RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
साहिल जब शाम के 6 बजे स्टेशन पर उतरा. तो वहाँ कुछ ही लोग थे. सुमन ने उसे बताया था कि, हरिया की बेटी पूनम का पति तिवारी उसे लेने आ रहा है. पूनम के पति को सब तिवारी के ही नाम से बुलाते थे. जो लोग ट्रेन से उस स्टेशन पर उतरे. धीरे-2 सब बाहर चले गये. पर साहिल वहीं खड़ा था. उसकी नज़रें उस तिवारी नाम के आदमी को दूनद रही थी. जिसे उसने कभी देखा नही था.
जब स्टेशन पर भीड़ थोड़ी कम हुई, तो साहिल को दूर खड़ा एक आदमी नज़र आया. जो उसी की तरफ देख रहा था. जैसे ही साहिल ने उसकी ओर देखा, वो आदमी तेज़ी से चलता हुआ साहिल के पास आया.
तिवारी: बाबू जी आपका नाम ही साहिल है ?
साहिल: (अंजान सहर मे किसी के मुँह से अपना नाम सुन कर, साहिल को थोड़ा सा हॉंसला हुआ) हां मे है हूँ साहिल. तुम तिवारी हो ना.
तिवारी: जी चलें मैं आपका समान उठा लेता हूँ.
तिवार ने साहिल के बॅग्स उठाए, और स्टेशन से बाहर की तरफ जाने लगा. साहिल भी तिवारी के पीछे-2 आ गया. बाहर आकर तिवारी ने रिक्शे वाले को आवाज़ लगाई. और साहिल के समान को रिक्शे पर रख दिया.
तिवारी: चलें बाबू जी.
साहिल और तिवारी दोनो रिक्शे मे बैठ गये. रिक्शा चलते हुए जैसे -2 उस सहर की गलियों से सड़कों से गुजर रहा था. तो साहिल के दिमाग़ मे जो धुंधली यादें थी. धीरे-2 ताज़ा होती जा रही थी. जब साहिल बचपन मे गाँव आता था. तब वो अपनी माँ डॉली के साथ अक्सर सहर मे शॉपिंग के लिए आता था. साहिल की आँखे नम हो गयी.
तिवारी: (साहिल की नाम हुई आँखों की ओर देखते हुए) क्या बाबू जी.
साहिल: कुछ नही बस बीतें लम्हे आँखों के सामने आ गये थे.
फिर दोनो हमोशी से बैठे रहे. थोड़ी देर बाद तिवारी का घर आ गया. तिवारी ने रिक्शा रुकवाया. और नीचे उतर कर साहिल के बॅग्स को नीचे उतारने लगा. साहिल भी नीचे उतर गया. और जेब से पैसे निकाल कर रिक्शे वाले को दिए. तिवारी ने बॅग्स उठाए. और मेन गेट पर जाकर खट खाटाया. तिवारी की उम्र करीब 50 साल थी. जब साहिल ने तिवारी को स्टेशन पर देखा, तो उसे कुछ अजीब सा लगा. और वो उसकी पत्नी यानी हरिया की बेटी की उम्र का अंदाज़ा लगाने लगा.
जब राज ने साहिल की माँ की हत्या की थी. तब पूनम 19 साल की थी. और आज 12 साल बाद उसके हिसाब से पूनम की उम्र 30 से ऊपेर होनी चाहिए. पर अगर वो 30 साल की है तो, हरिया ने अपनी बेटी के शादी इतनी बड़े उम्र के आदमी के साथ क्यों करवा दी.
तभी गेट खुलने से साहिल अपने ख़यालों की दुनियाँ से बाहर आया. जैसे ही गेट खुला. तो उसने देखा, कि सामने लाइट ब्लू कलर की साड़ी पहने कोई 31-32 साल की औरत खड़ी है. साहिल ने अंदाज़ा लगाया. ये पूनम ही होगी.
तिवारी: पूनम ये लो साहिल बाबू जी आ गये.
पूनम ने साहिल की तरफ देखा. इससे पहले पूनम ने साहिल को बचपन मे देखा था, वो कुछ पलों के लिए मंत्र मुग्ध होकर साहिल की ओर बिना पलकें झपकाए देख रही थी.
तिवारी: अर्रे ऐसे क्या देख रही है ? यही हैं साहिल बाबू.
पूनम तिवारी की आवाज़ सुन कर जैसे होश मे आई. और साहिल की ओर देखते हुए, एक साइड मे हो गयी. तिवारी बॅग्स लेकर घर के अंदर जाने लगा.
तिवारी: आए बाबू जी.
साहिल भी पूनम को देख रहा था. पर दोनो के देखने मे अंतर था. जब तक साहिल पूनम के पास से होकर अंदर नही चला गया, पूनम अपनी नज़रें साहिल पर से हटा नही पाई. जब साहिल अंदर चला गया, तो पूनम ने गेट बंद किया, और अंदर आकर सीधा, किचिन मे चली गयी, और चाइ नाश्ता तैयार करने लगी.
तिवारी ने साहिल का समान एक रूम मे रख दिया. साहिल तिवारी के पीछे उस रूम मे आ गया. और चारो तरफ देखने लगा. तिवारी ने समझा कि शायद साहिल के लिए रूम छोटा है.
तिवारी: साहिल बाबू ये कमरा भले ही छोटा है, पर यकीन मानिए. आप को यहाँ कोई तकलीफ़ नही होगी.
साहिल: नही नही ऐसी कोई बात नही है.
तिवारी: ठीक है बाबू जी. आप जाकर मुँह हाथ धो लो. पूनम चाइ बना रही है.
तिवारी ने साहिल को बाथरूम दिखाया, और साहिल फ्रेश होने के लिए चला गया. बाथरूम से निकलने के बाद साहिल की नज़र तिवारी पर पड़ी. जो बाहर बैठक मे तैयार हो रहा था. साहिल उसके पास चला गया.
साहिल: आप कहीं जा रहे हैं.
तिवारी: जी हां. ड्यूटी पर जा रहा हूँ. मेरी इस हफ्ते नाइट ड्यूटी है. तभी पूनम भी रूम मे आ गयी. उसने चाइ की ट्रे को टेबल पर रखा, और चोर नज़रों से एक बार साहिल क़ी ओर देखते हुए, बाहर चली गयी.
तिवारी काम पर चला गया, पूनम ने रात का खाना बनाया, और साहिल को देकर अपने रूम मे चली गयी. अगली सुबह हरिया अपनी बेटी के घर आया. और साहिल से मिला. और आगे सुमन ने क्या करने के लिए कहा है, उसके बारे मे बताया. पर राज को जाल मे फँसाने के लिए ना तो सुमन के पास कोई चाल थी. और ना है साहिल के पास. आज ये कहानी फिर से उसी मोड़ पर आकर खड़ी हो गयी है. यहाँ से राज इंसान से दरिंदे के रूप मे आया था.
इंसान बन कर ना तो सुमन राज को मात दे सकती थी, और ना ही साहिल के बस की बात थी. इंतजार था तो, बस उस वक़्त का जब इन दोनो मे से किसी के दिमाग़ के ऊपेर शैतान का साया पड़ता. सुबह 10 को जब तिवारी वापिस आया तो, साहिल ने उसे सारी बात बताई. कि आगे हरिया काका क्या करने को कह गये हैं.
तिवारी: ठीक है बाबू जी. परसों सनडे हैं. और मुझे छुट्टी रहती हैं. हम परसों ही गाँव चलेंगे. खाना खाने के बाद जब साहिल अपने रूम मे आराम कर रहा था, तब उसे प्यास लगी. वो उठ कर किचिन के तरफ गया, और फ्रीज़र से पानी की बॉटल निकाल कर पानी पी कर वापिस अपने रूम मे आने जाने लगा.
जैसे ही साहिल तिवारी के रूम के सामने से गुज़रा, तो उसे पूनम के आवाज़ सुनाई दी. उसकी आवाज़ मे दर्द सॉफ झलक रहा था. साहिल विंडो के पास खड़ा हो गया, और अंदर झाँकने लगा. पुरानी खिड़की की लकड़ी मे कई झिर्रियाँ थी. जब उसने अंदर झाँक कर देखा तो, पाया कि पूनम तिवारी के बगल मे लेटी हुई है, और अपने हाथ से तिवारी के लंड को धोती के ऊपेर से सहला रही है…..पर तिवारी ने उसका हाथ झटक दिया….. और गुस्से से बोला.
तिवारी: साली रांड़ चुप कर के सो जा. मैं रात भर के काम से थका हूँ. और तू मुझ सोने नही दे रही है.
पूनम: तो फिर मे क्या करूँ. अगर तुम मेरी ज़रूरत को पूरा नही कर सकते थे. तो फिर मुझसे शादी क्यों की.
तिवारी: साली ज़बान लड़ाती है. मैं नही गया था, तेरा रिस्ता माँगने….तेरा ही बाप ही आया था. जब लोगो को पता चला कि, राज ने तेरे साथ ज़बरदस्ती की है, तब तेरे से कोई शादी करने के लिए भी राज़ी नही था. तू तो मेरा अहसान मान कि, मैने तेरे से शादी कर ली. अब चल पीछे हट और मुझ सोने दे.
तिवारी ने करवट बदली, और लेट गया. साहिल ने देखा कि, पूनम की आँखे आँसुओं से भरी हुई थी. साहिल अपने रूम मे आ गया, अब उसे सब समझ मे आ चुका था कि, हरिया ने अपनी बेटी पूनम की शादी उसकी उम्र के 15 साल बड़े आदमी के साथ क्यों की.
अगले दिन सनडे था. जैसा सुमन ने हरिया से कहलवाया था, उसी के मुताबिक़ तिवारी साहिल को लेकर गाँव पहुँच गया. सुमन का दिल डर के मारे जोरों से धड़क रहा था. उसे डर था कि, कहीं राज साहिल को पहचान ले.
दोपहर के वक़्त राज हवेली के बाहर गार्डेन मे बैठा हुआ था. सुमन भी उसी के पास बैठी थी. बार-2 उसकी नज़र गेट की तरफ जा रही थी. और राज न्यूसपेपर पढ़ने मे मसरूफ़ था.
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