RE: कमीना पार्ट - II Incest
जब हम वापस गाँव से लोटे तब मौसी का देवेर भी साथ मे नौकरी के चक्कर मे आया जिसकी वजह से जाने वाले मज़े को आते समय मैं नही पा सका, कुछ समय बाद मेरे फादर ने एक दूसरे शहर मे घर ले लिया और हम वह सहर छोड़ कर चले गये हालाकी मौसी के शहर से उसकी दूरी 100 किमी थी इसलिए अब मौसी हमारे यहाँ या फिर मोम उनके यहाँ 1 महीने मे एक बार चली जाती थी,
आज नये घर मे आने को 1 महीने से ज़्यादा हो चुके थे और मेरे बाप ने घर ऐसा लिया था कि मोम डॅड के रूम मे लोहे के दरवाजे थे और लोहे की खिड़किया और कही से भी मोम को चुद्ते हुए देखने की व्यवश्था नही थी मैं बड़ा बेचैन था उपर से बाथरूम भी ऐसा था जहा बहुत कम रोशनी थी अंदर झाँकने पर ख़तरा रहता था,
अब तो बस मैं सिर्फ़ इतना ही कर सकता था कि मोम की पनटी सूंघ कर उन्हे देख देख कर ही मूठ मार लेता था, समय गुज़रता गया और मैं पढ़ने के लिए बड़े शहर चला गया और पढ़ाई के बाद वही नौकरी करने लगा इसी बीच मेरी शादी भी कर दी गई और जब बीबी से मिला तो उसे ठीक से चोद भी नही पाया क्यो कि कुछ समय के लिए आई और मुझे कोई प्रॅक्टिकल अनुभव था नही,
फिर मैं वापस अपनी नौकरी मे चला गया और बीबी को जब घरवाले वापस लाए तो ना मैं उनसे कह सका कि मैं उसे अपने साथ ले जाता हू और ना ही उनकी कोई इच्छा थी कि बहू उन्हे छोड़ कर मेरे पास रहने आए, बस हर 1 महीने मे 2 दिन के लिए मैं आता और बीबी को चोद कर चला जाता, समय गुज़रता गया और मैं और ज़्यादा सेक्सी हो गया क्योकि बराबर चूत तो चोदने को मिलती नही थी और उपर से दिन भर नेट पर सेक्स मे लगा रहता था, एक नया चस्का और लग गया था और वह था कविता से फोन पर चोदने की बाते करना,
क्रमशः...................................
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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