RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैंने कहा हां नबीला मेरी जान मुझे पता है किसी भी औरत को मर्द की ज़ुबान से अपनी योनी की मालिश करवाना बहुत अच्छा लगता है . नबीला ने आगे होकर मेरी सलवार का नाड़ा खोला और मेरी सलवार को मेरी टांगों से निकालकर खींचकर उतार दिया और बेड के दूसरी तरफ रख दिया और फिर मेरे सीने पे अपना सिर रखकर और अपनी एक टांग मेरे पैर के ऊपर रखकर चिपक गई और अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया। और बोली भाई आपने लाहौर कब जाना है। और क्या आप लाहौर चाची वाले काम के लिए ही जा रहे हो। मैंने कहा नबीला मैं ज़ुबैदा के लौट जाने के 4 या 5 दिन के बाद इस्लामाबाद का बहाना बनाकर लाहौर चला जाऊँगा मैं ज़ुबैदा को इस्लामाबाद का ही बताऊँगा। और हाँ में लाहौर चाची के लिए ही जा रहा हूँ। मुझे अब जल्दी से जल्दी चाची वाले मुद्दे को हल करके उन्हें वापस यहाँ लेकर आना है। ताकि परिवार और बाहर वालों को चाची की किसी भी बात का पता लगने से पहले उन्हें यहां गांव में सेट कर दूँ। न वह लड़का चाची से मिलेगा और न ही कोई समस्या बनेगी और वैसे भी चाची आग जब मैं खुद ठंडा करता रहूंगा तो किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी
नबीला ने कहा भाई भी 1 या 2 दिन बाद शाजिया बाजी वाले मुद्दे पे काम शुरू करती हूँ। ताकि जमीला बाजी की शांति लौट सके।
मैंने नोट किया नबीला के काफी देर लंड सहलाने के कारण मेरे लंड में काफी जान आ गई थी। फिर नबीला उठकर थोड़ा आगे झुक गई और मेरे लंड अपने मुंह में ले लिया और उसकी चुसाइ लगाने लगी। नबीला लगभग 5 मिनट तक लंड मुंह में लेकर अलग तरह से चुसाइ लगाती रही अब मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह बनकर सलामी दे रहा था। नबीला ने कहा भाई एक मिनट रुको में आई वह बेड से उठी और कुंडी खोल कर बाहर चली गई और 2 मिनट के बाद जैतून के तेल की बोतल ले कमरे में आ गई और अंदर प्रवेश कर कुंडी लगा दी।
जब मैं सऊदी से वापस आता था तो जैतून का तेल हर बार लेकर आताथा। और बेड पे आकर बोतल से तेल निकालकर पहले मेरे लंड पे अच्छी तरह लगाया और उसे गीला कर दिया और फिर मुझे बोतल दी और मेरे आगे घोड़ी बन कर मुझसे बोली भाई तेल निकालकर मेरी गाण्ड के छेद के अंदर लगाकर नरम और गीला कर दो और फिर लंड अंदर करो। मैंने बोतल लेकर तेल निकालकर नबीला की गाण्ड पे पहले लगाया उसकी गांड की दरार में लगाकर गीला किया तो नबीला की मोरी को खोलकर इसमें डायरेक्ट बोतल से थोड़ा तेल अंदर गिराकर फिर अपनी एक उंगली को नबीला की गान्ड के छेद के अंदर करके उसे गोल गोल घुमा कर उसकी अच्छी तरह मालिश किया फिर कुछ और तेल डाल कर नरम और किया अब मेरी बड़ी वाली पूरी उंगली आराम से नबीला की गाण्ड में अंदर बाहर होने लगी थी। फिर मैंने तेल की बोतल को एक साइड पे रख कर घुटनों खड़ा हो गया नबीला तो पहले ही घोड़ी बनी हुई थी।
मैंने नबीला की गाण्ड के हॉल को खोलकर अपने लंड को नबीला गाण्ड के छेद पे सेट किया और एक झटका मारा और पिच की आवाज से मेरे लंड का टोपा नबीला की गाण्ड में घुस गया नबीला के मुंह से एक कामुकता भरी आह निकल गई । तेल लगाने की वजह से नबीला की गाण्ड काफी नरम हो गई थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपना लंड नबीला की गाण्ड के अंदर दबाना शुरू कर दिया। हक़ीकत ये थी कि नबीला की गाण्ड काफी टाइट थी नबीला की गाण्ड के छेद के अंदर की दीवारों ने मेरे लंड को अपनी ग्रिप में लिया हुआ थानबीला का शरीर भी नीचे से कसमसा रहा था और वो अपनी गाण्ड को बन्द कर लेती थी कभी ढीला छोड़ देती थी।
जहां दर्द सहन नहीं होता वो गाण्ड को दबा लेती और जहां थोड़ा आराम मिलता अपनी गाण्ड को ढीला छोड़ देती . मैं भी इस संघर्ष में अपना आधा लंड उसकी गान्ड के अंदर कर चुका था। फिर पता नहीं नबीला के मन में क्या आया और उसने पूरी ताकत के साथ अपनी गाण्ड को पीछे मेरे लंड की ओर धक्का दिया और मेरा लंड एक झटके में ही उसकी गाण्ड के अंदर तक उतर गया और नबीला मुंह से एक दर्द भरी आवाज़ निकली हाइईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भाई मैं मर गई। और फिर तुरंत बोली भाई अब आप कोई हरकत न करना मुझे थोड़ा आराम मिलने दो फिर अंदर बाहर करना। मैं उसकी बात सुनकर वहाँ ही रुक गया।
लगभग 5 मिनट तक इस स्थिति में ही रहा और कोई हरकत नहीं की। फिर नबीला की आवाज आई भाई अब कुछ बेहतर है अब लंड अंदर बाहर करो। मैंने अपने लंड को टोपी तक बाहर खींचा और बोतल से कुछ तेल अपने लंड पे गिरा दिया और फिर लंड अंदर बाहर करने लगा। धीरे धीरे लंड गाण्ड के अंदर बाहर कर रहा था। लगभग 4 से 5 मिनट के बाद ही मेरा लंड गाण्ड के अंदर काफी आराम से अंदर बाहर होना चालू हो चुका था। और अब नबीला को भी मज़ा आ रहा था क्योंकि अब उसके मुंह से सुख भरी सिसकियाँ निकलना शुरू हो गईं थीं। बड़े ही आराम से लंड अंदर बाहर कर रहा था नबीला भी अब गाण्ड को आगे पीछे गति दे रही थी। फिर कुछ देर और धक्के लगाने के बाद मैं अपने पैरों पे खड़ा हो गया और थोड़ा आगे झुक कर मैंने अपनी बड़ी वाली उंगली नबीला की योनी के अंदर घुसा दी। और दूसरे हाथ से नबीला का एक मम्मा पकड़ लिया और अपने धक्कों की गति को तेज कर दिया हम दोनों को काफी पसीना भी आ चुका था इसलिए जब हमारे शरीर आपस में टकराए तो धुप्प धुप्प की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। और दूसरी तरफ अब अपनी उंगली योनी के अंदर बाहर कर रहा था।
नबीला को दोनों ओर से मज़ा मिलने की वजह से बहुत ज्यादा जोश चढ़ गया था वह सुख भरी आवाज में बोलने लगी भाई और तेज करो और तेज करो आज फाड़ दो अपनी जान की योनी और गाण्ड भाई मुझे अपनी पत्नी बना लो मुझे अपने बच्चे की माँ बना लो वह पता नहीं क्या क्या बोलती जा रही थी। लेकिन मेरा जोश उसकी बातों से और अधिक बढ़ चुका था मैंने उसकी गाण्ड के अंदर अपने तूफानी झटके लगाने शुरू कर दिए और 4 से 5 मिनट के बाद मैंने अपने वीर्य की बाढ़ को उसकी गाण्ड के अंदर छोड़ दिया था और नीचे से नबीला की योनी ने अपना गर्म गर्म ढेर सारा पानी छोड़ दिया था। में नबीला के ऊपर ही गिर गया और नबीला मेरे वजन से नीचे गिर गई और हम एक दूसरे के ऊपर उल्टा होकर गिर कर लेट गए मेरा लंड बदस्तूर नबीला की गाण्ड के अंदर था। काफी देर तक मैं यूं ही नबीला के ऊपर लेटा रहा। फिर जब मेरी कुछ सांसें बहाल हो गईं तो वहां से उठकर नबीला के साथ ही लेट गया नबीला अब भी काफ़ी तकलीफ़ में थी। काफी देर बाद उठकर वह बाथरूम गई और 10 मिनट के बाद अपनी सफाई करके वापस आकर बेड पे लेट गई।
फिर मैं उठा और बाथरूम गया और सफाई करके वापस आकर नबीला के साथ लेट गया। नबीला मेरे सीने पे उल्टा होकर लेट गई और पता नहीं कब सो गई और मैं भी सो गया था लगभग सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली तो देखा नबीला मेरे सीने पे ही नंगी हो कर सोई हुई है। मैंने उसे आराम से एक तरफ लेटा दिया और एक चादर उसके शरीर पे डाल कर खुद भी उससे सट कर सो गया।
सुबह लगभग 9 बजे मेरी नींद खुली तो देखा नबीला बेड पे नहीं थी। और जो चादर मैंने नबीला ऊपर ऊढाई थी वह अब मेरे शरीर पे थी। फिर मैं बेड से उठा और बाथरूम चला गया नहा धोकर फ्रेश हुआ और कपड़े बदलकर टीवी लगा कर बैठ गया। थोड़ी देर बाद नबीला नाश्ता लेकर आ गई और नाश्ता रख कर मेरे सामने बैठ गई और मेरे साथ ही नाश्ता करने लगी मैं पूछा अम्मी उठ गई हैंतो नबीला ने कहा अभी थोड़ी देर पहले ही उठी हैं मैंने उन्हें नाश्ता करवा दिया है। फिर नबीला ने कहा भाई आज आप कंजरी कब लेने जा रहे हो तो मैंने कहा दिन के 1 बजे उसने आना है। 12 बजे स्टेशन के लिए निकल जाऊंगा। तो नबीला ने कहा भाई मुझे आज जमीला बाजी के घर छोड़ के अपने स्टेशन पे चले जाना। मैंने कहा ठीक है तुम तैयार हो जाना मैं तुम्हें रास्ते में छोड़ दूंगा। फिर नबीला ने कहा भाई आप को कुछ दिन मेरे बिना रहना होगा। मैंने पूछा क्यों क्या हुआ तुम कहीं जा रही हो। तो नबीला कहा भाई मैं कहीं भी नहीं जा रही दरअसल आज से मेरे दिन शुरू हो रहे हैं तो मैं आप से प्यार नहीं करवा सकती। मैं नबीला की बात समझ गया मैंने कहा मेरी जान कोई बात नहीं जब तुम्हारे दिन सही हो जाएंगे तो मुझे प्यार कर लेना। फिर मैं और नबीला नाश्ता करते हुए यहाँ वहाँ की बातें करते रहे फिर जब हमने नाश्ता खत्म कर लिया तो नबीला बर्तन उठाकर ले गई। और मैं भी हाथ धो कर टीवी चला कर बैठ गया। लगभग 11: 30 पे टीवी बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होकर तैयार हो कर कमरे से बाहर निकल कर नबीला को आवाज़ दी वह भी अपनी चादर लेकर अपने कमरे से बाहर निकल आई। वह पहले से ही तैयार थी। अम्मी आंगन में बैठीं थीं और नबीला से पूछने लगी तुम कहाँ जा रही हो तो नबीला ने कहा अम्मी मैं बाजी की ओर जा रही हूँ उन्होंने बुलाया था कोई काम था। मैं थोड़ी देर तक वापस आ जाऊँगी।
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