RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
साहिल को पूनम के हाथ का स्पर्श पहले के कुछ पलों के लिए बेहद अजीब सा लगा…ये पहली बार था कि, कोई औरत उसके बदन को इस तरहा छू रही थी… पूनम का हाथ भी कांप रहा था….पूनम बिना कुछ बोले कुछ देर तक अपने हाथों से साहिल की गर्दन और कंधो की मालिश करती रही.
फिर अचानक साहिल पूनम की तरफ घूम गया….दोनो की नज़रें आपस मे टकराई…. पूनम साहिल की आँखों मे अपने सवालों के जवाब ढूँढने की कोशिस कर रही थी….
साहिल : (अपने हाथ से इशारा करते हुए) यहाँ आगे भी लगा दो….यहाँ बहुत दर्द कर रहा है.
पूनम ने अपनी आँखे झुका ली….और थोड़ी से क्रीम लेकर, साहिल के कंधों के आगे की तरफ मालिश करने लगी…..पूनम ने अपने सर को झुका रखा था….उसकी तेज चलती साँसों की आवाज़ साहिल को सुनाई दे रही थी…..ये साहिल के लिए इम्तहान की घड़ी थी….उसने अपना एक हाथ उठा कर पूनम की कमर पर रख दिया….जहाँ पूनम ने अपनी साड़ी बाँधी हुई थी…उससे थोड़ा सा ऊपेर.
अपने नंगे पेट और कमर पर साहिल के हाथ को महसूस करके, पूनम का पूरा बदन कांप गया…..उसका दिल जोरों से धड़कन लगा…..पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी……पर पूनम कुछ ना बोल पे…..साहिल का हाथ धीरे- 2 पूनम की कमर से होते हुए, उसकी नाभि पर आ गया…..पूनम के हाथ साहिल के कंधों पर रुक गये….उसकी आँखे बंद हो गयी…..और उसके मुँह से मस्ती भरी हल्की सी आहह निकल गई……
पर अगले ही पल साहिल ने अपने हाथों को पूनम के बदन से हटा लिया…..पर पूनम अभी भी अपनी आँखे बंद किए, तेज़ी से साँसे ली रही थी….
साहिल: बस हो गया…..
साहिल की आवाज़ सुन कर जैसे पूनम को होश आया…..वो पीछे हट गयी……उसने साहिल की ओर देखा…..और शरमा गयी…..और मुस्कुराते हुए अपने रूम मे चली गयी…..
रात को साहिल अपने रूम मे बैठा सोच रहा था कि, क्या वो जो कर रहा है, वो सही है. कहीं वो अपने स्वार्थ के लिए पूनम का इस्तेमाल तो नही कर रहा. अगर मेरी वजह से पूनम की जिंदगी मे कुछ बुरा हुआ तो, मे अपने आप को कभी माफ़ नही कर पाउन्गा……पर इसके इलवा मेरे पास और कोई चारा भी नही है.
साहिल इन्ही सब ख़यालों मे खोाया हुआ था, कि अचानक से डोर पर नॉक हुआ. साहिल बेड से उठ कर डोर पर गया, और डोर खोला….बाहर पूनम खड़ी थी. उसके होंठो पर कातिल मुस्कान थी……
पूनम: (मुस्कुराते हुए) खाना तैयार है. आ जाइए.
पूनम ये कह कर मूड गयी…..साहिल जानता था कि, अब घर पर उन्दोनो के बीच मे कोई नही आने वाला है…..पर वो अभी भी थोड़ा घबरा रहा था….साहिल बाहर आकर बैठक मे बैठ गया…..पूनम ने चेर के सामने लगी टेबल पर खाने की प्लेट्स को लगा दिया.
पूनम खाना लगा कर वापिस अपने रूम मे चली गयी. साहिल ने खाना खाया , और वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा. पूनम ने अपने रूम मे ही खाना खा लिया था…..थोड़ी देर बाद पूनम अपने रूम से बाहर आई. और टेबल पर पड़ी प्लेट को उठा कर किचिन मे ले गयी….इस दौरान पूनम ने साहिल से नज़रें नही मिलाई…
जब पूनम बर्तन सॉफ करके, वापिस अपने रूम मे जा रही थी….तो वो अपने रूम के दरवाजे की दहलीज पर खड़ी हो गयी……साहिल का ध्यान टीवी मे था….पूनम तब तक वहीं खड़ी उसकी तरफ देखती रही….जब तक साहिल ने अचानक से उसकी तरफ नही देखा…..जब साहिल और पूनम की नज़रें आपस मे टकराई. तो पूनम ने बड़ी है अदा के साथ मुस्कुराते हुए साहिल की तरफ देखा, और आँखों ही आँखों मे साहिल को अपने रूम मे आने के लिए कहा….
पूनम मुस्कुराते हुए अपने रूम मे चली गयी….. साहिल के दिमाग़ ने एक पल के लिए काम करना बंद कर दिया…..उसे समझ मे नही आ रहा था, कि आख़िर वो रूम मे जाए कि नही….आख़िर बहुत हिम्मत करने के बाद, साहिल उठ कर पूनम के रूम की तरफ बढ़ने लगा….उसके पैर कांप रहे थे….साहिल को ऐसा लग रहा था कि, वो पूनम के रूम के अंदर जा ही नही पाएगा.
पर धीरे-2 काँपते कदमों से चलते हुए, आख़िर कार साहिल पूनम के रूम के डोर के पास पहुँच गया…..और फिर कुछ देर वहीं खड़ा रहा….मानो जैसे अंदर जाने के लिए हिम्मत जुटा रहा हो….आख़िर कार हिम्मत करके साहिल ने डोर को धकेला, डोर खुल गया…..अंदर जो नज़रा उसने देखा, उसको देख कर साहिल के दिल की धड़कन और तेज हो गयी….अंदर ट्यूब लाइट जल रही थी…….
पूनम बेड पर लेटी हुई थी….उसने अपनी साड़ी ब्लाउस और पेटिकॉट को उतार रखा था…..और अपने नंगे बदन को अपनी रेड कलर की साड़ी फैला कर ढक रहा था.. पूनम का गठीले बदन का हर हिस्सा उस ट्रॅन्स्परेंट साड़ी मे झलक रहा था. यहाँ तक कि, पूनम की चूत पर हल्के बाल भी उसे दिख रहे थे….पूनम की चुचियाँ एक दम तनी हुई और कसी हुई थी….
साहिल अपने पजामे मे अपने टाइट हो रहे लंड को महसूस कर पा रहा था…और पूनम उसकी तरफ बड़ी ही कातिल अदा के साथ देखते हुए, मुस्कुरा रही थी…
पूनम: (होंठो पर कामुक मुस्कान लाते हुए) क्या देख रहे है, साहिल बाबू जी…. आए अंदर आइए…..यहाँ जो कुछ है सब आपका ही तो है.
साहिल पूनम की बातों का मतलब अच्छी तरहा से समझ रहा था….साहिल ने रूम मे दो कदम अंदर आकर रूम का डोर बंद कर दिया….और पूनम की तरफ बढ़ने लगा……बेड के जिस तरफ पूनम के पैर थे, साहिल उस तरफ जाकर खड़ा हो गया….
पूनम: क्या सोच रहे हैं बाबू जी.
साहिल के मुँह से एक शब्ब नही निकला, पर जो साहिल ने किया…..पूनम को उसको बिल्कुल अंदाज़ा भी नही थी….उसने पूनम के बदन के ऊपेर पड़ी साड़ी को पकड़ कर खैंच दिया…जैसे ही पूनम की साड़ी, खिसकते हुए, उसकी चुचियों से नीचे हुई, पूनम ने झट से साड़ी को पकड़ लिया…..
दोनो एक दूसरे की आँखों मे देख रहे थे….पूनम की साँसें भी तेज हो चली थी…साहिल ने साड़ी को पकड़े हुए, हलका सा झटका दिया….और पूनम ने साड़ी छोड़ दी…..अगले ही पल पूनम के बदन पर पड़ी वो पारदर्शी साड़ी भी अलग हो गयी…..उसका गठीला बदन साहिल की आँखों के सामने था…..
साहिल अब अपने साज़िश के खेल से कुछ आगे बढ़ चुका था…..अब ये सिर्फ़ खेल नही था….वासना साहिल के सर चढ़ कर बोल रही थी….और साहिल ने अपनी बनियान और पाजामे को उतार फैंका…..जैसे ही साहिल ने अपना पाजामा उतारा…..पूनम की नज़रें साहिल के उभरे अंडरवेर पर अटक गयी…..साहिल बेड के दूसरी तरफ घूम कर गया, और बेड पर चढ़ गया…..पूनम अपनी जाँघो को बीच अपने कोहनियो के सहारे अढ़लेटी हालत मे थी…..
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