मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
10-08-2018, 01:07 PM,
#29
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
वह कभी मुंह उठाकर पति का लन्ड हिला रही थी और कभी मुंह मे लेकर चूस रही थी.

"गुलाबी, तुझे बुरा तो नही लग रहा?" रामु ने पूछा.
"हम काहे बुरा माने?" गुलाबी बोली, "सब मरद लोग को जवान औरत देखकर ठरक चढ़ती है. और भाभी है भी तो बहुत सुन्दर!"
"ऊ तो है. पर पता नही हमसे आज ऐसे हंस हंसकर काहे बात कर रही थी." रामु बोला, "घर की बहु कभी घर के नौकर के साथ ऐसी बातें करती है का?"

"देखो जी, कहीं तुमसे चुदवाना तो नही चाहती?" गुलाबी ने पूछा.
"चुप कर. कुछ भी बोलती है." रामु डांटकर बोला, "भाभी काहे हमसे चुदवाने लगी."
"औरों से तो चुदवाती है, तुम से काहे नही चुदवायेगी?" गुलाबी बोली और उसने लन्ड चूसना जारी रखा.

"का कह रही है तु?" रामु चौंक के बोला, "कौन बोला तेरे को?"
"भाभी खुदे बोली." गुलाबी बोली, "बोली ऊ सोनपुर के मेले मे चार-चार से एक साथ चुदवाई थी."
"अरे ऊ मजाक कर रही होगी, पगली!" रामु बोला, "पर बहुत गंदा दिमाग है भाभी का! हमको लगता है अगर हम कभी उसके साथ जबरदस्ती किये तो बहुत मज़े से हमरा लन्ड लेगी."

वीणा, अपने बारे मे रामु की ऐसी बातें सुनकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसे क्या पता मैं सचमुच उससे चुदवाने का कर्यक्रम बनाये बैठी थी!

"हाय, ई का कह रहे हो तुम!" गुलाबी बोली, "हम मर गये हैं का जो परायी औरत की इज्जत लूटना चाहते हो?"
"अरे तु तो बुरा मान गयी! हम तो मजाक कर रहे थे!" रामु बोला, "बस, बहुत चूस ली मेरा लन्ड. और चूसेगी तो तेरे मुंह मे अपनी सारी मलाई गिरा देंगे."

गुलाबी ने झट से पति का लन्ड अपनी मुंह से निकाल लिया.

"का हुआ?" रामु ने पूछा, "भाभी तुझे अब तक मलाई पीना नही सिखाई?"
"नही." गुलाबी बोली, "हम पूछे नही वह बड़े भैया का मलाई पीती है कि नही."
"जरूर पीती होगी. ऊ जैसी गरम चुदैल है, लगता है उसका कोई कुकर्म करना बाकी नही है." रामु बोला, "चल, अपना घाघरा उतार. थोड़ा चोद लेता हूँ तुझे. तु भी बहुत दिनो से चुदी नही है."

गुलाबी ने उठकर अपना घाघरा उतार दिया और पूरी तरह नंगी हो गई. उसका जिस्म बहुत सुडौल था. नंगी चूची और चूतड़ बहुत कामुक लग रहे थे.

वह बिस्तर पर जाकर लेट गयी और उसने अपनी दोनो टांगें फैला दी. उसकी सांवली चूत पर बहुत बाल थे. उसने दो उंगलियों से अपने चूत को खोला और कहा, "हाय, और रहा नही जा रहा, जी. अपना लौड़ा घुसाओ ना हमरी चूत मे!"

रामु को अपनी भोली भाली पत्नी के मुंह से ऐसी अश्लील भाषा सुनकर बहुत उत्तेजना हो रही थी. उसने अपनी कमीज और बनियान उतार दी और पूरी तरह नंगा हो गया. उसके शरीर भी कसरत किया हुआ सुडौल शरीर था. अपनी बीवी के पैरों के बीच बैठकर उसने अपने लन्ड का सुपाड़ा गुलाबी की चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का दिया.

"हाय! मार डाला! आह!!" गुलाबी बोल उठी, "पेल दो पूरा लन्ड हमरी चूत मे! ऊह!!"

रामु ने कमर उठाकर अपना लन्ड सुपाड़े तक निकाल लिया और फिर जोरदार धक्का देकर पेलड़ तक अन्दर पेल दिया.

"आह!!" गुलाबी बोली, "इतने दिनो बाद तुम्हारा लौड़ा लेके बहुत मज़ा आ रहा है! उम्म!! ओह!!"

रामु कमर उठा उठाकर गुलाबी को चोदने लगा और गुलाबी कमर उठा उठाकर उसका साथ देने लगी.

मैं गुलाबी के कमरे मे झांक ही रही थी कि पीछे से तुम्हारी मामीजी चली आयी. धीरे से मेरे कान मे बोली, "क्या देख रही है, बहु? रामु गुलाबी को चोद रहा है क्या?"
"हाँ माँ, बहुत जोश मे हैं दोनो." मैने कहा.

सासुमाँ ने छेद से कुछ देर अन्दर देखा और कहा, "बहुत मस्त माल है गुलाबी. नंगी बहुत कमोत्तेजक लग रही है. कैसे कमर उठा उठाकर पति से चुदवा रही है. बहु, तु उसे जल्दी पटा ले. घर के मर्द बहुत मज़े ले लेकर चोदेंगे उसे."
"हाँ, माँ. मैं तो कोशिश कर रही हूँ." मैने कहा, "लगता है दो एक दिन मे पट जायेगी."
"बहुत इज़्ज़त करती है तेरी. उसे तु जो सिखायेगी वह सीख लेगी."
"हाँ माँ." मैने कहा, "मेरे कहने पर गुलाबी ने आपके बेटे से अपनी चूची और चूत मिसवाई थी. और मेरे कहने पर वह रामु का लौड़ा भी चूसी."

"और हाँ, उसे कहना अपने चूत के बाल साफ़ किया करे." सासुमाँ बोली. "वर्ना चूत चाटने मे मज़ा नही आयेगा."
"ठीक है, माँ." मैने कहा.
"रामु भी बुरा नही है, बहु." सासुमाँ बोली, "अच्छा खासा लन्ड है उसका. उसे अपनी जवानी का नज़ारा दे और चुदवा ले. बहुत मज़ा पायेगी."
"हाय माँ, वह कमीना तो मेरी इज़्ज़त लूटने के लिये पहले से तैयार बैठा है!" मैने कहा, "अभी गुलाबी को सब बता रहा था."
"फिर तो काम आसान है." सासुमाँ हंसकर बोली और एक हाथ से अपनी एक चूची दबाने लगी. "मुझे भी मन है उसका काला लौड़ा अपनी चूत मे लेने का."

कुछ देर अन्दर देखने के बाद सासुमाँ हट गयी और मैं अन्दर देखने लगी. सासुमाँ ने मेरी ब्लाउज़ के हुक खोल दिये और मेरी दोनो चूचियों के मसलने लगी.
अन्दर रामु अपनी बीवी को जमकर चोदे जा रहा था. उनका पुराना खाट रामु के धक्कों से चरमरा रहा था.

गुलाबी अपने पति को जकड़े हुए कमर उठा उठाकर लन्ड ले रही थी और मस्ती मे बड़बड़ा रही थी. "हाय मेरे चोदू! कितने दिनो बाद चुद रहे हैं हम! आह!! और देर करते तो हम किसी और से चुदा लेते!! आह!! मेरे राजा, चोदो अच्छे से अपनी पियारी गुलाबी को!! ऊह!! पेलो हमरी चूत अच्छे से!! ऊम्म!! कितना मजा आ रहा है!"

रामु को भी बहुत आनंद आ रहा था गुलाबी को चोदने मे. "ऊंघ! ऊंघ! ऊंघ!" आवाज़ निकाल के वह ठाप लगा रहा था. पेलड़ मे उसके बड़े बड़े टट्टे नाच रहे थे और उसके ठाप के साथ उसका काला पेलड़ गुलाबी की गांड पर जा के लग रहा था.

"यह ले मेरी पियारी गुलाबी...बिना लौड़े के इतनी प्यासी हो गयी थी...के किसी और से चुदवा लेती! हाँ?" रामु गुलाबी को ठोकता हुआ बोला, "लौड़ा ले...और सांती कर अपनी चूत की! भाभी तो तुझे...पूरी छिनाल बना दी है! आज लौड़ा चूसी है...कल तु मेरा पानी भी पियेगी! ले साली, छिनाल! और का का की है मेरे पीठ पीछे! बोल, साली रंडी! भाभी तुझे किसी और से...चुदाई भी है का? बोल!"

"हाय, राजा! और जोर से चोदो! हम झड़ने वाले हैं!" गुलाबी चिल्लाई.

रामु और जोर से ठाप लगाने लगा और गुलाबी की चूचियों को बेरहमी से मसलने लगा. उसका मोटा काला लन्ड गुलाबी की चूत के पानी से चमक रहा था. एक पिस्टन की तरह वह गुलाबी की चूत के अन्दर बाहर हो रहा था.

गुलाबी जल्दी ही झड़ गयी और रामु को पकड़कर हांफ़ने लगी. रामु ने भी अपना लन्ड जड़ तक बीवी की चूत मे ठूंस दिया और अपना पानी छोड़ने लगा. एक दूसरे से लिपटकर वह हांफ़ने लगे. उनका बदन पसीने-पसीने हो गया था.

मैने दरवाज़े के छेद से मुंह हटाया तो सासुमाँ बोली, "झड़ गये क्या दोनो?"
"हाँ!" मैने मुस्कुराकर कहा और अपने ब्लाउज़ के हुक लगा लिये.
"चल फिर, रसोई मे बहुत काम है" सासुमाँ बोली, "इनकी चुदाई देखने से खाना नही बनेगा."

हम दोनो सास बहु रसोई मे चले गये. करीब एक घंटे बाद गुलाबी रसोई मे आयी. उसके बाल बिखरे थे और सिंदूर फैल गया था. लग रहा था जैसे बहुत बुरी तरह उसका बलात्कार हुआ है.


उस रात खाने के बाद जब सब अपने कमरों मे चले गये, मैं किशन का कमरे मे गयी. उसने दो दिनो से मुझे चोदा नही था और बहुत बेचैन था मेरी चूत मारने के लिये. मेरे कमरे मे पहुंचते ही उसने मुझे चूमना शुरु कर दिया और मेरे कपड़े उतारने लगा. मैने भी उसके कपड़े उतार के उसे नंगा कर दिया. हम दोनो नंगे होकर बिस्तर पर लेट गये.

मैने कुछ देर उसे अपनी चूचियां चुसाई. जब मुझे लगा कि उसका जोश उसके काबू मे आ गया है, मैने उसे अपने ऊपर चढ़ाया और मुझे चोदने को कहा. अपना लन्ड मेरी गरम चूत मे डालकर वह कमर चला चलाकर चोदने लगा. मैं भी दिन भर चुदी नही थी. बहुत मज़ा आ रहा था उससे चुदवाने मे. उस दिन किशन ने मुझे करीब 10 मिनट तक पेला, फिर मेरी चूत मे झड़ गया.

मैं किशन के कमरे के बाहर निकली तो देखा ससुरजी तुम्हारे बलराम भैया के कमरे के बाहर अंधेरे मे खड़े हैं और दरवाज़े के एक फांक से अन्दर देख रहे हैं. उन्होने लुंगी नही पहनी थी और अपना मोटा, खड़ा लन्ड हाथ मे लेकर हिला रहे हैं.

मैं पीछे से जाकर उनके लन्ड को पकड़कर हिलाने लगी और पूछी, "क्या देख रहे हैं, बाबूजी?"
"कौशल्या कोई बहाना बनाकर आज बलराम के साथ सो रही है. उन्हे ही देख रहा हूँ." ससुरजी ने कहा.

मैने कमरे के अन्दर नज़र डाली तो पाया तुम्हारी मामीजी मादरजात नंगी होकर बिस्तर पर टांगें खोले पड़ी थी. उनका बेटा पूरा नंगा था और अपनी माँ पर चढ़ा हुआ था. उनका 8 इंच का लन्ड उनकी माँ की बुर मे डला हुआ था और वह कमर उठा उठाकर अपनी माँ को चोद रहे थे. दोनो माँ-बेटे हवस के दुराचारी खेल मे डूबे हुए थे. सासुमाँ कमर उठा उठाकर बेटे को जोर जोर से चोदने को कह रही थी. और बेटा माँ की घिनौनी चाहत को खुशी से पूरी कर रहा था.

हम ससुर और बहु कुछ देर माँ-बेटे की चुदाई देखते रहे. सासुमाँ बार-बार झड़ रही थी और मस्ती मे अनाप-शनाप बक रही थी. आज रात सासुमाँ अपने बेटे के साथ सोने वाली थी. शायद देर रात तक वह बेटे से चुदवाने वाली थी.

मैने ससुरजी से कहा, "बाबूजी, यह दोनो तो लगता है पूरी रात चुदाई करेंगे. चलिये ना, मुझे बिस्तर मे ले जाकर चोदिये. किशन से चुदाकर मेरी प्यास नही बुझी है."

ससुरजी का खड़ा लन्ड पकड़कर मैं उन्हे उनके कमरे मे ले गई.


जाकर मैं जल्दी से नंगी हो गयी और बिस्तर पर लेट गयी. ससुरजी भी पूरे नंगे हो गये और मुझ पर चढ़ गये. मेरी चूचियों को दबाते और चूसते हुए वह मुझे चोदने लगे. मेरी चूत मे किशन का ढेर सारा वीर्य भरा हुआ था जो मेरी चूत से बहकर बाहर आ रहा था. उसी वीर्य मे ससुरजी अपना लन्ड फच! फच! कर के पेलने लगे जिससे किशन का वीर्य और बाहर आने लगा.

कमरे मे रात भर के लिये हम ससुर और बहु ही थे और एक पति-पत्नी की तरह हम देर रात तक चोदाई करते रहे.

कहो ननद रानी, कैसी लग रही है मेरी कहानी? अपना जवाब जल्दी भेजो. आगे की कहानी कल लिखती हूँ!

तुम्हारी भाभी
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