RE: Bhabhi Sex Kahani भाभियों के साथ मस्ती
तभी वो लड़की चुपके से छत पे कूद के हमरी छत पे आ गई। उसने पतला सा टी-शर्ट पहना था और नीचे एक बरमूडा। वो अभी छोटी थी इसलिए रात में ऐसे ही कपड़े पहनती थी। आते ही वो भाभी के साथ बैठ गई।
भाभी ने उसका हाथ मेरे हाथों में दिया और बोला- “लो, संभलो अपने माल को…” और स्माइल दी।
वो लड़की जिसका नाम काजल था वो भी शर्मा गई।
मैं पहली बार किसी हम-उम्र लड़की को छू रहा था, तो मेरे पूरे शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया। वो क्या गरम थी। इतनी तो वो तीनों भाभियां भी नहीं थीं, क्योंकी वो सब चूसे हुए फूल थीं और ये काजल अनछुआ फूल थी।
मैंने धीरे से उसके हाथ को पकड़ा और सहलाया। फिर बोला- “काजल, शर्माओ मत। मैं तुम्हें थोड़ा सा भी दुख नहीं पहुँचाऊँगा, और एकदम आराम से प्यार करूँगा। क्योंकी तुम इतनी नाजुक हो की जैसे गुलाब का फूल…”
काजल अपनी तारीफ सुनकर शर्मा गई।
मैंने उसके चेहरे को उठाया। और आँखों में आँखें डालकर उसे देखने लगा। मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता था। क्योंकी मैं उससे अपनी सुहागरात मना रहा हूँ वैसा ही लग रहा था। और एकदम प्यार से उसे औरत बनाना चाहता था।
भाभी हमें बात करते हुए देख रही थी, और मुझे सलाह देती हुई बोली- “शायद मुझे नींद आ जाए तो ध्यान रखना, उसकी चीख से नीचे कोई जाग ना जाए। वरना लेने के देने पड़ जाएंगे और बदनामी भी होगी। अगर एक रात में नहीं होता है तो बाकी का कल करना…”
मैंने बोला- “भाभी, आप बे-फिक्र रहें, मैं इस नाजुक कली को आराम से फूल बनाऊँगा। और इतना प्यार से करूँगा जैसे की मेरी सुहागरात हो और काजल मेरी बीवी हो…”
भाभी हमें देखती जा रही थी।
उधर मैंने काजल के चेहरे को हाथों में लिया, और उसके नरम गालों को सहलाने लगा। उसकी आँखें अभी भी नीचे झुकी हुई थीं। मैं थोड़ा और नजदीक गया, उसके चेहरे को हाथों में भर लिया और उसके माथे पे एक चुम्मी लिया, फिर गालों पे, फिर कानों पे, फिर गले पे, फिर नाक पे, और फिर मेरे तपते होंठ उसके होंठों पे रख दिए। मैंने दोनों हाथों से उसे कंधे से पकड़ रखा था। मैं काजल के होंठों को चूमते हुए एक हाथ को उसकी पीठ पे ले गया और दूसरे हाथ से कंधे पर उसकी ब्रा की पट्टी से खेलने लगा।
फिर मैंने उसके होंठों को चूसना चालू किया। उसके होंठ एकदम छोटे-छोटे और नरम-नरम थे। दूसरे हाथ को कंधे से नीचे लेता हुआ ड्रेस के गले के पास उसकी चूचियों के उपरी हिस्से पे लाया, और उसकी चूचियों की नरमाई महसूस करने लगा। फिर हाथ थोड़ा और नीचे लेकर उसकी पूरी चूचियों को मेरी हथेली में भर लिया, और सहलाने लगा। मैं उसकी गोलाईयों पे पूरा हाथ फेर रहा था। उसकी चूचियां 32” की साइज की होंगी लेकिन उसके पतले शरीर में वो भी बहुत बड़ी-बड़ी दिखती थीं।
अब मैं उसकी चूचियों को थोड़ा सा दबाने भी लगा, जिससे अब उसको भी मजा आने लगा और मुझसे लिपट गई। उसकी आँखें उत्तेजना के मारे बंद हो गई थीं। काजल भी किस में मेरा पूरा साथ दे रही थी। किस करते हुए मैं अपने होंठों से उसकी जीभ को चूसने लगा, कभी-कभी काजल भी मेरी जीभ को चूस लेती थी। रात की चाँदनी में उसका दूधिया बदन चमक रहा था। मैं टी-शर्ट के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा।
अब उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकियां निकलने लगीं- “आह्ह… ह्म्म… सिस… आह्ह…” करके वो मेरा किस्सिंग और प्रेसिंग एंजाय करने लगी।
मैंने उसके हाथ को पकड़कर मेरी पैंट के ऊपर से लण्ड पर रख दिया, जिससे वो चौंक गई। पहली बार तो उसने हाथ हटा लिया, लेकिन मैंने फिर से हाथ रख दिया तो वो धीरे-धीरे उसके हाथ को पैंट के ऊपर घुमाकर मेरी लंबाई नापने लगी।
फिर मैंने अपनी जिप खोल दी, लण्ड को बाहर निकाला, और उसका हाथ फिर से उसके ऊपर रख दिया। अब वो मेरे गरम लण्ड को महसूस करके सिसकियां लेने लगी। अब मैंने उसे अपनी गोद में उसका चेहरा मेरे सामने रहे वैसे दोनों टाँगें दोनों तरफ फैलाकर बिठा लिया और उसे जोर-जोर से किस करने लगा। काजल मेरे लण्ड के ऊपर बैठी हुई थी तो उसके कोमल गुदाज कूल्हों की गर्मी मेरे लण्ड को महसूस हो रही थी। और वो भी थोड़ा सा आगे पीछे होकर उसकी योनि को मेरे लण्ड के साथ रगड़ रही थी।
अब काजल एकदम गरम थी और चूत में कुछ भी डलवाने को तैयार थी। मैंने उसकी टी-शर्ट उठाकर पूरा निकल दिया, जिससे अब उसके सीने पे एक छोटी सी ब्रा थी। मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा।
उधर भाभी भी हमारा ये नजारा देखकर उत्तेजित हो गई थी, और उसने अपनी नाइटी कब का शरीर से अलग कर दिया था। ब्रा तो उसने पहनी ही नहीं थी, और सिर्फ पैंटी पहने हुए वो पैंटी के अंदर हाथ घुसाकर अपनी योनि को रगड़ रही थी।
अब सोनिया भी हमारे बाजू में आ गई और मुझे किस करने लगी। फिर उसने अपनी चूचियां मेरे मुँह में दे दिया। मैं उसकी चूचियां चूसने लगा तो मेरे मुँह में दूध की धार फूट पड़ी। मैं तो गपागप दूध पी रहा था, जैसे कभी पिया ही ना हो।
काजल ये सब देखकर और उत्तेजित हो गई और खुद ही उसके बरमूडे में हाथ डालकर अपनी योनि से खेलने लगी।
अब भाभी ने मुझे दूध पिलाते हुए काजल का चेहरा भी अपनी दूसरी चूची पे लगा दिया, और काजल उसे चूसने लगी। भाभी अपने दोनों हाथों से अपनी दोनों उंगलियों के बीच में निपल लेकर चूचियां दबाती थी जिससे हम दोनों के मुँह में और दूध बह जाता था।
फिर मैंने एक उंगली भाभी की गोद में लेटे-लेटे ही भाभी की चूत में डाल दी।
काजल ये सब देख रही थी और दूध भी पी रही थी। अब मैंने उंगली को अंदर-बाहर करना चालू किया, तो भाभी अकड़ने लगी और खुद कूल्हे ऊँचे करके साथ देने लगी। काजल ने ये देखकर दूध पीते हुए ही उसकी बरमुडा को उतार दिया और अब वो सिर्फ ब्रा पैंटी में ही थी।
मैंने दूसरे हाथ से काजल की योनि को पैंटी के ऊपर से टटोला, जो की गीली हो गई थी। मैं उसकी टाइट लकीर पे उंगली फिराने लगा। वो अब इतनी गरम हो गई थी की मेरे हाथ को अपनी चूत पे दबा दिया और जोर-जोर से उसे पकड़के पैंटी के ऊपर से ही चूत पर रगड़ने लगी। फिर थोड़ी देर में वो शांत हो गई। शायद पहली बार होने की वजह से उसका पानी जल्दी ही छूट गया था।
भाभी भी अब झड़ने वाली थी। और फिर मैंने मेरे लण्ड का टोपा काजलभाभी की चूत पे रख दिया और शाट मारने लगा।
अब काजल साइड में बैठकर हमारी चुदाई देख रही थी।
मैं भाभी के ऊपर आ गया और उसे घचाघच धक्के मारने लगा, तो वो अब सह नहीं पाई और ढीली हो गई, क्योंकी उसका पानी निकल गया था। लेकिन मेरा अभी बाकी था तो भाभी लण्ड चूत से बाहर निकालकर मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने के बाद भाभी ने काजल को नजदीक बुलाया और बोला- “तुम इसे चूसो…”
पहले तो वोकाजल शर्माई, लेकिन भाभी के जोर देने पे उसने मेरा टोपा पूरा मुँह में भर लिया और टोपे को चूसने लगी। मैं तो जैसे चरम सीमा के नजदीक था, तो मैंने उसका सिर पकड़कर फटाफट लण्ड अंदर-बाहर करने लगा जिससे काजल की ‘उम्म्म्म उम्म्म्म’ की आवाजें आने लगी।
भाभी ने काजल को बोला- “किशोर का पानी पी जाओ, बहुत गुणकारी होता है…”
काजल शायद नहीं पीना चाहती थी लेकिन मैं उसे छोड़ने वाला नहीं था तो मेरी स्पीड बढ़ गई और लण्ड से पिचकारी छूट पड़ी और उसकी धार सीधे ही उसके गले में जा गिरी। कुछ 10-12 झटकों के बाद मैं भी निढाल हो गया। फिर काजलने मेरा लण्ड बाहर निकाला और गहरी-गहरी सांसें लेने लगी।
अब भाभी ने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और उसपे जीभ फिरा के चूसने लगी। वो तो इसमें माहिर थी तो मेरा पूरा लण्ड मुँह में ले लेती थी। और मेरे टोपे पे उसके गले के अंदर का चिकना हिस्सा टकरा जाता था।
फिर से मेरा लण्ड तनने लगा और पूरी लंबाई में आ गया। अब मुझे काजल की चूत मारे बिना नहीं रहा जा रहा था। तो मैंने काजल को किस करना चालू किया और हाथ को पीछे लेजाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। अब उसके आजाद कबूतर, जो की एकदम तने हुए थे उसको मैंने हाथों में थाम लिया।
भाभी अभी भी मेरे लण्ड को चूस रही थी। अब मैंने काजल की पैंटी उतार दी। तो उसकी योनि रात की चाँदनी में चमक उठी। उसकी योनि की दरार एकदम टाइट थी और दोनों गुदाज फांकें एक दूसरे से जुड़ी हुई थीं। उन फांकों को मैंने उंगलियों से अलग किया तो अंदर का नजारा देखने लायक था। अंदर उसके छोटे-छोटे योनि के होंठ उसकी सुंदरता बढ़ा रहे थे। उसका प्रेम छेद तो दिख नहीं रहा था, क्योंकी होंठों ने उसे ढक के रखा था।
मैंने उसकी योनि के होंठों को खोला और उसपे उंगली फिराने लगा। योनि अब एकदम गीली और चिपचिपी हो गई थी और पानी बहा रही थी। मैंने होंठों को खोलकर उसका लाल रंग का प्रेम छेद देखा, जो की सिर्फ एक स्ट्रा के छेद जितना ही था। क्योंकी उसकी योनि ने आज तक मूतने का ही काम किया था और पहली बार वो उसके साथी मुन्ने को उसमें समाने जा रही थी। तो वो भी उत्तेजित होकर ज्यादा पानी बहा रही थी।
अब मैं धीरे-धीरे एक उंगली को उसकी दरार पे फिराते हुए उसके छेद को टटोलने लगा, और उसके पानी से मैंने उंगली भिगो ली। छेद पे थोड़ा दबाया तो उंगली थोड़ी उसकी चूत में घुसी। लेकिन उससे भी उसको थोड़ा दर्द हुआ और वो कराह उठी। मैंने धीरे से उंगली को और दबाया तो मेरी आधी उंगली उसकी चिकनी गहराई में उतर गई।
लेकिन काजल को दर्द भी हो रहा था। इसलिये मैं उसी पोजीशन में उंगली रखते हुए उसके होंठों को चूमने लगा। काजल भी चूमने का मजा लेने लगी। अब मैंने उंगली हल्की सी बाहर खींचकर फिर से अंदर डाल दी। जिससे उसने गाण्ड थोड़ी सिकोड़ी, और फिर ढीली छोड़ दी। अब उसे भी मजा आने लगा था, तो वो भी कैसे घूमने लगी।
मैंने उंगली की स्पीड बढ़ा दी, क्योंकी अब मेरी उंगली आराम से उसकी मक्खन जैसी चूत में जा रही थी। उसकी योनी की दीवारें अंदर से इतनी चिकनी थीं की बड़ा आनंद दे रही थीं, और गरम भी उतनी ही थीं। अब मैंने स्पीड बढ़ा दी तो वो भी कमर उचका के साथ देने लगी।
फिर भाभी ने मुझे हटा दिया और बोला- “अब उसे चोद दो, उससे नहीं रहा जा रहा है…” और फिर ऐसा बोलकर उसने काजल की दोनों टाँगें दोनों साइड कर दी जिससे उसकी चूत का छेद थोड़ा खुल गया। उसका छेद अब मेरी उंगली जाने की वजह से उतना फैल गया था।
अब भाभी ने मुझे उसकी टांगों के बीच में आने को कहा तो मैं चला गया और फिर भाभी ने मेरे लण्ड के टोपे को पकड़कर उसके छेद पे रखा और मेरे कानों में बोला- “जैसे ही मैं काजल को किस करूं, आप लण्ड को धक्का लगाना…”
मैं भाभी की होशियारी से खुश हो गया। फिर भाभी काजल के चूचियां दबाती हुई उसके होंठों पे होंठ रख दिया और उसे चूसने लगी। काजल भी इस किस का मजा लेने लगी और उसमें खो गई। फिर तभी होंठ चूसते हुए ही भाभी ने हाथों से मुझे इशारा कर दिया।
मैं तो जैसे तैयार ही था। मैंने एक धक्का मारा तो लण्ड उसके नरम छेद को चीरता हुआ सुपाड़े तक अंदर घुस गया। और काजल की चीख निकली जो की गले में ही दब गई, और वो ‘ह्म्म ह्म्ह’ करने लगी जैसे बोल रही हो की छोड़ो मुझे, मुझे नहीं चुदवाना है।
लेकिन भाभी मजबूती से उसके होंठों को कस के किस कर रही थी, जिससे उसकी आवाज आनी ना-मुमकिन थी। और फिर एक मिनट बीता तो भाभी ने फिर से मुझे इशारा किया। मैंने मेरे टोपे को बाहर खींचा जिससे काजल को लगा की अब मैं उसे नहीं चोदूंगा, लेकिन वो उसका वहम था।
और तभी मैंने और एक शाट मारा तो मेरा लण्ड उसकी कसी चूत को चीरता हुआ 3” इंच तक घुस गया। फिर से काजल की चीख गले में दब गई। फिर मैंने भाभी के इशारे की राह देखे बिना ही मेरे लण्ड को बाहर खींचा और एक जोरदार शाट मारा तो मेरा लण्ड उसके योनि-पटल को चीरता हुआ 6” इंच तक घुस गया, जिससे उसकी योनि से खून बहने लगा।
और अब काजल चीखी, लेकिन उसकी चीख फिर से गले में ही दब गई। उसे बहुत दर्द हो रहा था। इसलिये मैं थोड़ी देर वैसे ही लण्ड डालकर पड़ा रहा और उसकी चूचियों को चूसने लगा। उसकी निपल को जीभ से छेड़ने लगा और उसकी पूरी गोलाइयों को हाथों में लेकर दबाने लगा, और उधर भाभी भी उसके होठों को जोर-जोर से चूस रही थी।
|