RE: कमीना पार्ट - II Incest
सरला- दीदी जानती है अभी मैं सोनू के स्कूल के सामने से पेदल चली आ रही थी तब एक आदमी स्कूल की दीवार से सटा हुआ मूत रहा था, और मूतने के बाद अपना लंड ऐसे दबा दबा कर सहला रहा था जैसे मूठ मार रहा हो,
रति- मुस्कुराकर, चुप कर बेशरम कही सोनू ना सुन ले,
सरला- सच दीदी यह आदमी लोग कैसे खड़े खड़े मूत देते है ना,
रति- मुस्कुराकर, क्यो तूने किसी औरत को खड़ी होकर मुतते नही देखा क्या,
सरला- मुस्कुराकर, देखा है ना दीदी,
रति- हैरत से सरला को देखती हुई, किसे देखा है तूने,
सरला- खिलखिला कर हँसते हुए, खुद को, सरला एक बार फिर हसी और कहने लगी सच दीदी कई बार तो मैं जब नंगी होकर बाथरूम मे नहाती हू तो खड़े खड़े ही मूत लेती हू,
रति- हँसते हुए तू अपनी हर्कतो से बाज नही आएगी,
सरला- अच्छा दीदी सच बताओ तुमने कभी खड़े खड़े मुता है कि नही,
रति- मुस्कुराते हुए, चुप कर सरला, दो दो बच्चो की मा हो गई है पर तेरा बच्पना अभी तक नही गया
सरला- बताओ ना दीदी, प्लीज़
रति- मुस्कुराकर शरमाते हुए, हाँ मुता है और एक बार नही कई बार
सरला- कब दीदी,
रति- अरे पगली औरते ऐसे तब मुतती है जब उनका खूब मन करता है,
सरला- सही कह रही हो दीदी, मेरा भी उस दिन खूब मन कर रहा था, तभी मेरी खड़े खड़े मूतने की इच्छा होने लगी,
रति- अब चुप कर और यह बता तू गाँव जाने वाली थी तो क्या हुआ,
सरला- दीदी जाना तो बहुत ज़रूरी है लेकिन क्या करू इनको छुट्टी ही नही मिल रही और मैं अकेली इतना लंबा ट्रेन का सफ़र कैसे करूँगी, उपर से दोनो चन्गु मंगु भी साथ रहेगे,
रति- तो फिर क्या सोचा है,
सरला- दीदी तुम कहो तो सोनू को साथ ले जाउ,
रति- ठीक है ले जा पर अभी से रिज़र्वेशन करवा ले नही तो बाद मे नही मिल पाएगा,
सरला- ठीक है दीदी मैं आज ही उनसे कह देती हू,
ठीक 8 वे दिन मैं मौसी और उसके दो बच्चो को लेकर चल दिया मौसा ने कहा बेटे दो ही बर्त मिली है अड्जस्ट कर लेना मैने कहा ठीक है कोई दिक्कत नही है,
रति- सोनू बेटे ध्यान रखना, तेरी मौसी तो ट्रेन पकड़ते ही घोड़े बेच कर सो जाती है इसे बस और ट्रेन मे बहुत नींद आती है, रात भर का सफ़र है ध्यान से जाना,
सोनू- फिकर ना कर माँ मैं ध्यान रखूँगा, उसके बाद हम लोग चल दिए,
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अचानक कविता ने करवट लेते हुए मेरे लंड पर हाथ रख कर उसे पकड़ा और एक दम से मुझसे सॅट गई और कहने लगी,
कविता- गजब के आदमी हो तुम अभी थोड़ी देर पहले ही मुझे चोद कर सोए थे और अब देखो तुम्हारा लंड कितना तना हुआ है, सच सच बताओ किसके बारे मे सोच रहे थे,
सोनू- मैने कविता की नंगी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा, मेरी रानी आज एक पुरानी घटना याद आ गई इसलिए मेरा लंड इस तरह तना हुआ है,
कविता- कौन सी घटना मुझे भी बताओ ना,
सोनू- अभी सो जाओ बाद मे बताउन्गा,
कविता- नही अभी बताओ,
सोनू- अरे बाबा अभी हम चोद कर फ्री हुए है अब कल अच्छे मूड मे बताउन्गा,
कविता- अच्छा यह तो बता दो किसके बारे मे थी वह घटना,
सोनू- मुस्कुराते हुए, तू साली मानेगी नही, वह घटना मेरी मौसी सरला के बारे मे थी,
कविता- उठ कर बैठते हुए, तो फिर कल नही मुझे अभी सुनना है,
सोनू- मैं जानता था यही कहेगी,
कविता- अब बताओ भी,
सोनू- अरे कुच्छ नही रे, बस एक बार मैं उसके साथ ट्रेन मे गाँव गया था तब मैने उसकी चूत पर हाथ फेर दिया था,
कविता- हे राम, और उन्हे पता नही चला,
सोनू- शायद नही चला,
कविता- ठीक से बताओ ना क्या हुआ था,
सोनू- ठीक है तू मेरा लंड सहला मैं तुझे ठीक से बताता हू,
कविता- तेल लगा कर सहलाऊ
सोनू- ठीक है,
कविता मेरे लंड पर तेल लगा कर उसकी मसाज करने लगी और मैं उसे उस दिन के बारे मे बताने लगा जब मैने अपनी मौसी की भरी हुई गुदाज जवानी को अपने हाथो से पूरी रात खूब सहलाया और दबाया था,
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