RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
मैने कहा, बिल्लू ये ग़लत बात है, बात सिर्फ़ हाथो से
छूने की हुई थी, अपने लिंग को मुझ से दूर रखो.
पर वो नही रुका और धक्के लगाता रहा. उसका लिंग, मेरे नितंबो मे, चुभता हुवा महसूस हो रहा था.
वह बोला, तू भी क्या बात करती है, गांद को क्या, लंड के बीना, कोई महसूस कर सकता है. ये कह कर, उसने मेरे नितंबो से, अपने हाथ हटा कर, मुझे पीछे से, बाहो मे भर लिया, और नितंबो पर लिंग लगा कर धक्के मारने लगा. वो बोला, मैं तुझे आछे से, महसूस कर के ही, यहा से जाउन्गा.
मैं ये सुन कर पानी, पानी हो गयी. मेरी योनि से पानी की नादिया बह नीकली.
फीर उसने, अचानक अपने दोनो हाथो से, मेरा नाडा थाम लिया, और उसे खोलने लगा, मैने उसे डाँट दिया, बिल्लू सिर्फ़ कपड़ो के उपर-उपर से करो, और उसके हाथ अपने नाडे से दूर झटक दीए.
मैने सोचा, ये लड़का कितना चालक है, आगे ही आगे बढ़ता जा रहा है. मैं अब उसकी बाँहो मे थी और वो पीछे से धक्के मारे जा रहा था.
मैने सोचा, ईतना बहुत है. बल्कि मुझे अहसास हो रहा था क़ी, ये कुछ ज़्यादा ही, हो रहा है, और मुझे अब इशे दफ़ा कर के, अपने परिवार मे लॉट जाना चाहिए. मैने उसे अब यही, रोकने का फ़ैसला कीया और बोली, बस बिल्लू रुक जाओ, मैं अब जा रही हू.
वो बोला, अरे रूको ना, अभी तो, मज़ा आना, शुरू हुवा है.
मैने कहा, बस चुप हो जाओ ,छोड़ो मुझे और जाने दो.
वह बोला क्या तुम्हे मज़ा नही आ रहा.
मैने उससे कहा, अपने हाथ हटाओ, मैं यहा अपने मज़े के लिए नही खड़ी हू.
वो बोला, पर फिर भी तुझे मज़ा तो आ रहा होगा. मैने कहा, अगर तुमने, एक और गंदी बात बोली, तो मैं पथर उठा कर तुम्हारा सर फोड़ दूँगी.
उसने मुझे छोड़ दिया और बोला आ फोड़ दे सर.
मैं थोड़ी शांत हुई, और वो फिर से, मेरे नितंबो पर लिंग मसल्ने लगा.
मैं घूमी, और बोली की मैं अब जा रही हू. घूमते ही, मेरी नज़र उशके लिंग पर गयी, वह पूरा तना हुवा था, और ईतने करीब से, और भी ज़्यादा बड़ा लग रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कोई काला नाग मेरी तरफ फन उठाए खड़ा है, मैं उसे ईतने करीब से देख कर डर गयी.
उसने मुझे, उसके लिंग को घूरते हुवे, देख लिया और बोला, अछा लगता है ना तुझे ये.
मैने शरम से, नज़रे झुका ली, और कुछ नही बोली.
उसने मेरा हाथ पकड़ा, और अपने लिंग की तरफ खींचते हुवे बोला, ले, पकड़ ले, शरमाती क्यो है, ये पूरा का पूरा, तेरा ही है. मैने तुरंत अपना हाथ वापस खींच लिया.
मेरे रोम-रोम मे बीजली की ल़हेर दौड़ गयी.
मैं सोच रही थी कि, आख़िर इसका, ईतना मोटा और लंबा क्यो है.
अब तक मैने सिर्फ़ अपने पति का ही देखा था, और आज उसे ईतने करीब से देख कर लग रहा था के संजय का शायद इस से आधा ही होगा.
मैने सोचा, मैं संजय से, लिंग के साइज़ के बारे मे बात करूँगी, वो डॉक्टर है, उन्हे कुछ ज़रूर पता होगा.
मैं सोच मे, डूबी हुई थी, और बिल्लू कब मेरे नज़दीक आ गया मुझे पता ही नही चला.
उसका लिंग, मेरी योनि से, टकराने ही वाला था कि, मई तुरंत पीछे हट गयी.
मैने खुद को, कोसा की हे भगवान, मैं ये कैसी बाते सोच रही थी. मुझे लगा इश्का लिंग बार बार मुझे फसा देता है.
मैने अब बिल्लू की तरफ देखा और बोली, बिल्लू अब बहुत हो गया. प्लीज़ अब इसे पॅंट मे वापस डाल लो मुझे कुछ-कुछ होता है. वो बोला क्या होता है.
मैने उसे डाँटते हुवे कहा, तुम नही समझ सकते. मैने अपनी खिड़की की और देखा और उसे कोसने लगी.
मैं मूड कर चलने लगी, पर उसने, आगे बढ़ कर मेरा हाथ थम लिया. वो बोला एक मिनूट रुक तो.
मैने कहा ठीक है, पहले उसे पॅंट मे डालो.
उसने अपना लिंग पॅंट मे वापस डाल लीया और बोला, मैं बहुत खुस हू, मुझे बहुत-बहुत मज़ा आया. ईतना मज़ा तो किसी लड़की की चूत ले कर भी नही आया था, जितना मज़ा तेरी गांद से खेल कर आ गया.
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