RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
भानु - ओके.....देखने दे पहले....हाँ मैं इस चौथी पिक के बारे में बोलूँगा जिसमे वो किसी पत्थर पर पैर मोड़ के बैठी हुई हैं...
रानी - हाँ..मस्त पिक है...अब बोल इसके बारे में....
भानु - हाँ...सोचने तो दे.....हाँ...ठीक है बोलता हूँ अब...
रानी - अब बोलेगा भी की बस हवा ही खीचता रहेगा...बोल न जल्दी...फट्टू कहीं का...
भानु - ओके ओके....इस पिक में अच्चा ये है की इसमें बहुत हॉट लग रही हैं...
रानी - चल साले...ऐसे बोलना है क्या? मैंने कितना डिटेल में बताया सब...तू भी वैसे ही बता....
भानु - हाँ बता रहा हूँ न...रुक तो सही.....ओके....इसमें उनका फिगर अच्चा दिख रहा है...वो खुद ही जानबूझ के दिखाना चाह रही हैं की सब देख लो की मेरे बदन में क्या क्या है.....जैसे उनका ब्लाउज पहले ही इतना लो कट है और उस पर वो उसे और झुक झुक के अन्दर का भी दिखा रही हैं....और उनका घाघरा भी छोटा सा है और पैर इस तरह से मोड हुए हैं की एक तरफ से बहुत उपर तक उठ गया है...और इससे उनकी जांघ अन्दर तक दिख रही है.....और दुसरे हाथ से घाघरे को थोडा उपर तक खीच लिया है जिससे दूसरी जांघ भी थोड़ी थोड़ी दिख रही है....जांघ का अन्दर वाला हिस्सा बहुत मादक लगता है देखने में..और वो वही दिखा रही हैं......सामने खड़े हुआ आदमी अगर थोडा झाँक के देखे तो उनके घाघरे के अन्दर भी देख सकता है...और फिर उसे सब कुछ दिख जायेगा......
( इतना बोल के भानु चुप हो गया..उसने जोर की सांस ली...सांस तो अब रानी की भी भरी होने लगी थी....दोनों मन ही मन बहुत खुश थे...और दोनों को इस बात का भी बहुत रोमांच हो रहा था की वो अपनी ही माँ के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे की मॉडल को देख के कह रहे हों....उसके फिगर क्र बारे में कह रहे हैं और एक दुसरे को बता रहे हैं...एक दुसरे को गरम कर रहे हैं....भानु ने देखा की रानी बार बार अपने आप को सोफे पर सेट कर रही थी....दरअसल रानी अपनी चूत को सोफे पैर घिस रही थी..कपड़ों के उपर से उसे कुछ ज्यादा मजा तो नहीं आ रहा था चूत में लेकिन इस तरह से बैठ कर वो अपनी चूत पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बना रही थी....हम लड़कियों को इस काम में बहुत मजा आता है..लड़के तो ऐसा नहीं कर पाते होंगे लेकिन लड़कियां कर सकती हैं..हम उपर से बिना कुछ दिखाए बिना किसी को कुछ पता चलाये ही इस तरह से बैठ जाते हैं की हमारी चूत पर पूरी बॉडी का दबाव बनता है और दबाती हुई अन्दर ही अन्दर मन को मगन कर देती है....रानी ने सोचा की भानु को पता नहीं चलेगा...लेकिन भानु पहले ही इतनी सारी चूतों की सैर कर चुका था की उसे सब पता था और वो ये समझ रहा था की रानी बार बार सोफे पर खुद को क्यों एडजस्ट कर रही है.....उसने भी थोड़ी हिम्मत की अपनी गोद पर रखे लैपटॉप को ऐसे एडजस्ट किया जैसे वो रानी को बताना चाह रहा हो की उसका लंड खड़ा हो रहा है और ये लैपटॉप उसके लंड को खड़ा होने से रोक रहा है.....रानी ने भानु की इस हरकत को देखा और समझा और बोली...)
रानी - दिक्कत हो रही हो तो लैपटॉप को सामने टेबल पर रख दे...
भानु - नहीं अभी इतनी दिक्कत नहीं हो रही..जब होने लगेगी तब रख दूंगा....अब और पिक्स देखें??
रानी - हाँ हाँ..और दिखा न....
इस बार जो दो पिक्स खुली वो तो दोनों ही अपने आप में क़यामत थी....भानु और रानी दोनों ही थोड़ी देर उन पिक्स को चुपचाप एकटक देखते रह गए....और फिर भानु ने कहा...
भानु - इस बार तो दोनों ही जबरदस्त पिक्स खुली हैं यार..
रानी - हाँ यार...ऐसा लग रहा है जैसे दोनों ने हमें झटका दे दे के मार देने की सोची है और इसीलिए ऐसी ऐसी पिक्स सामने आ रही हैं..
भानु - अब बता तू किस पिक पर बोलेगी...
रानी - मैं इस पर जिसमे मम्मी और पापा दोनों हैं...
भानु - ठीक है..मैं दूसरी वाली पर बोलूँगा...तू बोल पहले..
रानी....ओके......ये वाली पिक....जिसमे मम्मी के पेट को पापा चूम रहे हैं....
भानु - ठीक से देख..चूम नहीं रहे हैं बल्कि चाट रहे हैं...मम्मी का पेट चाट रहे हैं पापा..
रानी - जी नहीं...सिर्फ चूम रहे हैं. तू ठीक से देख उनकी जीभ बहार नहीं है..वो सिर्फ पेट को चूम रहे हैं. अपने मन से कुछ भी मत बोल...
भानु - चल ठीक है. चूम ही रहे हैं......बोल आगे...
रानी - हाँ..ओके....अच्छा सुन...पहले जरा उभार के लिए कोई शब्द बता...
भानु - मुझे तो बोबे अच्छा लगता है.
रानी - नहीं.बोबे सुनने में ऐसा लगता है जैसे रबर का बना हुआ हो. और कोई बता..
भानु - थन....दूध.....चूची....मम्मे....
रानी - हाँ चूची ठीक है...मुझे चूची पसंद है...
भानु - मुझे भी चूची बहुत पसंद है...हा हा हा हा हा...
रानी - हट बदमाश कहीं का.....अब मैं बोलती हूँ पिक के बारे में....
भानु - हाँ बता..
रानी - हाँ देख...इसमें फिर से मम्मी ने वैसे ही पीठ को सीधे कर के अपने उभार..मेरा मतलब है चूची को बाहर किया हुआ है....कंधे खोले हुए हैं पीछे की तरफ इसलिए चूची और ज्यादा निखर के सामने आ रही हैं...और उनकी चूची की बीच की दरार बहुत बड़ी दिख रही है....और वो इस पोज में कड़ी हैं....पैर को उपर कर लिया है....इससे उनका घाघरा उठ गया है और दोनों ही जांघे बहुत अन्दर तक खुल गयी हैं....वो खुद ही अपने हाथ से अपने घाघरे को पीछे कर रही हैं और अपनी जाँघों को और ज्यादा खोल रही हैं....
भानु - जानबूझ के जांघे नंगी कर रही हैं?
रानी - हाँ जानबूझ के जांघे नंगी कर रही हैं.....इसलिए तो एक पैर उठा लिया है जिससे दोनों जी जांघे एक साथ दिखे....
भानु - क्यों कर रही हैं ऐसा?
रानी - ऐसा कर के वो पापा को एक्साइट कर रही हैं...उन्हें जोश दिला रही हैं..अपना बदन दिखा के उन्हें उकसा रही हैं.....और उन्होंने पापा को नीचे बिठाया हुआ है जिससे वो उन्हें छू सकें और चूम सकें....
भानु - और बोल न...
( भानु को ऐसा लग रहा था जैसे ये शब्द उसके लंड पर घिस रहे हैं...उसे रानी के मुंह से इस तरह की बातें अपनी ही माँ के बारे में सुन कर बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था....)
रानी - बस..मेरी वाली में तो इतना ही है..अब तू बोल...देखते हैं तू अपनी पिक के बारे में मुझसे ज्यदा खुल्ला बोल पायेगा या नहीं...
भानु - ठीक है..अब मेरी बारी..और देख तू बुरा मत मानन की मैं इतना खुल्ला क्यों बोल रहा हूँ..
रानी - तू बोल तो सही पहले फिर देखती हूँ कितनी हवा भरी है तेरे अन्दर...
भानु - ठीक है ले सुन....ये पिक देख...इसमें मम्मी फोन पर बात कर रही हैं....उनका ब्लाउज देख कितना खुल्ला हुआ है....ऐसा ब्लाउज पहनने का मतलब है की वो हमेशा मूड में रहती हैं और उन्हें बुरा नहीं लगता अगर कोई उनकी चूची देख ले तो...वो तो सब कुछ वैसे भी खोल खोल के रखती हैं....और इस पिक में तो वो खुद ही अपनी चूची दबा भी रही हैं...
रानी - कहाँ दबा रही हैं???
भानु - ये देख न उनके एक हाथ में फोन है और दूसरा हाथ उनकी चूची के उपर है...वो अपने हाथ से अपनी ही चूची दबा रही हैं...
रानी - क्यों कर रही हैं ऐसा???
भानु - वो जरुर पापा से बात कर रही होंगी और पापा उन्हें फोन पर कोई गरम गरम बात सुना रहे होंगे जिसे सुन कर मम्मी को अपनी ही चूची खुद ही दबाने का मन कर रहा होगा...
रानी - ऐसा क्या कह रहे होंगे पापा?
भानु - मुझे तो लगता है की ये उस समय की पिक होगी जब पापा कहीं बाहर गए होंगे और मम्मी घर में अकेली रही होंगी..ऐसे में दोनों फोन पर बात करते होंगे और एक दुसरे को बताते होंगे अपने किसी पुराने अनुभव के बारे में या किसी नए आईडिया के बारे में....और मुझे लगता है की अभी इस पिक में पापा मम्मी को कह रहे होंगे की तुम अपनी ही चूची अपने ही हाथ से दबाव...और सोचो की मैं दबा रहा हूँ..इसलिए वो अपने हाथ से अपनी चूची दबा रही हैं.....
रानी - और बता न...
भानु - और मुझे लगता है की ये लोग कुछ देर तक ऐसा ही करने के बाद फोन पर ही सेक्स करेंगे और एक दुसरे को फोन पर मजा देंगे....
सेक्स के बारे में ये पहला जिक्र किया था भानु ने....उसके बाद वो चुप हो गया...रानी भी चुप ही थी....कभी वो खुद को सोफे पर एडजस्ट करती और कभी भानु अपनी गोद में रखे लैपटॉप को एडजस्ट करता...दोनों जानते थे की दोनों अभी अपने अपने कमरे में जा के ऊँगली करना चाहते हैं.....इस बार पहल भानु ने कर दी...
भानु - सुन तू थोड़ी देर बैठ मैं आता हूँ...
रानी - ऐसा कर तू लैपटॉप बंद कर दे मैं भी अपने कमरे में जा रही हूँ...
भानु - ठीक है. कितने देर में मिलेंगे वापस?
रानी - तू बता तुझे कितनी देर लगेगी?
भानु - पता नहीं. कुछ देर तो लगेगी ही....ऐसा करते हैं की आधे घंटे में मिलते हैं यहीं पर...
रानी - हाँ ठीक है.....आधे घंटे बाद मिलते हैं और फिर सारी पिक्स देखेंगे...और और भी ज्यादा खुल के बात करेंगे..एकदम खुल के बात करेंगे...सब कुछ खुल खुल के बोलेंगे...
भानु - हाँ हमारे पास इस शहर में और कोई चारा भी तो नहीं है....ठीक है...हम आधे घंटे में मिलते हैं...
दोनों अपने अपने कमरे में चले गए...दोनों अपने अपने कमरे में जा के एक ही काम करने वाले थे लेकिन अभी दोनों के मन में ये ख्याल नहीं आया था की वो ये काम एक साथ भी कर सकते हैं और एक दुसरे के लिए भी कर सकते हैं....अभी तक का उनका ट्रिप बहुत अच्छा चल रहा था और दोनों ही बहुत खुश थे...उधर दूसरी तरफ उनके घर में.....
सभी औरतें एकदम नंगी हो चुकी थी..काकी भी...और नीलू भी..इंदु मंजरी और रूपा और रोमा भी...सभी ने अपने अपने कपडे उतर के एक किनारे रख दिए थे.....सबकी चूत एकदम साफ़ थी..यहाँ तक की काकी ने भी अपनी झांटे बना ली थी..एक भी बाल नहीं था किसी की भी चूत पर...काकी हमेशा ही सब को डायरेक्शन देती थी..इस बार भी काकी ने अपनी पोजीशन ले ली....और बोलना शुरू किया....
काकी - इस बार की पार्टी में कुछ चेंज किये हैं हमने....उम्मीद है आप सब को पसंद आएगा.....मैं बारी बारी से एक एक बात बताती जाउंगी और सब ध्यान से सुनना...किसी ने बाद में कोई गलती की तो बहुत सजा मिलेगी.....अभी दोपहर का राउंड लगेगा...पहले सभी लोग ठीक से तेल लगाओ...अपनी चूत और गांड में खूब सारा तेल डाल कर उसे अच्छे से तैयार केर लो.......हर बार पहले हम लोग डोमिनेट करते थे और सोम स्लेव होता था लेकिन इस बार पहले सोम डोमिनेट करेगा और हम सब उसकी दासी बनेंगे....दोपहर के राउंड के बाद सोम को उसके कमरे में भेज दिया जायेगा और हम सब अपने कमरे में आ जायेंगे....इस बार तुम लोगों को बाथरूम नहीं दिया जायेगा...घर के पीछे वाले लॉन में ही सब कुछ करना होगा. ओपन में. सब कुछ ओपन में ही होगा और कभी भी कोई भी अकेले नहीं जायेगा..जब भी जायेंगे तो सभी लोग एक साथ जायेंगे और एक साथ ही करेंगे....खुल्ले में...वहां सोम नहीं रहेगा लेकिन कल के दिन से सोम भी हमारे साथ ही बाहर ही सब कुछ करेगा.....अभी के राउंड में कोई भी अपनी चूत नहीं सहलाएगा...हम सब सिर्फ वही करेंगे जो सोम हमसे कहेगा...सोम एक बार में एक को चोदेगा और बाकी के सब देखेंगे लेकिन ख़बरदार अगर किसी ने अपने बदन को छुआ तो उसे उसी समय सजा मिलेगी....इस बार कोई भी किसी भी काम के लिए मना नहीं करेगा....सोम को कोई भी उसके नाम से नहीं बुलाएगा..सोम हम सब का मास्टर है हम उसे मास्टर ही कहेंगे..ये सिस्टम आज दोपहर के लिए और आज रात के लिए रहेगा. कल से हम लोग मास्टर होंगे और सोम हमारा दास होगा.....किसी को कुछ पूछना है????
इन्दु - हाँ मुझे पूछना है...अगर हमने अपने बदन को खुद छुआ और चूत में ऊँगली डाली तो क्या सजा मिलेगी?
काकी - मुझे पता था की तेरी ही चूत में खुजली होगी सबसे ज्यादा.....सजा बहुत खतरनाक मिलेगी..जिस किसी ने भी सोम के आदेश के बिना अपनी चूत में ऊँगली डाली मैं उसकी चूत में मोमबत्ती से गरम गरम मोम डाल दूंगी और उसकी चूत पर हम सब थप्पड़ मरेंगे....और सोम ने अगर कोई सजा दी तो वो भी उसे सहनी होगी...इसलिए साफ़ साफ़ कह रही हूँ की कोई भी सोम के आदेश के बिना कुछ नहीं करेगा.....और किसी को कुछ पूछना है????
इस बात कोई नहीं बोला...सभी के समझ में आ गयी थी बात...सभी ने जल्दी जल्दी खुद को उस कुनकुने तेल की मालिश देना शुरू केर दिया.....उपर सोम इन सब का वेट कर रहा था...रात की खायी गोलियों ने उसकी ताकत को बढा दिया था और वो अब इन सबके आने के लिए रेडी था....इधर ये फ़ौज तैयार हो रही थी अपनी चुदाई करवाने के लिए और उधर भानु और रानी अपने अपने कमरे में अपनी अपनी बदन की गर्मी को निकाल रहे थे.....बहुत जल्दी ही बच्चों का सेकंड राउंड शुरू होने वाला था और यहाँ घर में उनके पेरेंट्स अपने दिन का पहला राउंड शुरू करने के लिए तैयार थे....................
The END
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