RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
थोरी डेक तक कमरे मे बहुत शान्ती छई रही और सिर्फ़ साँसों की और धरकन की आवाज़ सुनाई देती रही. एह वक़्त जगन के लिए बहुत ही नाज़ुक था. थोरी देर के बाद देवकी उठ कर बैठ गयी और अपने पेटिकोट से अपनी चूत को पोंचछते हुए जगन से बोली,
"कोई चिंता की बात नही. मेरे पति को सब बात मालूम है. हुमारी और तुम्हारी चुदाई के तीसरे दिन ही देव सब कुच्छ देख लिया था और फिर मैने ही देव को सारी बात बता दिया है. मैने देव को अपनी चूत की भूख के बारे मे भी बता दिया है और उसको समझाया है कि वो तुमको मेरे दूसरे पति के रूप मे देखे. चूँकी देव को मालूम है कि उसके लंड मे मेरी चूत की भूख मिटाने की ताक़त नही है और इसलिए देव मेरी बात मान गया है. देव को हमारी चूत मे तुम्हारे लंड का घुसाना और फिर मुझे चोद्ते हुए देखने मे बहुत मज़ा आता है और वो हर रात छुप छुप कर हुमारी चुदाई देखता है. हुमारी चुदाई देख कर उसका लंड खरा हो जाता है और जैसे तुम हमे चोद कर वापस अपने घर जाते हो वो मुझ पर पिल परता है और फिर हमे खूब चोद्ता है." देवकी थोरी देर रुक कर और देव का मुरझाया हुआ लंड अपने मुथी मे लेते हुए जगन से बोली,
"देव ने हमसे कहा रखा है कि उसे हुमारी और तुम्हारी चुदाई से कोई लेना देना नही है, लेकिन एह बात गाओं मे फैलने ना पाए." जगन को एह सब सुन कर बहुत ताज्जुब हुआ लेकिन वो फिर भी चुप रहा. एह एक बहुत मज़ेदार मामला था कि एक आदमी जिसकी बीवी को मैं अभी अभी चोद चुक्का हूँ वो कहे की मैं फिर उसकी बीवी को चोद सकता हूँ.
फिर देवकी और देव ने जगन को सारी बात बता दी. उसे पता चला कि:-
क्रमशः......................
|