RE: Behen Chudai मेरी दीदी बड़ी मस्त मस्त है
प्रीति दीदी ने रूम में जाते ही अपना दुपट्टा साइड पे रखा और अपनी अलमारी ओपन कर के टवल निकाल के अपने बालों पे लपेट लिया और मेरी तरफ घूम गयीं.
ओह्ह माइ गॉड वो क्या नज़ारा था मेरी नज़र फ़ौरन दीदी की चेस्ट पे गई जो कमीज़ गीली होने की वजह से बिल्कुल सॉफ नज़र आ रही थी वाइट यूनिफॉर्म था और कपड़ा बारीक था.
ऐसा लग रहा था कि दीदी बिल्कुल नंगी खड़ी हों हर चीज़ बिल्कुल क्लियर नज़र आ रही थी.
प्रीति दीदी ने मेरी तरफ देखा फिर मेरी निगाह को फॉलो किया जो सीधी दीदी की चेस्ट पे थी. दीदी को कुछ समझ नही आया उन्होने सिर्फ़ इतना कहा भाई.
मैने दीदी के फेस की तरफ देखा तो दीदी मुझे देख रही थीं मेरी नज़र फिर दीदी की चेस्ट पे गई फिर फेस पे फिर चेस्ट पे.
दोस्तो वो क्या नज़ारा था मेरा दिल कर रहा था कि हर चीज़ यहीं रुक जाए क्यों कि पता नही फिर ऐसा मौका मिले या नही बस में तो सिर्फ़ प्रीति दीदी की क्यूट स्माल चेस्ट को हमेशा अपने सामने देखना चाहता था.
दीदी फ़ौरन घूम गयीं और अब में अपनी दीदी की मिल्की वाइट कमर देखने लगा जो कि पानी से गीली थी बहुत क्यूट एंड सेक्सी लग रही थी.
थोड़ा नीचे देखा तो प्रीति दीदी की कमीज़ उनकी स्वीट गान्ड पे चिपकी हुई थी वो क्या सीन था अब में कैसे बताऊं आपको.
मैने हिम्मत की और थोड़ा आगे हुआ और दीदी के पास गया ही था कि दीदी साइड से गुज़र के वॉशरूम में चली गयीं.
प्रीति दीदी ने मुझे कोई बात नही कही और में अंदर ही अंदर बहुत खुश था कि आज अपने इतने क़रीब अपनी सेक्सी दीदी को ऑलमोस्ट नंगा देख लिया था.
शाम को हम खाना खा कर टीवी देखते और फिर अपने रूम में जा के साथ स्टडी करते उस दिन भी ऐसा ही हुआ हम आराम से चुप कर के स्टडी कर रहे थे.
मोम अपने रूम में थीं. क़रीब 12 बजे दीदी ने बुक्स क्लोज़ कीं और लेट गयीं में अभी पढ़ रहा था.
काफ़ी देर बाद मैने फील किया कि दीदी को सर्दी लग रही है वो काँप रही थीं क्यों कि सर्दी की बारिश में भीग गई थी.
मैने अपनी बुक साइड पे रखी और दीदी के पास गया और उनकी रज़ाई ठीक करने लगा.
लेकिन दीदी को बहुत सर्दी लगी हुई थी तो मैने दीदी को आराम से उठाया.
प्रीति दीदी..
नो रिप्लाइ.
दीदी उठें...
नो रिप्लाइ.
दीदी आप ठीक तो हैं ना उठें दीदी.
दीदी आराम से उठीं. क्या बात है भाई.
दीदी आप को ठंड लग रही है आप की तबीयत तो ठीक है ना?
भाई मुझे सर्दी लग रही है बहुत ज़्यादा लगता है बुखार है.
मोम को बुलाऊं दीदी?
नही भाई मोम को ना बुलाओ में ठीक हूँ और अपनी रज़ाई ठीक कर के सो गयीं.
कुछ देर तो में जागता रहा लेकिन जब दीदी सो गयीं तो में भी आराम से सो गया.
नेक्स्ट डे में उठा तो दीदी अपने बेड पे नही थीं. में उठा तैयार हुआ और बाहर आ गया दीदी मोम के साथ किचन में थीं वो बातें कर रहे थे लेकिन जब में अंदर गया तो वो चुप हो गये.
हम ने नाश्ता किया और स्कूल को रवाना हो गये रास्ते में दीदी से पूछा कि वो मोम से क्या बात कर रही थीं तो दीदी ने कहा नही कोई ऐसी बात नही थी बस ऐसे ही यहाँ वहाँ की बातें.
मैने दीदी को फोर्स नही किया खैर स्कूल से वापिस आ कर हम अपने रूम में बैठे थे मैने दुबारा दीदी से पूछा.
दीदी हम भाई बहन नही फ्रेंड्स भी हैं आप प्लीज़ मुझे बताओ ना क्यों कि आप और मोम अक्सर बातें कर रहे होते हैं और जब में आता हूँ आप लोग खामोश हो जाते हैं.
प्रीति दीदी ने कहा भाई वो तुम्हारे मतलब की बातें नही हैं और मोम मुझे अड्वाइस देती रहती हैं कि ये ना करना वो ना करना ऐसे रहा करो ये किया करो वो किया करो एट्सेटरा.
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