RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
नीलू एकदम चुदवासी हो चुकी थी। उसकी पैंटी भी धीरे-धीरे करके गीली हो चुकी थी तभी तो वह लंड को मुंह में लेकर चूसते हुए एक हाथ से सलवार के ऊपर से ही अपनी बुर को मसल रही थी। दोनों तरफ आग बराबर लगी हुई थी दोनों चुदवासे हो कर चुदाई की आग में झुलस रहे थे। चप्प चप्प की कामुक आवाज नीलू के मुख से निकल रही थी जिससे पूरा क्लास रूम गुंज रहा था। ऐसे अजब से सुख की अनुभूति करके राहुल नीढाल हुए जा रहा था। नीलू तो राहुल के मोटे लंड को पाकर एकदम पगला सी गई थी वह बहुत जल्दी जल्दी अपने मुंह को उसके ऊपर आगे पीछे कर के लंड चुसाई का मजा ले रही थी। उसकी बुर से मदन रस टपक रहा था जिस पर अपनी हथेली को रगड़ रगड़ कर बुर वाली जगह को एकदम गीली कर ली थी।
दोनों लंड चुसाई का भरपूर आनंद उठा रहे थे। राहुल से रहा नहीं जा रहा था' उसे ऐसा लग रहा था जैसे की उसका लंड वीनीत की भाभी की बुर में अंदर बाहर हो रहा है। इसलिए राहुल से और ज्यादा सब्र नहीं हुआ और उसने अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए नीलू के सर को दोनों हाथों से थाम लिया' और आंखों को मुंद़कर जिस तरह से वीनीत की भाभी की बुर में लंड को अंदर बाहर करते हुए पेल रहा था। उसी तरह से नीलू के मुंह में लंड को ठुंसे हुए ही कमर को आगे पीछे करके चलाने लगा।
नीलू और राहुल दोनों को बहुत मजा आ रहा था पल-पल दोनों की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी राहुल था कि अब बिना शर्म किए सिसकारी लेते हुए नीलू के मुंह में लंड को पेले जा रहा रहा था।
नीलू भी अपने मुख से गर्म सिसकारी भरी आवाज निकालते हुए अपनी हथेली को बुर पर लगातार रगड़ते जा रही थी। दोनों चरमसुख की तरफ बढ़ ही रहे थे कि तभी रीशेष पूरी होने की घंटी बज गई। घंटी की आवाज सुनते ही राहुल हड़बड़ा गया हालांकि फिर भी वह नीलू के मोह में धक्के लगाए जा रहा था और नीलू भी लंड को चूसे जा रही थी। नीचे विद्यार्थियों की आवाज बढ़ती जा रही थी जिसकी वजह से राहुल को डर लगने लगा वह नीलू के मुंह से अपने लंड को बाहर की तरफ खींचने लगा लेकिन नीलू थी की राहुल कै लंड को अपने मुंह से निकालने के लिए तैयार ही नहीं थी। राहुल ने फिर भी जैसे-तैसे करके अपने लंड को नीलू के मुंह से बाहर खींच ही लिया ओर झट से अपनी पेंट को ऊपर चढ़ा कर बटन बंद कर लिया। राहुल बिना कुछ बोले क्लास से बाहर निकल गया पर नीलू वहीं पर ठगी सी बैठी रह गई। अकेले बैठे वह वहां पर क्या करती वह भी नीचे फर्श पर गिरी अपनी ब्रा उठाई और उसे पहनने लगी' कमीज पहन ने के बाद वह अभी क्लास से बाहर आ गई।
आज नीलू की अभिलाषा कुछ हद तक पूरी हुई थी। जिसके बारे मैं अब तक कल्पना कर कर के ही अपनी पेंटी को गीली करती आ रही थी आज बहुत दिनों बाद उसे छूने का उसकी गर्मी को महसूस करने का मौका मिला था। और नीलू ने इस मौके का कुछ हद तक फायदा भी उठा ली ,बहुत लडको के लंड को चूस चूस कर नीलू ने अपनी प्यास बुझाई थी। लेकिन आज राहुल के मोटे तगड़े लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने के बावजूद भी उसकी प्यास बुझने के बजाए और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी। उसकी बुर कुलबुला रहीे थेी राहुल के मोटे तगड़े लंड को अपने अंदर लेने के लिए।। इसलिए तो वहां छुट्टी के बाद जैसे ही घर पर पहुंची तुरंत अपने कमरे के अटैच बाथरूम में पूरी तरह से नंगी होकर सावर ली, शावर लेने के बाद अपने बदन को टावल से पोछकर नग्नावस्था में ही अपने बिस्तर पर लेट गई और ना जाने कितनी बार अपनी उंगली से ही अपनी बुर का पानी निकालकर अपने आप को शांत करने की कोशिश करती रही।
राहुल का भी यही हाल था ,एक तो वीनीत की भाभी ने उसके होश पहले से ही उड़ा रखे थे। ऊपर से जो आज नीलू ने क्लासरूम में उसके साथ मुखमैथुन का आनंद प्रदान की थी उस आनंद ने तो राहुल को पागल ही बना दिया था। राहुल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि स्कूल के क्लास रूप में एक सुंदर लड़की उसके अकेलेपन का फायदा उठाते हुए उसके लंड को चूसकर उसे परम आनंद की अनुभूति कराएगी। राहुल अपने आप को भाग्यशाली समझ रहा था कि बिना मांगे ही उसे सब कुछ मिल रहा था। एक खूबसूरत लड़की नीलु जो उसे प्यार करने लगी थी और आज मुखमैथुन जैसे अतुल्य कार्य का आनंद भी दे चुकी थी। और वीनीत की भाभी थी जिसने उसे संभोग सुख दे चुकी थी। जिसने उसे यह एहसास दिलाया कि बुर और लंड के मिलन से जो सुख प्राप्त होता है ऐसा सुख दुनिया में और कहीं भी नहीं प्राप्त होता। और तों और अब तो राहुल के ऊपर उसकी खुद की मां के बदन का आकर्षण भी बनता जा रहा था। अपनी मम्मी के भरावदार बदन के प्रति भी उस का झुकाव बढ़ने लगा था। इन तीनों औरतों के बारे में कल्पना कर करके राहुल ने सारी रात ना जाने कितनी बार हस्तमैथुन करते हुए अपने गरम पानी को निकालकर अपने बदन को शीतलता प्रदान करता रहा।
दूसरी तरफ विनीत था वह अलका के चक्कर में एकदम देवदास हो गया था ,उसकी हालत एकदम मजनू की तरह हो चुकी थी। ना ठीक से खाता था ना पीता था और पढ़ाई में तो उसका मन पहले से ही नहीं था।
यह तो तय था कि यह कोई प्रेम नहीं था बस आकर्षण और वासना का मिला-जुला असर था।
इंसान में वासना गजब का असर दिखाती है। एक बार जब इंसान के अंदर वासना दाखील हो जाती है तो ना उम्र देखती है ना संबंध ना ही रिश्तो का लिहाज ही करती है। अलका उसके परम मित्र की मा थी इस बात से तो विनीत अनजान था लेकिन फिर भी अलका उसके मां की उम्र की थी। उसे अलका की उम्र का भी लिहाज नहीं था, उसे तो बस अलका का खूबसूरत मादक बदन उसकी खूबसूरती उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और सबसे ज्यादा अलका का भरावदार गांड विनीत को भा गई थी। उसे चारों पहर ़ बस अलका ही अलका नजर आती थी। इसलिए पिछले 3 दिनों से रोज शाम के वक्त ऑफिस से लौटने के समय पर अलका की राह तकता रहता था, लेकिन जैसे कि वक्त ने उसकीे तड़प को और ज्यादा बढ़ाने की ठान ली थी इसलिए अलका से उसकी मुलाकात हो ही नहीं पा रही थी। विनीत पूरी तरह से अलका के मोह पास में जकड़ चुका था। अब तो हाल यहां तक हो चुका था कि विनीत को उसकी भाभी की चुदाई करने में भी मजा नहीं आ रहा था, वह जब भी अपनी भाभी की चुदाई करता तो कल्पना में अलका के बदन के बारे में ही सोचते हुए अपनी भाभी को चोदता तब जाकर उसके मन को थोड़ी बहुत शांति मिलती थी।
जबसे विनीत की भाभी ने राहुल का लंड अपनी बुर में ली थी तब से उसे विनीत के लंड से जरा भी मजा नहीं आ रहा था उसकी बुर तड़प रही थी दुबारा राहुल के लंड को लेने के लिए।
अब तो अलका का भी बुरा हाल हो गया था उसकी भी रातें विनीत द्वारा की गई कामुक हरकत की वजह से बिना पेंटि गीली किए नहीं कट रही थी। हालाकी उसने उस दिन की तरह अपनी बुर में उंगली डालकर अपने आप को शांत करने की कोशिश नहीं की थी बल्कि उन विचारों के माध्यम से ही वह अपनी बुर की पुतलियों को अपनी हथेली से रगड़ रगड़ कर आनंद ले रही थी। अलका खुद विनीत की तरफ खींची चली जा रही थी जिसका उसे पता ही नहीं था क्योंकि अब तो जब भी शांत बैठती थी तब उसके दिमाग में विनीत ही घूमता था खास करके बारिश वाली रात की हरकतें। मार्केट से गुजरते समय उसकी भी नजरे विनीत को ही ढूंढती रहती थी ,लेकिन उसकी भी मुलाकात विनीत से नहीं हो पा रही थी। बरसात के दूसरे दिन ही वह मार्केट के एक स्टोर पर गई थी, उसे वीट हेयर रिमूवर लेना था। क्योंकि वह रात को अपनी बुर पर उगे हुए बालों के गुच्छे को देख कर बहुत खराब लगा था और उसे वह क्रीम लगाकर साफ करना चाहती थी इसलिए वीट क्रीम खरीदने का निर्धार वो रात को ही बना ली थी ।स्टोर पर जाने में उसे बहुत ही संकोच हो रहा था। 2. 3 स्टोर तो वह छोड़ चुकी थी क्योंकि वहां पर कुछ ग्राहक पहले से ही जमा हुए थे तो उन लोगों के सामने वीट क्रीम मांगने में उसे शर्म सी महसूस हो रही थी। ऐसे करते करते वह मार्केट खत्म होने के करीब तक पहुंच गई। तभी सामने एक छोटा सा स्टोर दिखा, वहां पर भी पहले से ही दो लड़के खड़े थे। लेकिन उसने हिम्मत जुटाकर मन में ही फैसला कर ली थी जो होगा देखा जाएगा। आख़िर सभी औरतें लड़कियां इसे खरीदतीे हैं, मैं ही हमेशा क्यों बीट लेते समय इतना शर्माती हुं। इसलिए वह हिम्मत जुटाकर सीधे स्टोर पर पहुंच गई।
और बेधड़क होकर दुकानदार से उसने वीट क्रीम मांग ली, और इधर उधर देखते हुए अपने चेहरे पर आई शर्म के भाव को छुपाने की कोशिश करने लगी।
अमिता के द्वारा बीत क्रीम मांगने पर दुकानदार कबाट की ओर बढ़ गया और पास में ही खड़े दोनों लड़कों ने अलका के मुंह से बीट क्रीम सुने ही थे की उनकी कान के साथ-साथ जांघों के बीच लटक रहा लंड भी खड़ा हो गया। अलका के बदन में गुदगुदि सी मची हुई थी। बीट मांगने के नाम पर ही अलका के बदन में एक रोमांच सा ऊठ रहा था। उसकी पैंटी बीट के नाम पर कब गीली हो गई उसे खुद को पता नहीं चला।
अलका को बीट मांगते देख पास मे हीं खड़े दोनों लड़कों की नजर अलका के बदन पर ऊपर से नीचे तक पड़ी , तभी एक लड़के ने दूसरे लड़के को फुशफुसाते हुए कहा।
यार देख तो सही आज बीट ले जा रही है आज पूरे बाल साफ करके चिकनी कर देगी,उफफफफ.... आज तो जो भी इसकी लेगा पूरी चीभ लगाकर चाट जाएगा। काश हमारी किस्मत में ऐसी होती... । ( इतना कहने के साथ ही दोनों हंसने लगे। अलका उन लड़कों के कमेंट्स सुनकर एकदम शर्मसार हो गई, उसे उन लड़कों पर क्रोध भी आया वह उन लड़कों को डांटना चाहती थी लेकिन शर्म के मारे कुछ कह नहीं पाई, उन लड़कों से ज्यादा उसे उस दुकानदार पर गुस्सा आ रहा था जो क्रीम देने में इतनी देर लगा रहा था। उन लड़कों की गंदी कमेंट सुनकर अलका के बदन में शिहरन सी दौड़ गई थी। उत्तेजना में अलका की बुर फुदकने लगी थी।
वैसे भी अक्सर मर्द लोग औरत के उपयोग में ली जाने वाली हर वस्तु के बारे में कल्पना करना शुरु कर देते हैं।
अगर कोई औरत ब्रा पैंटी लेती होगी तो मर्द लोग कल्पना करने लगते हैं कि वह कैसे ब्रा और पैंटी पहनेगी यै कैसी दिखेगी इसे पहनने के बाद' हेयर रिमूवर ली तो उसके बारे में कल्पना करना शुरू कर देंगे कि कैसे वह अपनी बुर पर पर वीट लगाकर साफ करके अपनी बुर को चिकनी करेगी यह सब क्या अक्सर हर मर्द ने चलने लगता है।
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