Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:24 PM,
#20
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
राहुल वहीं सोफे पर अपने पैंट में टनटनाए हुए लंड को अपने दोनों हाथ से ढक कर बैठा रहा। विनीत की भाभी ने अपने नंगे बदन का जो जलवा राहुल को दिखाकर गई थी राहुल उसके मोह पास में बँध चुका था।
राहुल एकदम उत्तेजना से भर चुका था। विनीत की भाभी राहुल को बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। विनीत की भाभी जीस कमरे में गई थी उसी कमरे की तरफ राहुल अपनी नजरें गड़ाए हुए था।

राहुल की नजर इंतजार कर रही थी वीनीत की भाभी का वह वीनीत की भाभी के रूप के खजाने को फिर से देखना चाहता था। राहुल अभी तक तीन चार औरतों की नंगी देख चुका था लेकिन उन मे से विनीत की भाभी
का अंदाज उसका खुला पन राहुल के मन मस्तिष्क को और उसके कुंवारेपन को झकझोर गया था। राहुल वहीं बैठा उसका इंतजार करता रहा। अब वह नहा कर गई है तो जाहिर है कि थोड़ा वक़्त तो लगेगा ही। राहुल मन में कमरे के अंदर का दृश्य सोचने लगा। कैसे वहां ड्रोवर से कपड़े निकाल रही होगी पेंटी ब्रा पेटीकोट ब्लाउज इन सब बारे में सोच सोच कर राहुल का लंड झनझना जा रहा था। थोड़ी ही देर बाद राहुल के इंतजार की घड़ी खत्म हुई। कमरे से वीनीत की भाभी बाहर निकलती नजर आई। इस बार राहुल उसको देखा तो देखता ही रह गया. पूरी तरह से नंगी होकर जितनी खूबसूरत लग रही थी उस से भी कही ज्यादा सेक्सी और खूबसूरत कपड़ों में लग रही थी। उसके अंग अंग से कामुक्ता झलक रही थी। पीले रंग की साड़ी और लॉ कट स्लीवलेस ब्लाउज में विनीत की भाभी कामदेवी लग रही थी। राहुल उसे देखा तो देखता ही रह गया।
वह चलते हुए सीढ़ियों से नीचे उतर कर राहुल के सामने आकर खड़ी हुई। पहले उसने भी राहुल को ऊपर से नीचे तक देखी और बोली।

मैं माफी चाहती हूं तुम्हें मेरी वजह से इतना इंतजार करना पड़ा। वैसे तुम्हारा नाम क्या है? 

अब राहुल क्या कहता वह तो उसकी खूबसूरती देखकर एकदम से मंत्रमुग्ध हो चुका था। राहुल उसके भरे हुए बदन को एक टक निहार रहा था। इस बात को विनीत की भाभी बाखूबी जान रही थी। वह तो खुद अपने कामुक बदन का प्रदर्शन करवा रही थी। विनीत की भाभी ये जान गई थी कि यह लड़का उसके मोहपाश में बँधता चला जा रहा है। राहुल को तो जैसे होश ही नहीं था वह उसके सवाल का जवाब दिए बिना ही उसे एक टक देखे जा रहा था। विनीत की भाभी को राहुल कि इस हरकत पर हंसी आ गई। और वह अपने होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए बोली।

अरे क्या हुआ कहां खो गए। 

( वीनीत की भाभी की आवाज सुनते ही राहुल एकदम से सकपका गया। और हकलाते हुए बोला।)

ककककक...कुछ ननन...नही भाभी.... वो मुझे विनीत से काम था मुझे मेरी नोटबुक चाहिए थी। ।


लेकिन विनीत तो घर पर नहीं है बाहर गया है और कब लौटेगा इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं है। ( इतना कहते ही वह अपने दोनों हाथ बांधकर खड़ी हो गई जिससे कि उसके दोनों वक्षस्थल को सहारा मिल गया और वह दोनों चुचीयाँ और ज्यादा उभर कर सामने आ गई। ब्लाउज के अंदर कैद उभरी हुई चूची को देख कर राहुल के जाँघोे के बीच गुदगुदी सी होने लगी । ना चाहते हुए भी राहुल की नजरें बार-बार उसकी दोनों नारंगीयो पर चली जा रही थी। जो कि राहुल की चोरी विनती भाभी की नज़रों से छुप नहीं पाई थी वह जानती थी कि राहुल उसके बदन के किस अंग को देख रहा है। तभी राहुल अपनी नजरों को इधर-उधर घुमाते हुए बोला।


तो भाभी आप ही उसके बैग से निकाल कर मेरी नोटबुक दे दीजीए। 

ना बाबा ना मैं ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि किसी के भी बेग को छुना या उसमें से कुछ निकालना मुझे पसंद नहीं है। अच्छा तुम यही बैठो में आती हूं।


( इतना कहते ही विनीत की भाभी किचन में आ गई। और अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखेरते हुए फ्रिज से ठंडे पानी की बोतल निकालने लगी। 
अगर वह चाहती तो विनीत के बैग में से नोटबुक निकालकर राहुल को दे सकती थी लेकिन उसने जानबूझकर बहाना बनाकर नोटबुक नहीं दी। क्योंकि उसे राहुल कहीं ना कहीं अच्छा लगने लगा था। उसकी मासूमियत उसको भा गई थी। 
वह पानी की बोतल से गिलास में पानी निकाल रही थी
और मन ही मन में राहुल को पूरी तरह से अपने कब्जे में करने का प्लान बना रही थी और उसने अपना प्लान तैयार भी कर ली थी। उसनें एक प्लेट में कुछ बिस्किट और पानी का गिलास रखकर उस प्लेट को लेकर राहुल के पास आई और राहुल की तरफ बढ़ाते हुए बोली।

यह लो बिस्किट और इसे खाकर पानी पी लो इतनी देर से बैठे हो थक गए होगे और मेरे ख्याल से स्कूल से छूटते ही सीधे ईधर ही रहे हो इसलिए भूख भी लगी होगी। ( इतना कहते ही जैसे विनीत की भाभी प्लेट को टेबल पर रखने के लिए झुकी वैसे ही तुरंत उसके साड़ी का पल्लू कंधे से नीचे गिर गया या यों कहो कि उसने जानबूझकर अपने साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दी थी।
और जैसे ही साड़ी का पल्लू नीचे गिरा वैसे ही सामने की दोनों घाटियां उजागर हो गई। दोनों घाटीयों की ऊंचाई इतनी ज्यादा थी की इन्हें देखते ही जांघों के बीच
लटक रहे औजार की लंबाई खुद-ब-खुद बढ़ जाये। 
लो कट ब्लाउज में से झाँक रही उसकी दोनों बड़ी बड़ी चुचियां के बीच की पतली लकीर इतनी गहरी थी कि अगर दोनों चुचीयों के बीच लंड डालकर चोदा जाए तो बुर से कम मजा नही मिलेगा। उसकी चूचियों को कैद करने के लिए ब्लाउज छोटा पड़ रहा था या यूं कह लो की छोटे से ब्लाउज में उसकी बड़ी बड़ी चूचियां समा नही रही थी।। राहुल तो मुँह फाड़े विनीत की भाभी की चूचियों को ही घुरे जा रहा था। झुकने की वजह से उसकी बड़ी-बड़ी चुचीयाँ लटक सीे गई थी। चुचियों का वजन इतना ज्यादा था की ब्लाउज के सारे बटन तन से गए थे। राहुल के मन में इस बात का डर भी था कि कहीं चुचियों के भार से ब्लाउज के बटन टूट ना जाए. और उसका एक मन यह भी दुआ कर रहा था कि काश उसके ब्लाउज के सारे बटन टूट जाते और उसे विनीत की भाभी की नंगी चूचियां देखने को मिल जाती जो नारंगी सी गोलाई और मलाई से भी ज्यादा चिकनाई लिए हुए थी। राहुल यह नजारा ऐसे देख रहा था मानो की उसे सांप सूंघ गया हो। वह सारी दुनिया से बेखबर होकर एक टक उसकी चुचियों की तरफ ही देखता रहा।
उसकीे साँसे बड़ी तेज रफ्तार से चल रही थी ओर मुंह खुला का खुला मानो की राहुल के मुँह से लार टपक रहा हो। राहुल की हालत देखकर विनीत की भाभी बहुत खुश हुई। वह कुछ देर तक यूं ही झुक कर अपनी चुचियों का प्रदर्शन करतीे रही। इस पूरी प्रक्रिया में 35 से 40 सेकंड ही लगे थे। लेकिन इस 40 सेकंड में बहुत कुछ हो चुका था। वीनीत की भाभी अपना काम कर चुकी थी। अपनी चुचियों का जलवा दिखा कर राहुल को पूरी तरह से घायल कर चुकी थी।
वह अपने साड़ी के पल्लू को व्यवस्थित करते हुए बोली।


अरे सिर्फ देखते ही रहोगे या पानी भी पीयोगे। 
( विनीत की भाभी ने उसके चोरी पकड़ ली थी इसलिए राहुल एकदम से शर्मिंदा हो गया और सक पकाते हुए बोला।)

कककककक.......कुछ नही भाभी। वो थथथथ......थोड़ी गर्मी ज्यादा है इसलिए ( इतना कहने के साथ ही राहुल प्लेट में से पानी का गिलास उठा लिया और पीने लगा था की बीच में ही उसको टोकते हुए बोली)

अरे अरे बिस्किट तो खाओ ऐसे केसे सिर्फ पानी पिए जा रहे हो। 
( विनीत की भाभी की बात सुनते ही राहुल ट्रे मेे से बिस्किट उठा कर खाने लगा एक तरह से उसके दिमाग पर उसका जोर नहीं चल रहा था राहुल पूरी तरह से विनीत की भाभी के सुडोल बदन और उसकी कामुकता में खो गया था। 
जैसे ही राहुल ने बिस्किट खा कर और पानी का ग्लास खत्म करके ट्रे में रखा ही था कि विनीत की भाभी बोली 
वीनीत तो यहां है नहीं इसलिए तुम्हारी नोटबुक भी अभी नहीं मिल सकती अगर वह होता तो तुम्हारा काम बन जाता। ( इतना कहने के साथ ही वह राहुल के बगल में एकदम से सटकर बैठते हुए बोली।) 
देखो तुम मेरी बातों का बुरा मत मानना मुझे शुरु से किसी के काम में या उसके पर्सनल चीजों में दखल अंदाजी करना कतई पसंद नहीं है। ( विनीत की भाभी राहुल के बदन से बहुत ज्यादा सटी हुई थी। उसकी मोटी मोटी जाँघे राहुल की जाँघो से रगड़ खा रही थी। जिससे राहुल के बदन में हलचल सी मच रही थी।
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:24 PM

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