RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
मैने जब मम्मी के कानो मे
धीरे से मम्मी की पॅंटी मे उंगली घुसा कर उसके क्लिट को रगड़ते हुए कहा
राज- मम्मी मैं आपको पूरी नंगी कर दू क्या
रति- आहह कर दे बेटे नही तो डाकू गोली मार देंगे अब तो हमे वही करना होगा जो वो लोग चाहते है तू जल्दी से
मुझे पूरी नंगी कर्दे, मम्मी की बात सुन कर मैने उन्हे पूरी नंगी कर दिया और वह मुझसे पागलो की तरह
चिपक गई वह किसी से भी नज़रे नही मिला रही थी लेकिन मेरे लंड को पूरी तबीयत से मसल रही थी,
हरिया- ओय लोंडे अब चिपकना बंद कर और इस लोंड़िया के मूह मे अपना लंड डाल कर साली को जी भर कर चूसा,
देख कैसे तेरे लंड को कस कस कर मसल रही है, साले यहा इस गुदाज जवानी को जाने कहाँ से फसा कर चोदने
लाया था और हमसे नखरे कर रहा था, अब हमारे सामने ही चोद इस रंडी को हम भी तो देखे यह लंड कैसे
चुस्ती है,
मैं रति की ओर देखने लगा लेकिन तभी मम्मी एक दम से नीचे बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने
होंठो से पागलो की तरह चूमने और सहलाने लगी, साथ ही आंड्को को भी खूब दबा दबा कर सहला रही थी, मैं
थोडा झुक कर रति के मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाने लगा, मैने जैसे ही मम्मी के दूध के
गुलाबी निप्पल को पकड़ कर मसला मम्मी ने एक दम से मेरे लंड के टोपे को मूह मे भर कर चूसना शुरू
कर दिया और मैं मस्ती से भर गया,
रति पूरे जोश मे आ चुकी थी और तभी हरिया ने उसके मूह से मेरा लंड
पकड़ कर छ्चीन लिया और रति को पकड़ कर खड़ा कर दिया,
मैं खड़ा होकर हरिया की ओर देखने लगा तो हरिया ने एक 100 मीटर. की दूरी पर एक पेड़ की ओर चलने को कहा और
मम्मी की नंगी पीठ से बंदूक अड़ा कर उस ओर धकेला और फिर क्या था मम्मी उस तरफ हरिया के आगे आगे
चलने लगी,
सभी की साँसे मम्मी के मोटे मोटे चूतादो के उतार चढ़ाव को देख कर थमी हुई थी और उसकी
गुदाज गंद और मोटी मोटी जाँघो ने सभी को पागल कर दिया था, हम तीनो रति की नंगी गंद को घूरते हुए
उसके पिछे चलने लगे तभी हरिया ने मेरे कान मे धीरे से कहा
हरिया- वाह बाबूजी क्या गजब का माल है आपकी मम्मी तो सच बाबूजी बहुत चुदासी लग रही है देखा आपने
कैसी मस्ती मे आपका लंड चूस रही थी, और इसकी गदराई गंद तो देखो, मैं तो कहता हू बाबूजी जब घर जाओ तो
अपनी मम्मी को आज रात भर नंगी करके खूब तबीयत से इसकी चूत और गंद मारना,
जब तक तुम अपनी मम्मी की
रात भर हुमच हुमच कर चूत और गंद नही मरोगे इसको मज़ा नही आएगा,
मैने हरिया से कहा तुम ठीक कह रहे हो लेकिन अभी चुप रहो नही तो मम्मी को शक हो जाएगा और फिर हम
उस जगह पहुच गये और हरिया ने मम्मी को वही घोड़ी बनने को कहा जब मम्मी घोड़ी बन गई तब उसकी
गुदाज गंद उसकी गहरी गुदा और मस्त दो डेढ़ बीते का मस्त चिरा हुआ भोसड़ा देख कर तीनो की आँखे फटी की फटी
रह गई,
रति की भारी और चौड़ी गंद के आगे सुधिया की गंद भी कमजोर नज़र आती थी, हरिया ने मुझे इशारा
किया और मैने धीरे से मम्मी के पिछे बैठ कर जब उसकी मोटी गंद और उसकी मस्त गुदा को सहलाया तो मम्मी
अपनी गंद मटकाने लगी तभी मैने दोनो हाथो से मम्मी की दोनो पाटो को फैला कर जब उसकी गुदा को देखा
तो मैं मस्त हो गया और मैने उसकी गुदा को सूंघते हुए अपनी जीभ निकाल कर चाट लिया और मम्मी आहह राज
कह कर सीसीयाने लगी,
क्रमशः........
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