RE: Chodan Kahani काला साया
हम आगे बढ़ते हुए जंगल के बीच में आ गये,जहाँ वो शैतान था..!
यहाँ का वातावरण बाकी जगह से अलग था,यहाँ उसका राज था,यहाँ की हर एक चीज़ उसकी थी..!
मेने अपने दोनो हाथ आगे किए,और उन्हे नदी की दिशा में लाया और फिर पानी से एक कवच तयार किया और एकदम हवा की तेज़ी से सबकी ओर उस कवच को फेंका और सब के सब उसे धारण करते गये..!
सब अपने पवर्स मॅजिक से अपना-2 हथियार रेडी कर चुके थे,हम उड़ते हुए अंदर बढ़ते गये..!
और एक जगह हम आके रुके,वहाँ लाखो की संख्या में वो अधमरे जीव थे..!
हम नीचे उतरे और शुरू हो गये,देखते ही देखते वहाँ भी खून की नादिया बहने लगी,तभी मुझे एक चीख सुनाई दी..!
ये कोई और नही मोम थी,जैसे ही मेने उधर देखा उस शैतान ने दूर से खड़े होकर मोम को हवा में उछाला था और उनका हाथ बँधे होने के कारण वो कुछ कर नही पा रही थी.!
में उड़ते हुए उपर आया और उन्हे पकड़ कर उनके हाथ खोले और अपना हाथ आगे करके कई पेड़ो को उखाड़ कर उसकी ओर फेंक दिया..!
अचानक वो शैतान अपनी जगह से गायब होगया फिर उसी की शकल के कई सारे शैतान आ गये.!.
अब पता लगाना मुश्किल हो रहा था कि में उसे कैसे मारु और कौन असली है,.!
दूसरी तरफ मेरी फॅमिली बड़े मज़े से उन जीवो को मार रही थी,तभी पायल मेरे पास उड़ते हुए आई और हम साथ में बढ़ गये उस शैतान के पास.!.
और शुरू हो गया हमारा युद्ध..!
एक-2 करके वहाँ मौजूद सभी पेड़ हवा में आ गये.!
हम दोनो का वार काफ़ी घातक साबित हो रहा था..!
अब में भी थकने लगा था,तब मेने नोटीस किया कि वो मेरा टाइम ख़तम कर रहा था..!
मेने दाद की तरफ देखा तो उन्होने अपना गर्दन हा में हिला दिया..!
फिर मेने अपनी आँखें बंद की और फिर आया में अपने असली रूप में विशाल और ताकतवर.!
अब शैतान मेरे सामने बच्चा लग रहा था.!
मेने उपर आसमान में देख सभी देवी देवताओ को प्रणाम किया और तलवार निकालकर अपने हाथ से बहता रक्त उस त्रिशूल को अर्पित करने लगा..!
वो त्रिशूल चमकने लगा और में एकदम तेज़ी से उड़ते हुए पूरी फॅमिली के साथ उस शैतान के पास आया और वो उस शैतान के बीच में जाकर गाढ दिया..!
उस त्रिशूल की रोशनी के कारण सारे नकली शैतान गायब हो गये और मेने उसे उठाया और उस एक बचे शैतान के सीने मे मेने घोप दिया..!
मेरे ऐसा करते ही पूरा वातावरण बदलने लगा,आसमान भी बरखा बरसाने लगा..!
हर तरफ सब कुछ झूम नाच रहा था..!
अचानक मेरे और पायल के सरीर में से रोशनी निकलने लगी,हमने आसमान में देखा तो हमें वो बूढ़े बाबा नज़र आए..!
हमने उन्हे प्रणाम करते हुए,इस महायुद्ध का अंत किया..!
फिर हम जंगल छोड़ पूरी फॅमिली के साथ घर आए,और सुखी पूर्वक एक खुशाल जीवन जीने लगे..!
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दा एंड.!
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