RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
पूनम ने अपनी बाहों से साहिल के सर को अपनी चुचियों मे दबोच लिया. साहिल भी पूरे जोश मे आ चुका था, उसने अपने दोनो हाथों से पूनम के चुतड़ों को कस्के पकड़ लिया, और तेज़ी से कमर हिलाते हुए, अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा.
तेज धक्कों से पूनम के बदन मे मस्ती की लहरें दौड़ जाती, और वो और जोश मे आकर अपनी कमर को हिलाने लगती. आने वाले कल भूल कर दोनो जान अपनी काम वासना को पूरा करने मे लगे हुए थे. अगली सुबह जब पूनम उठी, तो उसने अपने आप को साहिल के रूम मे पाया, उसका हाथ साहिल के सिकुडे हुए लंड को थामे हुआ था. जब उसने टाइम देखा तो, वो जल्दी से उठी, और साहिल को उठा कर अपने रूम मे चली गयी.
जब तिवारी घर पर वापिस आया, तो साहिल तिवारी के साथ गाँव हवेली जाने के लिए तैयार हो गया, पूनम भी साथ जाने के लिए तैयार हो गयी. तिवारी ने मना नही क्या. तीनो हवेली आ गये. राज घर पर ही था.
राज : (साहिल और तिवारी को देखते हुए) आओ तिवारी. बातों कैसे आना हुआ ?
तिवारी: बाबू जी आप को बताया था ना. इसको काम ज़रूरत है .
राज : ओह्ह हां मे भूल गया था. चलो कोई बात नही. वैसे भी हमे आदमी की ज़रूरत थी. जो हमारे धंधों का हिसाब किताब रख सकें. पर ये तुम्हारा भरोसे मंद आदमी तो हैं ना.
तिवारी: जी बिल्कुल सरकार. ये पूरी ईमानदारी से काम करेगा.
राज : (पूनम की ओर देखते हुए) तो फिर ठीक है. मेरा एक आदमी इसे सब काम समझा देगा.
तिवारी: अच्छा बाबू जी मे चलता हूँ.
तिवारी वापिस चला गया. पूनम को जब राज अपनी वासना से भरी नज़रों से देख रहा था, तो पूनम मन है मन उसे गालियाँ दे रही थी. पर अपनी साज़िश को अंज़ाम देने के लिए , वो अपने होंठो पर कातिल मुस्कान लाकर , राज की ओर देखने लगी. और उसको तिरछी नज़रों से देखते हुए, पीछे अपने पिता हरिया के रूम मे चली गयी.
पूनम की कातिल अदाओं को देखते ही, राज के अंदर छुपी वासना जागने लगी. पर राज चुप- चाप बैठा रहा.
राज : (साहिल से) अच्छा अब तुम भी जाकर आराम कर लो. शाम को आ जाना. मेरा आदमी तुम्हे सब काम समझा देगा.
साहिल: जी सर.
साहिल भी पीछे हरिया के रूम मे आ गया. जब दोपहर हुई, तो पूनम आगे हवेली मे आ गयी. अब सब कुछ उसके ऊपर था. राज जैसे शेर को उसकी गुफा से बाहर लाने का काम उसका था. हवेली मे हरिया खाना तैयार कर रहा था. 2 बजे के करीब राज और सुमन दोनो खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गये. पूनम ने टेबल पर खाना लगाना चालू कर दिया.
राज अपनी वासना से भरी आँखों से पूनम के गदराए हुए बदन को ऊपेर से नीचे देखे जा रहा था. सुमन ने भी ये बात नोटीस की. जो पूनम राज से दूर रहना ही ठीक समझती थी. वो आज मुस्कुराते हुए, अपने हुश्न का जलवा राज को दिखा रही थी.
खाना खाने के बाद राज हवेली से निकल गया, किसी काम के सिलसिले मे. पूनम किचिन मे से निकल कर जाने लगी, तो सुमन ने उसे पीछे से आवाज़ दी. पूनम सुमन के पास आई.
सुमन: ये तुम क्या कर रही हो ?
पूनम: (मुस्कुराते हुए) आपकी मदद कर रही हूँ. बीबी जी.
सुमन: मेरी मदद और इस तरहा.
पूनम ने फिर सारी बात सुमन को बताई. जो सुमन इतने दिनो से नही सोच सकी थी. उसको पूनम ने सोच लिया था. और सुमन के दिमाग़ से बहुत बड़ा बोझ उतर गया था.
पूनम: पर इसके लिए आपको हमारा साथ देना होगा .
सुमन: ओके ठीक है. जैसे तुम कहो.
पूनम: सबसे पहले आप को मुझे और राज को कुछ वक़्त देना पड़ेगा. ताकि मे उसको रिझा सकूँ.
सुमन: तुम जो कर रही हो ? वो ठीक तो है ना ?
पूनम: हां बिकुल ठीक कर रही हूँ. आप बस बेफिकर हो जाएँ.
सुमन: ठीक है.
शाम को राज हवेली वापिस आया तो, उसने पाया कि, पूनम हवेली के हाल मे बैठी हुई, रात के खाने की तैयारी कर रही थी. राज पूनम को अपनी वासना भरी नज़रों से देखते हुए, अपने रूम की तरफ जाने लगा. जब वो अपने रूम मे पहुँचा , तो उसने देखा कि, सुमन अभी भी सो रही थी.
राज : (सुमन के पास बेड पर बैठते हुए) क्या बात है सुमन. अभी भी सो रही हो.
सुमन: (जागने का नाटक करते हुए) जी वो मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है.
राज : (सुमन के माथे पर हाथ लगा कर देखते हुए) चलो फिर डॉक्टर से चैक करवा लाते हैं.
सुमन: नही रहने दीजिए. अभी टॅबलेट ली है. थोड़ी देर आराम करूँगी. तो ठीक हो जाउन्गी.
राज : अच्छा फिर तुम आराम करो.
राज बाथरूम मे घुस गया, और जब वो फ्रेश होकर बाहर आया तो, उसने देखा, कि सुमन की आँखे बंद हैं. राज ने सोचा शायद वो सो रही हैं. राज बाहर हाल मे आकर सोफे पर बैठ गया. पूनम सोफे के सामने कुछ ही दूरी पर नीचे बैठी हुई, सब्जी काट रही थी. पूनम ने जान बुझ कर अपने पल्लू को कंधों से हटा कर अपनी कमर मे फँसा रखा था.
राज की नज़र पूनम के ब्लाउस मे क़ैद तो बड़ी-2 आम जैसी चुचियों पर जैसे गढ़ गयी हो. वो एक टक उसकी साँस लेने से ऊपेर नीचे हो रही चुचियों को घुरे जा रहा था. राज की आँखों मे वासना के लाल डोरे तैर रहे थे. उसका हाथ अपने आप ही पाजामे के ऊपेर अपने लंड पर पहुँच गया. और वो अपने लंड को पूनम की चुचियों की ओर देखते हुए सहलाने लगा.
पूनम की बड़ी-2 चुचियाँ राज को ब्लाउस मे ऐसी लग रही थी. जैसे कि वो अभी उसके ब्लाउस के बटन तोड़ कर बाहर आ जाएँगी. पूनम ने धीरे से अपने सर को उठा कर राज की तरफ देखा. जो अपनी वासना भरी नज़रों से उसकी चुचियों की ओर देख रहा था. जैसे ही पूनम और राज की नज़रें आपस मे टकराई. पूनम अपने होंठो पर मुस्कान लाकर शरमाने लगी. राज मन है मन सोचने लगा, कि शायद पूनम अब उसके जाल मे फँस चुकी है. राज का लंड यही सोच कर उसके पाजामे मे झटके खाने लगा.
पूनम उठ कर किचिन मे गयी. और कटी हुई सब्जी को रख कर बाहर आ गयी. वो फिर से अपनी कातिल अदाओं के साथ राज को देखते हुए ऊपेर की ओर जाने लगी. जैसे ही पूनम ऊपेर की मंज़िल पर गयी. तो राज सोफे से उठ कर उसके पीछे चला गया.
जब राज ऊपेर पहुँचा , तो उसने देखा कि, पूनम एक रूम के पास खड़ी थी. उसकी पीठ राज की तरफ थी, राज धीरे- 2 उसकी तरफ बढ़ा. और पीछे से जाकर उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया. राज के हाथों ने तुरंत पूनम की चुचियों पर कब्जा जमा लिया. पूनम एक दम से छटपता उठी. उसका दिल तो कर रहा था, कि वो अभी इसी वक़्त उसकी जान ले ले. पर ये उसके लिए कर पाना मुस्किल था.
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