Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:28 PM,
#33
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अलका को अब शर्म महसूस होने लगी थी , क्योंकि रास्ते का पानी घुटनों तक होने की वजह से उसे ना चाहते हुए भी अपनी साड़ी को घुटनों तक उठाना पड़ा जिससे उसकी गोरी गोरी मांसल पिंडलियां दिखने लगी थी। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी रह रह कर बादलों की गड़गड़ाहट से उसका मन काँप उठ़ता था और कोई समय होता तो ऐसी बारिश में वो कभी नहीं निकलती लेकिन क्या करें मजबूरी थी घर पहुंचना था इसलिए उसे बारिश में निकलना ही पड़ा। पानी में अपने पैरों को घसीटते हुए वह आगे बढ़ ही रही थी कि तभी उसे पीछे से आवाज आई। 
आंटी जी... वो आंटी जीे ...थोड़ा रुकिए....
( उसे यह आवाज कुछ जानी पहचानी लगी इसलिए उसके कदम ठीठक गए , पीछे मुड़कर देखी तो विनीत था जो की छतरी लेकर उसकी तरफ ही बढ़े चले आ रहा था। उसे देखते ही उसके चेहरे पर मुस्कान तेैर गई
विनीत को देख कर उसे क्यों इतनी खुशी हुई यह खुद वह नहीं जानती थी। इस खुशी के पीछे कोई लगाव कोई अपनापन या आकर्षण था ईसको बता पाना अलका के लिए भी बड़ा मुश्किल था। 
वीनीत छत्री ओढ़ै अलका के पास पहुंच गया और बोला
आंटी जी आप ऐसी बारिश में कहां से आ रहीे हैं? 

अरे बेटा मैं तो ऑफिस से आ रही हूं अब क्या करूं मुझे बारिश में बहुत ज्यादा डर लगता है लेकिन मजबूरी है इसलिए मुझे एसी बारिश में भी जाना पड़ रहा है। ( अलका विनीत के सवाल का जवाब देते हुए बोली. अलका को अब तक बहुत जल्दी पड़ी थी घर पहुंचने को लेकिन अलका भी शायद अंदर ही अंदर विनीत के प्रति आकर्षित होती जा रही थी। इसलिए तो ऐसी तूफानी बारिश में भी खड़ी हो गई थी। अलका के चेहरे पर और ज्यादा प्रसन्नता के भाव दीखाई देने लगे जब वीनीत ने छत्री को अपने ऊपर से हटाकर अलका के ऊपर कर दीया। अलका पुरी तरह से भीग चुकी थी लेकीन उस लड़के का अंदाज देखकर उससे कुछ. बोला नही गया। विनीत भीगा हुआ नहीं था लेकिन अपने ऊपर से छतरी हटाकर अलका के ऊपर रखने से वह भी बारिश में भीगने लगा । अलका उसे छतरी में आने के लिए कहने से शर्मा रही थी. दोनों घुटने तक पानी में दो ही कदम चले थे कि जोर से बादल गरजा और बादल के गरजने की आवाज सुनते ही अलका घबरा गई और उसने तुरंत विनीत को छतरी में आने के लिए कहीं।

विनीत तो जैसे अलका के कहने का इंतजार ही कर रहा था कि वह तुरंत क्षतरी में आ गया ओर जान बुझ के बिल्कुल अलका के बदन से सट गया लेकिन इस बात से अलका बिल्कुल अनजान थीे कि विनीत जानबूझकर उसके बदन से अपने बदन का स्पर्श करा रहा है। दोनों घुटनोे तक पानी में धीरे धीरे पैरों को लगभग घसीटते हुए आगे बढ़ रहे थे। अलका ने किस तरह से अपनी साड़ी को घुटनों तक उठाकर पकड़कर चल रही थी उसे देखकर किसी भी मर्द की इच्छा उसको चोदने के लिए मचल उठे उसकी इठलाती बलखाती कमर और बड़ी-बड़ी मटकती हुई गांड अच्छे अच्छो का पानी निकाल दे। विनीत तो रह रह कर अपनी नजरें नीचे करके उसकी गोरी नंगी पिंडलियो को देख कर अपनी आंखों को सेक ले रहा था, विनीत के साथ चलते हुए अलका का डर कुछ हद तक कम हो चुका था। अभी दोनों मार्केट में ही थे बारिश का जोर कुछ कम होता नजर आ रहा था लेकिन पानी अभी भी घुटनों तक ही था अभी भी दोनों को बहुत चलना था वैसे तो आम दिनों में अपने घर पहुंचने में अलका को सिर्फ 15 या 20 मिनट लगते थे लेकिन पानी भरे होने की वजह से आज शायद कुछ ज्यादा ही समय लग जाए। विनीत अलका के साथ बातों का दौर बढ़ा रहा था। और भी लोग थे जो सड़कों पर घुटनों तक पानी में आ जा रहे थे जब भी कोई बड़ी मोटर वहां से गुजरती तो पानी की लहरें दोनों को हक मचा देती ओर पानी का बड़ा सा गुब्बारा की तरह लहरों के साथ दोनों के बदन से टकराता तो दोनों गिरते गिरते बचते । अलका अगर अकेले ही होती तो लहरों की टक्कर से जरुर गिर जाती लेकिन विनीत बार-बार अलका को सहारा देकर संभाल ले रहा था। और अलका को संभालने मे वीनीत का हांथ अलका के बदन पर जहां तहां पड़ जा रहा था। एक हाथ में छतरी पकड़े अलका अपने आप को संभाल भी नहीं पा रही थी। विनीत उस को संभालने में कभी अपने हाथ को अलका की मांसल कमर तो कभी उसकी बांह पकड़ ले रहा था एक बार तो मौका देख कर वीनीत ने अलका को सभालने संभालने में अपनी हथेली को अलका कि बांह से निकालकर अलका की चूची पर ही रख दिया और मौका देख कर उसे हल्के से दबा भी दिया। 
अलका को विनीत की ये हरकत महसूस जरूर हुई लेकिन उसने यह सोच कर टाल दिया कि शायद अनजाने में ही वीनीत के हांथो ऐसी गलती हो गई होगी। 
लेकिन एकबारगी विनीत की इस हरकत से अलका के पूरे बदन में झनझनाहट सी फैल गई, चूचियों पर विनीत के हाथों का स्पर्श की झनझनाहट उसकी रीढ की हड्डी से होते हुए उसकी जांघों के बीच की पतली दरार तक पहुंच गई। अलका वीनीत को कुछ बोल नहीं पाई।
दोनों बातें करते हुए पानी में चले जा रहे थे लेकिन अलका कुछ कम ही बोल रही थी क्योंकि उसे शर्म सी महसूस होने लगी थी , लता अपने मन के द्वंद युद्ध में ही उलझी पड़ी थी वह अपने आपको समझा नहीं पा रही थी कि विनीत का यह स्पर्श उसे अच्छा लग रहा था या खराब लग रहा था। जितना सटकर विनीत चल रहा था इतने करीब उसने किसी मर्द को नहीं आने दी थी। सिर्फ राहुल ही था जो चलते समय या कैसे भी उसके इतने करीब रहता था राहुल उसका बेटा था और विनीत भी राहुल के ही हम उम्र का था जो कि उसके बेटे के ही समान था। विनीत के इतने करीब रहने पर अलका के बदन में अजीब सी फीलिंग हो रही थी जब की राहुल की वजह से उसे आज तक ऐसी फीलिंग नहीं हुई थी,
ईसी फीलिंग को समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा क्यों हो रहा है। 
विनीत का तो हाल बुरा हो चुका था बारिश की ठंडी बूंदों में भी उसके पसीने छूट रहे थे इतना गर्म इतना मुलायम और गुदाज चूची का स्पर्श उसे अंदर तक हीला गया था। ब्लाउज गीली होने की वजह से उसकी काले रंग की ब्रा साफ साफ नजर आ रही थी और ब्रा से झांकती उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उसके लंड में खून के दौरे को बढ़ा रही थी। भीगे मौसम में भी विनीत पूरी तरह से गरमा चुका था, शाम ढल चुकी थी अंधेरा छाने लगा था वैसे भी बारिश के मौसम की वजह से काले बादलों ने पहले से ही अंधेरा किए हुए था। दोनों धीरे धीरे चलते हुए मार्केट से बाहर आ चुके थे. अब सड़क पर केवल इक्का-दुक्का इंसान ही नजर आ रहे थे जो कि वह लोग भी घर पहुंचने की जल्दी मे अपने आसपास ध्यान दिए बिना ही चले जा रहे थे। 
अलका की खूबसूरती और उसके भीगे बदन की खुशबू से विनीत का मन मचल रहा था। अपने आप पर कंट्रोल कर पाना उसके लिए मुश्किल हुए जा रहा था। एक तो रोमांटिक मौसम और ऊपर से एक खूबसूरत औरत का साथ जोकि पानी में भीगकर और भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी हो चुकी थी, और तो और दोनों एक ही छतरी के नीचे आपस में कटे हुए भीगते बारिश में घुटनों तक पानी मे चले जा रहे थे जिससे विनीत का अपने ऊपर कंट्रोल कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगने लगा था। 
बारिश ने अपना जोर कम कर दी थी लेकिन बंद नही की थी। वीनीत अलका को अपनी बाहों में भरकर चूमना चाहता था उसके मधभरे रसीले होठों को अपने होठों के बीच रख कर उनके रस को नीचोड़ना चाहता था' अलका की बड़ी बड़ी गांड जो की साड़ी भीेगने की वजह से और भी ज्यादा उभरी हुई और उसके कटाव साफ साफ दिखाई दे रहे थे जिसे देखकर विनीत पगला सा गया था विनीत उसे मसलना चाहता था। उसे इंतजार था तो बस सही मौके का, अंधेरा छाने लगा था रह-रहकर बादलों की गड़गड़ाहट से अलका का मन बैठ जा रहा था। बिजली की चमक और बादलों की गड़गड़ाहट से अलका को बहुत डर लग रहा था इसलिए डर वश वह विनीत के और भी ज्यादा नजदीक सट कर चलने लगी। यहां से कुछ ही दूरी पर चौराहा था जहां तक अलका के साथ ही चलना था। विनीत की बेचैनी बढ़ती जा रही थी उससे रहा नहीं जा रहा था क्या करें कि वह अलका को अपनी बाहों में भर कर चूमने लगे। 
अलका थी की विनीत की हरकत की वजह से अभी तक रह रहकर उसके बदन में सीहरन सी दोड़ जा रही थी। ना जाने क्यों उसे ऐसा लगने लगता कि अभी भी उसकी चूची पर विनीत की हथेली कसी हुई है। उसे यू पानी में वीनीत के साथ चलना अच्छा लग रहा था, 
पूरी तरह से अंधेरा छातियों का था आज सड़कों पर की लाइट भी बंद थी इसलिए कुछ ज्यादा ही घना अंधेरा लग रहा था। अलका इस अंधेरेपन से पूरी तरह से वाकिफ थी क्योंकि वह जानती थी कि जब भी बारिश का सीजन आता है तो बारीश की वजह सें सड़कों की लाइटें चली जाती हैं। 
पानी घुटनों से नीचे आ चुका था क्योंकि ईधर का रास्ता थोड़ा ऊंचाई पर था और चारों तरफ बड़े-बड़े घने पेड़ों से ढके होने के कारण यहां कुछ ज्यादा ही अंधेरा लग रहा था और अब तो सड़क पर एक इंसान भी नजर नहीं आ रहा था यही मौका वीनीत को ठीक लग रहा था। 
अलका इस रास्ते से गुजरते वक्त मन ही मन घबरा रही थी, उसकी घबराहट का एक कारण अंधेरा तो था ही और उपर से सबसे बड़ा कारण था बादलों का तेज गड़गड़ाहट और बिजली का चमकना ये सबसे अलका कुछ ज्यादा ही घबरा रही थी इसलिए यहां पर चलते समय वह विनीत से कुछ ज्यादा ही सट चुकी थी।
अकेलापन और अंधेरे का साथ पाकर विनीत मैं थोड़ी हिम्मत दिखाते हुए धीरे से अलका की कमर पर अपनी हथेली रख दिया, अपनी कमर पर विनीत की हथेली का स्पर्श पाते हैं अलका एकदम से सिहर ऊठी ' वीनीत धीरे-धीरे अलका की कमर को सहलाते हुए उसे अपनी तरफ खींचे हुए चल रहा था। विनीत को अपनी कमर को ईस तरह से सहलाते हुए देख कर अलका का पूरा बदन कांप पर सा गया। सड़क एकदम सुनसान थी पानी उतर चुका था बारिश की बूंदे भी लगभग बंद हो चुकी थी, दूर दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए अलका को वीनीत की हरकत से और ज्यादा डर लगने लगा। अलका के हाथ में अभी भी छतरी थी।
वीनीत ने धीरे-धीरे अपनी हथेली को कमर से होते हुए ऊपर की तरफ सरकाना शुरू कर दिया और कुछ ही सेकंड में उसकी हथेली पूरी तरह से अलका की एक चूची पर जम चुकी थी, और विनीत ने तो उसे मसलना भी शुरू कर दिया था। अलका की चूची इतनी बड़ी थी कि विनीत के हाथ में ठीक से समा भी नहीं पा रहे थे।
विनीत तो एकदम मदहोश हो चुका था और अलका एकदम से घबरा चुकी थी लेकिन ना जाने क्यों उसे अच्छा भी लग रहा था। आज बरसों के बाद कीसी के हथेलियों का स्पर्श उसकी चूची पर हुआ था, उसे अच्छा भी लग रहा था लेकिन उसका मन नहीं मान रहा था की अपने बेटे की उम्र के लड़के के साथ इस तरह....छी...छी..।छी.. उसकी अंतरात्मा गवाही नहीं दे रही थी उसे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था अलका उसे यह सब करते हुए रोकना चाह रही थी,
लेकिन भी नहीं था कि वहां चूची को दबाए ही जा रहा था, तभी अलका ने हिम्मत करके उसे रोकते हुए बोली

विनीत.....( अलका के मुंह से इतना निकला ही था कि तभी अचानक इतनी तेज बिजली कड़की की वह एकदम से कांप उठी और डर के मारे खुद ही विनीत के बदन से चिपक गई. वीनीत भी मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत उसे अपनी बाहों में कस लिया। बाहों लोक आते ही विनीत अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ पर सहलाते हुए नीचे कमर की तरफ ले जाने लगा, अलका पुरी तरह से गनगना चुकी थी। विनीत ऐसी हरकत करेगा अलका को यह उम्मीद न थी। अलका उससे छूटने की कोशिश करती ईससे पहले ही विनीत में अपने दोनों हथेलियों को उस की गदराई गांड पर रखकर दोनों हाथ से दबाने लगा। विनीत को तो जैसे कोई खजाना मिल गया होै इस तरह से टूट पड़ा था। गर्दन को चूमते चूमते उसने एक हाथ से अलका के सिर को थाम कर अपनी प्यासे होठो को अलका के दहकते होठो पर रख दिया ओर गुलाबी होठो को चुसने लगा। 
अलका ऊसके बांहो की कैद से छुटने के लिए तड़फड़ा रही थी लेकीन वीनीत के हांथो को अपनी गदराई गांड पर महसूस कर के अलका का भी मन बहकने लगा था लेकिन वह पूरी तरह से बदहवास नहीं हुई थी वह उससे अभी भी चोदने की कोशिश कर ही रही थी कि, विनीत ने अलका को उस की गदराई गांड से पकड़कर फिर से अपने बदन से सटा लिया ओर इस बार विनीत के पेंट में बना तंबू सीधे जाकर साड़ी के ऊपर से ही उसकी बुर पर दस्तक देने लगा, वीनीत के हर स्पर्श से अलका अपने आप को संभाले हुए थी लेकिन इस बार वीनीत के लंड की ठोकर अपनी बुर पर महसुस करके अलका पुरी तरह से बहक गई ओर वह अपने आपको संभाल नहीं पाई और खुद ही जैसे पेड़ में तने लिपट़ते हैं ।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:28 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,832 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,419 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,435 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,163 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,745 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,891 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,814 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,204,235 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,086,156 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,129 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)