान निकाल के रहोगे..)
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