RE: Chudai Story मौसी का गुलाम
मौसी का गुलाम---8
गतान्क से आगे………………………….
मौसी ने अब तक मेरे लंड को चूम चूम कर फिर खड़ा कर दिया था गान्ड मरावाते हुए पूरा लंड मुँह में लेकर वह आराम से चूस रही थी मौसाजी अब झडने के करीब आ गये थे और तैश में आकर गंदी गंदी बातें कहते हुए पूरे ज़ोर से मौसी की गान्ड मार रहे थे "तेरी गान्ड मारूं मेरी चुदैल रानी, तेरे मस्त मोटे चुतडो को चोदू साली चुदैल, रंडी, क्या गान्ड है तेरी मेरी जान!"
उनका चेहरा इस समय मेरे करीब था और मस्ती में मौसाजी ने झुक कर अपने होंठों मेरे होंठों पर जमा दिए और चूमने लगे उनके मुँह का स्वाद मौसी के मुँह के मीठे स्वाद से थोड़ा अलग था पर था बड़ा मादक पास से उनकी आफ्टरशेव की खुशबू भी आ रही थी
मैंने भी उत्तेजित होकर अपनी बाँहें अंकल के गले के इर्द गिर्द डाल दीं और उन्हें ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा मेरी आँखों में अपनी वासना भरी आँखें डाल कर मौसाजी मेरी जीभ चूसते हुए पूरे ज़ोर से हचक हचक कर मौसी की गान्ड मारने लगे मैं मौसाजी को अपनी जीभ चुसवाता हुआ उचक उचक कर नीचे से ही मौसी के मुँह को चोदने की कोशिश करने लगा उधर मौसाजी ने चार पाँच करारे धक्के लगाए और झड गये उनकी ज़ोर से चलती गरम गरम साँसें सीधे मेरे मुँह में जा रही थीं
मुझे छोड़कर आख़िर तृप्त होकर मौसाजी धीरे से मुस्कराते हुए मौसी पर लेट गये और सुसताने लगे मैं अब बहुत उत्तेजित था और किसी भी तरह किसी से भी संभोग करना चाहता था बहुत देर से मौसी की चुनमूनियाँ चूसने की भी मुझे तीव्र इच्छा हो रही थी मौसी को मैंने कहा कि पलट कर सीधी हो जाए जिससे मैं उसकी चुनमूनियाँ चूस सकूँ मौसी मुस्कराकर बोली "राज, मेरी चुनमूनियाँ का पानी बहुत पिया है, आज थोड़ा स्वाद बदल ले अब तेरे अंकल अपना लंड मेरी गान्ड से निकालेंगे उसे चाट के देख, तेरे को मज़ा आ जाएगा"
मैं खुशी से तैयार हो गया मौसाजी ने अपना लंड खींच कर मौसी के गुदा से निकाला उस पर उनका वीर्य लिपटा हुआ था मैं उसे चाटने लगा बड़ा मज़ा आ रहा था मौसाजी ने मेरे बाल सहलाकार कहा "पूरा लंड मुँह में ले ले बेटे, और मन लगा कर चूस" लंड झड कर अब सिकुड कर छोटे गाजर जैसा हो गया था मैंने उसे आराम से मुँह में भर लिया और जीभ पर लेकर चूसने लगा मौसी की गान्ड की सौंधी खुशबू में भीना अंकल का वीर्य मुझे बहुत भाया मौसी भी मन लगा कर क्यों मेरा लंड चूसती हैं यह भी पता चल गया मन ही मन सोचा कि अगर रोज मौसाजी चूसने दें तो क्या मज़ा आए
पूरा चाटने के बाद भी मैंने लंड मुँह से नहीं निकाला बल्कि उसे अपने गले तक निगल कर उस पर जीभ और होंठ चलाता हुआ मैं उसे और ज़ोर से चूसने लगा असल में वह नरम नरम लंड मुँह में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मौसाजी का लंड मेरे चूसने से फिर खड़ा होने लगा था वे खुश होकर मौसी से बोले "शन्नो, तेरा भांजा तो लंड चूसने में एक्सपर्ट है, देख कैसे मेरा दो मिनिट में फिर से खड़ा कर दिया" मौसी ने भी प्यार से मेरा गाल चूमा कर पूछा "बेटे, अपने मौसाजी की और मलाई खाएगा?"
मैंने खुश होकर सिर हिलाकर हाँ कहा और लंड और ज़ोर से चूसने में लग गया कि जल्दी से उन्हें झडाऊ मौसी बोली"नहीं राजा, ऐसे नहीं, मेरी गान्ड में अभी अभी झडे हैं तेरे अंकल, मुँह लगा कर चूस ले, कम से कम आधी कटोरी मलाई मिलेगी अंदर"
यह कल्पना ही इतनी मादक थी कि मैं तुरंत मौसी के चुतडो पर लपक पड़ा और गान्ड पर मुँह लगाकर चूसने लगा मौसी की गान्ड का स्वाद लगी उस मलाई का क्या कहना मैं चूस चूस कर उसे निगलने लगा मौसाजी ने अपनी पत्नी के चुतड फैला कर रखे जिससे मैं आसानी से माल चूस सकूँ वे बोले "बड़ा प्यारा और चिकना लडका है उसका लंड कैसा तन्ना कर खड़ा है देख"
अंत में मैंने जीभ अंदर डाल कर आखरी बूँद का सफ़ाया कर दिया मौसी हँस कर उठ बैठी "बहुत हो गया बेटे, अब कुछ नहीं बचा मेरी गान्ड के अंदर" अपनी टाँगें फैला कर वह लेट गयी और मुझे अपने उपर खींच लिया"चल अब चोद मुझे जल्दी से"
मैं हचक हचक कर शन्नो मौसी को चोदने लगा मौसाजी ने सिरहाने बैठकर अपना लंड मौसी के मुँह पर दे दिया और वह उसे अपने गालों और आँखों पर प्यार से रगडने लगी लंड मेरे ठीक सामने था और इतने पास से मैंने पहली बार उसे ठीक से देखा करीब आठ इंच लंबा बड़े गाजर जैसा मोटा गोरा लंड और उस पर लाल लाल टमाटर जैसा सुपाडा किसी का भी मन उसे चूसने को करता
लंड का चुंबन लेते हुए जब मौसी ने मेरी आँखों में उतर आई वासना देखी तो मुझे और पास खींच कर मेरा मुँह भी उससे सटा दिया अब हम दोनों लंड को एक साथ चूमने लगे इतना कोमल और चिकना सुपाडा था जैसे चमडी नहीं, रेशम हो और मैं उसे बार बार जीभ से आइसक्रीम कॉन जैसे चाटने लगा
मौसाजी अब मेरे नितंबों को सहलाने लगे ख़ास कर मेरी गुदा को वे बहुत हौले हौले प्यार से रगडने लगे पहली बार किसीने मेरी गान्ड के छेद को छुआ था और मैं मस्ती से हुनक उठा मेरा आनंद देखकर मौसाजी मुस्काराए और मौसी की चुनमूनियाँ से थोड़ा रस अपनी उंगली पर ले कर मेरी गुदा को चिकना करने लगे फिर धीरे धीरे उन्होंने अपनी बीच की उंगली मेरी गान्ड में डालना शुरू की मेरी टाइट कुँवारी गान्ड में वह धीरे धीरे मुश्किल से गई क्योंकि रह रह कर मेरी गान्ड का छल्ला अपने आप सिकुड कर गुदा को और टाइट कर देता
|