Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
10-09-2018, 03:22 PM,
#15
RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
अब तक मीनू राहुल के लंड की मन ही मन में ढेर सारी आकृतियां बना चुकी थी की जब राहुल का लंड ढिला होता होगा तो कैसा लगता होगा। जब उसमे तनाव अाना शुरु होता होगा तो कैसा लगता होगा और जब एकदम से टन टना के खड़ा होता होगा तब केसा लगता होगा । यही सब सोच सोच कर उसने ना जाने कितनी बार अपनी बुर को गीली कर चुकी थी और अपनी बुर की गर्मी को शांत करने के लिए उंगली बैंगन और ककड़ी केले का सहारा भी ले चुकी थी। लेकिन राहुल को लेकर के उसकी कामाग्नि ज्यों के त्यों बनी हुई थी। इसलिए तो आज स्कूल के ऊपरी मंजिले पर उसको लेकर के आई थी। उसके मन में यही था कि वह उसके लंड को नंगा देख कर थोड़ा बहुत सुकून पा लेगी और ज्यादा मौका मिला तो अपनी बुर मे लंड डलवाकर उसके लंड का उद्घाटन भी करवा देगी। 
नीलू राहुल को क्लास में ले आई। यहां पर सिर्फ एक टेबल और कुर्सी ही थी। नीलू कुर्सी पर बैठते हुए राहुल को टेबल पर बैठने का इशारा की। राहुल भी टेबल पर बैठ गया दोनों आमने सामने बैठे थे। नीलू बड़े असमंजस में थी कि वह कैसे शुरू करें क्या कहे। राहुल को तो वैसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था । खाली क्लास में यूं अकेले बैठना वो भी नीलु के साथ उसे बहुत शर्म आ रही थी। नीलू ही बातों का दौर शुरू करते हुए कही।

नीलु: क्या बात है राहुल तुम बहुत परेशान लग रहे हो
कोई परेशानी है क्या?
( नीलू की बात सुनकर वह क्या कहे उसे कुछ सुझा ही नहीं इसलिए हड़बड़ी में जवाब देते हुए बोला।)

राहुल: ककककककुछ नही ।। बस थोड़ा मैथ्स में परेशानी हो रही है। ( राहुल हड़बड़ाहट में कुछ का कुछ बोल गया और नीलू उसकी बात सुनकर बोली)
नीलु; बस इतनी सी बात मेरी मम्मी मुझे खुद ट्यूशन देती है। एक काम करना तुम भी मेरे घर पढ़ने आ जाया करो। मम्मी हम दोनों को साथ में पढ़ा देगी तुम्हें जिस में परेशानी हो रही वह सवाल भी हल कर देगी।

तो राहुल तुम आओगे ना मेरे घर पढ़ने।( नीलू अपनी बात कहने के साथ ही राहुल की तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी राहुल कहता भी तो क्या कहते उसने हड़बड़ाहट में जवाब दे दिया था लेकिन वह पढ़ने में काफी तेज था मैथ्स के सवाल तो वो युं हल कर लेता था
लेकीन नीलु के सामने वो यह नही बोल पाया की उसे कीसी भी सबजेक्ट मे परेशानी नही है। वह नीलू को ना नहीं बोलना चाहता था। अब नीलू को इंकार कर देना राहुल के बस में बिल्कुल भी नहीं था। इसलिए वह नीलू को हां कह दिया। लेकिन फिर बोला।

राहुल: लेकिन मैं तुम्हारा घर तो देखा नहीं हूं तो आऊंगा कैसे?
नीलु; स्कूल को छुट़ते ही तुम मेरे साथ मेरे घर चलना मैं तुम्हें अपना घर भी दिखा दूंगी ताकि तुम आराम से मेरे घर आ सको। 

राहुल: ठीक है।( राहुल तो खुद ही हमेशा निलूं के साथ ही रहना चाहता था। पर यहां तो खुद नीलू उसे अपने साथ रहने का मौका दे रही थी तो भला क्यूं राहुल ऐसे मौके को गँवा देता। नीलू मन ही मन खुश हो रही थी क्योंकि वह जानती थी कि घर पर कोई भी नहीं होगा और ऐसे मैं राहुल के साथ अपने मन की कर लेगी। इस बात को सोच कर ही उसकी बुर से नमकीन पानी की बूंद टपक पड़ी। नीलू का पूरा बदन एक अजब से रोमांच से गनगना गया। नीलू राहुल के लंड को देखना चाहती थी लेकिन कैसे शुरुआत करें उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। इसी कशमकश में रीशेष पूरी होने की घंटी बज गई। नीलु जिस उद्देश्य से ईधर क्लास में आई थी वह मतलब उसका पूरा नहीं होता देख एकदम से कसमसा गई। इतने में राहुल की टेबल से उठते हुए बोला चलो चलते हैं घंटी बज गई है। 
राहुल को उठ कर जाता देख नीलु से रहा नहीं गया वह भी झट से कुर्सी से उठी और आगे बढ़कर राहुल को अपनी बाहों में भरली। यू एकाएक नीलू की हरकत से वह कुछ समझ नहीं पाया वह कुछ समझ पाता इससे पहले ही नीलू अपने होठ राहुल के होटो से सटा दी।..
राहुल का बदन अजीब से रोमांच में एकदम से गनगना गया। नीलू अपने गुलाबी होंठों में राहुल के होंठों को भरकर चूसना शुरू कर दी। राहुल के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ना शुरू हो गई। नीलू होटो को चूसते हुए धीरे-धीरे चलकर राहुल को दीवार से सटा दी।
जैसे ही राहुल की पीठ दीवार से सटी राहुल एकदम से उत्तेजित हो गया और वह भी नीलू के होठों को चूसना शुरू कर दिया। नीलू के कामुक्ता का पारा उसके सिर चढ़ गया था। उसकी सांसे भारी चलने लगी थी।
राहुल को इसमें मजा तो आ रहा था लेकिन उसे इतना ज्ञात था कि रिसेस पूरी होने की घंटी बज चुकी थी और उसे जल्द से जल्द क्लास में पहुंचना था। तभी नीलू का एक हाथ राहुल के पेंट में बने तंबू पर पड़ा राहुल के तो होश ही उड़ गए जब उसने पेंट मे बने तंबू को अपनी हथेली में दबोच लिया। पूरे बदन में रक्त का प्रवाह तिर्व गति से होने लगा। नीलू पेंट के ऊपर से ही राहुल के लंड को अपनी हथेली में कस कस के दबा रही थी। जिससे राहुल को बहुत मजा भी आ रहा था।
नीलू पैंट के ऊपर से ही लंड को दबा दबा कर मस्त हुए जा रही थी। लंड का उभार उसकी हथेली में समा नहीं रहा था। बस यही अनुभव उसकी पैंटी को गीली करने के लिए काफी था। नीलू बस यही सोच सोच कर ही मस्तीया जा रही थी कि वाकई में ईसका लंड कितना विशालकाय और कितना मस्त मोटा तगड़ा होगा। जब इसका मोटा लंड मेरी बुर में घुसेगा तो मेरी बुर की गुलाबी पंखुड़ियों को फैलाता हुआ बुर की जड़ तक रगड़ता हुआ जाएगा।।। उउउउफफफफ कितना मजा आएगा। नीलू मन में ऐसा सोचते सोचते राहुल के पेंट की चैन को खोलने के लिए अपने ऊंगलियों से उसकी चेन पकड़ के नीचे सरकाई ही थी की राहुल ने अपना हाथ बढ़ा कर नीलू के हाथ को पकड़ते ह अपने होठों को नीलू के होठों से अलग करता हुआ बोला बोला।

राहुल: ननननननन नीलु....... रिशशशशश ....रिशेष.... की घंटी बज चुकी है तो हमें जाना चाहिए।( राहुल हकलाते हुए बोला )
राहुल के इस व्यवहार पर नीलू को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वह अपने गुस्से को अंदर ही अंदर दबा ले गई।
नीलू को राहुल के नादानियत पर हंसी भी आ रही थी क्योंकि उसकी जगह कोई भी लड़का होता ऐसा मौका हाथ से जाने नहीं देता लेकिन राहुल था कि उसे क्लास में जाने की जल्दी पड़ी थी। नीलू अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए बोली।।

नीलु; ठीक है लेकिन छुट्टी के बाद जरूर मिलना।( तंबू की तरफ अपनी निगाह डालकर मुस्कुराते हुए बोली)
बहुत जल्दी खड़ा हो जाता है तुम्हारा।( इतना कहने के साथ वह अपने होंठ को दांतों से दबाते हुए हंसकर क्लास के बाहर जाने लगी राहुल कुछ बोल नहीं पाया और वह भी क्लास के बाहर निकल गया।)

छुट्टी के बाद राहुल उसी जगह खड़ा होकर नीलू का इंतजार कर रहा था नीलू भी जल्दी आ गई और अपनी स्कूटी पार्किंग से बाहर निकाल कर सड़क पर लाते हैं स्टार्ट कर दी और राहुल को पीछे बैठने का इसारा की
राहुल के पीछे बैठते हैं नीलू एक्सीलेटर दबा दी और स्कूटी सड़क पर अपनी रफ्तार पकड़ते हुए ति्र्व गति से जाने लगी। नीलू का दिमाग बहुत तेजी से दौड़ रहा था वह जानती थी कि इस समय घर पर कोई नहीं होगा ना पापा और ना मम्मी। वौ मन ही मन सोच रही थी कि घर जाकर जी भरके राहुल की तगड़े लंड से खेलेगी उसे अपनी बुर में डलवाकर जी भर के चुदवायेंगी। आज अपनी जवानी की प्यास को राहुल के कुंवारे और जवान लंड से बुझाएगी। 
यह सब सोच सोच कर ही नीलु ने अपनी पेंटी को पूरी तरह से गीली कर ली थी। वह जल्द से जल्द अपने घर पर पहुंचना चाहती थी। नीलू और राहुल दोनों खामोश थे कोई कुछ नहीं बोला रहा था। दोनों के मन में ढेर सारी बातें चल रही थी। नीलू तो अपना प्रोग्राम फिट कर चुकी थी उसे पता था कि घर पहुंच कर क्या करना है । 
लेकीन राहुल तो क्लास में हुई हरकत के बारे मे अभी भी सोच-सोचकर गनगना जा रहा था। उसे तो अब तक सब कुछ सपना ही लग रहा था। थोड़ी ही देर में नीलु की स्कूटी एक गेट के सामने रुकी । गेट के सामने स्कूटी के रूकते ही राहुल समझ गया की नीलू का घर यहीं है और स्कूटी पर से उतर गया राहुल के उतरने के बाद नीलू ने स्कूटी को बंद की और स्कूटी को स्टैंड पर लगाकर आगे बढ़कर गेट को खोली। 
गेट के खुलने के बाद नीलू स्कूटी को धक्के लगाते हुए गेट के अंदर ले आई और राहुल को भी अंदर आने को कही । बाहर से ही नीलू का घर देखकर राहुल का मन प्रसन्न हो गया था। नीलू का घर एक अच्छी सोसाइटी में था 2 मंजीले के घर के बाहरी दीवारों पर कीमती पत्थर लगे हुए थे। राहुल इतने से ही समझ गया था कि नीलू के मम्मी पापा पैसे वाले हैं तभी तो नीलू इतनी सुख-सुविधा में रहती है।
नीलू स्कूटी स्टैंड पर लगाते हुए राहुल को ही देखे जा रही थी वह मन ही मन बहुत ही खुश थी क्योंकि वह जानती थी कि राहुल के घर में आते ही वह अपनी मनसा पूरी कर लेगी ईतने दिनों से जो उसकी बुर में खुजली मची हुई है आज इसी बुर में राहुल के मोटे लंड को डलवा कर अपनी खुजली मिटाएगी। नीलू स्कूटी को खड़ी करके मुख्य द्वार के पास जाकर खड़ी हो गई और अपने पर्स से दरवाजे की चाबी निकालने लगी। राहुल नीलू के ठीक पीछे ही खड़ा था। ना चाहते हुए भी बार बार राहुल की नजर नीलू की गदराई गांड पर चली जा रही थी और उसे भी उसकी गांड को देखे बिना चैन नही मिल रहा था। नीलू को पर्स में चाबी मिल नहीं रही थी उसे परेशान होता हुआ देखकर राहुल बोला।

राहुल: क्या हुआ नीलू क्या ढूंढ रही हो? 

नीलु; ( पर्स में मुँह डाले हुए ही बोली) अरे यार कि मैं चाबी रखी थी मिल नहीं रही है।
( चाबी की बात सुनकर राहुल को कुछ समझ में नहीं आया क्योंकि इस समय उसकी मम्मी घर में है तो चाबी की जरूरत ही क्या है इसलिए उसने नीलू से बोला)

राहुल: चाबी! चाबी किस लिए ?तुम्हारी मम्मी तो घर मे ही है ना तो डोर बेल बजाओ।
( राहुल की बात सुनते ही नीलू एकदम से सकपका गई उसे समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे क्योंकि वह जानती थी कि घर में मम्मी नहीं है और वह उसे यह कहकर लाई थी कि मम्मी से मिलाना है। लेकिन नीलू बहुत ही खेली खाई हुई लड़की थी जिसे बहाना बनाना खूब आता था उसने झट से पर्स में से चाबी निकाली और दरवाजे के की होल में चाबी डालते हुए राहुल की तरफ देखे बिना ही बोली।

नीलु; अरे यार इस समय ज्यादातर मेरी मम्मी आराम ही करती रहती है अगर में डोर बेल बजाऊंगी तो मम्मी को अपने कमरे से यहां तक चल कर आना पड़ेगा और मम्मी नाराज भी होगी इसीलिए तो एक चाबी मेरे पास भी रहती है ताकि मैं कभी भी आ जा सकूं। ( इतना कहने के साथ ही दरवाजे का लॉक खुल गया)
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RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो - by sexstories - 10-09-2018, 03:22 PM

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