RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मुझे बड़ी अजीब कुछ दर्द भरी पर बहुत मादक अनुभूति हो रही थी पूरी उंगली डालकर जब अंकल उसे अंदर घुमाने लगे तो मैं सिसक उठा तथा और ज़ोर से मौसी को चोदने लगा मेरे धक्कों से आगे पीछे होती मेरी गान्ड में उनकी उंगली अपने आप अंदर बाहर होने लगी अब मैं पागल सा होकर मौसी को बेतहाशा चोदने लगा और एक मिनिट में झड गया पड़ा पड़ा मैं हाम्फता हुआ इस नये आनंद का मज़ा ले रहा था तब मौसी मुझे चिढाते हुए बोली"गान्ड में सिर्फ़ उंगली करने से तेरा यह हाल है, तो आगे क्या होगा, बेटे?"
मौसाजी अब जोश में थे और मौसी की चुनमूनियाँ चूसने को अधीर थे मुझे लगता है कि उन्हें चुनमूनियाँ रस के साथ ख़ास मेरे वीर्य की भूख थी जो मौसी की चुनमूनियाँ में मैंने छोड़ा था पहले तो झट से उन्होंने मेरा मुरझाया शिश्न जिस पर मेरा वीर्य और मौसी की चुनमूनियाँ का पानी लगा था, मुँह में लेकर चूस डाला फिर मौसी की चुनमूनियाँ को चूसने लगे मौसी ने भी उनका सिर अपनी जाँघो में क़ैद कर लिया और खिलखिलाती हुई चूत चुसवाने लगी
जब तक उन्होंने मौसी की चुनमूनियाँ खाली की, मौसी एक बार और झड चुकी थी तैश में आए मौसाजी अब मौसी पर चढ कर उसे चोदने लगे उनकी इस रति क्रीडा को देखकर मैं धीरे धीरे फिर मस्ती में आ गया मेरा लंड खड़ा देखकर अंकल बोले" यहा लडका तो बड़ा काम का है शन्नो, देख कैसा खड़ा है इसका दो बार झड कर भी राज, तू मौसी की गान्ड मार ले, दोनों एक साथ इस चुदैल को सैम्डविच बना कर आगे पीछे से चोदते हैं"
मौसी के चुनमूनियाँ में अपना लंड वैसा ही घुसाए रखकर पलट कर वे नीचे हो गये और मौसी को उपर कर दिया मौसी के मोटे गोरे चुतड मेरे सामने थे अंकल ने मेरी आसानी के लिए अपनी पत्नी के चुतड पकडकर फैलाए और मैंने एक ही वार में घच्च से पूरा लंड मौसी की गान्ड में उतार दिया अब मैं उपर से मौसी की गान्ड मारने लगा और मौसाजी उसे नीचे से ही धक्के दे दे कर चोदने लगे मौसी को तो इस दोहरी चुदाई में ऐसा मज़ा आया कि वह सीतकारियाँ भरने लगी चुनमूनियाँ और गान्ड के बीच की बारीक दीवार में से हम दोनों को एक दूसरे के लंडों का दबाव ऐसा महसूस हो रहा था जैसे बीच में कुछ ना हो
"राज बेटे, मौसी की गान्ड मस्त हो कर मारो, पर झडना मत जब तक मैं ना कहूँ, दोनों एक साथ झड़ेंगे" अंकल बोले अब हम दोनों अपनी पूरी ताक़त से मौसी के दोनों छेद चोदने लगे बार बार पलट कर कभी मौसाजी नीचे होते कभी मैं इससे बारी बारी से हम दोनों को उपर चढ कर कस कर ठुकाई करने का मौका मिलता बीस मिनिट हमने इसी तरह मौसी को भोगा और वह तीन बार झडी अब तो वह मस्ती में किसी नई नवेली दुल्हन जैसे चिल्ला रही थी" ऊीीईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गईईईईईईईईईई हा या रे मार डा ला रे दोनों ने मिलकर, अरे हरामियों, दया करो, क्या फाड़ दोगे मेरे दोनों छेद!"
आख़िर जब मैं उपर था तब मौसाजी ने इशारा किया और मैंने उछल उछल कर मौसी की गान्ड बेतहाशा चोद डाली और झड गया पलट कर अब मैं नीचे हो गया और मौसाजी उपर से चोदने लगे मौसी ने अब अपनी एक उंगली मौसाजी की गुदा में घुसेड दी और इसके साथ ही मौसाजी इतनी ज़ोर से झडे कि चिल्ला उठे
कुछ देर पड़े पड़े हम तीनों इस सुख का आनंद लेते रहे फिर रस चूसने का एक और कार्यक्रम हुआ मैंने मौसी की चुनमूनियाँ चुसी और उसमें से मौसी की चुनमूनियाँ के पानी और अंकल के वीर्य का मिश्रण पिया मौसाजी ने अपनी पत्नी की गान्ड चूस कर उसमें से मेरे वीर्य का पान किया अब हम तीनों थक गये थे और बिलकुल तृप्त भी हो गये थे तीनों लिपट कर सो गये ऐसी गहरी नींद लगी कि पता ही नहीं चला कि कब सबेरा हुआ
मेरी नींद बहुत देर से खुली मौसी और मौसाजी के हँसने और बोलने की आवाज़ बाथरूम से आ रही थी मुझे लगा कि शायद नहा रहे होंगे पर कुछ देर बाद दोनों बिलकुल नंगे बाहर आए तो बिना नहाए मुझे अचरज लगा कि वे अंदर क्या कर रहे थे कल भी मौसाजी वापस आने के बाद मौसी को लेकर बाथरूम में चले गये थे दोनों काफ़ी देर एक साथ बाथरूम में थे वे वहाँ क्या करते हैं, इस रहस्य का पता मुझे काफ़ी देर बाद चला
चाय पीकर हम तीनों एक साथ नहाने गये दिन के उजाले में मैंने पहली बार रवि अंकल का गोरा सुडौल छरहरा पर मजबूत शरीर पास से देखा अंकल के चुतड पुष्ट और मजबूत थे झांतें भी ट्रिम की हुई थीं झांतों को छोड़ बाकी बदन एकदम चिकना केश रहित था
एक दूसरे को साबुन लगाते हुए जब मेरा हाथ मौसाजी के मस्त खड़े रसीले लंड पर से गुज़रा, मुझे लगा कि अभी चूस लूँ मैं शायद ऐसा करता भी पर उसके पहले मौसी ने मुझे पकड कर अपने सामने बिठा कर मुझसे अपनी गीली चुनमूनियाँ चुसवा ली मैं चुनमूनियाँ चाट रहा था और उस समय मौसाजी मेरे नितंबों को प्यार से सहला रहे थे और पास से उन्हें बड़े गौर से देख रहे थे उन्हें साबुन लगाने के बहाने उन्होंने बहुत देर तक मेरे चुतडो के साथ खिलवाड़ किया मौसी आख़िर उनकी इस हरकत पर हँसने लगी "डार्लिंग, मुझे मालूम है तुम क्या करने के लिए मरे जा रहे हो" मौसाजी कुछ ना बोले, सिर्फ़ अपनी पत्नी को आँख मार दी
फिर प्यार से मेरा चुंबन लेते हुए बोले "तो क्या हुआ, हमारे राज जितनी प्यारी चिकनी गान्ड तो लड़कियों की भी नहीं होती उसे प्यार करने को मन हुआ सो कर लिया" नहाते समय मौसी को छोड़ कोई नहीं झडा मौसी तो रस की ख़ान थी, चाहे जितनी बार झड सकती थी पर हम दोनों ने अपने पर काबू रखा कि बाद में मज़ा करेंगे
क्रमशः……………………
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