RE: Antarvasna kahani मासूम
दीपा बहुत ज़ोर से अपनी चूत को मसल रही थी उसकी गोरी चूत पूरी तरह लाल हो गई थी और बहुत सेक्सी लग रही थी
फिर कुच्छ देर बाद दीपा ने डॉगी स्टाइल बना लिया और अपनी चूत को मसल्ने और रगड़ने लगी
इधर मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नही हो रहा था इतना सेक्सी सीन था कि दिल कर रहा था कि अभी के अभी दीपा को यहीं उसके बेड पर पटक पटक कर चोद डालु
अभी मैं ये सब सोच ही रहा था कि दीपा झड गई और झट से बेड पर लेट कर गहरी गहरी साँसे लेने लगी मैं चुपके से दूर की तरफ आया और धीरे से डोर ओपन कर के बाहर निकल गया
मैं कविता दीदी के रूम मे आया तो बेड पर लेटी मेरा इंतज़ार कर रही थी मैने दरवाजा बंद किया और बेड पर आगया
"दिपु आज बहुत तडपाया तुमने, आज मुझे कितना मज़ा आरहा था कि आज लोग आगये आन प्लीज़ मुझे खूब मज़े दो अब कोई डिस्टर्ब करने वाला नही है सभी लोग सो रहे है" कविता दीदी मुझे अपनी तरफ खींचते हुए बोली
दीदी मुझे गले से लगा कर किस किए जा रही थी बाते किए जा रही थी लेकिन मेरा दिमाग़ दीपा पर ही लगा हुआ था वो सीन बहुत हॉट था और दीपा का छोटा सा बदन बहुत सेक्सी और प्यारा था कोई भी उसकी बराबरी नही कर सकता था
मैने कविता दीदी को नंगा करके अपना लंड बाहर निकाला और बिना कुच्छ किए ही अपना लंड उनकी चूत पर सेट करके तीन चार धक्को मे ही पूरा अंदर घुसेड दिया दीदी की सील मैं दोपहर को ही तोड़ चुका था और मेरा वेट करते करते शायद वो अपनी चूत से खेल रही थी इसलिए उनकी चूत बहुत गीली थी तो मुझे ज़्यादा मेहनत नही करनी पड़ी और दीदी को भी ज़्यादा दर्द नही हुआ था
एक बार लंड पूरा अंदर जाने के बाद मैं नही रुका और ज़ोर ज़ोर से उन्हे चोदने लगा लेकिन मेरे दिमाग़ मे इस वक्त दीपा ही घूम रही थी और मैं यही सोच रहा था कि उसे जल्दी से जल्दी कैसे चोदु
"दिपु तुम बहुत ज़ालिम हो, मैं जितना आराम से चोदने को कहती हूँ तुम उतना ही ज़ोर से करते हो लेकिन अब मुझे मज़ा आरहा है और ज़ोर से चोदो बेटा अपनी दीदी को खूब चोदो फाड़ दो आज मेरी चूत को जैसे दिल करे वैसे चोदो मुझे आहह... भाई बहुत मज़ा आरहा है और ज़ोर से चोदो उफ्फ.......कब से तरस रही थी मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए आज इसकी प्यास बुझा दो भैया और तेज धक्के लगाओ........आह भाई रुकना नही चोदते जाओ.....उउम्म्मह" दीदी सेक्सी बाते करके मुझे उकसाने लगी थी
कुच्छ देर और धुआधार धक्के लगाने के बाद मैने अपना लंड दीदी की चूत से निकल लिया और बेड पर लेट गया दीदी मेरा इशारा समझ गई और मेरे उपर आकर मेरे लंड को अपनी चूत मे भर कर उपर नीचे होकर मुझे चोदने लगी दीदी मज़े से चुदवा रही थी और उनके बड़े बड़े बूब्स उपर नीचे उछल्ते हुए बहुत मस्त लग रहे थे अब मैने उनके बूब्स पकड़ लिए और नीचे से अपनी कमर उठा कर उन्हे चोदने लगा मेरे ऐसा करने से दीदी आहे भरने लगी और मस्त होकर चुदवाने लगी
कुच्छ देर बाद दीदी झड गई और मेरे उपर लेट गई लेकिन मैं अभी नही झडा था और मेरा लंड हार्ड था दीदी आराम से अपनी गान्ड हिला रही थी और मेरे लंड को अपनी चूत मे फील कर रही थी कुच्छ देर बाद दीदी ने मेरा लंड उनकी चूत से निकाल कर गान्ड के छेद पर लगाया और धीरे धीरे नीचे बैठने लगी मेरा लंड धीरे धीरे उनकी गान्ड मे घुस रहा था और कुच्छ ही देर मे दीदी ने मेरा पूरा लंड अपनी गान्ड मे भर लिया
"भैया क्या खा कर आए हो आज तो झड ही नही रहे तुम, आह......भाई मेरी गान्ड ने तुम्हारा पूरा लंड लिया हुआ है बहुत मज़ा आरहा है ऐसा लग रहा है कि सारी उमर तुम्हारे लंड पर बैठी रहूं कोई हमे डिस्टर्ब ना करे और मैं हर वक्त तुमसे चुदवाती रहूं आह.....भाई अब धीरे धीरे धक्के लगाओ बहुत मज़ा आरहा है" दीदी बोली
फिर काफ़ी देर तक मैं दीदी की गान्ड मारता रहा और उनकी गान्ड मे ही झड गया और मेरे साथ ही दीदी भी झड गई
मेरा लंड दीदी की गान्ड मे ही था और थोड़ी देर बाद दीदी वैसे ही सो गई
दीदी तो सो गई थी लेकिन मेरी आँखो मे नींद नही थी मैं तो सिर्फ़ दीपा को चोदने की सोच रहा था मैं आज उसे नंगा देख कर बहुत खुश था दीपा के बूब्स बहुत छोटे थे और उसकी छोटी सी गान्ड भी बहुत सेक्सी थी और चूत की तो पुछो ही मत छोटी सी एकदम टाइट गोरी और चिकनी एक भी बाल नही था उस पर शायद अभी उसके बाल आने शुरू ही नही हुए थे
मैं दीपा के बारे मे सोच सोच कर पागल ही रहा था आँख बंद करता तो उसकी नंगी छोटी सी क्यूट गान्ड मेरे सामने आ जाती ये सोच कर मेरा लंड कविता दीदी की गान्ड मे फिर से हार्ड होने लगा था
दीदी आराम से सो रही थी लेकिन मेरी तो नींद हराम हो गई थी मैने धीरे से अपना लंड उनकी गान्ड से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहन कर दीदी के रूम से बाहर निकल गया लेकिन मुझे खुद पता नही था कि अब कहाँ जाना है और क्या करना है..........
जैसे ही मैं दीपा के रूम के पास पहुचा मेरे कदम खुद ब खुद रुक गये मैने सोचा देखु तो कि वो क्या कर रही है तो मैने धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर झाँका तो देखा कि दीपा सो रही थी
मैं भी अंदर गया और दीपा से गले लग कर सोने की कोशिश करने लगा (मैं पहले ही बता चुका हू कि सबसे छोटा होने के कारण मैं किसी के भी साथ सो जाता था और कोई भी मेरी किसी भी हरकत का बुरा नही मानता था)
आज मैं पहली बार दीपा के साथ सो रहा था वो बहुत गुस्से वाली थी इसलिए उसके साथ सोने मे मुझे डर लगता था लेकिन पता नही आज मुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गई थी की मैं उससे चिपक कर उसे गले लगा कर लेटा हुआ था
"भैया उस वक्त तुम मेरे रूम मे क्या करने आए थे? क्या तुमने वो सब देख लिया था जो मैं कर रही थी" तभी दीपा धीमे स्वर मे बोली
मैं हैरान था कि दीपा अभी तक जाग रही है और मेरी गान्ड भी फट रही थी कि उस वक्त उसने मुझे देख लिया था
"जी दीदी, मैं आपके रूम मे आया था और सब देख भी लिया था, सॉरी दीदी" मैं मासूमियत से बोला
"भैया आज तक मैने ऐसा काम नही किया था लेकिन मेरी फ्रेंड्स हर वक्त मुझे बताती है कि ऐसा करने से बहुत मज़ा आता है और पता नही आज मुझे क्या हुआ मैं पहली बार मे कर रही थी और डोर लॉक करना भूल गई प्लीज़ किसी को बताना नही" वो धीमे लहजे मे बोली
"कोई बात नही दीदी मैं किसी को नही बताउन्गा और इसमे सॉरी की क्या बात है सब गर्ल्स करती है ये काम आप ने कोई नया काम थोड़े ही किया है जो ऐसे गिल्टी फील कर रही हो, मैं भी करता हूँ मतलब मूठ मारता हूँ सब करते है दीदी आप परेशान ना हो मैं किसी को नही बताउन्गा" मैं उसे दिलासा देते हुए बोला
"सच भाई सब गर्ल्स करती है? और तुम भी करते हो" अब वो थोड़ी नॉर्मल होते हुए बोली "मुझे यकीन नही हो रहा भैया क्योंकि आज मैने रूपा दीदी से पुछा तो उसे तो कुच्छ पता नही था और वो तो ऐसा कभी नही करती है"
"दीदी सब लड़किया करती है कुच्छ छोटी एज से स्टार्ट करती है कुच्छ बाद मे लेकिन करती सब है मैं खुद भी करता हूँ और दीदी कितना मज़ा आता है है ना, आप को भी बहुत मज़ा आरहा था मैं देख रहा था आप तो मज़े मे मदहोश हो गई थी आपको किसी चीज़ का पता नही था उस वक्त है ना" मैने उसे उकसाया
"हां भैया मज़ा तो बहुत आया लेकिन मेरा हाथ थक गया था पता है मैं पिच्छले एक घंटे से कर रही थी और पता नही कैसे कैसे स्टाइल ट्राइ किए तब जाकर कहीं मज़ा आया ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर से कुच्छ निकल रहा हो तब जाकर मैने छोड़ा" वो खुलते हुए बोली
"लेकिन दीदी इसको करने के और भी तरीके है जिस से हाथ भी नही थकता और मज़ा भी ज़्यादा आता है" मैं अपनी चाल चलते हुए बोला
"सच भाई और आसान तरीके भी होते है? लेकिन मेरी फ्रेंड्स ने जो भी तरीका बताया था मैने सब ट्राइ किया लेकिन फिर भी मेरा हाथ थक गया" दीपा बोली
"दीदी आपने उंगली अंदर डाली थी या बस उपर से ही करती रही थी?" मैने पुछा
"नही दिपु मैने अंदर कुच्छ नही डाला था बस उपर से ही किया था और तुमने तो खुद देखा था फिर क्यों पुच्छ रहे हो, और दूसरे आसान तरीके कों से है बताओ मुझे" दीपा बोली
"दीदी देखा तो था लेकिन सोचा कि शायद पहले कभी उंगली से किया हो आपने इसलिए पुछा और आसान तरीका ये है कि आप अपने हाथ से ना करो ये सब" मैं एक कदम आगे बढ़ाते हुए बोला
"अगर अपना हाथ यूज़ ना करू तो किसका हाथ यूज़ करू और ऐसे बिना टच किया मज़ा कैसे आएगा?" दीपा ने पुछा
"दीदी मेरा मतलब ये है कि अब मैं तो आपके साथ हूँ ना तो अगर आपकी ये सब करने को इच्छा हो तो मुझे कह देना और मैं आपके लिए कर दूँगा इस तरह आप अपना हाथ भी यूज़ नही करोगी और मज़ा भी ज़्यादा आएगा" मैं अपनी जगह बनाने के लिए बोला
"ओह्ह........अच्छा आन समझी, ओके अब अगर कभी करना होगा तो रूपा दीदी से कह दूँगी क्योंकि मेरे साथ ज़्यादा वही होती है ना लेकिन पता नही वो मानेगी या नही" दीपा मेरा दिल तोड़ते हुए बोली
"तो फिर मैं ही ना दीदी आप मुझे बता देना जिस दिन करना होगा मैं रूपा दीदी से कह दूँगा कि वो उस रात प्रीति दीदी के पास सो जाए और मैं यहाँ आपके पास आ जाया करूँगा और आपको बहुत मज़े दूँगा फिर" मैने एक कोशिश और की
"नही भैया तुम नही मुझे शरम आएगी, आज तुमने सिर्फ़ देखा और मैं अभी तक शरम के मारे सो नही पाई तो तुम्हे करने कैसे दूँगी" दीपा सच मच शरमाते हुए बोली
"दीदी हम लाइट बंद कर लेंगे फिर तो शरम नही आएगी ना आपको और आपका काम भी हो जाएगा और मज़ा भी बहुत आएगा" मैं बोला मेरी कोशिश जारी थी
"हां ये सही आइडिया है......ठीक है जब भी मेरा मूड होगा मैं तुम्हे बता दूँगी" दीपा बोली और मेरी कोशिश कामयाब हो गई "अच्छा दिपु आन मेरी टेन्षन ख़तम हो गई है अब सो जाते है मुझे बहुत नींद आरहि है"
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