RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
मुझे ध्यान आया कि संजय ने जब पहली बार वाहा डाला था तो उसने भी अपने लिंग पर थूक लगाया था. पर बाद मे वो, इसके लिए लूब्रिकॅंट ले आया थे.
मैने पूछा एक मिनूट क्या मतलब, तुम क्या करने जा रहे हो.
वो बोला, कुछ नही अपने लिंग को थोड़ा सॉफ कर रहा हू, तेरी गांद इतनी गोरी है, और ये इतना काला इसे थूक से रगड़ के चमका रहा हू.
इस-से पहले कि, मैं कुछ और बोल पाती उसने मेरे नितंबो को फैलाया और अपना लिंग मेरे गुदा द्वार पर रख दिया.
मैं काँप उठी, मैं इस सब के लिए तैयार नही थी. घबरा कर वाहा से आगे बढ़ गयी.
उसका लिंग मेरे नितंबो से निकल कर हवा मे झूल गया.
मैं अब बिल्कुल सॉफ सॉफ समझ चुकी थी कि वो अब मेरी…………………………… और मैं ऐसा करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी.
वो बोला, क्या हुवा, आ ना.
मैने कहा, ये क्या बदतमीज़ी है, तुम तो वो करने जा रहे हो, बात सिर्फ़ महसूस करने की थी.
वो बोला, पागल मत बन आजा तुझे अछा लगेगा.
मैं ये बाते सुन कर काँप गयी और मुझे वो सपना याद आ गया. मैं कितने करीब थी उस सपने के आज.
मैने कहा, नही बिल्लू, मैं ये सब नही कर सकती, मैं अपने पति को क्या जवाब दूँगी.
वो बोला, अरे उसे, कुछ पता नही चलेगा. तू चिंता मत कर, आजा मुझे करने दे.
मेरी आँखो के सामने, उसका लिंग हवा मे झूलता हुवा सॉफ दिख रहा था.
मैं सोचने लगी कि, अगर मैं मान भी जा-ऊँ तो भी ये इतना बड़ा अंदर कैसे जाएगा.
मुझे वो दिन याद आ गया जब संजय ने पहली बार वाहा डाला था. संजय का बिल्लू से छोटा था, पर फिर भी मेरी जान निकल गयी थी उनका अपने वाहा अंदर लेने मे.
वो मेरे पास आया और बोला, ऋतु एक बात कहु ?
मैने कहा, कुछ भी कहो पर मैं वो नही करूँगी.
वो बोला सुनो तो सही.
मैने कहा, बोलो क्या बोलना है ?
वो बोला, तेरी गांद बहुत सेक्सी है, मुझे लगता है कि इसे सेक्स का भरपूर मज़ा मिलना चाहिए.
मैं बोली चुप करो.
वो बोला, नही मैं सच कह रहा हू, तेरी गांद जैसी हॉट गांद मैने आज तक नही देखी, इसका सब कुछ पर्फेक्ट है.
ऐसी बाते सुन कर कोन नही शरमाएगा और मैने अपना चेहरा अपने हाथो मे छिपा लिया और बोली, बस करो मुझे शरम आ रही है.
वो फिर बोला,जब तुझे पहली बार देखा था तो यही सोचा था कि इसे तो किसी अगले जनम मे ही पाया जा सकता है, इस जनम मे तो मुझ ग़रीब की दाल नही गलेगी, और सच पूछो तो मुझे तेरा, मेरे इतने करीब आना सपना सा लगता है.
मैं बड़ी एमोशनल हो कर सब सुन रही थी.
मैं बोली, बिल्लू बस करो मैं बहक रही हू.
वो बोला, अगर बहक जाओ तो अछा है, इस ग़रीब का भरम टूट जाएगा कि तुझे सिर्फ़ अगले जनम मे ही पाया जा सकता है.
मैं बोली, प्लीज़ बस करो अब, मुझे कुछ-कुछ हो रहा है, मैं जा रही हू.
वो बोला, क्या तू मेरा ये भरम तोड़ॉगी कि तुझे सिर्फ़ अगले जनम मे पाया जा सकता है.
मैं सोच रही थी कि क्या जवाब दू इस बात का.
मेरे पास कोई जवाब नही था.
इतनी तारीफ़ मैने आज तक किसी और से तो क्या अपने पति से भी नही सुनी थी.
वह मेरे पीछे आ गया और बोला, ले मैं अपना भरम तोड़ने की एक कोशिस करता हू, अब मेरी जीत तेरे हाथ है.
अब तक उसके लिंग से, थूक सुख चुका था, और मेरे वाहा जो उसने थूक लगाया था वो भी गायब हो चुका था.
उसने मेरे नितंबो को फैलाया और मेरे गुदा द्वार पर, ढेर सारा थूक लगा दिया.
मैं कुछ भी कह पाने की स्थिति मे नही थी.
कहती भी तो क्या कहती ?
मेरे सरीर मे बीजली की तेज़ी से लहरे उठने लगी.
मैने पीछे मूड कर देखा तो, वो अपने लिंग पर फिर से थूक लगा रहा था.
उसने मेरी आँखो मे देखा और बोला, प्लीज़ थोडा सा झुक जा.
मैं शर्मा गयी, और उसके लिए मदहोश हो कर झुक गयी
झुक कर मैने एक हाथ से एक मजबूत झाड़ी को थाम लिया.
मेरी सारी मर्यादाओ की उन झाड़ियो मे धज़िया उड़ गयी.
मेरा दीमाग अब काम करना बंद कर चुका था.
उसने अपने दोनो हाथो से, मेरे नितंबो को फैलाया और अपना लिंग मेरे गुदा द्वार पर टीका दिया.
अब बस एक हल्के से धक्के की देर थी और वो मेरे अंदर होता.
वो बोला, जब तक तुम डालने को नही कहोगी मैं नही डालूँगा.
|