RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
अब मुझे बॅस इंतजार करना था उसके रिप्लाइ का और सही तरीके से उसे और भी डेस्परेट कैस................
यूथिका: व्हेयर दा हेल हॅव यू बीन? रिप्लाइ क्यू नही किया? आइ आम वेटिंग फॉर आ सिंपल रिप्लाइ फ्रॉम यू फॉर सो मेनी डेज़ नाउ..
मुझे मेसेज भेजके 10 सेकेंड्स भी नही हुए होगे और उसका रिप्लाइ भी आ गया. अब मुझे अपना हर मेसेज बड़ी सोच समझ के टाइप करना होगा. मैं जितना हो सके चाहता हूँ कि यूथिका मेरी हर बात को वॅल्यू दे. पता नही क्यू, मगर मैं चाहता थी कि मैं अगर सीटी भी बजाऊ तो यूथिका उसे सीरियस्ली ले.
मे: हाई! मैं तो यही पे हूँ. मैं कहाँ जाउन्गा?
यूथिका: देन इतने दिनो से रिप्लाइ क्यूँ नही किया तुमने? मैं कब्से वेट कर रही थी और तुमने एक रिप्लाइ नही किया. थोड़ी भी अकल हैं या नही?
मे: नही!
यूथिका: व्हाट थे हेल? ये कोई तरीका हैं बात करने का? एक तो ग़लती करते हो,उपर से आटिट्यूड?
मे: ओह्ह! हाउ मच आर यू गोयिंग टू पे मी?
यूथिका: पे? फॉर व्हाट?
मे: तुमसे बात करने के लिए कितने पैसे दोगि मुझे?
यूथिका: पागल हो गये हो क्या? मैं क्यूँ पैसे दूँगी तुम्हे? वो भी बात करने के लिए?
मे: देन आटिट्यूड किसपे दिखा रही हो इतना? ऐज इफ़ तुमसे बात करने के मुझे पैसे मिलते हैं, राइट?
यूथिका: अरे बट बात करने के लिए भी कोई पैसे देता हैं क्या किसी को?
मे: नही! बट यू आर आक्टिंग ऐज इफ़ यू आर पेयिंग मी टू टॉक टू यू?
यूथिका: लिसन! मुझे तुमसे बात करने मे कोई इंटेरेस्ट नही हैं ओके??
मे: हाँ, वो तो मैं अच्छे से समझ गया कि तुम्हे बात करने मे इंटेरेस्ट हैं या नही मुझसे. डेस्पो!
यूथिका: एक्सक्यूस मी? हाउ डेर यू कॉल मी आ 'डेस्पो'? आइ आम नोट डेस्परेट फॉर एनितिंग अट ऑल. तुम खुदको समझते क्या हो?
मे: मेडम, दा क्वेस्चन ईज़ तुम अपने आपको क्या समझती हो? यू सेंट मी 7 मेसेज आंड बिफोर दट 5 मेसेज. और उनसे क्लियर्ली समझ में आता हैं कि तुम कितनी डेस्परेट हो मुझसे बात करने के लिए.
यूथिका: अजीब बेवकूफ़ इंसान हो तुम. मैं कह रही हूँ कि मुझे कोई इंटेरेस्ट नही हैं और ना ही मैं डेस्परेट हूँ तुम जैसे इंसान से बात करने मे.
मे: ओके देन! आइ आम गोयिंग. गुडबाइ!
इतना कहके मैं रुक गया और वेट करने लगा. अगर अब इसके बात यूथिका का एक भी मेसेज आता हैं तो समझ जाओ कि अब आया ऊट पहाड़ के नीचे. मैने मोबाइल साइड मे रख दिया और टाय्लेट करने जाने के लिए बाहर की ओर जाने लगा. वॉशरूम मेरे रूम से बाहर निकलते ही राइट साइड मे स्ट्रेट जाके हैं. जाते जाते मेरी नज़र आकांक्षा पे पड़ी. वो खाना खा रही थी. मुझे खाना खाने को ऑलमोस्ट 15 मिनट्स हो गये थे और ये पागल अब भी खा रही हैं. मैं टाय्लेट से वापिस रूम मे आया और मोबाइल चेक किया.
मे: ह्म्म्म्ममम....3 मेसेज!
मसेज 1:
यूथिका: ओके. फाइन! व्हाटेवेर. गुडबाइ!
मसेज 2: आफ्टर 15 सेकेंड्स:
यूथिका: तुम सीधी तरह से बात क्यूँ नही करते मुझे समझ नही आता.
मसेज 3:
यूथिका: हेलो? यू देयर? आर यू रियली गॉन? आइ नो यू आर गेटिंग माइ मेसेज. रिप्लाइ!
मे: आ गयी लड़की अपने लंड के नीचे..
मैने अपने आपसे कहा. अब मैं जानता था कि ये लड़की मुझसे बात करने के लिए मरी जा रही हैं और मैं अब इसे जैसा चाहू वैसा घुमा सकता हूँ.
मे: अरे? क्या हुआ? तुम तो डेस्परेट नही मुझसे बात करने के लिए. देन 1 मिनट मे 3 मेसेज?
यूथिका: सो व्हाट? दट डज़न्ट मीन आइ आम डेस्परेट फॉर एनितिंग.
मे: बेब, लेट मी स्टॉप दिस राइट हियर, राइट नाउ! आइ नो आंड ईवन यू नो दट यू आर वेरी मच डेस्पो. मैं ये नही कह रहा कि तू मुझसे ही बात करने के लिए डेस्परेट हैं, मगर तू डेस्पो हैं. आक्सेप्ट इट!
यूथिका: अरे कहा ना मैने, नही हूँ.
मे:देन एक्सप्लेन दा मेसेज दट यू जस्ट सेंट मी. लुक यूथिका, आइ आम प्रेटी कूल वित एनितिंग आंड एवेरितिंग. आइ ओन्ली हेट फेक पीपल. तुझको मुझसे बात करनी हैं. ग्रेट! और मुझे भी बात करनी हैं, कॉज़ तू लड़की हैं. सिंपल ऐज दट! तू मुझसे सेक्स चॅट साइट पे मिली तो मेरा इंटेन्षन सॉफ-सुथरा तो हैं नही ये भी मैं क्लियर्ली बता देता हूँ. मैं ना फेक करता हूँ और ना फेकर्स को टॉलरेट करता हूँ. सो, सबसे पहली बात, आटिट्यूड डाल अपनी गान्ड मे.
यूथिका: शीए!!!! ये भी कोई तरीका हैं किसी लड़की से बात करने का? जाहिल इंसान!
मे: तो मत बात कर इस जाहिल इंसान से. मैने ज़बरदस्ती तो नही की ना? बता!
यूथिका: तुम बिल्कुल ही रूड इंसान हो..
मे: मैने वो नही पूछा. मैने पूछा कि मैने किसी भी तरह की ज़बरदस्ती की क्या तुमसे? हाँ या ना मे जवाब दो.
यूथिका: मैने ऐसा कब कहा?
मे: हाँ या ना?
यूथिका: नही!
मे: गुड! और आक्सेप्ट कर की तू मर रही हैं मुझसे बात करने के लिए.
यूथिका: फिर वोही बात? मैं नही डेस्परेट..
मे: देन मत बात कर मुझसे. मैं ऐसे ही बात करूगा. अगर तुझे बात करनी हैं मुझसे तो सॉफ-सॉफ बात कर. छुपाके, शरीफ बनके वक़्त मत बर्बाद कर. मुझे ज़रूरत नही हैं ऐसे दिखावटी लोगो से बात करने की. आक्सेप्ट दट यू आर डेस्परेट आंड देन टॉक टू मी. टिल देन गुडबाइ!
यूथिका: हेलो?? लिसन!! फाइन! यस, आइ आम डेस्परेट टू टॉक टू यू. हॅपी??
मे: व्हाई वुड आइ बी हॅपी? आइ ऑलरेडी नो दट. तुमको अकल कम हैं तो लेट समझ आता हैं तुम्हे. मेरा हॅंडवास्ष स्लो नही हैं.
यूथिका: व्हाट? दिमाग़ का अकल से क्या लेना देना?
मे: क्लियर्ली तेरा हॅंडवास्ष स्लो हैं. गूगल कर. समझ जाएगी होप्फुली
यूथिका: ओके!
मे: अब मैं जो भी पूछूँगा, उसका सीधा-सच जवाब दोगि?
यूथिका:क्या पूछना चाहते हो?
मे: हाँ या ना बोल पहले!
यूथिका: ओो!!! हाँ.
मे: गुड! व्हाट वर यू डूयिंग अट दट साइट?
यूथिका: मैने कहा ना कि मुझको बात करना पसंद हैं लोगो से.
मे: आइ आम गोयिंग टू गो नाउ. कॉज़ तू सच नही बता रही. आजके बाद मुझे मेसेज मत करना, जब तक तुझे ऐसा ना लगे कि तूने सच,सॉफ-सॉफ कहना चाहिए सब कुछ. बाइ टिल देन!
इस बार मैने उसके रिप्लाइ का वेट ही नही किया और सिम निकाल के रख दिया. मैं जानता था कि अगर इससे सच उगलवाना हैं तो मुझको ऐसे ही ट्रीट करना पड़ेगा मुझे. आंड दा अदर इंट्रेस्टिंग पार्ट वाज़, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था यूथिका से ऐसा बिहेव करने मे. मैने कभी इसके पहले ऐसे कमॅंडिंग नेचर का सपोर्ट नही किया. मगर मुझे आज बड़ा मज़ा आया यूथिका और आकांक्षा से बात करने मे इस तरह से. आइ आम एंजायिंग दिस. अब मैं कल शाम तक मेसेज नही चेक करूगा मेरे. ज़रा मैं भी तो देखु, क्या स्टोरी हैं तो इस यूथिका की.
मैं खाना खाकर् सो गया. सुबह मुझे जल्दी कॉलेज जाना था. मैं 3-4 दिनो से कॉलेज गया ही नही था. मेरा दिल नही कर रहा था कॉलेज जाने का. मैं जानता था कि कॉलेज मे पायल होगी ही. जबसे नेहा, पायल और मेरे बीच अनबन हुई, तबसे ना मुझे नेहा का कोई कॉल आया और ना ही पायल का. आंड टू बी ऑनेस्ट, आइ वाज़ मोर वरीड कॉज़ दोनो की कोई खबर नही. मगर मैं हमेशा तो ऐसे छुपके नही रह सकता उनसे. आज नही तो कल मुझको कॉलेज जाना ही पड़ेगा. पायल का सामना करना ही पड़ेगा. मैने सो जाना ही ठीक समझा.
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नेक्स्ट मॉर्निंग मैं 6 बजे ही उठ गया. मेरी आदत सी हो गयी हैं अब, सुबह 5:30-6 बजे तक मैं उठ ही जाता हूँ. चाहे अलार्म कितने भी बजे का लगाया हो मैने. मैं उठकर बेड पर ही बैठ गया. रात को तो नींद आ गयी अच्छी सी. मगर सुबह होते ही दिमाग़ के पहिए फिरसे चल उठे.
मे: हाउ आम आइ गॉना फेस हर? आंड इफ़ आइ डिड, व्हाट दा हेल आम आइ गॉना से टू हर?
चलो भाई! 2 सवाल जो शाम तक आँड खाएगे वो तो सुबह सुबह ही आ गये दिमाग़ मे. मैने सोचा जब तक मैं पायल से बात नही करूगा, मेरे सवालो का कोई जवाब नही मिलेगा. ऐज यूषुयल आइ होप दट पायल आज भी कॉलेज 7:30 को आएगी. कॉलेज 8 बजे का होता हैं मगर पायल हमेशा 30 मिनट पहले आती हैं. उसे पसंद हैं कॉलेज मे जल्दी आना. डोंट नो व्हाई! मैं बेड पर से उठ गया और कप-बोर्ड मे से कपड़े निकाल के और टवल लेकर बाथरूम मे चला गया. पेरेंट्स अभी तक सोए थे तो मैने सोचा कि उनके उठने से पहले मैं निकल जाता हूँ. क्योकि मम्मी उठ गयी तो नाश्ता खिला कर ही भेजेगी और अगर मैं नाश्ता करने बैठ गया तो पायल से नही बात हो पाएगी. मैं चाहता था कि उससे मैं कॉलेज स्टार्ट होने से पहले ही बात करलू. मैं बाथरूम के दूर तक गया और पुश किया डोर.
मे: अर्रे? लॉक हैं?
इतनी सुबह सुबह कौन यूज़ कर रहा है. तभी मैं समझा, और कौन हो सकता हैं. मैने डोर पे नॉक किया तो जवाब आया;
आकांक्षा: हू'ज दिस?
मे: जस्टिन बीबर!
अब ये भी कोई पूछने की बात हैं क्या? कौन हो सकता हैं. हम दोनो ही वो बाथरूम यूज़ करते हैं. पेरेंट्स के रूम मे अटेच्ड बाथरूम हैं. तो मेरे सिवा और कौन हो सकता हैं?
आकांक्षा: व्हाट??
मे: अरे मूर्खा लड़की! मैं हूँ, और कौन आएगा सुबह सुबह? निकल जल्दी बाहर. तू इतनी सुबह बाथरूम मे क्या कर रही हैं?
आकांक्षा: डान्डिया खेल रही हूँ! बाथरूम मे क्या करते हैं लोग? यू ईडियट! गो अवे! मुझे टाइम लगेगा.
मे: मुझे कॉलेज जाना हैं आकांक्षा. जल्दी निकल.
आकांक्षा: मुझे भी जाना हैं कॉलेज.
मे: तेरा जूनियर कॉलेज हैं. मेरा सीनियर. सो प्राइयारिटी मुझे मिलती हैं. निकल जल्दी
आकांक्षा: सम्राट, तू वॉचमन के जैसे बाहर खड़ा रहना बंद कर बाथरूम के आंड जस्ट गो अवे.
मे: कितना टाइम लगेगा तुझे?
आकांक्षा: आधा घंटा!
मे: अरे नहा रही हैं या सो रही हैं? आकांक्षा, मुझे जल्दी कॉलेज जाना हैं, सो आइ सजेस्ट यू कम आउट क्विक्ली.
आकांक्षा: व्हाटएव........ऊऔच!!!
मुझे अंदर से आकांक्षा की आवाज़ सुनाई दी.
मे: आकांक्षा? क्या हुआ??
आकांक्षा: कुछ नही हुआ. तू जाता हैं या मैं बता दूँगी पापा को कि तू परेशान कर रहा हैं मुझे. मैं ज़ोर्से चीखने लगुगी तो सब आ जाएगा. गो अवे!
मैने सोचा बहस करके फ़ायदा नही हैं इस लड़की से.
मे: ओके! फाइन! तुझे मैं 10 मिनट देता हूँ. यू बेटर कम आउट इन दट टाइम
आकांक्षा: हाँ..ओके.. गो अवे नाउ सम्राट!!!
वो थोड़ी चिढ़ते हुए बोली. सुबह सुबह इतना कैसे कोई चिढ़ सकता हैं, मुझे तो तुझसे मे नही आता. मैने सोचा जब तक ये बाहर निकलेगी, मैं बॅग भर लेता हूँ और कपड़े निकाल लेता हूँ जो पहनने के हैं. मैं अपनी रूम की तरफ जाने लगा.तभी मुझे आकांक्षा के रूम का डोर खुला दिखाई दिया. आकांक्षा के रूम मे जाने को मुझे ज़माना हो गया था. मुझे एक आइडिया आया. मैने सोचा कि इसको मैने 10 मिनट मे निकलने को कहा हैं. अब कम्से कम ये 20 मिनट तो लगाएगी ही. क्यू ना उसका फ़ायदा उठाया जाए? मैं जल्दी से भागते हुए अपनी रूम मे गया और जो चाबी मैने आकांक्षा के लॉकर की बनवाई थी वो लेकर बाहर आया. रास्ता सॉफ था. मैने धीमे से आकांक्षा के रूम का डोर खोला और उसे थोड़ा सा खुला रख के उसके रूम मे चला गया, ताकि अगर वो बाथरूम का डोरनॉब घुमा भी दे तो मुझे आवाज़ आ जाए.
आकांक्षा के रूम मे जाते ही वोही जानी पहचानी सी खुश्बू मुझे आने लगी. मेरी बेहन कितनी भी इरिटेटिंग चाहे क्यूँ ना हो, वो अपना रूम बोहोत ही सॉफ सुथरा और खुसबूदार रखती हैं. हर चीज़ अपनी जगह पे ठीक से सज़ा कर रखी थी. उसके स्टडी टेबल पे रखा स्टडी लॅंप भी बिल्कुल सही जगह पर था. वो शायद कल रात को पढ़ रही होगी सोने से पहले. बुक और नोटबुक बिल्कुल ठीक तरह से एक के उपर एक रखे हुए थे और उसके राइट साइड मे पेन, पेन्सिल एक दम सीधी लाइन मे रखे थे. चेयर भी बिल्कुल सही तरीके से टेबल के ठीक 1 इंच पहले पोज़िशन की गयी थी. मेरे रूम के मुक़ाबले मेरी बेहन का रूम 200% सॉफ-सुथरा था. बेडशीट ठीक से फिट की थी, उसका ब्लंकेट बराबर बेड के एंड मे फोल्ड करके रखा था उसने. और ये सब आज ही उसने किया हैं ऐसा नही था ये बात मैं जानता था. जो अपना रूम इस तरीके से टिप-टॉप रखती हैं, वो हमेशा ही ऐसे ही रूम मेनटेन करती होगी. अब मैं आक्च्युयली आया था आकांक्षा की एक डाइयरी उठाने के लिए ताकि पढ़ सकूँ लेटेस्ट मे कुछ हो तो, मगर जैसा कि आप लोग जानते हो, डाइयरीस का लोकेशन बेड के नीचे था और अगर मैं उसकी बेडशीट ज़रा भी हिलाता और अगर वो जैसे पहले थी उसी सेम पोज़िशन मे ना लगती तो आकांक्षा को डाउट हो जाता. पिछली बार ही उसे डाउट हो गया था. अगर मैं उसे और एक रीज़न दूँगा तो वो शक़ यकीन मे बदल जाएगा. मैं रूम के ठीक बीचमे खड़ा हो गया और अपने आस पास देखने लगा. चाबियो का गुच्छा घुमाते घुमाते मैं आकांक्षा के कपबोर्ड के पास गया और उसे खोला और जैसे ही मैने वॉर्डरोब का डोर खोला, मुझे राइट साइड के हुक पे एक डार्क ब्लू कलर की ब्रा लटकी हुई दिखाई दी.
अब मैं नही जानता कि आपमे से कितने लोग ये बात जानते हैं, मगर जब भी कोई लड़की ब्रा निकालके रखती हैं, उसकी ब्रा के कप्स ज़रा से फोल्ड हो जाते हैं. देखने पर ही समझ मे आता हैं कि ब्रा अभी अभी किसी ने पहनी थी और निकालके रखी हैं. आकांक्षा की ब्रा रूम टेंप्रेचर से थोड़ी सी ज़्यादा वॉर्म थी और उसके कप्स को देख कर मैं समझ गया कि ये ब्रा उसने नहाने जाने से पहले निकाली हैं. और सडन्ली मुझे रियलाइज़ हुआ कि अभी कुछ समय पहले तक मेरी बेहन के बूब्स इस ब्रा मे थे. ब्लड रश्ड टू माइ कॉक इम्मिडियटेली आंड आइ गॉट आन इन्स्टेंट हार्ड ऑन. मुझे ये बोहोत ही ज़्यादा सेक्सी लगा कि इतना इंटिमेट कपड़ा मेरी बेहन के जिस्म को ढक रहा था और वो अब मेरे हाथ मे था. ऐज इफ़ आ मसल मेमोरी, मेरे हाथ ने आकांक्षा की ब्रा को मेरे चेहरे के पास लेकर आया और मैने एक फुल लंग ब्रेत ली. आकांक्षा के जिस्म की खुश्बू मेरे अंदर तक समाने लगी और मेरा लंड अंगड़ाई मारने लगा. उतने मे ही मुझे बाथरूम की डोर नॉब खुलने की आवाज़ आई और मैं सेकेंड्स मे उसकी रूम से निकल के बाहर आ गया.
मैं जैसे ही आकांक्षा के रूम का डोर बंद करके अपने रूम मे जाने लगा, वो बाथरूम से बाहर आने लगी.
मे: फेवव!! पर्फेक्ट टाइमिंग!
मैने टवल अपनी रूम के डोर के पीछे ही लटकाया हुआ था. मैं टवल और कपड़े लेकर बाथरूम की ओर निकल पड़ा. तब तक आकांक्षा बाथरूम से बाहर आ चुकी थी.
मे: कितना टाइम? और तू कब्से इतनी सुबह सुबह नहाने लगी? या ऐसा कहूँ कि तू कब्से इतनी सुबह-सुबह उठने लगी?
आकांक्षा जस्ट बाथरूम मे से निकली थी. उसका बदन अब भी थोड़ा सा, हल्का सा भीगा हुआ था. उसने ऐज यूषुयल पिंक कलर का पीजे पहना हुआ था, उसके बाल टवल मे बँधे हुए थे जैसे लड़किया अक्सर बाँधती हैं और उसने येल्लो कलर का टॉप पहना था. अचानक मेरी नज़र उसके टॉप पे गयी.
आकांक्षा: क्यू? तेरा क्या कॉपीराइट हैं क्या सुबह सुबह बाथरूम यूज़ करने पे? या ऐसा कहूँ कि सुबह सुबह उठने मे?
ये कहते हुए वो बाथरूम से चलती आ रही थी. जैसा कि मैने कहा कि आकांक्षा का जिस्म थोड़ा भीगा हुआ था. भीगा ऐज ईज़ जब आप गरम पानी से नहाते हो और टवल से पूरा बदन पोछने के बाद भी एक मोस्चर रह जाता हैं स्टीम की वजह से बदन पे. मगर उतना मोस्चर काफ़ी होता हैं आपके कपड़े आपके जिस्म से चिपकाने के लिए. मेरी नज़र आकांक्षा के टॉप पे पड़ी और उसका लाइट येल्लो कलर का टॉप उसके बूब्स से हल्का सा चिपका हुआ था. टॉप के नीचे आकांक्षा ने ब्रा नही पहनी थी ये सॉफ पता चल रहा था क्योकि मुझे उसके निपल्स का शेप दिखाई दे रहा था. मेरे लंड मे एक बार फिरसे हलचल शुरू हो गयी. मैने अक्सर देखा हैं कि लड़किया नहाने के बाद बड़ी खूबसूरत दिखती हैं. उसमे उसका गीला बदन, बूब्स से सटा हुआ उसका टॉप, उसकी कमर का कर्व.. मैं अपनी बेहन को देखते ही बाथरूम की ओर जाने लगा और मेरा लंड अब काफ़ी तेज़ी से खड़ा होने लगा. अभी कुछ मिनट्स पहली ही उसकी ब्रा मेरे हाथो मे थी और मैं अब मेरी बेहन के निपल्स सॉफ देख पा रहा था.
आकांक्षा: जा! कर जो करना हैं बाथरूम मे. आइ आम डन!
इतना कहके वो अपनी रूम मे चली गयी और आप लोग तो जानते ही हो कि मैं अब बाथरूम मे क्या करूगा.
दोस्तो इससे ज़्यादा मैं आपको नही बता पाउन्गा आगे की कहानी आप खुद इमेजीन कर सकते हैं
समाप्त
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