RE: Desi Sex Kahani कमीना पार्ट - II
मोम जैसे ही बाथरूम मे घुसी मैं दूसरे कमरे मे गया वहाँ बॅड पर उसकी पैंटी और ब्रा रखी हुई थी, जिसे जाकर मैने उठा लिया और उसकी पैंटी को कस कर सूंघते हुए चूमने लगा,
यह रोज का काम था और मोम की पैंटी हाथ मे लेते ही मेरा लंड पूरी औकात मे आ चुका था, मैने धीरे से बाहर का गेट बंद कर दिया और फिर बाथरूम के छेद से अंदर देखने लगा,
मम्मी ब्लाउज और साड़ी उतार चुकी थी और उसके कसे हुए मोटे मोटे दूध उसकी ब्रा फाड़ने की कोशिश कर रहे थे, मोम ने नल चालू किया और बाल्टी मे ब्लाउज डाल दिया और फिर अपना पेटिकोट उतार कर उसे भी बाल्टी के पानी मे डाल दिया, ब्लॅक कलर की पैंटी मे उसकी फूली हुई मोटी मोटी चूत का उभार देख कर मैने अपना लंड मसलना शुरू कर दिया, उसकी चूत दिन पर दिन कुच्छ ज़्यादा ही फुल्ती जा रही थी और उसका पेट भी लगातार बढ़ता जा रहा था, शायद पापा के लंड की ठुकाई से उसका जिस्म हर रोज थोड़ा थोड़ा गदराता जा रहा था,
मैं अपने लंड को मसल्ते हुए उसकी मोटी मोटी जाँघो को घूर रहा था, तभी मम्मी ने अपनी पैंटी भी उतार दी, हे उसकी चूत पर एक भी बाल नही था, और उसकी फूली नंगी चूत देख कर दिल कर रहा था कि अभी के अभी उसकी चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोच लू,
लंड तो मेरा कई औरतो को देख कर खड़ा होता था लेकिन मोम को नंगी देखने पर ना जाने क्यो सबसे ज़्यादा मज़ा आता था और जब भी मूठ मारता था तब बस यही सोचने मे आता था कि मोम को पूरी नंगी करके खूब कस कस कर उसकी चूत मार रहा हू, या यह समझ लो कि जब भी मूठ मारता था तब मोम और पापा की चुदाई के सीन आँखो के सामने चलने लगते थे बस फ़र्क इतना होता था कि मेरी कल्पनाओ मे पापा की जगह मैं खुद मोम को हर तरह से पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोद्ता था,
तभी मोम पूरी तरह से नल की ओर घूम गई और जैसे ही मेरी आँखो के सामने उसके भारी भरकम बिल्कुल दूध से सफेद चूतड़ आए तो मैं उसके मस्त चुतडो को देख कर मस्त हो गया,
और फिर मोम अचानक झुक कर कपड़े बाल्टी मे सर्फ डाल कर गलाने लगी, बस फिर क्या था मोम की मोटी गान्ड की दरार और साथ मे उसका एक बित्ते का बड़ा सा चिकना भोसड़ा पूरी तरह मेरी आँखो के सामने आ गया, औरतो को इस रूप मे देखने का मज़ा ही अलग होता है, और फिर मोम की मोटी गुदाज गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार और उस पर इतना चिकना और फूला हुआ भोसड़ा जिसकी फांके एक दूसरे से सटी हुई, बया नही कर सकता कितना कामुक नज़ारा था वह,
उस नज़ारे की कल्पना मात्र से लंड खड़ा हो जाता था, और फिर मोम एक दम से नीचे बैठ गई और अब मेरे सामने बस उसका चेहरा और उसके मोटे मोटे दूध ही थे, अब मैं जानता था कि मोम कपड़े धोकर फिर नहाएगी और मैं उसे इतनी अच्छि तरह से नंगी देख चुका था कि दूध देखने के लिए दरवाजे के छेद पर झुका नही रह सकता था और फिर मैं थोड़ी देर इधर उधर घूमने लगा, और फिर कुच्छ देर बाद फिर से उसी छेद से नज़रे जमा देता,
करीब आधे घंटे बाद मोम पेटिकोट को मूह से दबाए अपने दूध छुपाए हुए मेरे सामने से दूसरे रूम मे चली गई और वहाँ जाकर अपनी ब्रा और पैंटी पहन कर बाकी के कपड़े भी पहन कर अपने काम मे जुट गई,
अभी मैं खाना ही खा रहा था कि मेरी मौसी सरला आ गई, मौसी के दो बच्चे थे एक 8 साल का और दूसरा 10 साल का, हालाकी वह मोम की तरह सुंदर नही थी लेकिन फिगर उसका भी मस्त था, उसकी गंद और जंघे काफ़ी मोटी नज़र आती थी लेकिन मैने उसे कभी नंगी नही देखा था इसलिए पूरा अंदाज़ा भी नही लगा सकता था कि वह नंगी कैसी दिखती होगी, हाँ एक बार जब वह मोम के द्वारा बनाए गये ब्लाउज को ट्राइ कर रही थी तब मैने उसके मोटे मोटे दूध ज़रूर देखे थे उसके दूध बड़े सख़्त थे लगता था जैसे मौसा को दूध दबाने मे ज़्यादा दिलचस्पी नही थी,
वरना कोई और उसके दूध देख लेता तो चार महीनो मे ही निचोड़ कर रख देता लेकिन मौसी की शादी को कई साल हो चुके थे लेकिन साली के दूध आज भी खूब कसे हुए थे,
दोनो बहने अंदर के कमरे मैं पसर कर बाते करने लगी मुझे उनकी बाते साफ सुनाई तो नही दे रही थी लेकिन जब दोनो खिलखिला कर हँसती तब आवाज़ एक दम से साफ आने लगती थी,
वैसे तो मैने उनकी बाते कई बार सुनी लेकिन कोई खास बात सुनने को नही मिली, फिर भी उनकी बातो को सुनने के लिए मैं उत्सुक रहता था, और फिर आज जो बाते उन दोनो ने की उससे यह लगा कि कुच्छ भी हो यह दोनो छीनाल तो नही है पर रंडीपने की बातो मे उन्हे भी खूब मज़ा आता है,
|